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02 नवंबर 2010

राजस्थान में फिर से गुर्जर आन्दोलन की धमकी

राजस्थान में गुर्जर आन्दोलन के पुरोधा कर्नल किरोड़ी सिंह बेसला ने कोटा में दीपावली के बाद फिर से गुर्जर आन्दोलन की धमकी दी हे , किरोड़ी सिंह बेसला ने अशोक गहलोत पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया हे पिछले दिनों अशोक गहलोत ने आन्दोलन के बाद गुर्जरों को आरक्षण देने के लियें एक अध्यादेश जारी क्या था किन्तु अदालत ने उसे विधि विरुद्ध होने से स्थगित कर दिया फिर गहलोत ने बाकी का एक प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी बाक़ी ५ प्रतिशत फिर विधिक प्रक्रिया प्नाक्र देने की घोषणा की थी जो अब तक पूरी नहीं हुई हे इसीलियें किरोड़ी सिंह सरकार से नाराज़ हें और उन्होंने कोटा में दिवाली के बाद से फिर आन्दोलन का अल्टीमेटम दिया हे ,कोटा में ही गुर्जर नेता केप्टिन हरिप्रसाद ने गृह मंत्री शांति धारीवाल की हरकतों पर कटाक्ष करते हुए कहा की शांति धारीवाल शान्ति नहीं अशांति धारीवाल हे उनका मानना हे के सभी अराजकता शांति धारीवाल गृहमंत्री की वजह से हे खेर जो भी हो लेकिन गुर्जरों ने आज तक जो कहा हे वोह क्या हे जो चेतावनी दी हे वोह पूरी की हे और इस बार भी गुर्जरों का दीपावली के बाद अगर दबाब बना तो फिर जनता के लियें मुसीबत बन जाएगी ध्यान रहे के पुरे देश में गुर्जरों का आन्दोलन अब हकती और कामयाबी का प्रतीक माना जाने लगा हे इसलियें हर आन्दोलन को कामयाबी तक पहुँचने के लियें आन्दोलनकारी गुर्जरों जेसा आन्दोलन करने की सलाह देते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मानवाधिकार के लियें भूख हड़ताल के दस साल

दोस्तों एक अजीब संयोग देखो दस दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस हे और आज से दस साल पहले मणिपुर इम्फाल में एक सशस्त्र गोलीबारी में दस लोगों की अकाल म़ोत हो गयी थी बस सरकारी इन हत्याओं के बाद से ही मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला इम्फाल में सशस्त्र कानून खत्म करने की मनाग पर भूख हड़ताल पर बेठी हें , दोस्तों यह शायद विश्व की सबसे बढ़ी भूख हड़ताल हे इस हडताल के दोरान ईमानदारी से दस वर्षों में शर्मिला ने कुछ खाया पिया नहीं हे बस जबरन उन्हें चिकित्सकों द्वारा फीडिंग दी जारही हे शर्मिला आज भी पुरे दस साल होने के बाद भी अपनी मांग पर अड़ी हे । विश्व की यह सबसे बढ़ी भीख हड़ताल और सरकार की सबसे बढ़ी हठधर्मिता का अनोखा नमूना हे और एक संयोग देखो के दस का आंकड़ा महत्वपूर्ण हो मानवाधिकार का दिवस दस दिसम्बर,भूख हड़ताल के साल दस,भूख हड़ताल का कारण दस लोगों की म़ोत हे न अजीब बात काश हमारे यहाँ में भी ऐसे जांबाज़ पैदा हो क्योंकि इम्फाल में तो शर्मिला एक पत्रकार एक कवयित्री हें जो अपनी भूमिका निभा आरही हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

धनतेरस पर खुदा करे धन की बरसात

दोस्तों आज धनतेरस की खरीद फरोख्त के साथ पांच दीन का दीपोत्सव की शुरुआत हे बहुत बहुत मुबारक हो धनतेरस पर आपके घर पर और घरवालों पर लक्ष्मी मेहरबान हो सुख सम्रद्धि रहे और निरोगी काया बने रहो विश्व प्रसिद्ध बनो और सबका आशीर्वाद पाते रहो , दीपावली की खुशिया आपको चकाचोंध कर दें बस इसी दुआ के साथ आपका खादिम ब्लोगर अख्तर खान अकेला आपकी खुशियों की खुदा से उम्मीद करता हे , दोस्तों धनतेरस के अवसर पर कोटा में १लाख सोने के सिक्के ६०० कारें और हजारों हजार वाहनों की बिक्री इस शहर की सम्रद्धि की तरफ इशारा हे आज कोटा के बाज़ार चक्का जाम रहेंगे लेकिन लोगों का प्यार मोहब्बत अपनी जगह बरकरार रहेगा , धन्वन्तरी आयुर्वेद की जनक कहे जाते हें और फिसियोथेरेपी की निगाह से भी उन्हें देखा जाता हे दोस्तों शास्त्रों में धन और लक्ष्मी दोनों में फर्क कहा गया हे जो धर्म के तोर तरीकों से आमदनी हो वोह लक्ष्मी हे और जो अधर्म के तोर तरीकों जेसे रिश्वत वगेरा से हो वोह धन हे तो आप सोच लो किसके पास धन हे किसके पास लक्ष्मी हे धन किसी के पास कितना ही हो लेकिन सुख और सम्रद्धि केवल उसी के पास रहती हे जो केवल लक्ष्मी का पूजक होता हे जिसके पास लक्ष्मी होती हे तो दोस्तों मुझ सहित आप सभी के पास लक्ष्मी बरसे , सुख,समर्द्ध,निरोगीकाया
रहे बस इसी दुआ के साथ एक बार फिर धनतेरस से लेकर दिवाली और भाईदूज तक की मुबारकबाद। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लॉग लिखता हूँ या अज़ान देता हूँ

दोस्तों आज मेरे साथ एक नई बात हुई मेरे एक अज़ीज़ मेरे एक आदरणीय और ब्लॉग मामले में विशेष दक्षता रखें वाले पारंगत बढ़े भाई ने मुझे धर लिया , उन्होंने सीधे एक डायलोग कसा के एक अज़ान देने वाला दीन में पांच वक्त मस्जिद पर चढ़ कर अज़ान देता हे और बस उसका काम अजान देना होता हे उसे इससे कोई मतलब नहीं की उसकी अजान किसी ने सुनी या नहीं बस नियमित अज़ान देना उसका काम हे में उनकी यह बात सुन कर कुछ समझ पाटा के उन्होंने फिर दूसरा सवाल दागा के यार तुम्हारा ब्लॉग नियमित हे लेकिन इतना नहीं देखो उस पर टिप्पणियाँ आई या नहीं उन्होंने मुझे फरुले भी बताये और टिप्पणिया प्राप्त करने के दुरे फार्मूले अपने पास पहले से ही हें लेकिन यकीन मानिये सादगी से ब्लॉग गिरी कर रहे हें इसलियें कभी टिप्पणी या टिप्पणियों की संख्या पर ध्यान नहीं दिया हाँ टिप्पणी आती हे तो अच्छा लगता हे और जब में टिप्पणी देखता हूँ तो मेरे लियें वोह टिप्पणी नहीं बहुत बहुत प्यार होता हे उसमे मोहब्बत होती हे आशीर्वाद होता हे अपनापन होता हे और में गिनती की टिप्पणियों पर ही खुश हो जाता हूँ मेने घोर संख्या की टिप्पणी वाले ब्लॉग भी देखे हें आपने भी देखे होंगे क्या हे यह सब आप और में सब समझते हें मेरे एक दोस्त ने मुझे देख कर अधिक टिप्पणियाँ प्राप्त करने और अधिक ब्लॉग लोगोग्न तक पहुँचने के लियें मुझ से कहा भी लेकिन मेने बस यही कहा के मुझे जिन लोगों का प्यार मिल रहा हे वोह मेरे अपने हे और उनका प्यार सो सुनार की और एक लुहार की कहावत की तरह मुझे मिलता हे इसलियें दोस्तों में खुद को केवल टिप्पणियाँ प्राप्प्त करने वाला ब्लोगर नहीं बनाना चाहता अब मुझे पता नहीं में यह सही कर रहा हूँ या गलत लेकिन आप मुझे मार्गदर्शित करो आप जेसा कहेंगे में वेसा ही करूंगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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