आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 नवंबर 2010

आर एस एस ने अब चमडा छोड़ा

इन दिनों देश भर में बम विस्फोट और शांति के खिलाफ देश का कानून तोड़ कर काम करने के आरोपों से घिरे संगठन आर एस एस ने अब देश में खुद पहनी जाने वाली ड्रेस में बदलाव क्या हे , आर एस एस जो अपना गणवेश यानी युनिफोर्म किसी भी सुरत में बदलना नहीं चाहती थी लेकिन अब जेन मुनियों की नीति के चलते जेनियों को प्रभावित करने के लियें अप्निऊ युनिफोर्म में बदलाव लाएगी । दोस्तों मुसलमान चमड़े की बेल्ट पहन कर नमाज़ नहीं पढ़ सकते हें यह उनका एक अपना विचार हे इसी कारण आर एस एस चमडा नहीं छोड़ रही थी लेकिन अब १९७४ के बाद पहली बार आर एस एस ने अपने पहनावे में बदलाव कर चमड़े के जूते तो चमड़े की बेल्ट को बदल दिया हे अब संघ के पहनावे में जूते और बेल्ट प्लास्टिक के होंगे , चमडा संघ ने जेन मुनियों के कहने से छोड़ा हे । जेन मुनियों ने हिंसा छोड़ने का भी संदेश दिया हे , अनावश्यक धन संग्रह करने का विरोध क्या हे , जेन मुनियों ने मिलावट,कम तोलना,भ्रटाचार फेलाना भी अपराध बताया हे जेन मुनियों ने जमाखोरी और रिश्वतखोरी का भी विरोध किया हे और राष्ट्रीयता का भी पाठ पढ़ाया हे काश हमारे देश के आर एस एस ,सिमी,और दुसरे सभी सन्गठन जेन मुनियों या दुसरे धर्म गुरुओं से सीख लेकर इस मामले में भी अपने विचारों को बदले।और देश को भाईचारा,सद्भावना,एकता अखंडता की डोर में बांध डालें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ओबामा की सुरक्षा और नो सो करोड़

जी हाँ दोस्तों मेरा भारत महान हे यहाँ घर में गरीबी हो घाटे का बजट हो या फिर कोई देश जहाँ हमारे देश के नेता या अभिनेता जाते हों वोह देश सुरक्षा के नाम पर उनके चड्डी बनियान तक उतरवा लेते हों उन्हें सुरक्षा जांच के नाम पर अपमानित करते हों उसी देश के राष्ट्रपति के आगमन पर हम उनकी शर्तों पर खुद की तलाशी दिलवाने के बाद हमारे प्रधानमन्त्री या राष्ट्रपति भवन को छोड़ कर खुद जहां यह लोग ठहरे होते हें वहां जाकर इनसे मिलते हें ,दोस्तों में किसी और की नहीं सदियों से भारत की एकता अखंडता और सुख शान्ति का दुश्मन देश रहे महा आतंकवादी देश अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा की बात कर रहा हूँ , यह जनाब हमारे देश में आयेंगे और अमेरिका के ३०० कमांडों २५०० कर्मचारी लायेंगे इन पर हमारे देश को इस गरीबी की हालत में ९०० करोड़ रूपये खर्च करना पढ़ रहे हें बाकी छोटे मोटे करोड़ों के खर्च अलग से हें , आप सभी जानते हें के ९०० करोड़ रूपये में हमारे देश में एक न्य य्ध्योग स्थापित हो सकता हे जिसमे कमसे कम ९०० लोगों को आजीवन रोज़गार और देश कोआर्थिक सम्बल मिल सकता हे लेकिन देख लो अपने देश में हमें यानी हमारे प्रधानमन्त्री और दुसरे नेताओं को नंगा करने वाले अमेरिका के कर्मचारियों कुत्तो की भी कितनी पूंछ हो रही हे इतना ही नहीं जनाब यह हमारे प्रधानमन्त्री राष्ट्रपति जी से अपनी सुरक्षा की शर्तों पर मिलेंगे और इसके पहले इनके कमांडो हमारे देश के सरताजों की तलाशी लेंगे यह हमारे देश के नेताओं से मिलने उनके घर या फिर कार्यालयों में नहीं जायेंगे बलके हमारे नेता इनसे मिलने जहां यह बुलाएँगे वहां जायेंगे हे ना हमारे नेता अमेरिका के गुलाम लेकिन फिर भी मेरा भारत हे महान । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में भरत सिंह फिर धारीवाल के विभाग पर भडके

राजस्थान के कोटा के दो मंत्रियों भरत सिंह और शांति धारीवाल के बीच सहित युद्ध थमने का नाम नही ले रहा हे वेसे इस युद्ध को लोग तेरी कमीज़ मेरी कमीज़ से सफेद केसे वाली कहावत के तहत होना मान रहे हें और इसीलियें यह एक तरफा युद्ध हे , कोटा में शांति धारीवाल जो वर्तमान में ग्रहमंत्री के अलावा कई अन्य मंत्रालय सम्भाल रहे हें एक स्थापित और लोकप्रिय नेता हे वन मंत्री शायद धारीवाल की इसी लोकप्रियता और सफलतम कार्यशेली के कारण कुठाग्र्स्त हो गये हें पिछले दिनों उन्होंने कोंग्रेस के टिकिट पर धारीवाल समर्थक नईमुद्दीन गुड्डू को डंके की चोट पर जिला प्रमुख कोटा का चुनाव हराया और कोंग्रेस से गद्दारी करने के बाद ही आला कमान ने उनका कुछ नहीं बिगाड़ा फिर भरत सिंह ने धारीवाल को सांगोद के एक कार्यक्रम में मंच पर नहीं बिठाया , पिछले दिनों कोटा में जब मुख्यमंत्री जी आये तो उनका स्वागत करने के स्थान पर रिश्वत के खर्चे से चल रही एके धर्मशाला में मुख्यमंत्री को बुलाने की जिद की और इतना ही नहीं खुद को शहर के कार्यक्रमों से दूर रखने के आरोप लगाकर मुख्यंत्री जी के कोटा आगमन पर भरत सिंह जी कोटा छोड़ जयपुर चले गये । अब भरत सिंह जी वन मंत्री हें और कोटा के अभेड़ा महल पर उनकी नजर हे शांति धारीवाल ने स्वाय्त्शास्न मंत्री के नाते इस महल को पर्यटकों और कोटा की जनता के लियें उपयोगी बनाने के लियें यहाँ बायोलोजिकल पार्क बनाने की घोषणा करवाई हे लेकिन कल वन मंत्री भरत सिंह ने धारीवाल से अपनी दुश्मनी खुल कर मुख्य सचिव के सामने उगल दी और साफ़ तोर पर कह दिया के अभेड़ा महल बायोलोजिकल योजना नगर विकास न्यास जो धारीवाल का विभाग हे उसके जरिये नहीं होगा भरत सिंह का यह अडियल रवय्या कोटा के विकास में बाधक बन रहा हे और वोह अपनी इस बचकानी जिदों से इन कोशिशों में जुटे हें के धारीवाल विकास पुरुष की छवि ना बना पाए और उनकी जनता में जो लगातार हीरो राजनेता की छवि बन रही हे उस पर विराम लग जये लेकिन शायद भरत सिंह जी को पत्रा नहीं जिस पर इश्वर महरबान हे उसे कोई नहीं रोक सकता काश भरत सिंह यह समझ लें और मिल जुल कर कोटा के विकास में लग जाए तो कोटा के विकास और प्रबन्धन में चार चाँद लग जायेंगे लकिन शायद कोटा का नसीब ऐसा नहीं हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाबा रामदेव और हेलिकोप्टर

जीहाँ दोस्तों योग गुरु और दवा विक्रेता बाबा रामदेव शुद्ध रूप से राजनितिक हो गये हें अभी पिछले दिनों उन्होंने खुद की हत्या का खतरा बताते हुए इसके लियें केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार बताया था तब मुझ सहित कई लोगों के दिमाग में बाबा रामदेव का यह राजनितिक फंदा समझ में नहीं आया था लेकिन अब जब उनके एक अनाम दोस्त या चेले ने उन्हें एक हेलिकोप्टर गिफ्ट में दिया हे तो फिर साडी बात समझ में आ गयी ।
दोस्तों यह वही कथित सिद्धांतवादी बाबा रामदेव हे जो धन संग्रह और अनावश्यक महंगी भेंट बाज़ी के कड़े आलोचक रहे हें यह वर्तमान में कोंग्रेस यानि केंद्र सरकार के आलोचक सिर्फ इसलियें रहे हें के सरकार पर दबाव बना रहे और सरकार स्वों के मामले में ओषधि नियन्त्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही नहीं करे ,इनकी आमदनी खर्च का लेखा जोखा टेक्स विभाग से प्राप्त नहीं करे और अब इतनी महंगी गिफ्ट हेलिकोप्टर के बाद तो बस हद ही हो गयी शायद बाबा रामदेव पहले से ही जानते थे के हमारे देश में बेनामी गिफ्ट लेना अपराध हे इसलियें यह गिफ्ट उन्हें कहाँ से किसने दी कहीं किसी कालाबाजारी ने तो यह गिफ्ट नहीं दी इसकी जांच शायद न हो इसलियें बाबा रामदेव किसी ना किसी बयान बजी के जरिये सरकार पर दबाव बनाते रहे हें अब हेलिकोप्टर कहां से आया किसने दिया जिसने दिया वोह व्यापारी हे या कालाबाजारी सरकार ने पूंछा तो बस बाबा रामदेव जी कहेंगे सरकार मुझे परेशान कर रही हे भारतीय विमान पत्तन अधिनियम और सुरक्षा कानूनों के तहत हेलिकोप्टर के लियें उड़ने और हेलिकोप्टर उतरना के पहले प्रशासन की स्वीक्रति आवश्यक हे जिस जगह से होकर हेलिकोप्टर उड़ेगा वहां भी प्रशासन सुरक्षा देगा और पूर्व स्वीक्रति जारी करेगा ऐसा कानून हे तो जना बाबा रामदेव जो चाहें करें सरकार उसमें बढ़ा ना डाले कोई पूंछ तांछ नहीं करे और अगर कोई जाँच वगेरा हो तो कह देंगे सरकार बाबा के पूर्व में दिए गये बयानों से नाराज़ होकर बदले की भावना से काम कर रही हे तो जनाब अब समझ गये ना बाबा रामदेव तो दुसरे नेताओं से भी बड़े राजनीतिग्य निकले। अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान

दीपावली पर उल्लू की हत्या से चिंतित सरकार

दोस्तों उल्लू समाज में एक गाली मन जाता हे किसी भी लापरवाह अनियमित कम करने वाले उत्पाती को उल्लू उल्लू का पट्ठा कहकर सम्बोधित क्या जाता हे लेकिन तांत्रिकों और दवा बनाने वालों के लियें यही उल्लू वरदान हे , इतना ही नहीं इन दिनों उल्लू की हेरी पोर्टर के किरदार के कारण पूछ बढ़ गयी हे जबकि कई लोग अन्धविश्वास के चलत दीपावली के वक्त विशेष तरीके से लक्ष्मी का वाहन होने के कारण इस उल्लू को घर में लाकर इसकी हत्या कर देते हे उनका मानना हे के लक्ष्मी घर आ तो गयी लेकिन वाहन यानि उल्लू के बगेर वापस नहीं जा सकेगी और घर में रहकर घर को सुख सम्रद्धि देगी बस इसलियें उल्लू की हत्या करने की परम्परा हे ।
देश में लगातार उल्लुओं की संख्या घटने से वन और पर्यावरण मंत्रालय चितित हे हालत यह हे के कल वन मंत्री जय राम रमेश ने लम्बा छोड़ा भाषण दे मारा उनका कहना हे के देश में दो तरह की उल्लू प्रजातियाँ हे जो किसानों के लियें खेती के कार्यों में बहुत उपयोगी हें लेकिन अंग्रेजी लेखक हेरी पोर्टर के एक किरदार के साथ उल्लू रहता हे और इसी से प्रभावित हो कर लोग उल्लू पालने लगे हें इतना ही नहीं फेशन के तोर पर बढ़े घर के लोग एक दुसरे को उल्लू भेंट में दे रहे हें मंत्री जी का कहना हे के उल्लू को संरक्षित किये जाने के प्रयास तेज़ी पर हे उन्होंने कहा की उल्लू की प्रजाति वन संरक्ष्ण अधिनियम में संरक्षित हे और इससे छेड़छाड़ पर सजा का प्रावधान हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जयपुर आमेर की हवेलियाँ वापस सरकार के पास

राजस्थान की आन बान शान रही जयपुर आमेर की दो हवेलियाँ वापस सरकार ने अपने कब्जे में ले ली हें इन हवेलियों को पिछली सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने पुरातत्व अधिनियम और अन्य कानूनों को ताक में रख कर पूर्व विवादास्पद आई पी एल कमिश्नर ललित मोदी को यह हवेलियाँ कोडियों के दाम में दे दी थीं मोदी ने यह दोनों हवेलियाँ खुद की पत्नी और उनकी महिला मित्र के नाम से खरीदी थीं , सरकार बदलने के बाद वोह इन हवेलियों को वापस से कब्जाने के लियें कानूनी राय ले रही थी और इसी लियें स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों पर सरकार ने पुलिस की सुरक्षा में इन दोनों हवेलियों को वापस अपने नियन्त्रण में ले लिया हे , इन दो हवेलियों का अधिग्रहण वसुंधरा सरकार के निर्णयों को झटका माना जा रहा हे अब तक गहलोत सरकार ने वसुंधरा सरकार के क्रिया कलापों के बारे में तिप्प्प्नी ही की थी लेकिन पहली बार यह कड़ा कदम उठाया हे जबकि वसुंधरा के कार्यों के मामले में सरकार का गठित माथुर आयोग और समिति भी टांय टांय फीस हो गयी थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लेखिका अरुन्धिती राय और पत्रकार

देश की सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेविका विचारक अरुन्धिती राय ने कश्मीर मसले पर जबसे कथित रूप से एक सच बोला हे उन्हें एक बात तो समझ में आ गयी के यह झुन्टों मक्कारों की महफिल हे यहाँ सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे वाली कहावत हे , और सच बोलना बहुत खतरनाक हो सकता हे भिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की जो परिभाषा संविधा इ दी गयी हे उसका गला भी यहाँ गुंडा गर्दी के बल पर घोटना आसान हे , खेर हम अरुन्धिती और मिडिया की बात करें तो आज कल मिडिया की जो हरकत हे वोह पहले आन्दोलन कारियों को उकसाते हें और विधि विधान में किसी भी अपराध की घटना की पूर्व सुचना होने पर पुलिस को पहले सूचित करने का स्पष्ट प्रावधान होने और ऐसी सुचना नहीं देने वाले को दंडित करने का प्रावधान होने पर भी मिडिया अपनी टी आर पी बढ़ाने के लियें उया तो खुद उग्रवादी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन तोड़ फोड़ के लियें उकसाता हे और फोटू लेकर टी वी पर दिखाते हें जिससे अपराध योजनाबद्ध तरीके से होता हे अरुन्धिती राय के घर पर भी भाजपा के लोगों का हमला और तोड़फोड़ कुछ इसी तरह से हुई हे अब अरुन्धिती के घर के बहर कोई भी मिडिया कर्मी की उपस्थिति या फिर मिडिया वें देखते ही इस बात का खतरा होता हे के योजना के हिसाब से उनके घर पर हमला होने वाला हे या फिर तोड़ फोड़ होने वाली हे बस इसीलियें अरुन्धुती ने खुद को बचाने के लियें मिडिया से गुहार करते हुए मिडिया के इस रवय्ये पर नाराज़गी ज़ाहिर की हे और यही सच भी हे मीडिया को कोई भी सुचना मिले अगर वोह अपराध सम्बन्धित सुचना हे तो मिड्या कर्मी का पहला फर्ज़ यह हे के वोह अपराध को रोकने के लियें पुलिस को तत्काल इसकी सुचना दे ऐसा नहीं करने पर अपराध हो सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा रास्थान

कोंग्रेस की बैठक या ओपचारिकता

भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस की कल आयोजित बैठक में वेसे तो घोटालों के आरोपी सुरेश कलमाड़ी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री खुद मोजूद थे उनकी मोजुदगी इस बैठक में कोंग्रेस की नेतिकता दर्शाती हे के जिन लोगों पर अभी आरोप लगे हे उन्हें सरकारी पदों पर भी बिठा रखा हे और पार्टी भी उन्हें इज्जत से नवाज़ रही हे कोंग्रेस का यह रवय्या शायद चमचों को पसंद आये लेकिन देश और देश के गरीबों को जरा भी पसंद नहीं हे। हाँ कोंग्रेस की बैठक में राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा वोह सब को पसंद आया के भारत दो तरह का बन गया हे एक अमीरों का और एक गरीबों का अमीरों का भारत सब का भारत बन रहा हे जबकि गरीबों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा हे ऐसे में इस देश को एक भारत करना हे जो केवल कोंग्रेस ही कर सकती हे कोई क्षेत्रीय पार्टी या फिर धर्म जाती के आधार पर चलने वाली पार्टी ऐसा नहीं कर सकती कोंग्रेस की बैठक में बहुत कुछ वोह कहा गया जो नहीं कहा जाना चाहिए था और बहुत कुछ वोह नहीं कहा जो कहना चाहिए था बस इसिल इयें मनमोहन की मोजुदगी में गरीबी की बात करना महंगाई नियन्त्रण की बात करना बैठक को एक मजाक बना गयी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...