आपका-अख्तर खान

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09 नवंबर 2010

चम्बल के किनारे पानी की जंग

कोटा में जहाँ पेयजल सप्लाई अव्यवस्था को लेकर शहरी लोग आंदोलनरत हें वहीं गाँव में नहरी सिंचाई को लेकर अब गाँवों में पानी के लियें युद्ध शुरू हो गया हे अब गाँव में पानी पर पुलिस का पहरा हे और हालत यह हें के चम्बल के किनारे लोग पानी के लियें जंग कर रहे हें इसे कहते हें नदी के किनारे प्यासा वाली कहावत । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेसन के सेव में स्मेक की सप्लाई

जी हाँ दोस्तों सुनने में बढ़ा अजीब लगता हे के बेसन के सेव में स्मेक की सप्लाई की जाती हे लेकिन यह सही हे कोटा पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ कर जब तलाशी ली तो बेसन के बने मोटे सेवों में बीच में स्मेक भरकर रखी गयी थी और यह स्मेक जेल में सप्लाई होना थी इसके पहले पुलिस ने मूंगफलियों में दाने निकाल कर बीच में स्मेक भर क्विक फिक्स से जोड़ कर स्मेक सप्लाई का पर्दा फाश क्या था दवा और कोलगेट का पिछला हिस्सा खोल कर उसमे स्मेक की सप्लाई का किस्सा तो पुराना हो गया । कोटा में कल पुलिस ने जब इस व्यक्ति को पकड़ कर पूंछ तांछ की तो इस पोल पट्टी से सब हतप्रभ रह गयेह हे ना मजेदार बात कोटा जेल में अभी मोबाइल नेटवर्क भी चालू हे वहां केदी फोन पर अवेध चोथ वसूली कर रहे हें अब कोटा पुलिस और जेल प्रशासन इस मामले में सक्रिय हो गया हे शायद कुछ अपराधियों के होसले कमजोर हों और अपराधिक गतिविधियों में कमी आये । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा मेले में भ्रस्ताचार की जाँच में टालमटोल

कोटा राष्ट्रिय मेला दशहरा इस बार भ्रस्ताचार की भेंट चढ़ गया यहाँ लगातार अख़बार मिडिया के चीखने के बाद भी अब तक भ्रस्ताचार के मामलों की जांच शुरू नहीं हुई हे कल जब अख़बार वालों ने स्वायत शासी मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल जी से इस मामले में सवाल क्या तो उन्होंने कहा की इसकी जांच स्वायत शासन विभाग के सचिव किसी जनच अधिकारी को नियुक्त कर करवाएंगे और वोह जिसके खिलाफ शिकायत हे उसकी सफाई भी लेंगे जबकि जिन लोगों की शिकायत हे उसे सुबूत भी लेंगे इसी के बाद भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही हो सकेगी , उन्होंने कहा के जो जन प्रतिनिधि इस मामले में शामिल हे उन के खिलाफ भी जन्न्च प्रमाणित होने पर कार्यवाही होगी लेकिन मेला खत्म हुए १५ दिन हो गये अब तक कोई जाँच नहीं होने से भ्र्स्ताचारियों के होसले बुलंद हें और उन्होंने काफी हद तक सबूतों को भी नष्ट कर दिया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भ्रस्ताचार के आरोपी चलते बने

कोंग्रेस ने शुद्ध के लियें युद्ध अभियान के तहत भर्स्ट नेताओं को हटाना शुरू कर दिया हे इसी क्रम में आदर्श सोसाइटी घोटाला मामले में महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री अशोक चव्हान के इस अभूतपूर्व घोटाले से वोह अब पुर मुख्य मंत्री हो गये हें उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया हे और आज नये मुख्यमंत्री की घोषणा हो जायेगी इसके बाद इस घोटाले की जांच और आठ करोड़ का फ्लेट साठ लाख में केसे दिया इस में और भी बहुत लोग शहीद होंगे। इधर कोमन वेल्थ गेम भ्रस्ताचार के हीरो जनाब सुरेश कलमाड़ी जी को संसदीय सचिव पद से इस्तीफा लेकर हटा दिया गया हे कोंग्रेस की भ्रस्ताचार के खिलाफ यह कार्यवाही शुद्ध के लियें युद्ध अभियान की शुरात माना जा रहा हे , कहते हें के अभी कोंग्रेस में कई ऐसे बागद बिल्ले हे जिन पर भ्रस्ताचार के गम्भीर आरोप हें और उनके चेहरे भी बेनक़ाब होना हे बस इसीलियें अब ऐसे भ्रष्ट लोगों की सूचि का इन्तिज़ार हे देखते हें आगे आगे क्या होता हे यह अभियान कोंग्रेस चला पाती हे या फिर भ्रष्टों की संख्या अधिक होने के कारण हथियार डाल कर बेठ जाती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इश्क ने निकम्मा कर दिया वरना हम भी थे काम के

जी हाँ इश्क ने निकम्मा कर दिया वरना हम भी थे आदमी काम के चाहे यह एक कहावत हो चाहे यह ग़ालिब का शेर हो लेकिन जयपुर में एक इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारी के साथ कुछ ऐसे ही गुजरी हे , जयपुर के दीपक चोधरी को एक लडकी से प्यार हो गया और वोह जब एक दुसरे को लेकर फरार हो गये तो घर परिवार वालों ने उस पर मुकदमा कर दिया इस मुकदमे में इन जनाब का घर बार रोज़गार तो छुट ही गया और मुकदमे बाज़ी में ५ लाख रूपये भी खर्च हो गये । बस इसी कर्जे को सुलझाने के लियें इन जनाब ने जयपुर के पंजाब नेशनल बेंक में अपना डेरा डाल लिया और चोरी चुपके रात वहन इस मकसद से गुज़ारना शुरू की के वहां का बेंक लोकर कोड और ऐ टी एम कोड केसे धुंध जाए यह शख्स इस बेंक में चार दिन से रह रहा था वहीं खाता पीता और चाय बनाता था लेकिन किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी कल जब अचानक चोकीदार अंदर घुसा तो इस बेंक में बेफिक्री से रह रहे चोकीदार को देख कर वोह घबरा गया और फिर पुलिस ने इन जनाब को धर दबोचा पुलिस को इन जनाब ने जो खाने बताई बस वोह यही थी के हमको इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया वरना हम भी थे आदमी काम के । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान का प्रशासन अब गाँव की तरफ

दोस्तों राजस्थान में अब गाँव के विकास की तरफ ध्यान गया हे यहाँ आब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रशासन का ध्यान गाँव के विकास की तरफ केन्द्रित क्या गया हे और इसके लियें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में प्रशासन गाँव की तरफ भेज दिया हे यह कार्यक्रम आज से दिसम्बर के अंतिम सप्ताह तक चलाए जायेंगे । राजस्थान गाँव की तरफ जा रहा हे अच्छी बात हे गाँव की लाखों ऐसी समस्याएं हें जो इस अभियान में सुधर जाएँगी या दूर हो जायेंगी लेकिन इसमें एक कमी यह रखी हे के शहर की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लियें कोई अलग से व्यवस्था नहीं की हे प्रशासन गाँव में रहेगा मंत्री और अधिकारी गाँव में रहेगा तो फिर शहर की समस्याओं और तात्कालिक निर्णयों को कोन अंजाम देगा इसके लियें अतिरिक्त व्यवस्था करना जरूरी हे जो अब तक नहीं की गयी हे क्योंकि एक अधिकारी से इमानदारी से गाँव की सेवा और शहर का प्रशासन एक साथ चलवाया जाए तो फिर यह किसी भी अभियान के साथ इंसाफ नहीं होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

१७ को देव उठने के साथ खुशियाँ ही खुशिया

दीपावली के बाद १७ नोवंबर को देव उठने के साथ खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी , देश में देव सोते हें तो सब सोते हें और शुभ काम भी नहीं होते हें लेकिन अब देव उठने के बाद शादी ब्याह और मकान की अदल बदल शुरू हो जायेगी बस इसी के बाद से शादी ब्याह की बाढ़ आ जाने के बाद बाज़ार और तेज़ी से गर्म हो रहा हे सोना चांदी के भाव चरम पर हें जबकि हलवाइयों के पास वक्त नहीं बचा हे अब देव उठे हें तो फिर लोगों के तो मजे ही मजे हें इसलियें आप सभी लोगों को भी अग्रिम बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राज्य में सडक दुर्घटनाओं में ९ हजार मोतें

राजस्थान में निरंतर हो रही सडक दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष ९ हजार से भी अधिक मोतें हो रही हें राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे काफी खफा हें और वोह हर हाल में सडक दुर्घनाओं को नियंत्रित कर लोगों को बे म़ोत मरने से बचना चाहते हें लेकिन अफसर शाही उन्हें गुमराह कर उनके इस सपने को पूरा नहीं होने दे रही हें । राजस्थान में शहरी और ग्रामों सडकों पर राष्ट्रिय राज मार्ग अधिनियम और राज्य राज मार्ग अधिनियम के साथ साथ यातायात नियमों और भारत सडक सुरक्षा निति की पलना नहीं होती हे इतना हीं नहीं मोटर व्हीकल कानून और नियमों की तो खुले आम धज्जियां उढाई जाती हें ।
राजस्थान में कोंत्रेक्त केरिज और स्टेट केरिज दो तरह के परमिट होते हें जिसके तहत जीपें और दूसरी निजी बसें टिकिट काट कर अलग अलग स्टॉप से सवारी नहीं बिठा सकती हे केवल रोडवेज़ ही अलग अलग टिकिट काट कर सवारी बिठा सकती हे लेकिन राजस्थान में मंत्रियों और विधायकों के समर्थन से जीपें और बसे चल रही हें जो कुले आम सवारियां टिकिट काट कर बिठाती हें और फिर सडकों पर बिना वर्दी के ड्राइवर बिना लाइसेंस के क्लीनर इन बसों को चलाते हें , ट्रक जो आठ टन पास हें कमसे कम २० टन माल भर कर ट्रक चलते हें वोह भी कई लोग शराब पीकर ट्रक चलाते हें ऐसे में जब निर्धारित क्षमता से अधिक मॉल भरा होगा तो फिर वाहन तो अनियंत्रित रहेगा ही सही , सडकों पर पहले तो टूटी फूटी सड़कों के कारण लोगों की मोतें हो रही हें दुसरे खास बात यह हे के शहरों और मार्गों पर विधि विरुद्ध विज्ञापान लगाये गये हें जिन्हें पढने में ड्राइवर का द्रष्टि भ्रम हो जाता हे और नतीजन एक पल भटके के दुर्घटना हो जाती हे जबकि नियमों के तहत इन मार्गों पर विज्ञापनों की मनाही हे इतना ही नहीं कई विज्ञापन बोर्ड तो ऐसे होते हें जिनसे सूरज टकराकर ड्राइवरों को चकाचोंध कर देता हे और फिर दुर्घटनाएं होती हे कई वाहनों में हेलोजन लेतें लगी हें जिनके प्रकाश से भी दुर्घटनाएं होती हे आगे आदरनीय मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत इन तरफ ध्यान देलें तो दुर्घटनाये तल सकती हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा महापोर घायल

कोटा की महापोर श्रीमती रत्ना जेन कल गृह मंत्री शांति कुमार धारीवाल के साथ दीपावली के राम राम शाम शाम में स्टेशन की सडकों पर थीं की अचानक निगम के बनाये गये फुटपाथों पर चढ़ते वक्त उनका पाँव तारों में उलझ गया और वोह नीचे गिर पढ़ीं उने नीचे गिरने से उनके सीधे पाँव में मोच आ गयी हे जबकि शरीर के कई हिस्सों पर भी चोटें आई हें । महापोर एक तरफ तो पांव से चलने में असमर्थ हें और दूसरी तरफ मंत्री शांति धारीवाल का कोटा शहर का डोरा उन्हें उनके साथ चलने के लियें मजबूर कर रहा हे आज भी कोटा में जिला कोंग्रेस के उपाध्यक्ष गोविन्द शर्मा की और से आयोजित स्नेह मिलन और सम्मान समारोह में धारीवाल जी के आने पर महापोर को भी अपने चोट ग्रस्त पाँव के साथ आना पढ़ा । हे ना राजनीति ज़ोरदार चीज़ नेता के आगे अपने दुःख तकलीफ दुसरे नम्बर की हो जाती हे यही महापोर अगर मंत्री जी कोटा में नहीं होते तो इस चोट के लियें कार्यकर्ताओं को कत्थक का नाच करा देतीं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आर एस एस के इन्द्रेश जी क्या राजनीती हे

देश में अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट के आरोपियों से सम्बन्ध रखने के आरोपी इन्द्रेश कुमार का नाम चार्जशीट में आने से संघ स्तब्ध हे लेकिन उनका नाम आने के बाद भी उन्हें अभियुक्त नहीं बनाया जाना और केवल नाम आने का ही प्रचार करना अपने आप में राजनीति को स्तब्ध कर देने वाला हे , दोस्तों यह वही इन्द्रेश जी हे जो सोफ्ट हिन्दू बनकर संघ के चेहरे पर मुस्लिम विरोधी होने की कालिख को हटाने का संकल्प लेकर इन्होने देश में एक राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम से कार्यक्रम शुरू क्या था और इन्द्रेश जी ने कुछ दिनों में ही अपने साथ रास्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम पर कुछ मोकापरस्त और आपराधि किस्म के लोगों की एक टीम एकत्रित कर ली थी इसमें कई बिना दीगर वाले मोलाना और मुफ्ती भी शामिल थे । इन्द्रेश जी ने राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर काफी सम्मेलन किये भाजपा की विचारधारा को प्रचारित करने वाले मुस्लिम कवियों और शायरों को जमा कर मुशायरे करवाय गये और मुसलमानों में जो कमजोर कड़ी मोकापरस्त लोग थे उनको काफी लालच देकर उनके मदरसों को चंदा और कम्प्यूटर दिलवाकर कुछ लोगों को सरकार में पद दिलवाने का लालच देकर इन्द्रेश जी ने अपने साथ जोड़ लिया था कहते हें के राजस्थान सरकार में मुस्लिम इदारों में जिसे भी नियुक्ति दी गयी उसको इन्द्रेश जी का सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही नियुक्त क्या जाता था मदरसा बोर्ड में मुश्ताक अंसारी । फिर हिदायत कहां । वक्फ बोर्ड में सलावत खान सहित ऐसे कई लोग हे जिनकी सरकारी नियुक्ति इन्द्रेश जी के रहमोकरम पर थी कोटा सहित कई जिलों के नकली मुफ्ती और नकली मोलाना ऐसे हें जिन्हें मंच पर बिठा कर मुस्लिमों का भाजपा के साथ आना प्रचारित क्या गया कई मदरसों में इन्द्रेश जी ने चंदे दिलवाए तो सरकारी मदद से कम्प्यूटर वगेरा दिलवाए अगर उस वक्त के इन्द्रेश समर्थक मोलाना और दुसरे लोगों की लिस्ट ली जाये तो आज भी यह लोग राजस्थान के मुसलमानों में झगड़े फसाद फेलाकर माहोल बिगड़ने की कोशिशों में लगे हें हालात यह हें के यह लोग आमदनी कम करते हें लेकिन दो नम्बर का चंदा लेकर इन्होने अपने इदारों को लेकर बढ़ा कर लिया हे इसीलियें अब इन्द्रेश जी का अजमेर ब्लास्ट में नाम आने पर ऐसे सभी समर्थित मुस्लिमों के तोते उड़ गये हें इधर अगर कोंग्रेस यह फंदा नहीं फेलाती तो बस काफी मुसलमान कोंग्रेस छोड़ कर इन्द्रेश से प्रभावित होकर भाजपा की राह पकड़ने लगे थे अब इन्द्रेश का चार्जशीट में नाम हे लेकिन वोह मुलजिम नहीं बनाये गये उनकी गिरफ्तारी नहीं की गयी जबकि विधि विरुद्ध क्रियाकलाप कानून में तो ऐसे लोगों से मिलना , बात करना या समर्थन करना अगर शामिल हो जाए तो बस फिर वोह इस कानून के तहत अपराधी हे लेकिन इन्द्रेश का नाम आने पर भी उनके शामिल होने का प्रचार पूरा और उनकी गिरफ्तारी नहीं यह साबित करती हे के कहीं न कहीं राजनीती तो हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आर एस एस की तरफ वसुंधरा का झुकाव

पिछले दिनों राजस्थान में भाजपा सरकार के चलते आर एस एस से सीधी टक्कर लेकर उसे नाराज़ करने वाली भाजपा नेता श्रीमती वसुंधरा सिंधिया और उनके समर्थकों के दिल में आर एस एस के प्रति प्यार उमड़ आया हे कल देश भर में भाजपा और आर एस एस द्वारा जिलेवार धरने दिए जा रहे हें । आर एस एस आतंकवाद से संघ को जोड़ने और अजमेर बम ब्लास्ट की चार्जशीट में इन्द्रेश जी का नाम लेने से कोंग्रेस और राजस्थान सरकार से नाराज़ हे इन्द्रेश जी का नाम क्यूँ जुड़ा और उसकी कानूनी अहमियत क्या हे यह तो मेरे अगले ब्लॉग में में लिख रहा हूँ लेकिन आर एस एस के इस आन्दोलन में इस बार वसुंधरा सिधिया और उनके समर्थित एम एल ऐ खुल कर सामने आये हें
वसुंधरा की पूर्व राजस्थान सरकार के दोरान आर एस एस वसुंधरा को निपटने का संकल्प ले चुकी थी और इसीलियें आर एस एस ने जहां झना वसुंधरा के उम्मीदवार थे वहां संघ का समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा कोटा में भवानी सिंह राजावत , ओम बिरला को चुनाव हराने के लियें आर एस एस ने खुल कर प्रचार क्या लेकिन आज स्थिति उलटी हे आर एस एस के इस आन्दोलन को सफल बनाने के लियें खुद वसुंधरा और उसके चंगु मंगू यानि रंगा बिरला जो भवानी सिंह और ओम बिरला हें जी जान से जुट गये हें संघ के प्रति वसुंधरा और समर्थकों का प्यार इस बात का सबूत हे के अब वसुंधरा को लगने लगा हे की बिना संघ के उनका बेडा पार नहीं होगा और इसीलियें संघ के कार्यक्रमों में यह लोग जी जान से जुट गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पेट्रोल मूल्य अनियंत्रित

देश में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य अनियंत्रित हो रहे हें , पेट्रोल कम्पनियां रोज़ मर्रा पेट्रोल के दाम बढ़ा रहे हें लेकिन इसे नियंत्रित करने का केद्र सरकार द्वारा प्रयास नहीं किया गया हे और जो प्रयास किया उस पर राज्यों की सरकारों ने कोई अमल क्या हे देश में तेज़ी से बढ़ रही पेट्रोल की कीमतों की व्रद्धी को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा था के वोह पेट्रोल की कीमतें कम करें के लियें राज्यों द्वारा वसूला जा रहा वेट टेक्स घटाएं देश में सबसे ज्यादा वेट राजस्थान में हे , केंद्र सरकार के इस निर्देश को दो सप्ताह से भी अधिक वक्त गुजर जाएगा लेकिन राज्यों ने कोई पहल नही की हे खुद केंद्र की समर्थित पार्टी की सरकारों में भी इस मामले में कोई निर्देशों की पलना नहीं की गयी हे इससे लगता हे के खुद मजे करो जनता जाए चाहे भाड़ में । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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