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13 नवंबर 2010

मधुमेह दिवस पर दिखावा ही दिखावा

देश में आज चिकित्सक मधुमेह दिवस यानी डायबिटिक दिवस मनाया जा रहा हे और इस बीमारी से केसे बचें इसकी साक्षरता के लियें जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हे । देश के सभी चिकित्सक सभी जिलों में इस मामले में सेमीनार कर रहे हें चिकित्सको का कहना हे के देश में करीब ७ करोड़ मधुमेह के रोग से पीड़ित लोग हें और इनकी संख्या बढती जा रही हे , देश में बद परहेजी,आराम तलबी , मिलावट युक्त खाध्य पदार्थ , तनाव , परेशानियों के कारण
यह रोग तेज़ी से बढ़ता जा रहा हे लेकिन इस बीमारी के इलाज के बारे में कोई स्थायी दवा का अविष्कार नहीं क्या जा सका हे तात्कालिक तोर पर तो इस बिमारी को कंट्रोल करने की दवाएं इंसुलिन वगेरा हें लेकिन स्थायी रूप से कोई दवा नहीं बनी हे खुद योग गुरु बाबा राम देव इस मामले में असफल हें पिछले दिनों जब बाबा रामदेव कोटा में आये और उन्होंने योग और उनकी महंगी दवाएं खरीदकर खाने पर मधुमेह का रओग नियंत्रित होने का दावा क्या तो एक मरीज़ ने बाबा रामदेव का भक्त बन कर उनकी दवा के आलावा डोक्टर की दवा लेना बंद कर दी नतीजन उस मरीज़ के शरीर में शुगर बढ़ गयी और फिर उसकी म़ोत हो गयी तो जनाब यह एक गम्भीर बीमारी हे इसलियें देश को और विश्व को इस बीमारी को नियंत्रित करने के लियें दवा इजाद करने के बारे में गम्भीरता से सोचना होगा वेसे सोयाबीन का दूध नियमित पीने से भी इसका इलाज सम्भव हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुदर्शन पर कार्यवाही को लेकर टावर पर चढ़े कोंग्रेसी मुसीबत में फंसे

कहते हें अपने आकाओं के दिखाने के लियें जब कोंग्रेसी जान जोखिम में डालते हें और जब उन्हें म़ोत नजदीक से नजर आती हे तो फिर वोह किस तरह से खुद को बचाने के लियें गिड गिडाते इसको देख कर हर कोई चीख पढ़ता हे राजनीती तो बस एक छलावा हे , कोटा में कल स्टेशन पर लगे माइक्रो टावर पर कोंग्रेस से जुड़े आठ कार्यकर्ता चढ़ गये वोह भीड़ एकत्रित कर खुद को सोनिया भक्त साबित करना चाहते थे इसीलियें हाल ही में दिए गये सुदर्शन के बयान के बाद सुदर्शन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग करने लगे ७ कोंग्रेसी चतुर थे इसलियें वोह ज्यादा ऊँचाई पर नहीं चढ़े लेकिन एक कोंग्रेसी लोकेन्द्र शर्मा टॉवर पर ७० फिट उंचा चढ़ गये और जब उन्होंने नीचे देखा तो म़ोत के डर से उनकी तबियत बिगड़ गयी इन कोंग्रेसी जी ने सुदर्शन के खिलाफ कार्यवाही की मांग तो छोड़ दी और खुद की जान बचाने की मांग करने लगे , इस कोंग्रेसी को टॉवर से उतारने के लियें पहले तो नगर निगम की आपदा टीम आगे आई लेकिन मिटटी कच्ची होने से जे सी बी उसमें धंस गयी फिर जल दल कर उतरने की कोशिश की गयी फिर भी बात नही बनी तो रस्सी से बांध कर इन जनाब को नीचे उतारा गया नीचे उतर कर यह कोंग्रेसी जनाब बेहोश हो गये और इन्हें अस्पताल में जाकर होश आया अब देखिये चोबे जी बनने गये थे छब्बे जी बन गये । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा से जयपुर रास्ते में अब सरकारी डाका होगा

दोस्तों कोटा से जयपुर के लियें सरकार सडक छोड़ी कर फोरलेन बना रही हे सरकार और उसकी पोषक निजी ठेकेदार एजेंसी तीन वर्ष में बनाई जाने वाली इस प्रस्तावित सडक योजना के पूरी होने के बाद निजी वाहनों से जयपुर तक पहुंचने पर तीन नाकों से १५० रूपये वसूल करेंगे , अब आप को अपने वाहन से इस रास्ते से जाने के लियें यह अवेध चोट वसूली का शिकार तो होना ही पढ़ेगा देश में टोल टेक्स कानून अंग्रेजों ने बनाया था लेकिन इस कानून से वोह भारत को गुलाम बना कर गुलाम लोगों से टेक्स वसूलते थे इसी फार्मूले को देश की सरकार ने आगे ग्धाया हे और सरकार के अलावा सभी गेर सरकारी लोगों से ऐसी सुविधाओं के टेक्स लिए जाते हें अब देखिये इस देश को आज़ाद देश कहें या गुलाम देश कुछ समझ में नहीं आता जहाँ सडक पर चलने के टेक्स के अलावा टोल टेक्स भी देना पढ़ रहा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाल दिवस बस किताबों और अखबारों में

दोस्तों देश में जिन बच्चों को पंडित जवाहर लाल नेहरु भगवान की तरह प्यार करते थे जिस नेहरु का बचपन को देश का भविष्य बनाने का सपना था आज उस नेहरु की पार्टी और परिवार द्वारा संचालित शासन में बच्चों के लियें कोई अहमियत नहीं बची हे , आज का बच्चा सडकों पर भिक मांग रहा हे , बाल मजदूरी कर रहा हे , नाच गा कर रुपया कम रहा हे , बूट पोलिश कर रहा हे,कुछ अपराध कर रहे हें तो कुछ बच्चे अस्पतालों में कुपोषण का शिकार होकर इलाज के आभाव में दम तोड़ रहे हें , कुछ बच्चे हें जो प्रतिभावान हें लेकिन इस देश के स्कूलों की मोती फ़ीस के कारण पढ़ नहीं पा रहे हें और बाक़ी बच्चों को आप रोज़ देखते हें अपने वजन से ज्यादा वजन का बस्ता लटकाए स्कूलों में जा रहे हें ।
यह देश का बचपन हे जिसे नेहरु अपने प्यार से खत्म करना चाहते थे आज इसे खत्म करने के लियें देश में इंडियन चिल्ड्रन एक्ट, चाइल्ड रेसत्रेन्न मेरिज एक्ट ,बाल मजदूरी निरोधक अधिनियम, बाल शिक्षा अधिनियम सहित अनेक कानून बनाये गये हें लेकिन देश में सब जानते हें कानून बनते हें और किताबों में बंद हो जाते हें इनकी पालना करवाने वाली सरकारें इन कानूनों को तोड़ने वालों से मोटे चुनावी चंदे की रकम और रिश्वत खाकर खामोश बेठ जाते हें आज हमारे देश में बाल आयोग हे लेकिन कहां हे क्या आपको पता हे राजस्थान और दुसरे राज्यों में बाल आयोग नाम की चीज़ नहीं हे क्या नेहरु की कोंग्रेस ने कभी संकल्प लिया के भीख मांगते बच्चे को ढूंढ़ कर खाना देंगे पढाई और दूसरी सुविधाएं देंगे क्या किसी बाल मजदूर को नेहरु के किसी वंशज ने कभी आज़ाद कराया क्या सडक पर बूंट पोलिश करते किसी बच्चे को उठाकर स्कुल में डाला क्या नेहरु के वंशजों द्वारा संचालित पार्टी की सरकारों में बच्चों को स्वर्ग सी सुविधाएं या उनके भविष्य को संवारने का माहोल मिला अगर नहीं तो फिर यह बाल दिवस का ढोंग क्यूँ ? भाइयों आप खुद ही बताइए जब देश का बचपन निरंतर सिसक रहा हो कानून बन कर भी पालना नहीं की जा रही हो तो फिर ऐसे बाल दिवस का क्या अब तो बाल शोषण दिवस बनाया जाना चाहिए क्या आप मेरी बात से सहमत हे अगर हाँ तो प्लीज़ मेरी बात दूर तलक पहुंचाएं देश के बचपन देश के भविष्य को इस ढकोसले से बचाएं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्यूँ सोचते हो .........

क्यूँ
सोचते हो तुम
के
मुझे
तुमसे प्यार
हे
लोग देख लें
तुम्हें
इज्जत की नजर से
बस दिखावा
इसीलियें हें
वरना
तुमसे
और तुमसे
किस
कमबख्त को
प्यार हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रो ले थोड़ा सा .....

यूँ
तबियत
ना बिगाड़
अपनी
जुदाई में
उसके
रो ले
थोड़ा सा
बस फिर
तबियत
संभल ही
जायेगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अजीब दिल्लगी ......

अजीब
दिल्लगी हे
मेरे इस
दिलबर की
खुद तो
मेरे दिल में
रहते हें
और
खुद के
दिल में
किसी और को
रख रखा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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