आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

16 नवंबर 2010

देवबंद ने शायद कुरान नहीं पढ़ा

मुस्लिमों के मसले मसाइलों पर फतवों की राजनीती करने वाले देवबंद ने अभी हाल ही में मुस्लिम महिलाओं को तलाक देने के मामले में एक फेसला सुनाया हे इस फेसले में देवन्द ने हुक्मनामा जारी किया हे के मोबाइल पर दिया गया तलाक तलाक माना जाएगा इस फेसले से लगता हे के देवबंदियों ने कुरान मजीद में सुरेअंनिसा की आय नहीं पढ़ी हे जिसमे तलाक के तोर तरीकों का हुक्म दिया हे और कुरान में जिस मामले में तरीका बताया गया हे उसे को भी किसी भी तरह से बदलने का कोई हक नहीं रखता , तलाक के इस कुरानी तरीके को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने शमीम आरा मामले की सुनवाई के दोरान साफ़ तोर पर कहा हे के कोई भी तलाक किसी भी मुस्लिम व्यक्ति द्वारा महिला को समझायश असफल होने के बाद और समझायश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन बार लिख कर बोल कर उच्चारित कर दो गवाहों के सामने तलाक दिया जाएगा तब ही मुकम्मल तलाक होगा कुरान शरीफ की आयत सुरे अन्निसा सभी ने पढ़ी हे इसका तर्जुमा भी लोगों ने पढ़ा हे जिसमे साफ़ तोर पर तलाक के पहले समझायश जरूरी बताई गयी हे तो फिर बिना समझाइश के सीधी तीन तलाक और फिर मोबाईल पर तलाक केसे तलाक हो सकती हे इसका मतलब साफ हे के देव्ब्न्दियों का तलाक मामले का फेसला कुरान के खिलाफ हे और कुरान के खिलाफ दिया गया कोई भी फेसला या सलाह एक मुसलमान द्वारा केसे मानी करार दी जा सकती हे ऐसे में ऐसी कुरान के हुक्म के खिलाफ फतवे जारी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी होना चाहिए ताकि अनावश्यक अराजकता का माहोल नहीं बने । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल्ली में इमारत के नीचें चीखें और चितकार

दिल्ली सरकार जहाँ पी एम ,सी एम , राष्ट्रपति सभी बड़ी हस्तिया रहती हे वहां एक इमारत जिसे दिल्ल्ली की सरकारी महकमे ने आम जीवन के लियें सुरक्षित नहीं माना था और लोगों को उसमे नहीं रहने देने के लियें हिधय्त दी गयी थी , दिल्ली सरकार ने हिदायत दी और भूल गयी लक्ष्मी विहार दिल्ली की इस पांच मंजिला इमारत में लोग रहने लगे सरकार को पता नहीं चला सुरक्षा एजेंसियां खामोश रहीं दिल्ली सरकार ने बिल्डिंग के मालिक को नोटिस नहीं दिया आखिर तीन दिन पहले जब वोह इमारत गिरी और सेकड़ों लोगों की चीखें चीत्कारें वहां गूंजीं ७० से भी अधिक लोगों की मोतें और सेकड़ों लोग घायल हुए तब सरकार की ऑंखें खुली सरकार गलिया तलाशने लगी ज़मीं धस रही हे इसलियें सभी बिल्डिंगों को खतरा हे अरे नेताओं की नेतिकता और अधिकारियों की इमादारी धंस रही हे बस इसी लियें बिल्डिंगें गिर रही हें और किसी भी दोषी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हे हे ना मेरा देश जहाँ कुछ भी कर डालो कितना ही भ्रस्ताचार फेला डालो कितने ही लोगन को मार डालो लेकिन कोई कुछ कहने वाला नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देव उठे लोगों की खुशियाँ शुरू

हिन्दू धार्मिक परम्परा के अनुसार बकराईद के दिन तुलसी विवाह के बाद देव उठ जाने की घोषणा हो गयी हे और बस इसी के साथ शादी ब्याहों का दोर शुरू हो गया हे और इसी के साथ सडकों पर बंद बाजों रो नाच गाने का माहोल बन गया हे जबकि घर घर शादी के माहो से खुशिया दोड गयी हे ग्रहों का ग्रहों में मिलन से ज्योतिष अंकों के हिसाब से भी यह अवसर बहुत बहुत बहतर हें वेसे भी एक माह बाद मल मास शुरू हो जाने से शुभ कामों पर रोक लग जायेगी इसलियें भाई हैप्पी ईद हैप्पी देवउठनी ग्यारस और हप्पी हप्पी भरा माहोल जो इश्वर करे हमेशा हेप्पी भरा माहोल बना रहे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरिस्का में शेर मरने के लियें डी एफ ओ ज़िम्मेदार

राजस्थान के वन अभ्यारण्य सरिस्का में लगातार हो रही शेरों की मोतों से राजस्थान सरकार परेशान हें हालात यह हें के राजस्थान में रोज़ गिनती में होने के बाद भी शेर और शेरनी गायब हो रहे हें कई महीनों बाद यहाँ शेर और शेरनी की म़ोत की घोषणा की जाती हे पिछले दिनों वन विभाग के अधिकारी एक शेर को सालों से शेरनी समझते रहे और रिकोर्ड में उसका लिंग शेरनी दर्ज रहा लेकिन बाद में कई सालों बाद जब पता चला के वन कर्मियों से गन्ना ओ लीग पहचान में गलती हुई हे तो वन अधिकारीयों ने बड़ी बेशर्मी से कहा था के इससे क्या फर्क पढ़ता हे , बस लगातार वन्य जीवों की गिनती में गडबडी होने के कारण राजथान सरकार दुखी हो गयी हे और अब हालत यह हें के सरकार ने वन विभाग के बड़े अधिकारीयों को निलम्बित कर जवाब तलब किया हे । यह सच हे के वन अधिकारियो ने कई सालों से राजस्थान में वन उपज,वनसंपदा और वन्य जीव मामले में भयंकर लापरवाही बरती हे और अनेक वनकर्मी अधिकारी करोडपति बन गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरबानी के बकरों का इस्तकबाल किया

देश में एक संस्था ऐसी भी हें जो दिवंगत आत्माओं के लियें काम करती हे और कोटा में कार्यरत यह संस्था क़ुरबानी के पहले कोटा के सारे बकरों को अख्ट्टा करती हे और दिन भर इन बकरों को नुमाइश कर बाज़ार में प्रदर्शनी लगाकर इन बकरों को जलेबी और मनचाहे व्यंजन खिलाती हे कहने को तो यह एक मजाक हे लेकिन कर्मयोगी संस्था के अध्यक्ष राजाराम जेन कर्मयोगी का कहना हे के आत्मा अमर हे और धार्मिक परम्पराओं को निभाना भी जरूरी हे लेकिन म्रत्यु के पूर्व अगर बकरों का सम्मान कर दिया जाए तो क्या हर्ज हे राजाराम सभी धर्म के त्योहारों पर अनूठे कार्यक्रम आयोजित करते हें और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार लगातार कर रहे हें इन के द्वारा देश में पहली ऐसी व्यवस्था की गयी हे फोन पर ही श्मशान सामग्री अंतिम संस्कार की क्रियाएं और शव श्मशान तक ले जाने किसेवायें उपलब्ध कराते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रधानमन्त्री जी इस्तीफा नहीं दो तो कमसे कम जवाब तो दो

आदरणीय प्रधानमन्त्री जी इदुल जुहा की मुबारकबाद यह त्यौहार क़ुरबानी का हे देश को आज आपकी क़ुरबानी की जरूरत हे लेकिन हम जानते हें आप अब नोकर से नेता बन गये हो इसलियें देश के लियें कुर्बानी देणा आपके बूते की बात नहीं हे अरे भाई ठीक हे क़ुरबानी मत दो लेकिन देश को कुछ अनसुलझे सवालों का जवाब तो दे दो । प्रधानमन्त्री जी आप जानते हें के सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार आपके देश में भ्रस्ताचार रोकने और उसको समर्थन करने के मामले में सवाल उठाया हे आपसे खुद से पूंछा गया हे के आखिर कोनसी मजबूरी थी के आपने देश में १७६ लाख करोड़ के घोटाले की जानकारी आने के बाद भी इस मामले की जांच नहीं करवाई उलटे सुब्रमन्यम स्वामी ने जब मुकदमे के मामले में आपसे विधिवत स्वीक्रति चाही तो आपने काफी लम्बा वक्त गुजरने के बाद भी ना तो भ्रस्ताचार रोकने की कोशिश की और ना ही भ्रष्ट लोगों को सजा दिलवाने के मामले में आपने कुछ कदम उठाया इसके पहले देश में चीनी घोटाला , कीमतों में जमाखोरी और वायदा व्यापार के बाद क्रत्रिम व्रद्धी की पुख्ता शिकायतें आपके पास हें लेकिन आप हें के खामोश मूकदर्शक बने हें हो सकता हे आप इस भ्रष्टाचार में शामिल नाहों हो सकता हे आप इस भ्रस्ताचार में खुले रूप से हिस्सेदार हो सच कुछ भी हो लेकिन शीर्ष पद पर बेठने के बाद भ्रस्ताचार की जानकारी आपके पास आने के बाद आपकी चुप्पी देश के लियें घातक हे और आप देश के कानून मां मर्यादाओं के तहत खुले रूप से भ्रष्टाचार के दोषी हें , आपने एक बहुत बढ़ा अपराध और किया हे देश में अब तक कोंग्रेसी नेता या कोंग्रेसी समर्थित दुसरे दलों के नेता ने जो भी खुला भ्रस्ताचार किया हे वोह जनता के सामने आने के बाद उसे पद से तो हटा दिया गया हे लेकिन उसके खिलाफ कोई जंह कोई एफ आई आर को सी बी आई जांच नहीं करवाई हे यह केसे प्रधानमन्त्री हें आप आपके लियें देश से बढकर भ्रष्ट नेता हो गये हें आप जिन्हें सजा देने के लियें ज़िम्मेदार हें उनके बगलगीर बने हें यह केसी नेतिकता हे आप में भाई में इस देश का नागरिक होने के नाते इश्वर से दुआ करता हूँ के आप अपने जमीर को जिंदा करें और देश में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार और उस को रोकने में असफल होने की नेतिक ज़िम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें अगर ऐसा नहीं कर सकते तो प्लीज़ दोषी लोगों को जेल तो भेज दो क्या मेरे इस महान भारत के लियें आप क़ुरबानी के इस त्यौहार पर यह क़ुरबानी दे स्केकंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इदुज्ज़ुहा मुबारक हो

दोस्तों कल इदुज्ज़ुहा यानि बकराईद हे आज बोहरा समाज की बकराईद थी , कुर्बानी का यह त्यौहार विश्व में खुदा की राह यानी अमन चेन और सेवा कार्यों के लियें सब कुछ कुर्बान कर देने की सीख देता हे , इस त्यौहार के एक दिन पहले विश्व के मुसलमान अरब में स्थित काबे की परिक्रमा कर वहां करीब एक माह के दोरान त्याग तपस्या का पाठ पढ़ कर अंतिम रूप से हज का समापन करते हें और पूरी तरह से पवित्र यानी एक जन्में बच्चे की तरह इन्नोसेंट बन जाते हें जिहें समाज में एक विशिष्ट स्थान पर बिठा कर उनका मन सम्मान क्या जाता हे , कुल मिलाकर दोस्तों मुलमानों का यह त्यौहार त्याग और बलिदान का संदेश देने का त्यौहार हें , इस्लामिक रिवायत के अनुसार पैगम्बर इब्राहिम अलेहस्स्लाम को जब इश्वर्वानी यानि वही संदेश में कहा गया के इश्वर खुदा तुमसे क़ुरबानी मांगता हे और जो भी तुम्हे सबसे ज्यादा प्यारी चीज़ हो उसको खुदा की राह में कुर्बान कर अपनी परीक्षा दो , इस पर इब्राहिम अलेहस्स्लाम जो सबसे ज्यादा खुद के बेटे इस्माइल अलेहस्स्लाम से प्यार करते थे उन्होंने उन्हें सुबह सवेरे साथ लिया और एक नदी के किनारे ले जाकर बच्चे को सब बात बताई उन्होंने हंसते हुए खड़ा की राह में कुर्बान होने की सहमती दी इस पर इब्राहिम अलेहस्स्लाम ने कहीं उनके हाथ काँप ना जाएँ इसलियें अपनी आँखों पर पट्टी बाँधी बच्चे को लिटाया और जेसे ही बच्चे इस्माइल अलेहस्स्लाम के गले पर छुरी रख कर उन्हें खुदा की राह में कुर्बान करना चाहा तो एक बकरे यानी दुम्बे की आवाज़ सुनकर वोह चमक गये और उन्होंने छुरी आसमां में उछाली तो आसमां में उडती हुई टिड्डी की गर्दन कट गयी और छुरी जब नदी में गिरी तो मछली के गड्फ्दे बन गये तब से ही मुसलमान टिड्डी और मछली को हलाल करके नहीं खाते हें इधर जब इब्राहिम अलेहस्स्लाम ने आँखों से पट्टी हटाई तो उन्होंने खुदा का चमत्कार देखा के दुम्बा यानी बकरा तो नीचे कुर्बान पढ़ा था और उनके बेटे पास खड़े मुस्कुरा रहे थे बस इसी करिश्मे को देख सब खुदा पर कुर्बान होना चाहते हें इससे संदेश मिलता हे के खुदा की राह में उसके बताए हुए रास्ते पर चलने केलियें जो भी कीमती और पसंदीदा चीज़ आपके पास हे उसे कूड़ा की रह में कुर्बान करने का साहस रखो और इसके लियें हमेशा तय्यार रहो इससे हमेशा तुम्हारी कामयाबी रहेगी । इसके बाद रिवायतों के चलते हदीस बदली और परम्परा बन गयी के एक मुसलमान जो साहिबे हेसियत यानी ५२ तोला चांदी के बराबर सम्पत्ति रखता हे वोह एक बकरा पालेगा और उसकी सेवा करने के बाद उसे इस दिन खुदा की राह में कुर्बान कर देगा इसकी विशिष्ट नमाज़ अदा होगी । लेकिन आज दोस्तों परम्पराएँ बदल गयी हे विश्व भर में मुसलमानों ने इसे रस्म निभाने या फिर शेखी बघारने का त्यौहार मना लिया हे जिनके पास सिमित पैसा हे वोह तो ईद के एक दिन पहले बाज़ार से बकरा खरीद्दते हें और फिर दुसरे दिन कसाई को बुलाकर उसे कुर्बान कर यह रस्म अदा करते हें बात साफ़ हे के इससे कोई भी मुसलमान क़ुरबानी के दर्द का एहसास नहीं कर पता और उसे बकरा काटना उसकी खाल साफ़ करना भी नहीं आता इसीलियें वोह कसाई का मोहताज रहता हे दूसरी तरह के मुसलमान ऐसे होते हें जो अपने धनी होने का ढिंढोरा पीटने के लियें कम कीमत वाले बकरे को भी शेखी बघारने के लियें कई गुना महंगी कीमत में खरीद लेते हें मीडिया में इसकी खबरें बनवाते हें अब आम धर्म की शिक्षा पढ़ा लिखा मुसलमान बस यही सोचता हे क्या यही मुसलमान हे क्या यही कुर्बानी हे । सभी ब्लोगर्स भाइयों और बहनों को एक बार फिर ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेस्ट ब्लोगर ललित जी ने कोटा को धन्य कर दिया

ब्लोगर की दुनिया के शहंशाहों की प्रमुख सूचियों में शामिल बेस्ट ब्लोगर ललित जी शर्मा ने आज कोटा प्रवास के दोरान कोटा को गद गद कर दिया । ललित जी शर्मा ने ब्लोगर की दुनिया के टिप्स कोटा में जो मिला उसे मुक्त कंठ से दिए , हमें और खासकर मुझे इस बाट का हमेशा मलाल रहेगा के ब्लोगर की दुनिया के इस शहंशाह की में कोटा में कोई खिदमत नहीं कर सका , लेकिन में तीसरा खम्बा के जनाब दिनेश राय जी दिविवेदी का शुक्र गुज़ार रहूंगा जिनकी बदोलत में आज ललित शर्मा से मिल सका मेरी ख्वाहिश थी के कोटा प्रेस क्लब में ललित जी का एक बढ़ा प्रोग्राम होता और वोह कोटा के पत्रकारों को ब्लॉग के टिप्स सिखाते लेकिन वक्त की तंगी के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो सका फिर भी कोटा से प्रकाशित देनिक कोटा ब्यूरो के सम्पादक जनाब कय्यूम अली ने उनसे भेंट कर उन्हें काफी सराहा जबकि प्रेस क्लब के कोटा के महासचिव जनाब हरी मोहन शर्मा और कार्यकारिणी मेम्बर होने के नाते मेने खुद ने उनका स्वागत किया । कोटा भ्रमण के दोरान अंधेरों को चीरते हुए कार की हेड लाइटों की रौशनी में, में और दिनेश राय जी दिविवेदी ललित जी शर्मा को पहले मुक्तिधाम किशोरपुरा ले गये जहां की शान्ति का लुत्फ़ उन्होंने लिया फिर ललित जी कोटा की प्रसिद्ध अधरशिला जो कब्रिस्तान में हे उसे देखने गये यह एक अजीब संयोग ही था के ललित जी कोटा आये और एक सच जहां के रास्ते से सबको अंतिम सफर तय करना हे वहन की सच्चाई हमने ललित जी के नजरिये से देखी , ललित जी कोटा में एडवोकेट आबिद अब्बासी और नईमुद्दीन काजी सहित कई लोगों से मिले लेकिन उनके पास वक्त सिमित था और कोटा के लोगों की उनके लियें ख्वाहिशें बहुत ज्यादा थीं इसलियें बस यह कहें के कोटा में केवल बेस्ट ब्लोगर ललित जी की छवि दिखी थी तो गलत नहीं होगा इसलियें अब उनसे वायदा लिया हे के अब अगली बार कोटा को कुछ वक्त देकर धन्य करो तो भाई ललित जी तो चले गये लेकिन उनके खुशनुमा खुशगवार मुलाक़ात की यादें लम्हा लम्हा हमारे साथ हें । अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...