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25 नवंबर 2010

दादागिरी करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा

कोटा में स्पेशल टीम के सिपहसालार बन कर जिन पुलिसकर्मियों को अपराधियों से निपटने का ज़िम्मा सोंपा गया हे आज वही पुलिस कर्मी लोगों को डरा धमका कर सस्ते दामों में जमीन बेचने का दबाव बनाने के आरोपी हे , कोटा में एक हेड कोनिस्तेब्ल जिसके पास हाल ही में ६५ लाख रूपये के सोने चंडी के गहने थे और वोह चोरी हो गये थे उस रविन्द्र सिंह सिपाही ने एक बिल्डर दुष्यंत मेहता के साथ मिल कर एक दम्पत्ति को ५० लाख की सम्पत्ति २५ लाख में बेचने के लियें धमकाया और इस मामल की शिकायत जब पुलिस थाने पहुंची तो कोई कार्यवाही नहीं हुई लेकिन यह कार्यवाही जब फरियादी कोटा पुलिस रेंज के आई जी राजीव कुमार दासोत के पास पहुंचा तो राजीव दासोत ने इसे गम्भीरता से लिया और तुरंत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही के निर्देश दिए बस फिर क्या था कोटा पुलिस हरकत में आई और पुलिस के हमजोली बने इस बिल्डर दुष्यंत मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया अब पुलिस अपने ही महकमे के दादागिरी करने वाले पुलिस कर्मी रविन्द्र मलिक की तलाश कर रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में पालिका अध्यक्षों को अब मजबूती

राजथान में नये नगर पालिका कानून में धरा ५३ के प्रावधानों के तहत नोग्र पालिका अध्यक्षों और महापोर को पार्षदों द्वारा बहुमत के आधार पर मिल कर अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाने का लोकतान्त्रिक प्रावधान रखा गया था लेकिन दूसरा प्रावधान खुद सरकार ने रखा था जिसमे अध्यक्षों को सीधे जनता द्वारा चुना जाना हे अब जयपुर सहित कई निगमों और पालिकाओं में स्थिति कोंग्रेस के लियें दयनीय थी वहां अध्यक्ष तो कोंग्रेस के थे लेकिन पार्षदों का बहुमत भाजपा का था इससे कोंग्रेस को यह डर था के भाजपा के लोग कहीं उनकी महापोर या अध्यक्ष को ना हटा दें बस इसी लियें अब कोंग्रेस सरकार ने भूल सुधार की हे और पालिका कानून में संशोधन प्रक्रिया के तहत अब अध्यक्षों को अविश्वाश प्रस्ताव के जरिये हटाने का प्रावधान हटा दिया गया हे नये संशोधन में अब केवल सराकर ही ऐसे अध्यक्षों को विधि अनुसार हटाने के लियें अधिक्रत हे , राजस्थान में इस अव्यवस्था के चलते जयपुर सहित कई शहरं में नगर निगम और पालिकाओं का काम रुका पढ़ा था और समितियों का गठन तक नहीं हुआ था लेकिन अब शायद कोंग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधि बिना किसी डर खोफ के काम कर सकेंगे वेसे सरकार ने यह संशोधन अभी विधान सभा के नियमों के तहत मंजूर नहीं करवाए हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़

देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में सरकार की लीपा पोती को सुप्रीम कोर्ट ने पकड़ लिया हे स्थिति यह हे के इस मामले में एफ आई आर की भाषा जिसमें आभियुक्तों के नाम नहीं और फिर हाल ही में जारी जाँच में सी बी आई द्वारा पूर्व संचार मंत्री ऐ राजा से कोई पूंछ तांछ नहीं करना कोंग्रेस और सहयोगी दलों को कटघरे में खड़ा करने के लियें काफी हे , बस इसी दिल पोल को सुप्रीम कोर्ट ने पकड़ कर उजागर किया हे और सवाल खड़े किये हें के आखिर इस मामले में देरी और लीपापोती के पीछे सरकार का मकसद किया हे पहले प्रधान मंत्री द्वारा इस शिकायत को दो वर्ष तक दबाये रखना और फिर इस मामले में जनता और देश को गुमराह कर घोटाले को बचाने की साजिश करना इन सब की पोल खुली किताब की तरह खुलने के बाद भी कोंग्रेस बेशर्मी से अपने नेताओं को ईमानदार बता कर क्लीन चिट दे रही हे तो थू हे ऐसी राजनीति पर और गर्व हे मेरे इस महान देश पर जो ऐसे भ्रष्ट नेताओं के बाद भी अपनी एकता अखंडता के साथ खड़ा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुर्सी के लियें बच्चों को बाहर निकाला

कहावत हे के लोग बच्चों के लियें कुर्सी ही क्या दुनिया गँवा देते हें लेकिन इन दिनों भाजपा में कुर्सी पकड़ नेताओं ने इस मामले में नये मापदंड तय किये हें । कर्नाटक के मुख्यमंत्री जिनके खिलाफ भूमि घोटाले के प्रमाणित आरोप हें और भाजपा हाई कमान ने इस मामले में पुष्टि करने के बाद येदियुरप्पा से मुख्य मंत्री की कुर्सी छोड़ने की कहा था लेकिन येदियुरप्पा ने भाजपा की अनुशासन हीनता की वरिष्ट नेताओं को अनूठा दिखाया और फिर जनता को भुलावे में रखने के लियें हर कम में लगातार दखल देने वाले बेटे और बेटी को अपने सरकारी बंगले से नकालने की घ्श्ना की उन्होंने अधिकारियों को सावचेत किया के कोई भी काम बेटे बेटी कहें तो उनसे पूंछे बगेर नहीं किया जाए । कुर्सी का यह तमाशा जनता भी जानती हे सरकार भी जानती हे कोंग्रेस और भाजपा भी जानती हे लेकिन इन दिनों कोंग्रेस को खुद की पढ़ी हे पहले महाराष्ट्र फिर टू जी स्पेक्ट्रम फिर हाउसिंग घोटाला यानि घोटाले ही घोटाले तो ऐसे में बेचारी कोंग्रेस सरकार क्या बोले इधर भाजपा हे के कोंग्रेस को ब्लेकमेल कर रही हे और आज देश में हालात ऐसे बन गये हें के तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ फिर देश चाहे जाए भाड़ में तो जनाब येदियुरप्पा का कुर्सी बचाने का टोटका जिसमें केवले बच्चों को दिखावे के तोर पर बहर का रास्ता दिखा दिया काम आया और आज वोह फिर से कुर्सी पर काबिज़ हे भाजपा हाई कमान भी अपना अपमान करा कर खुश हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रेम की पीड़ा ...

प्रेम की पीड़ा
और इश्क की सियासत
मिल कर जब
चिन्तन करते हें
यह चिन्तन
और इसका रस रंग
जब
संगीत में
ढला करते हें
तब इन सब के
मिलन को हम
गजल और कविता
कहा करते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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