आपका-अख्तर खान

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30 नवंबर 2010

अतिक्रमण बस्तियों के मामले में भाजपा सरकार के सामने

कोटा में सरकार के मंत्रियों ने गरीब आय वर्ग के लोगों और पल्लेदारों ,हम्मालों के लियें नई आवास योजना लागु करी हे इसके लियें नगर विकास न्यास कोटा ने आवेदन पत्रों की बिक्री भी शुरू कर दी हे पहले प्रत्येक आवेदन शुल्क पर तीन हजार जजिया कर प्रशासनिक कर के रूप में लेने का मानस बनाया था जिसे जनता का विरोध देख कर खत्म कर दिया गया अब नगर विकास न्यास की जो आवास योजना हे वोह कन्सुआ प्रेमनगर कोटा में प्रेम नगर कच्ची बस्ती हटा कर बनाया जाना प्रस्तावित हे इस मामले में न्यास के अधिकारी बस्ती को दूसरी जगह हटाने की योजनाओं में जुट गये हें बस इसी लियें मुकामी लाडपुरा विधान सभा इलाके के विधायक भवानी सिंह राजावत बस्ती को उजाड़ने के खिलाफ सडकों पर आ गये हें कल हजारों बस्तीवासियों की उपस्थिति में विधायक भवानी सिंह राजावत ने राजस्थान सरकार और कोटा के न्यास अधिकारीयों को चेतावनी दी हे के वोह इस बस्ती को किसी भी सुरत में उजाड़ नहीं सकते उन्होंने बस्ती वासियों से कहा के कोई भी अधिकारी अगर बस्ती में नाप तोल करने आता हे तो उसे पकड़ कर खम्बे से बांध दो बस्ती वासियों ने इस मामले में राजावत की बात का समर्थन किया वेसे तो राजस्थान सरकार के कानून के मुताबिक अवेध बस्तियों को हटाने का विरोध करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान हे और इस मामले में जो भी सरकार के खिलाफ आता हे वोह पार्षद हो या फिर विधयक हो उसे बर्खास्त करने के अधिकार राज्यपाल महोदय के पास सुरक्षित हें कोटा के इस बस्ती के मामले में विधायक भवानी सिंह का कहना हे के जब वोह संसदीय सचिव थे तब भी न्यास ने इस योजना को उनके सामने पेश किया था लेकिन उन्होंने इस योजना को बस्ती उजाड़ने की शर्त पर मंजूर नहीं किया उनका कहना हे के अगर किसी गरीब के लियें कोई योजना लाना हे तो सरकार के पास बहुत जमीन पढ़ी हे किसी गरीब को उजाड़ के महंगे दामों में किसी गरीब को बसाना कहां का इन्साफ हे कोटा में अब देखते हे कोंग्रेस सरकार प्रशासन और भाजपा के इस विधायक की चेतावनी के बाद ऊंट किस करवं ट बेठता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजिव दीक्षित के साथ ही स्वदेशी आन्दोलन का अंत

देश में बढ़े बढ़े नेताओं के भ्र्स्ताचारों की पोल खोलने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का एक बढ़ा आन्दोलन खड़ा करने वाले राजिव दीक्षित का दुखद निधन हो गया हे और उनके निधन के साथ ही देश में स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री लागु करना देश से भ्रस्ताचार खत्म करना फिर से कोसों दूर चला गया हे । राजिव दीक्षित जिन्होंने अपने अल्प समय में विश्व स्तर और देश की स्थिति और इसके कारणों के मामले में गहन अध्ययन किया था उनके पास देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमन्त्री और अमीर से लेकर गरीब तक के आंकड़े थे वोह चाहते थे के देश स्वावलम्बी बने इसके लियें देश में उत्पादित वस्तुओं की खरीद फरोख्त पर जोर देने के लिए उन्होंने एक राष्ट्र व्यापी आन्दोलन चलाया कई बार वोह कोटा में भी आये उनसे कोटा अभिभाषक परिषद में और फिर प्रेस क्लब कोटा में कोटा यात्राओं के दोरान कई बार मुलकात हुई लगता ही नहीं था के साधारण से दिखने वाले इस व्यक्ति के दिमाग के कम्प्यूटर में देश के ही नहीं विश्व के सभी आंकड़े जमा हे किसी भी मामले पर धरा प्रवाह और पुख्ता जानकारी के साथ जब वोह बोलते थे तो लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते थे लेकिन अब ऐसे शक्सियत हमारे बीच नहीं हे अचानक प्रक्रति के क्रूर हाथों ने उन्हें हमसे छीन लिया हे इश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके परिजनों उनके समर्थकों को इस दुःख की घड़ी में हिम्मत दे साथ ही इश्वर से यह भी कामना हे के इश्वर देश को जल्दी ही भ्रस्ताचार के खिलाफ अलख जगाने के लियें एक और राजीव दीक्षित दे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चूहा मिला दही बेचने की सजा बस लाइसेसं निलम्बन

दोस्तों क्या आप को यकीन होगा के आपके देश में कोई व्यक्ति आम जनता को खुलेआम मरे हुए चूहों का दही बेचते पकड़ा अजय उसकी जांच प्रयोगशाला से भी लोगों के स्वास्थ्य के लियें हानिकारक आये और फिर भी देश के उस व्यापारी की सजा केवल और केवल लाइसेंस निलम्बित होना हो और वोह भी लाइसेंस जो उसने रिनिव ही नहीं करवाया हे , जी हाँ कोटा में कुछ दिनों पहले म़ोत के सोदागारों को रंगे हाथों मरे हुए चूहों वाला दही जनता को बेचते पकड़ा गया था पकड़ने वाला सरकारी अमला था और सरकार भी शुद्ध के लियें युद्ध का नारा देने वाली थी लेकिन अधिकारीयों ने एक माह तक तो सभी सबूतों के बाद भी जांच की और अब इस दही को जनता के स्वास्थ्य के लियें हानिकारक माना गया हे बस इसलियें कोटा विज्ञान नगर की इस डेयरी संचालक का लाइसेंस निरस्त किया गया हे अब तक सरकार ने इन जनाब के खिलाफ राजनितिक दबाव के चलते ना तो फोजदारी प्रकरण दर्ज किया हे और ना ही खाध्य अपम्मिश्रण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई कार्यवाही की गयी हे कोटा में इस मामले की जाँच के लियें निरीक्षक और अधिकारी नहीं हे कानून तो बना हे कानून में न्यूनतम सजा ६ माह रखी गयी हे लेकिन म्रत्यु दंड का प्रावधान नहीं हे कोटा में होटल और दुसरे खाध्य पदार्थ विक्रेताओं को अगर इस अधिनियम प्रावधानों के तहत खंगाला जाए तो यहाँ एक भी व्यापारी सजा से नहीं बच सकता लेकिन सिर्फ जनता को जहर बेचने और खिलाने की इन व्यापारियों को खुली छुट इसलियें हें के यह सभी व्यापारी किसी ना किसी राजनितिक पार्टी के आर्थिक मददगार और वोट बेंक हें और इसीलियें बस सरकार की सोच हे हमें वोट चाहियें फिर जनता जाए चाहे भाड़ में । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिमाग हिलाने वाला भ्रस्ताचार

अपने घरों और दफ्तरों में समाज से कोसों दूर एयर कंडीशन में रहने वाले जजों ने देश में निरंतर फेल रहे भ्रटाचार के रहस्योघाटन पर तिप्प्प्नी करते हुए चिंता जताई हे और अपने ही अंदाज़ में खुली अदालत में उनके मुख से निकल गया के देश में यह सब दिमाग हिला देने वाला भ्रष्टाचार हे , देश में शीर्ष पदों पर बेठे लोगों की यह चिंता इस बात का सबूत हे के अब देश में पाप का घडा भरने लगा हे और पापी का सर्वस्व नाश होने वाला हे देश का बच्चा बच्चा और बुढा बुढा यह जनता हे के देश की हर आह हर वाह हर साँस हर धडकन में भ्रस्ताचार रम गया हे , हाल ही में संचार घोटाले में जांच से सरकार भाग रही हे विपक्ष हे के जे पी सी की मांग पर संसद चलने नहीं दे रहा हे देश की संसद १४ दिन से निरुत्तर हे अरबों रूपये इस संचालन में बेकार चले गये हें , देश में चल रहे इन हालातों पर अब तो हमें शर्म आना और अफ़सोस होना अभी बंद हो गया हे क्योंकि देश के नेताओं और अधिकारियो के इयें यह रोज़ की बात हो गयी हे पहले भ्रस्ताचार में पकड़ा जाना फिर आराम से छुट जाना बस यही इस देश का भविष्य बनता जा रहा हे , हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के दोरान देश के काला धन के मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करना थी लेकिन सरकार की बदनीयती देखिये बंद लिफाफे में बिना किसी अधिकारी के हस्ताक्षर के यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का दुस्साहस कर डाला सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को बिना हस्ताक्षर से लेने से इंकार किया तब जनता को सरकार की इस कारस्तानी का पता चला हे आखिर सरकार का क्या वोह तो आती हे जाती हे उसके लियें देश देश की सुख शान्ति देश की तरक्की और देश का नाम कोई अहमियत नहीं रखता वस उसे तो गठबंधन हो चाहे खरीद फरोख्त हो चाहे देश को बर्बाद करने वाले समझोते हो कुर्सी पर केसे ना केसे बने रहना हे और यही इस देश के मुख पर कालिख पोत रहा हे आज सुबह सवेरे अआप और हम मिलकर इस देश की खुशहाली , भ्रस्ताचार से मुक्ति, तरक्की और भाईचारे सद्भावना के सुरक्षित माहोल की दुआ करे इश्वर इसे पूरा करे इसी दुआ के साथ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के सिक्के अब और छोटे होंगे

देश में एक ,दो रूपये और आठ आने के सिक्के वर्तमान साइज़ से छोटे होंगे , वित्त मंत्री नमोनारायण मीना ने बताया के वर्तमान सिक्के बढ़े हें और महंगे पढ़ते हें लेकिन अब लागत कम आये इसलियें सिक्के छोटे बनाये जायेंगे , देश में इन दिनों रूपये ,दो रूपये के सिक्कों का अकाल पढ़ा हे और खरीद फरोख्त और बाज़ार भाव तो एक दो और आठ आने के मामले में अब चलता ही नहीं , यही वजह हे के बाज़ार में अचानक मूल्यों में व्रद्धी हुई हे केवल भगवान के नाम पर लेने और देने वालों के बीच का ही यह रिश्ता रहा हे । देश में सिक्के बनाने का अलग से कानून बना हे जिसमे किस धातु का उपयोग किया जाएगा और किस धातु का कितना वजन रखा जाएगा इस का निर्धारण इस कानून के तहत किया जाना होता हे और सिक्कों के विनिर्माण में सोने से घडायी महंगी की तर्ज़ पर ही सिक्के महंगे बन रहे हें साथ ही आदमी को जेब और पर्स में रखना भी भरी होता हे लेकिन सरकार हे के नोटों से अधिक सिक्कों के निर्माण पर जोर देती हे क्योंकि सिक्के महंगे बनते हें और सस्ते में चलते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

छछूंदर के सर में चमेली का तेल

आज जब में घर पर आया और चुपचाप ब्लॉग लिखने लगा तो मेरी खतरनाक सबसे खतरनाक बीवी गर्म पानी लेकर आई उसमे खोपरे के तेल का डिब्बा डाला और जब तेल पिघल गया तो उसमे से तेल निकाल कर मेरे सर में लगाना शुरू किया अचानक इस सेवाभाव से में अचरज में आ गया मेने कहा के छछूंदर के सर में चमेली का अटल क्यूँ डाल रही हो तो उसने कहा के छुए के सर में घांसलेट का तेल हे मेंफिर भी नहीं समझा और खामश अपना काम करता रहा क्यंकि आज जब मेरी बेटी स्कुल से गोल्ड मेडल लेखन में लेकर आई तो में ख़ुशी से फुला नहीं समाया था मेरी बेटी सदफ अभी फर्स्ट क्लास में हे जबकि निनथ में पढने वाली बेटी जवेरिया ने जब खाना पानी के गिलास के साथ घर में खाने के लियें निकल कर रखा और मेरी कर आते ही मुझे देखने और दरवाज़ा खोलने बाहर आ गयी जब वोह अंदर पहुंची तो कमरे से रोटी और गिलास गायब था में जम कमरे में गया तो मेने देखा के मेरी बेटी जवेरिया इधर उधर बदहवास सी कुछ ढूंढ़ रही थी मेने कहा क्या हुआ तो उसने कहा के पापा आभी मेने रोटी और पानी का ग्लास यहाँ रखा था शायद गिलास और रोटी चुहिया ले गयी मेरी बेटी जवेरिया की इस बात पर जब मुझे हंसी आई तो वोह झेंप गयी लेकिन सवाल था के रोटी और गिलास आखिर गया कहां हुआ यूँ के जब बिटिया मुझे देखने और दरवाज़ा खोलने बाहर आई तो नहा कर बाहर निकली श्रीमती जी ने बाहर खाना और पानी देख कर सोचा के कोई रखना भूल गया इसलिए उन्होंने रोटी और पानी का गिलास वहां से हटा दिया तो जनाब यह तो हुई मेरी बेटी की बेवकूफी भरी बात लेकिन सर में तेल दल कर मक्खन लगाने के पीछे हमारी श्रीमती जी का राज़ समझ में आया जब उन्होंने जयपुर हमारी बड सास और साडू के हज से आने पर उनसे मिलने जयपुर जाने की फरमाइश की तब मेरी समझ में आया के छछूंदर के सर में चमेली का तेल क्यूँ डाला जा रहा हे ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान की राजधानी जयपुर में शीघ्र ही कमिश्नर प्रणाली

राजस्थान की राजधानी जयपुर में शीघ्र ही कमिश्नर प्रणाली लागू होने वाली हे पिछले बजट में इस व्यवस्था को लागू करने की घोषणा की गयी थी , जयपुर में वर्तमान में आई जी प्रणाली ही लागू हे लेकिन अन्य मेट्रोपोलिटन सीटियो की तरह जयपुर में सरकार कमिश्नर प्रणाली लागू करना चाहती हे इस मामले में गृह मंत्रालय ने सभी ओप्चारिक्ताएं पूरी कर ली हें और निकट भविष्य में कभी भी इसे लागू किया जा सकता हे , प्रारम्भिक त्य्यारियों के तहत जयपुर में एक कमिश्नर होगा जो आई पी सी , सी आर पी सी , सहित अन्य लोकल कानूनों में से लगभग तीस कानूनों की क्रियानाविती करेगा इस कमिश्नर व्यवस्था को राजनीती से अलग थलग रखा गया हे लेक्निं अगला कमिश्नर कोन होगा इसको लेकर जयपुर में भाग दोड शुरू हो गयी हे मुख्यमंत्री खुद के वफादार को इस पद चाहते हे फिर चाहे वोह अधिकारी कार गुजारियों में कितना ही निखट्टू क्यूँ ना हो इस पद के लियें जोधपुर के या जयपुर के आई जी में से भी कोई एक अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता हे लेकिन फिलहाल गृह मत्रालय ने कमिश्नर प्रणाली शीघ्र ही लागू करने के सभी प्रयासों को अंतिम रूप दे दिया हे और किसी भी क्षण जयपुर में इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में अतिक्रमण के लियें अब सेक्टर निरीक्षक ज़िम्मेदार

कोटा में नगर निगम ने अब अतिक्रमण कारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया हे नगर निगम ने अब अतिक्रमण ओकने के इयें नये नियम बना कर इस मामले में प्रतिमाह इलाके के सेक्टर निरीक्षक और जूनियर इंजिनियर को इस मामले का ज़िम्मेदार बताया हे नये नियमों में अब हर माह निरीक्षक सेक्टर प्रभारी और इंजीनियर एक रिपोर्ट तय्यार करेंगे और उनके इआके में कोई अतिक्रमण नहीं हुआ हे इसका प्रमाण पत्र देंगे अगर इसके बाद अतिक्रमण इलाके में पाया जाता हे तो इसकी ज़िम्मेदारी अतिक्र्म्नकारी के साथ साथ इन लोगों की भी होगी । कोटा में भू माफियाओं ने अतिक्रमण का नया धंधा बनाया हे यह लोग अतिक्रमण करवाकर इन लोगों को पत्ते दें की मनाग करते हें और फिर पुनर्वास के नाम पर करोड़ों का खेल खेलते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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