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03 दिसंबर 2010

राजस्थान में कोंग्रेस सरकार की असफलता के दो साल

राजस्थान में कोंग्रेस के शासन के १३ दिसम्बर को दो साल हो जायेंगे में एक कोंग्रेसी और कट्टर कोंग्रेसी वोटर हूँ आप जानते हें और को ठोर नहीं तो में और मेरे भये कोंग्रेस से जायेंगे भी कहां लेकिन भाइयों में कोंग्रेसी के साथ एक आज़ाद पंछी और एक सच बोलने सच लिखने वाला प्राणी हूँ और इसीलियें मुझे देश के सवा अर्ब लोग नापसंद करते हें , में एक सच राजस्थान सरकार के दो साल के बारे में भी बयान कर रहा हूँ आप जानते हें सी पी जोप्शी एक वोट से हरने के बाद भी मुख्यमंत्री की दोड में थे लेकिन अशोक गहलोत ने किरोड़ी मीना के दम पर जोशी को पटकनी दी और राजस्थान में ही नहीं बलके पुरे देश और विश्व में पहली बार गोलमा जेसे लोगों को बहुमत के लियें मंत्री बनाना मजबूरी बनी ,गोलमा जिनके पति डोक्टर किरोड़ी रोज़ कोंग्रेस के लियें मुसीबत पैदा करते हें और फिर सरकार में बेठी मंत्री गोलमा सरकार के खिलाफ उनकी मदद करती हे जनता हंसती हे गोलमा इस्तीफा देती हे लेकिन लंगड़ी सरकार उन इस्तीफा भी स्वीकार नहीं कर सकती ऐसे ही कई विरोधाभासी विचारधारा वाले लोग कोंग्रेस की इस सरकार में शामिल हुए । सरकार ने जनता के लियें तो अभी तक कुछ खास नहीं किया लेकिन आश्वासनों के बाद आश्वासन वक्त पर पूरा नहीं करने के कारण डॉक्टरों , मास्टर,वकीलों की बड़ी हडताल झेलना पढ़ी सरकारं ने एक आयोग नुमा माथुर समिति बनाई जिसकों वसुंधरा सरकार के भ्रस्ताचार की जाँच करना थी वसुंधरा की जाँच तो नहीं हुई खुद इस माथुर समिति की है कोर्ट ने जाँच शुरू कर दी और फिर आयोग बेनतीजा गायब हो गया , सरकार ने गुर्जरों को संविधान के खिलाफ आरक्षण का कानून बनाया और फिर हाईकोर्ट ने इसे गलत करार दिया सरकार ने निकायों में नो जवानों को वोटर बनाने की बात खी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे रोक दिया तो कुल मिलाकर भाई सरकार ने सिर्फ निकाय,पंचायत,लोकसभा चुनाव करवाए मजे करे, ट्रांसफर करे और बस अखबारी घोषणाएं की हड़तालें करवाई लोगों के लट्ठ दिए लेकिन काम कुछ नहीं किया खास कर अल्पसंख्यकों को तो बस इस सरकार ने आयना ही दिखा दिया राजस्थान में अल्प संख्यक आयोग जो संवेधानिक हे दो वर्षों से खाली पढ़ा हे , मदरसा बोर्ड किसी को नियुक्त नहीं किया , वक्फ बोर्ड अल्प मत में था लेकिन जुलाई में कार्यकाल खत्म हुआ तब से आज तक कोई नियुक्त नहीं हुआ , हज कमेटी में कोई नियुक्ति नहीं मेवात बोर्ड , अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम खाली हे तो जनाब थोक में वोट लेकर सरकार में आई कोंग्रेसे ने दो वर्षों में मुसलमानों को ना तो इन्साफ दिया ना ही उन्हें कोई पद दिए अब सरकार १३ दिसम्बर को याने दो वर्षों के कार्यकाल में उसने क्या कुछ किया हे इसके लियें एक निजी टी वी चेनल के जरिये कुछ विज्ञापन तय्यार किये जा रहे हें कुछ लोग बुलाये गये हें जो राजस्थान की गलत विकास की तस्वीर बताएं कुल मिला कर सरकार ने और दुसरे पदों पर भी किसी की नियुक्ति नहीं की मंत्री जितने भी हे सब बे लगाम रहे कोंग्रेस में झगड़े फसाद रहे कोटा में तो मुख्यमंत्री के सामने ही मंत्री भरत सिंह ने शांति धारीवाल को बुरा भला कह डाला हाडोती में बारां में अश्क अली टाक सांसद का मुंह काला करने वाले लोग मंत्री बने हें जबकि कोटा में डंके की चोट पर कोंग्रेस के बहुमत के बाद भी कोंग्रेस के टिकिट पर जिला प्रमुख का चुनाव लड़े नईमुद्दीन गुड्डू को हराने वाले मंत्री भरत सिंह और उनके समर्थक आज भी कोंग्रेस में ना फ़रमानी कर रहे हें तो जनाब यह कोंग्रेस के दो साल हें जहां दूर दूर तक झाँकने पर भी कोई उपलब्धी या जन हित का काम नजर नहीं आता हे आपकी क्या राय हे हो सकता हे में ग़लत हूँ लेकिन अगर कोंग्रेस ने दो वर्शन में कुछ किया हे और अगर आपकी जानकारी में हे तो लिज़ बताओं ना में भूल सुधर लूंगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में चिकत्सा शुल्क वसूली मामले में कोंग्रेस में मतभेद

कोटा में चिकित्सा मामले में दस से बीस रूपये तक की प्रति मरीज़ चोट वसूली से भाजपा भडक गयी हे कल भाजपा ने इस मामले में विरोध जताते हूँ आन्दोलन किया पूर्व में भाजपा सरकार के कल में जब इस तरह की वसूली के प्रयास किये थे तो कोंग्रेस ने भाजपा पर कफन चोर का आरोप लगा कर आन्दोलन किया था और भाजपा को येह वसूली वापस लेना पढ़ी थी अब कोंग्रेस शासन में हे और भाजपा फिर से विपक्ष में हे इसलियें कोंग्रेस ने अब वापस वही वसूली शुरू की हे तो भाजपा का भडकना जरूरी हे लेकिन बेशर्म कोंग्रेसी नेता ऐसे हें के अब खुद के विरोध को तो भूल गये और भाजपा को पाठ पढ़ा रहे हें इस मामले में कोग्रेस दो फाड़ हो गयी हे कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोटा आगमन पर कोंग्रेस के नेता डोक्टर इकराम ने अस्पताल में इस तरह की वसूली का विरोध करते हुए इसे रुकवाने की मांग की मुख्यमंत्री जी ने इस मामले में कोटा कलेक्टर से जब सवाल किया तो उन्होंने अस्पताल में सफाई के रूपये के लाले पढने की बात कही अब देखिये कुशल प्रशासन , पारदर्शिता वाली इस संवेदनशील सरकार के कार्यकाल में अस्पताल के संचालन और सफाई के लियें भी बजट नहीं हे इसीलियें अधिकारीयों को प्रावधानों के खिलाफ यह लुट खसोट करना पढ़ रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाडोती में देश भर के डोक्टर एकत्रित होंगे

कोटा में अगले सप्ताह देश भर के विशेषग्य डोक्टर पेट सहित दूसरी बिमारियों के सस्ते निदान के लियें एकत्रित होकर विचार विमर्श करेंगे कोटा में इस मामले में मेडिकल कोलेज में जो ओपरेशन होंगे वोह सीधा सभा स्थल मेडिकल कोलेज के ऑडिटोरियम जो ६ किलोमीटर दूर हें वहां टेलीकास्ट किया जाएगा । कोटा में इस कार्यक्रम के पूर्व चिकित्सकों का आम जनता के साथ व्यवहार केसा हो इसके लियें उन्हें प्रशिक्षित किया गया डॉक्टर विजय सरदाना ने इस मामले में अपने भाषण में चिकित्सको को खरी खोटी सुनते हुए सवाल किया के सोचो के जब हम अस्पताल में तेनात हों मरीज़ तडपता हुआ आये उसके परिजन हम से तुरंत इलाज के लियें मिन्नतें करें और हम दुसरे गेर जरूरी कामों में टाइम खराब करते रहें तो फिर जब मरीज़ की तबियत बिगड़ेगी तो फिर ऐसे चिकित्सकों के साथ मर पिटाई नहीं होगी तो क्या होगा उन्होंने सवाल किया के हम इस स्थिति में हों तो फिर बताओ ऐसे गेर ज़िम्मेदार चिकित्सक के साथ हमारा क्या सुलूक रहेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुख्यंत्री जी भाषण दे रहे हें और इंजीनियर साहब बतिया रहे हें

राजस्थान में अफसर शाही की अनुशासन हीनता की हद इस कदर बढ़ गयी हे के जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी प्रशासन गांवों की ओर शिविर में बोलते हें तो यह इंजीनियर साहब एक दुसरे से बतियाते रहते हें मुख्यमंत्री जी देखते हे सांकेतिक भाषा में चुप कर भाषण सुनने का संकेत देते हें लेकिन इंजीनियर साहब हे के जब जनता जनार्दन की नहीं सुनते तो जनता द्वारा निर्वाचित जनता के लियें काम करने वाले इन जनता के नोकरों की वोह क्यूँ सुनेंगे इन जनाब ने जब नहीं सुनी तो उख्यम्न्त्री जी को गुस्सा आना लाज़मी था ओर बस झालावाड जिले की डग विधानसभा इलाके में मुख्यमंत्री जी ने इन इंजीनियर साहब को लताड़ पिला डाली सभा में खड़ा कर दिया गया , बस इन बदतमीज़ इंजीनियर के लियें इतनी सी ही सजा थी अब मुक्यमंत्री जी की सभा में इस तरह का रवय्या रखने वाले इंजीनियर साहब का जब कुछ नहीं बिगड़ेगा तो फिर इनका होसला तो बढना वाजिब हे ही सही अब राम्स्यल इंजीनियर जी शेखियां बघार रहे हें के मुख्यमंत्री जी ने उनका क्या अबिगद लिया । मुख्यमत्री जी कोटा सम्भाग के अचानक दोरे पर आये थे ओर उन्होंने गांवों में खेती की ज़मीं पर निरंतर आने जाने के विवादों को बढ़ता हुआ देख कर इस मामले में कानून बनाने की बात कही हे उन्होंने व्र्द्धाव्स्था पेंशन शीघ्र निपटने ओर व्र्द्धों को शीघ्र न्याय देने पर भी जोर दिया हे । अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के वकीलों की जय हो

कोटा के वकीलों की जय हो क्योंकि उन्होंने काफी लम्बे वक्त से चल रहे आन्दोलन के बाद अपनी मनागों में से काफी मानगे जनहित में मंजूर करवा ली हें मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत ने कोटा के वकीलों से जो वायदे किये थे उनमे से कोटा के वकीलों को एडवोकेट कोलोनी देने पर सहमती जता दी हे जबकि कोटा सम्भाग में राजस्थान उपभोक्ता फ़ोरम की बेंच स्थापित कर इसे कोटा में २४ दिसम्बर से संचालित करने की घोषणा कर दी हे । कोटा में वकील हाडोती की जनता के साथ सुनाई मामले में अदालतों और ट्रिब्यूनल का विकेंद्रिक्र्ण कर कोटा में भी राज्य स्तरीय मामलों की सुनवाई की मांग करते रहे हें और इसी कर्म में कई वर्षों से आन्दोलन चल रहा हे आन्दोलन कभी नर्म तो कभी गर्म भी हुआ हे आश्वासन की लोलिपोपों से जनता ओर कोटा के वकील दुखी हो चले थे इसलियें वकीलों ने जनहित में चलाये जा रहे इस आन्दोलन को आर पार की लड़ाई का रूप दिया और सरकार ने जो वायदा एक साल पहले किया था उसे अब कहीं जाकर पूरा करने की पहल करते हुए कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम के राजस स्तरीय सर्किट बेंच खोलने की घोषणा की गयी हे साथ ही कोटा के वकीलों को आवासीय कोलोनी के लियें भी पलट देने की घोषणा कर दी गयी हे अब हाईकोर्ट की मांग हे जिसके प्रयास चल रहे हें जबकि राजस्व मंडल की डबल बेंच के लियें मुख्यमंत्री जी से मिलवाने के लियें कोटा के विधि मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने ७ दिसम्बर का समय निश्चित किया हे अब देखते हें के इस मांग के लियें मुख्यमंत्री जी क्या कदम उठाते हें और एक वर्ष पूर्व स्वीक्रत इस मांग को अब तक पूरी क्यूँ नहीं की इसका वोह क्या जवाब देते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऑर्डर ऑर्डर मुझे दुल्हन नहीं दहेज़ चाहिए

जी हाँ दोस्तों एक जज साहब ऐसे भी हें जो अपनी निजी जिंदगी में ऑर्डर ऑर्डर करके मुझे दुल्हन नहीं धज चाहिए का नारा लगाते हें और दहेज़ की मांग पूरी नहीं होने पर लडकी पक्ष को डराते धमकाते हें इससे भी जब बस नहीं चलता तो माइकल की तरह दारु पीकर दंगा मचाते हें । देश में कानून के रक्षक बने यह जज साहब मध्यप्रदेश के शिदोल में अर्जुन नगर में मजिस्ट्रेट हें और इनका नाम इदर सिंह जी हे यह जनाब मोनिका नाम की एक लडकी से शादी करने गये थे लेकिन अचानक दहेज़ नहीं तो दुल्हन नहीं की सनक सवार हो गयी और इन जनाब ने वधु पक्ष का जीना दुश्वार कर दिया दुल्हन मोनिका का रो रो कर बुरा हाल था कई बार इन जनाब को समझाया ग्याआआ लेकिन पहले तो यह जनाब शराबा पीकर सिगरट के काश खेंचते हुए घोड़ी पर बेठ कर आये और फिर जब दहेज़ की मनमानी मांग रखी तो लडकी पक्ष के लोगों के होश उढ़ गये उन्होंने काफी मिन्नतें की लेकिन जनाब जज साहब हें ऑर्डर ऑर्डर करने लगे बस फिर इन जज साहब की हरकतें जब बर्दाश्त से बाहर हो गयीं तो दुल्हन और उसके रिश्तेदारों का आम आदमी जाग उठा इन लोगों ने जो हुआ इसकी सुचना थाने में दी अब जज साहब जो दूसरों के फेसले करते हें खुद ही दहेज़ के मुकदमें में फंस गये हें और इनकी शिकायत हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से भी कर दी गयी हे एक आम इंसान क्या जागा के जज साहब की नोकरी के तो लेने देने ही पढ़ गये हें साथ ही अब उन्हें खुद को बचाने की मशक्कत करना पढ़ रही हे । तो जनाब आदमी किता ही बढा हो लेकिन पीड़ित पक्षकार के अंदर छुपा आम आदमी अगर जाग जाता हे तो बस फिर वोह सभी की वाट लगा अदालत हे इसलियें दोस्तों खुद अपने अंदर और पास पडोस के लोगों में आम आदमी को ज़िंदा रखने के प्रयास हम और आप करते रहें ताकि देश समाज से गंदगी धीरे धीरे दूर होते रहे और आदर्श समाज स्थापित हो सके। आखर खान अकेला कोटा राजस्थान
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