आपका-अख्तर खान

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10 दिसंबर 2010

चम्बल पुल हादसे में कोटा के इंजीनियर ने जो कहा वही सच निकला

कोटा में एक साल पहले २४ दिसम्बर को चम्बल पुल खूनी हादसे के लियें पुरे एक वर्ष की जाँच के बाद केंद्र और राजस्थान सरकार इस नतीजे पर पहुंची हे के इस पुल के निर्माण में लगी कम्पनी न आस्थो २००७ के नियमों सहित कई आवश्यक नियमों की पालना नहीं की हे , दोस्तों चम्बल पुल निर्माण के कार्य के चलते कोटा के इंजीनियर समाज सेवी रवि जेन इस मामले में मोके पर चम्बल पुल निर्माण के निरिक्षण के लियें जब पहुंचे तो उन्होंने इन अधिकारीयों और इंजीनियरों को चेताया के विधिक मानकों और मापदंडों के अनुरूप तुम कम नहीं कर रहे हो कोई भी हादसा हो सकता हे लेकिन इन कम्पनी वालों और इंजीनियरों ने इनकी एक नहीं सुनी , रवि जेन इंजीनियर ने इस मामले में अधिकारीयों को सूचित किया लेकिन किसी ने भी रवि जेन की शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया और अचानक इस चम्बल पुल हादसे ने कई दर्जन लोगों को म़ोत के घाट उतार दिया और करोड़ों अरबों के घाटे के साथ कोटा चम्बल पुल निर्माण कार्य वर्षों पीछे चला गया अब पुल टूटने के बाद जाँच की नोटंकी पर कई अधिकारीयों को लगाया गया करोड़ों रूपये खर्च किये गये लेकिन मामला वही जो इंजीनियर रवि जेन ने पुल निर्माण के दोरान उठाया था वही निकला और पुल हादसे के कारण अब जाकर सरकार की समझ में आये हें जो बात कोटा के समाज सेवक इंजीनियर ने चम्बल पुल के निर्माण कार्य के चलते चीख चीख कर कही थी वोह बात आज किया जाने और करोड़ों रूपये गवाने के बाद एक साल बाद देश की सरकार की समझ में आई हे हे ना मेरे देश की यह विडम्बना । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नोबेल पुरस्कार की खाली कुर्सी

विश्व में शान्ति और सद्भावना सहित अन्य अनुकरणीय कार्यों के लियें दिया जाने वाला अंतराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह कुर्सी खाली होने के कारण फीका रहा .नार्वे में दिए जाने वाले इस पुरस्कार समारोह में करीब ७४ साल बाद पहली बार खाली कुर्सी रही हे भारत सहित ५४ देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल थे , इस बार चीन ने बहिष्कार किया हे क्योंकि चीन के बागी नेता जो इन दिनों जेल में बंद हें उस जीयु जियाको को इस पुरस्कार के लियें चयनित किया गया था और इसी लियें चीन का प्रतिनिधि तो नहीं आया चीन ने इस बागी नेता के रिश्तेदारों को भी पुरस्कार लेने आने की इजाजत नहीं दी ।
देश के इस सर्वोच्च सम्मान की कुर्सी खाली रहना अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बनाये जाने वाले मानवाधिकार दिवसों और दुसरे दिवसों पर तो सवाल खड़ा करता ही हे साथ ही संयुक्त राष्ट्र महा संघ के प्रबन्धन को भी शर्मसार करता हे वेसे विश्व के सभी देशों के रुपयों पर मजे करने वाली इस संस्था का इराक और अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका के नरसंहार के बाद कोई ओचित्य भी नहीं रहा हे इसलियें इस संस्था को खत्म कर देना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के नाकामयाबी के दो साल भाजपा गिनाएगी

राजस्थान में कोंग्रेस सरकार के दो साल १३ दिसम्बर मल मॉस के दिनों में पुरे हो रहे हें इस दोरान कोंग्रेस को तो उनकी उपलब्धी गिनाने के लियें कोई नहीं मिला लेकिन कोटा और हाडोती की भाजपा ने १३ दिसम्बर को कलेक्ट्री पर एक विराट प्रदर्शन कर राजथान सरकार की नाकामयाबी गिनाने की ठान ली हे ।
कोटा दक्षिण के भाजपा विधायक और पूर्व सरकार में संसदीय सचिव ओम बिरला भाजपा के इस प्रदर्शन का नेत्रत्व कर रहे हें ओम बिरला सहित भाजपा के कई लोगों ने कोंग्रेस के दो साल टांय टांय फिस का नारा देते हुए एक लम्बी फहरिस्त तय्यार की हे जिसे वोह कलेक्ट्रेट मंच पर सार्वजनिक करेंगे वेसे कोटा भाजपा का गढ़ हे और कोटा में पिछले दो साल में कोंग्रेस के दो केबिनेट मंत्री होने के बाद भी कुछ ख़ास नहीं हुआ हे अभी हाल ही में अंतिम दिनों में सरकार चोराहे सोंद्र्यीकरण की घोषणाएं करती रही हे कोंग्रेस के दो सालों में कोटा में वकीलों की सरकार की वादा खिलाफी के कारण हडताल रही तो आई आई टी सहित कई अन्य विभाग कोटा से बाहर जोधपुर और दुसरे स्थानों पर ले जाये गये यहाँ इन दो सालों में पुलिस के तीन ई जी बदले गये अपराध नियन्त्रण नहीं रह सका और लुट चोरी से जनता परेशान रही । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोन जज भ्रष्ट हे , यह पब्लिक हे सब जानती हे

देश में कोन जज कितना भर्स्ट हे और कोन कितना ईमानदार हे , यह पब्लिक हे सब जानती हे अंदर क्या हे बाहर क्या हे सब जानती हे जी हना यह किसी फ़िल्मी गाने की लाइन या डायलोग नहीं हे बलके देश की सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्प्नी हे जो उन्होंने देश की एक इलाहाबाद हाईकोर्ट की याचिका की सुनवाई के दोरान की हे ।
दोस्तों पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जज मार्कड काटजू पर श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा ने अपने एक फेसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़सलों में गंदगी और भ्रस्ताचार की बदबू देख कर सर पकड़ लिया था और टिप्पणी की थी के देश की कुछ न्यायालय आज अंकल सिड्रोम के दोर से गुजर रहे हें और इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील और जज के नापाक रिश्ते आम हो गये हें , सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज तिलमिला गये और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर इस टिप्पणी को निकालने की मांग की बस इस याचिका की सुनवाई के दोरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील साहब के तर्क सुन कर सुप्रीम कोर्ट के जज काटजू आप खो बेठे और कहने लगे के वकील साहब देश की जनता हे देश की पब्लिक हे सब जानती हे के कोन जज कितना भ्रष्ट हे उन्होंने कहा के इलाहाबाद के सभी जज भ्रष्ट नहीं हें लेकिन वहां क्या चल रहा हे सब जानते हें , जस्टिस काटजू ने कहा के अगर आज में भ्रष्ट हो जाऊँगा तो जनता को पता हे के कोन कितना भ्रष्ट हे , सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी हे कहने को तो यह महज़ एक फेसला हे लेकिन इस फेसले में देश का दुःख देश का दर्द देश की अस्त व्यस्त कानून व्यवस्था छुपी हे और जब इस दर्द से सुप्रीम कोर्ट के जजों की आत्मा कराह रही हे तो फिर आम जनता के दर्द का क्या आलम होगा कहते हें हर शाख पे भ्रष्ट बेठा हे अंजामे गुलिस्ता क्या होगा ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पूजा या नमाज़ कायम करो .....

जिसकी पूजा
या नमाज़ सच्ची
तो उसकी
जिंदगी अच्छी ,
जिसकी जिंदगी अच्छी
उसकी म़ोत अच्छी
जिसकी म़ोत अच्छी
उसकी आखेरत अच्छी
जिसकी आखेरत अच्छी
उसकी जन्नत पक्की
तो जनाब इसके लियें
करो पूजा या नमाज़ सच्ची ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के विधायक और सांसदों को मिले सुरक्षा कर्मी

राजस्थान में पिछले दिनों एक आदेश से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया सहित सभी विधायकों और सांसदों के सुरक्षा गार्ड हटा लिए गये थे और सरकार के इस निर्णय की सभी पार्टियों ने आलोचना की थी सरकार ने इस सुरक्षा को गेर जरूरी करार देते हुए कारण बताया था के इन कार्यों के लियें सरकार के पास सुरक्षा कर्मी नहीं हे अब सरकार ने अचानक बिना किसी मांग के सबी विधायकों को यह सुरक्षा उपलब्ध करने की घोषणा की हे । सरकार की इस घोषणा से सरकार को २०० विधायकों और २५ लोकसभा सदस्यों,६ राज्य सभा सदस्यों के लियें लगभग २३१ सुरक्षा कर्मियों की जरूरत पढ़ेगी जिसका खर्च एक करोड़ रूपये प्रतिमाह और १२ करोड़ रूपये प्रति वर्ष अलग से आयेगा ।
अब देश में यही सब कुछ हे जनता चाहे असुरक्षित रहे लेकिन आवश्यकता नहीं होने पर भी संसद और विधायकों को सुरक्षा कर्मी दिए जायेंगे राजस्थान में कलेक्टर , अतिरिक्त कलेक्टर ,उप जिला कलेक्टर , एस पी, आई जी , डी आई जी , डी जी सहित पुलिस और प्रशसं के छोटे बढ़े अधिकारीयों ने सुरक्षा कर्मी खुद के घर पर लगा रखे हें और अनावश्यक सरकार पर बोझ बना रखा हे और सरकार के करोड़ों रूपये प्रतिमाह का चुना लग रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चोर चोर मोसेरे भाई

देश में सबसे बढ़ा संचार घोटाला हुआ इस पर भाजपा का संसद में शोर शराबा हुआ और जे पी सी की मांग को कोंग्रेस लगातार तानाशाहों की तरह ठुकराती रही ऐसे घोटाले पहले भी हुए हें कोंग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री सुखराम के खिलाफ तो इस घोटाले में पकड़े जाने के बाद मुकदमा चला और सजा हुई , भाजपा शासन में ऐसे ही घोटालों में पूर्व मंत्री स्वर्गीय प्रमोद महाजन पर अरबों रूपये के आरोप लगे और फिर उनसे इस्तीफा लिया गया , भाजपा के ही अरुण शोरी को आरोपों के बाद पद से हटाया गया अब ऐ राजा इस भ्रस्ताचार की गिरफ्त में हे लेकिन देश के बढ़े उद्योगपति जो इस घोटाले में शामिल हें उन रतन जी टाटा ने सुप्रीम कोर्ट की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा हे के संचार घोटाले मामले की जाँच वर्ष २००१ से होना चहिये रतन टाटा ने ऐसा क्यूँ बयान दिया हे वेसे तो सब जानते हें लेकिन जब रतन टाटा ने गेर जरूरी तोर पर इस मामले में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिघ की वकालत की तो बात साफ़ हो गयी और सब जान गये के रतन टाटा ने यह बयान दिया नहीं बलके उनसे यह बयान किसी दबाव में दिलवाया गया हे ताकि भाजपा जे पी सी की मांग से बेकफुट पर आजाये और कोंग्रेस भाजपा चोर चोर मोसेरे भाई की तरह तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ की तर्ज़ पर खामोश हो जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

विश्व भ्रस्टाचार दिवस पर भी भ्रष्टाचार ही भ्रस्टाचार

दोस्तों विश्व भ्रस्टाचार दिवस के उपलक्ष में आप सबको बधाई , भ्रस्टाचार मामले में हमारा देश ७५ प्रतिशत त्रस्त हे और यहाँ का करीब २० लाख करोड़ रुपया विदेशों में जमा हे जो अब बढ़ कर २५ लाख करोड़ रूपये हो गयी हे , दोस्तों कम से कम हमारा देश भ्रस्टाचार मामले में तो तरक्की कर ही रहा हे और तरक्की भी कितनी के इस देश में भ्रस्ताचार की जांच करने वाली केन्द्रीय सतर्कता समिति के आयुक्त थोमस खुद भ्रष्टाचार मामले में उलझे हुए हें उलझे भी ऐसे के प्राथमिक आधार पर थोमस को प्रथम द्रष्टया दोषी मानकर सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मान लिया हे लेकिन जनाब को शर्म ही नहीं हे और वोह पद से इस्तीफा देना नहीं चाहते हें ।
देश का २५ लाख करोड़ रूपये जो बाहर भेजा गया हे मेने मेरे साथ बेठे कुछ पढ़े लिखे लोगों से लिख कर बताने को कहा कई लोग पोस्ट ग्रेजुएट थे लेकिन इस रकम को कोई लिख नहीं सका अब दोस्तों देश के नोजवान जिस राशी को लिख भी नहीं पा रहे हें इससे भी कई अधिक राशि आज विदेश में हे जो हमारा हक हे । हमारे देश में आज भ्रस्ताचार शिष्टाचार बन गया हे और भ्रस्ताचार रोकने के लियें जितने भी कानून बने हें वोह ढीले हें क्योंकि इन कानूनों को भर्स्ट लोगों ने ही तय्यार किया हे आज देश में भ्रस्ताचार को रोकने का कानून जो कुल दो प्रष्ट का हे अपने आप में मजाक हे करोड़ों की रिश्वत लेते पकड़ो और मामला थाने और जमानत का हे विचारण जज स्तर के अधिकारी करेंगे । इस तरह से भ्रस्ताचार निरोधक दिवस पर देश का ही भ्रस्टाचार छाया रहा हे देश में घर से लेकर दफ्तर और दफ्तर से लेकर बाहर तक भ्रस्ताचार हे इस मामले में ७५ फीसदी लोग प्रभावित हें ईमानदार वही हे जिनको मोका नहीं मिला हे देश में लोकायुक्त कानून हे लेकिन निष्प्रभावी हे केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त पद पर केसे लोग बैठते हें आज जग ज़ाहिर हे भ्रस्ताचार निरोधक विभागों में जो अप्रभावी नाकाबिल अधिकारी होते हें उन्हें सजा के बटर भेजा जाता हे न्यायालयों में सरकारी वकील ढंग से पेरवी नहीं करते यहाँ तक के बार बार मांग उठने पर भी देश में भ्रस्ताचार नियन्त्रण के लियें कानून में कोई नया संशोधन नहीं किया गया हे ना ही नया कानून प्रभाव में लाया गया हे जबकि देश में भ्रस्ताचार मामले में फंसी की सजा की मांग उठती रही हे लेकिन नेता हो छे अफसर शाही हो इस मामले में कोई बहस करने को तय्यार नहीं हे संसद में कोई कानून बनाने को तयार नहीं हे और अख़बार विज्ञापनों के बोझ ते इतने दबे हें के वोह तो इन खबरों को छापना ही नहीं चाहते जबकि इलेक्ट्रोनिक मीडिया की खबरें तो स्पेक्ट्रम घोटाले में चोंका देने वाली हे ऐसे में छोटा मुंह बढ़ी बात तो हे लेकिन बिलकुल सच हे के बस अब दश के भ्रस्ताचार के खिलाफ अलख जगाने का सारा भार ब्लोगर साथियों पर ही आन पढ़ा हे तो जनाब मेरे ब्लोगर भाइयों जुट जाओ और अगले साल ९ दिसम्बर अंतर्राष्ट्रीय भ्रस्ताचार दिवस के दिन अधिकतम भ्रष्ट भेदिये देश की जेलों में हो और सरकार कोई कठोर और प्रभावी कानून बना कर भर्स्ट लोगों को सजा देने का प्रावधान बनाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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