आपका-अख्तर खान

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24 दिसंबर 2010

अटल जी ने मेरे भारत को अटल किया ........

देश के पूर्व प्रधानमन्त्री
अटल बिहारी वाजपयी
जो कुंवारे हें
लेकिन ब्रह्मचारी नहीं
उनकी काबलियत भी खूब रही हे
उन्होंने ग्वालियर से लेकर
दिल्ली तक
और दिल्ली से लेकर
भारत को
परमाणु शक्ति बनाकर
कारगिल को विजय करने तक का सफर किया हे
उन्होंने भाजपा के उस दाग को मिटाया हे
के भाजपा कट्टर पंथी हे भाजपा मुस्लिमों की दुश्मन हे
और एक राजा का सच्चा राज धर्म अपनाया हे
धारा प्रवाह बोलने की कला विदेश में हिंदी में भाषण देने का साहस
सिर्फ और सिर्फ अटल जी यानि अटल बिहारी वाजपयी जी ही कर सकते हें
ऐसे महान नेता को शत शत नमन जन्म दिन पर बधाई आयु शतायु हो और दुसरे नेता उनसे कुछ सीखें
इसी दुआ के साथ मेरे देश की शान अटल जी को एक बार फिर जन्म दिन की बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कलमाड़ी जी यह तो कर्मों की सजा हे

मनमोहन सिंह प्रधानमत्री जी के बुरे वक्त के साथी राव मंत्रिमंडल में मनमोहन जी के रक्षक रहे सुरेश कलमाड़ी जी को कुछ नहीं होने पर भी प्रधानमन्त्री जी ने बहुत कुछ बनाया और कोमनवेल्थ गेम के लियें कलमाड़ी जी को माई बाप बना दिया , कलमाड़ी जी ने देश की जनता को महामूर्ख समझा और २००० की कुर्सिया ८ हजार में खरीदीं लाखों के काम करोड़ों में कराए किसी ने रोकना चाह तो सोनिया जी और मनमोहन इस के निकटतम होने के कारण उस पर भन्नाए नतीजा बात मिडिया तक पहुंची फिर बात उठी तो भाजपा तक पहुंची और भ्रस्ताचार की कहानी बाहर से आये मेहमानों और खिलाडियों की ज़ुबानी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गयी जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के भ्रस्ताचार के बखान होने लगे तो बस भारत को शर्म आई और फिर जाँच शुरू हुई कोम्न्वेल्थ भ्रस्ताचार की ।
ताज्जुब यह हे के इस जाँच की शुरुआत के बाद भाजपा किसी ना किसी तरह से कलमाड़ी को प्रोटेक्ट करती रही और इधर इस जाँच की कछुवा चाल के चलते कोंग्रेस में ही महासंग्राम हो गया कोंग्रेस के कलमाड़ी और दिली की मुख्यमंत्री शिला दीक्षित में भ्रस्ताचार के मामले को लेकर खुल कर तू तडाक हुई मामला मिडिया तक पहुंचा मिडिया पर ब्लेकमेलिंग के आरोप लगे फिर मामला शांत हो गया लेकिन कोंग्रेस के अधिवेशन के बाद अचानक सुरेश कलमाड़ी जी जो कभी प्रधानमन्त्री जी के खासमखास हुआ करते थे उनके घर और ठिकानों पर ओपचारिकता करने सी बी आई जा पहुंची सी बी आई ने जो ओपचारिकता की उसमें कलमाड़ी जी गिरफ्तार तो नहीं हुए लेकिन कलमाड़ी जी की हवनिकल गयी और वोह चिल्लाने लगे मय्या मोरी मो नहीं माखन खायो , मिडिया को मोका मिला और बस कलमाड़ी जी निशाने पर आगये उन्होंने अब तक पद नहीं छोड़ा हे और वोह पद पर काबिज़ हे फिर भी जाँच हो रही हे अजीब जाँच हे एक आदमी जो पद पर रहकर किसी भी जांच को प्रभावित कर सकता हे उसे हटाया नहीं गया हे कलमाड़ी जी तरकीब से भाजपा सरकार में पावर में रहने के लियें महत्वपूर्ण पदों पर रहे उन्हें भाजपा ने हटाया नहीं बल्कि उनसे सम्बन्ध स्थापित किये और आज जब कलमाड़ी जी पर छपे पड़े तो कोंग्रेस के दोस्तों से ज्यादा भाजपा को इसका दर्द हे और भाजपा के अध्यक्ष जी गडकरी ने तरकीब से बयान का राजनीति करण कर कलमाड़ी जी का बचाव करने का प्रयास किया हे इसे कहते हें चोर चोर मोसेरे भाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रिसमस पर मुबारकबाद

दोस्तों आज
क्रिसमस हे
इस दिन
बच्चों का दिन
माना जाता हे
बच्चे मोज़े में
अपनी ख्वाहिशों को रख कर
सरहाने रख लेते हें
सुकून की नींद सोते हें
सुबह जब वोह उठते हें
तो उनके मां बाप
उनकी ख्वाहिशों को
साकार करते हें
और बच्चों को यह विश्वास दिलाते हें के
सांता क्रूज़ आया और उसने
इशु की मदद से यह ख्वाहिशें पूरी की हें
बच्चों का धर्म के प्रति मान सम्मान बढ़ता हे
वोह फिर अगले साल क्रिसमस का इन्तिज़ार करते हें
वेसे यह दिन क्रिश्चियन धर्म की शुरुआत का दिन हे
इनके अवतार के अवतरित होने का दिन हे
इसलियें क्रिश्चियन इस दिन
चर्चों को सजाते हें संवारते हें और फिर प्रार्थनाएं करते हें
इसलियें इस धर्मनिरपेक्ष देश में
क्रिसमस पर सभी भाइयों और खासकर
क्रिश्चियन भाइयों को
मेरी हो से मेरे ब्लोगर फोलोअर्स की ओर से
मेरे ब्लोगर भाई दिनेश राय द्विवेदी और ब्लॉग गुरु ललित शर्मा की ओर से
क्रिसमस की बधाई मुबारक बाद
मेरे हिन्दू भाइयों की तरफ से सलाम
मुस्लिम भाइयों की ओर से जय श्रीराम
सिक्ख भाइयों की तरफ से गोड ब्लेस यु
क्रिश्चियन भाइयों की तरफ से सत सीरी अकाल जो बोले सो निहाल ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बस्ती हटाने के मामले में विधायक की तकरार

कोटा में वर्षों से एक बसी हुई बस्ती प्रेम नगर बस्ती जहां बसे हुए लोगों को उजाड़ कर सरकार यानि सरकार की एजेंसी नगर विकास न्यास एक मल्टी स्टोरी बनाना चाहती हे , सरकार का कहना हे के य्हना हम कम आय वर्ग के लोगों को सस्ती कीमत पर मकान बनाकर देंगे , सरकार का यह भी कहना हे के जिन्हें हम हटायेंगे पहले दूसरी जगह बसायेंगे देश के किसी कोने में क्या होता हे यह तो मुझे पता नहीं लेकिन यह मेरे राजस्थान का कोटा शहर हें यहाँ हटाने और बसाने का सरकारी स्तर पर जो नंगा खेल चलता हे उसे देख लो तो उती आने लगे , सरकार कुम्भकर्ण की नींद सोती हे सरकारी ज़मीं पर बस्तियां बस्ती हें अख़बार में खबरें छपती हें लोग शिकायत करते हें लेकिन सरकार बस्तियों को बसने देती हे वर्षों बाद बस्ती में सडकें नाली पतन की सुविधा देती हे नल बिजली तो लग ही जाते हें बस फिर बस्ती लाखो से करोड़ों तक बिकती हे और इन कथित कच्ची बस्तियों में फाइव स्टार सुविधाओं से भी ज्यादा सुख सुविधा वाले मकान तय्यार हो जाते हें फिर सरकार की कुम्भ्करनी नींद जागती हे सरकार उठती हे और लाखों करोड़ों की लागत से बने इन मकानों को तोड़ कर उन्हें पुनर्वास के नामा पर कहीं किसी कोने में बसाना चाहती हे और बस फिर सरकार और बस्तीवासियों में जंग की शुरुआत होती हे ऐसी ही एक जंग कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत बस्तीवासियों के हित में लड़ रहे हें ।
कोटा के लाडपुरा विधान सभा इलाके में प्रेमनगर बस्ती हे इस इलाके में भाजपा के भवानीसिंह राजावत दूसरी बार विधायक चुने गये हें यह वही विधायक हें जिनके तलवे वर्तमान नगर विकास सचिव चाट चाट कर अरब पति बनते रहे हें और यही अधिकारी महोदय राजावत जी के इशारे पर कत्थक का डांस करते देखे गये हें लेकिन अब राज बदल गया हे अब कोंग्रेस का राज हे अब यही अधिकारी तोते की तरह नजरें बदल कर बेठे हें और इन्होने अपना रुख कोंग्रेस के इशारे पर नाचने वाला कर लिया हे , खेर बात प्रेमनगर बस्ती की थी इस बस्ती को कोंग्रेस के मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के वक्त बसाया गया था फिर जब कोंग्रेस विधायक पूनम गोयल के वक्त इस बस्ती को हटाने की बात आई तो वोह भी बिफर गयीं लेकिन फिर भाजपा के विधायक भवानीसिंह बस्तीवासियों के हर दिल अज़ीज़ हो गये तो भाजपा के शासन में भी इस बस्ती को हटाने के ख्याल को राजावत के कोप भाजन के बाद सरकार को अपना इरादा बदलना पढ़ा अब अधिकारी वही हे बस सरकार बदली हे इसलियें अधिकारी जी अपनी जिद पर अड़ गये हे उन्होंने कोंग्रेस के नेताओं को गुमराह किया हे गलत संदेश दिए हें और जब बस्ती हटाने के निर्णय को नहीं बदला गया तो राजावत विधायक जी के नेत्रत्व में बस्तीवासी नगर विकास न्यास जा पहुंचे जो अधिकारी राजावत जी के इशारे पर नाचता था वोह अधिकारी अपने दफ्तर के दडबे में जाकर छुप गया उसे बुलाया गया वोह बात करने नहीं आया बस्ती के शिष्ट मंडल को जवाब देने के लियें इन अधिकारी महोदय का सामना तक करने का साहस नहीं था बस यह पब्लिक हे सब जानती हे इसलियें आक्रोशित हो गयी और एक जनता के नोकर को जो जनता की सेवा के लियें लाखों रूपये का अवेत्न और करोड़ों की रिश्वत लेता हे उसे बचाने के लियें कोटा की पुलिस मोर्चे पर आ गयी धक्का मुक्की फिर तू तड़ाक और फिर लाठी भाटा जंग शुरू हो गयी कुछ बस्ती वासी घायल हुए तो कुछ पुलिस कर्मियों के क्रत्रिम चोटें बनाई गयी और फिर मुकदमें बजी का दोर शुरू हो गया इस पुरे एपिसोड में सरकार लाठी भाटा और पुलिस का डर बता कर चाहती हे के बस्ती वासी मोर्चे से हट जाएँ लेकिन अब विधयक भवानी सिंह जी ने भी इस मामले को प्रतिष्टा का प्रश्न बना लिया हे और वोह अपने पुरे लाहो लश्कर के साथ मर्दानगी से मोर्चे पर डट गये हें देखते हें सरकार के इस तबाही और बर्बादी के बाद पुनर्वास के इस खेल में आगे किया होता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आरक्षण मामले में राजस्थान सरकार को हाईकोर्ट की सलाह

बात गुर्जर आरक्षण मामले से शुरू हुई थी लेकिन मामला जब हाईकोर्ट तक पहुंचा तो फिर यह बात केवल गुर्जर आरक्षण की नहीं रही एक संविधान और एक देश के कानून के साथ देश की जनता के हालातों की बात बन गयी , सरकार द्वारा केवल बेवकूफ या फ़िल्मी डाइलोग में कहें के मामू बनाने के लियें गुर्जरों को आरक्षण का कानून बनाया था जिसे हाईकोर्ट ने पहली फुर्सत में बिना पढ़े लिखे लोगों द्वारा बनाया कानू मन कर किनारे पर रख दिया , हाईकोर्ट ने अपने आदेश में राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण विफलताओं की तरफ इशारा किया हे और आरक्षण की नई परिभाषा प्रदर्शित की हे हाई कोर्ट का सीधा सीधा निर्देश हे के बार बार एक हो व्यक्ति को आरक्षण बंद करों और राज्य में सर्वे कराओं के किस जाती के किन लोगों की पिछड़ी स्थित के कारण उन्हें आरक्षण की जरूरत हे हाईकोर्ट ने कहा के जो लोग आरक्षण का लाभ लेकर आज उच्च वर्गीय धनाड्य स्टेट्स वाले बन गये हें आखिर उन्हें आरक्षण की जरूरत क्यूँ हे और उन्हें आरक्षण क्यूँ दिया जा रहा हे , बात साफ हे हमारे देश के संविधान के निर्माण के वक्त निर्माताओं ने कुछ जातियों को पिछड़ा मान कर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लियें केवल दस वर्ष के लियें आरक्षण का लाभ दिया था जिसे फिर बढ़ा दिया गया और अब राजनीती के चलते निरंतर बिना किसी जरूरत के उसी लकीर पर चल कर आरक्षण का लाभ विकसित लोगों को दिया जा रहा हे देश की सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने बार बार कहा हे के आरक्षण का आधार जाती या धर्म नहीं बलके आर्थिक पिछड़ापन होना चाहिए और इसीलियें अब देश की जनता भी आरक्षण के इस नंगे राजनितिक खेल से उब चुकी हे और जनता सरकार से आरपार की लड़ाई के मुड में हे सरकार हे के जाती को ही आरक्षण का आधार बनाये हुए हें नतीजा यह हुआ के आज आरक्षित जातियों में कलेक्टर ,संसद,विधायक ,मंत्री.एस पी हे जबकि सामान्य जाती में आज चपड़ासी भी नहीं मिल रहे हें , सरकार और विपक्ष ने इस मामले में चुप्पी साध कर राजनितिक हित चाहे साध लिए हों लेकिन देश को नफरत गिलाज़त और भुखमरी के इस दोर में धकेल दिया हे जिसमें से निकलने में देश को कोई वर्ष लग जायेंगे । राजस्थान हाईकोर्ट ने बस इसी गलती को सूधारने की तरफ इशारा किया हे और दबे अल्फाजों में साफ़ कहा हे के बस हो चूका बहुत अब साला भर लो और सर्वे करो आरक्षण को जाति का आधार नहीं पिछड़ा पन बनाओ अब देखते हें के राजस्थान सरकार इस मामले को गुर्जरों के दबाव में सुप्रीम कोर्ट किस तरह से ले जाती हे और जब तक हाईकोर्ट के आदेश के सम्मान में आम लोग जो सामान्य जाति के होकर आरक्षण की इस दोड में पिछड़ गये हें उन्हें पिछड़ेपन के दलदल से निकलने के लियें क्या योजना और क्या व्यवस्था हाईकोर्ट के सामने पेश करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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