आपका-अख्तर खान

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29 दिसंबर 2010

एक बार मुस्कुरा दो .....

फुल को देखो
वोह खिल कर भी
उदास हे
कल टूट जाएगा
माली के हाथों
उसे
इसका
एहसास हे
समुन्द्र को देखो
कितनी नदिया
गिरती हें
उसमें
खुद का
खरा पानी होने से
फिर भी उसे
मीठे पानी की प्यास हे
इस खुबसुरत चेहरे पर
नाज़ुक से इन होंटों से
जरा थोड़ा सा
मुस्कुरा दो
क्योंकि
कहते हें
के खुदा को
इस दुनिया में
सबसे
प्यारी हंसी की
तलाश हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अपनी तो मिली नहीं

एक मोलवी
खुद की शादी
की मन्नत मांगने
माँ बाप के साथ
दरगाह पर गया
भीड़ में
मुल्ला की मां
खो गयी
अपनी मां के गुमने पर
मुल्ला आसमान की तरफ
सर उठा कर चीख पढ़ा
ऐ अल्लाह
क्या कहता हुई
मेरी तो मिली नहीं
अब्बा की भी खो गयी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इज़हार होना चाहिए

इश्क हे तो
छुपाओ ना कभी
इसका
इज़हार होना चाहिए
आराम के लिएँ
एक दिन
आदमी को
बीमार भी
होना चाहिए
ऐ यादों
तुम भी सुन लो
एक दिन की
छुट्टी दे दो
इश्क हो चाहे हो प्यार
इसमें भी
कमसे कम
एक तो इतवार
होना चाहिए
और प्यार को
देना हे
अगर लम्बी
जिंदगी
तो फिर
एक दुसरे पर
एक दुसरे का
एतेबार भी होना चाहिए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जो दो थे वोह भी गये ...

किसमत रूठी
दिल के तार टूटे
जो देखे थे सपने
वोह सब
पुरे होने के
पहले ही टूटे
आंखों में
बेशकीमती थे
सिर्फ दो आंसू
वोह भी कमबख्त
याद उनकी आई
तो आँखों से बह गये ................. ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अगर प्यार ना हो तो

अगर
प्यार ना हो तो
वफा कोन करेगा
दोस्त ना हो तो
दोस्ती कोन करेगा
खुदा
सलामत रखे
हम दोनों को
वरना एक दुसरे की हिफाजत
और एक दुसरे को
परेशान कोन करेगा
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोचो ...

सोचो
विश्व अगर
बिना लडकी के हो जाये
तो क्या होगा
गलियाँ सुनसान
दुनिया परेशान
तन्हा इंसान
ना जनु
ना जान
हर तरफ
बस जय हनुमान जय हनुमान
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हर कोई तडपता हे

हर कोई
यहाँ
प्यार में
तडपता हे
यहाँ कुछ को छोड़ कर
हर कोई
अपने
प्यार के लियें
रोता हे
दोस्त यह दोस्ती
सदा कायम रखना
क्यूंकि
प्यार का लुत्फ़
सबसे ज्यादा तो
बस
दोस्ती के
प्यार में ही होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चिट्ठी की धीमी गति पर माफ़ी मांगी

केन्द्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी की लिखी गयी एक चिट्ठी जो लिखी गयी पोस्ट की गयी लेकिन बंगाल के मुख्यमंत्री के पास पहुंचने के पहले ही अख़बार की सुर्खी बन गयी , इस मामले में जाँच के बाद पता चला के डाक विभाग ने चिट्ठी वक्त पर नहीं पहुंचाई और २४ दिसम्बर को पहुंची इस चिट्ठी का मज़मून पहले ही अख़बारों में छप गया इस लेट लतीफी के लियें डाक विभाग ने सरकार से माफ़ी मांग कर अपना पीछा छुड़ा लिया हे लेकिन दोस्तों जरा सोचो के अगर आम आदमी के इंटरव्यू लेटर या किसी महत्वपूर्ण दस्तावेज के मामलों में ऐसा हो तो फिर आगे क्या होगा ।
देश में सरकार का डाक विभाग कितना लापरवाह और लेट लतीफ हे यह सारा देश जनता हे य्हना हर साल हजारों लोग इस विभाग की लापरवाही के कारण परीक्षा और इंटरव्यू मने बेठने से वंचित रह जाते हें लेकिन आज तक डाक विभाग के किसी अधिकारी के खिलाफ कोई खास कार्यवाही नहीं हुई हे इसके लियें देश के इंडियन पोस्ट ऑफिस कानून में बदलाव की सख्त जरूरत हे ताकि डाक वितरण की ज़िम्मेदारी तय हो सके और फिर जो भी डाकिया या कोई इसका उलंग्घन करे तो फिर उसे सबक सिखाया जाए आज हम देखते हें के डाकिये कई डाक बट्टे हें तो कई फेंक देते हें हालात यह हे के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी यह लोग पक्षकार से सान्थ्गाथ कर वापस लोटा दे ते हें और इनकी इस कार्यवाही से अदालत के सेकड़ों मुकदमे प्रभावित हो जाते हें इसलियें डाक विभाग की ज़िम्मेदारी तय करने के लियें एक नया कानून बनना चाहिए जो कर्मचारियों को पाबन्द करे और नियमों की पालना नहीं करने पर उन्हें दंडित करने का भी प्रावधान हो इसके लियें डाक कर्मियों के भत्ते भी बढाये जा सकते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाप ने बेटे के गोली मारी

राजस्थान में एक तरफ गुर्जर आरक्षण और दूसरी तरफ गुर्जर रेली में से घर पहुंचे एक गुर्जर बेटे की फोजी बाप से झडप के बाद पिता द्वारा गोली मारकर हत्या कर देने का मामला यहाँ की लोमहर्षक घटना हे । कल कोटा के कथुन में एक रिटायर्ड फोजी पिता अपने तीन बच्चों की लड़ाई से तंग आ गये और उन्होंने बदूक उठायी अपने मंझले बेटे को दुश्मन समझ उस पर निशाना साध दिया नतीजन उसके पेट में गोली लगी और कोटा अस्पताल में उसकी म़ोत हो गयी ।
कोटा में गत साल एक माह में तीन हत्याओं का ओसत रहा हे दुर्घटना और दहेज़ हत्याओं का आंकड़ा अलग हे यहाँ गत ११ महीनों में ३३ हत्याएं हुई हें जिसमे से २२ हत्याएं केवल मामूली सी कहा सुनी को लेकर तुच्छ घटना मामले में हुई हे कोटा पुलिस ने गत वर्ष अपराधों की रोकथाम के लियें अपराधियों की नकेल कसने की गरज से डकेती की योजना बनाते हुए पकड़ने के कई मामले बनाये हें लेकिन पुलिस इन मामलों को कोटा अदालतों में स्थिर नहीं रख सकी और सभी डकेती के आरोपी बरी हो गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बरसात की बूंदों और ठिठुरन से पहले ही गुर्जर दो कदम हटे

राजस्थान में अपनी आरक्षण की मांग के समर्थन में बेठे गुर्जर भाई मोसम का मिजाज़ समझ गये और आसमान के बदले मिजाज़ को देख कर उन्होंने पासा पलटते हुए कई जगह की रेलवे ट्रेक छोड़ दी , गुर्जरों के भूगोल को दाद देना होगी के गुर्जरों ने ट्रेक छोड़ी और मोसम में पहले महावट फिर बरसात और फिर ठिठुरन बढ़ गयी इस बीच गुर्जरों ने इसे वार्ता के लियें हटाए गये दो कदम हटना बताते हुए रणनीति का हिस्सा बताया हे ,गुर्जरों के ट्रेक से हटते ही कई ट्रेने प्रति पर दोड़ने लगी हें लेकिन मुंबई दिल्ली रेलवे ट्रेक अभी भी गुर्जरों के आन्दोलन का कंट्रोल रूम बना हे । सरकार और सरकार के प्रतिनिधि लगातार बात कर रहे हें गुर्जरों ने भी अपना प्रतिनिधि मंडल तय कर लिया हे जो निर्धारित एजेंडे पर सरकार से आरक्षण के मामले में सकारात्मक वार्ता करेंगे देखते हें आज सरकार और गुर्जर जनता के साथ क्या सलूक करते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक दिन ऐसा जरुर आएगा

दोस्तों
आप सभी की
जिंदगी में
एक दिन
ऐसा आया होगा
नहीं आया होगा तो
एक दिन
जरुर आएगा
एक ऐसी लडकी आएगी
जो आपको
बहुत बहुत
प्यार करेगी
आपको प्यार से
टच करेगी
और प्यार से कहेगी
आई लव यु

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पापा .......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रिश्ता दोस्ती का

दोस्ती का रिश्ता तो
ताज होता हे
दोस्त को दोस्त पर
नाज़ होता हे
कृष्ण और सुदामा को
देखकर
पता चलता हे
के
भगवाना भी
दोस्ती के रिश्ते का
मोहताज होता हे
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अजब संयोग

विदाई के
दिन
दुल्हन ने
दूल्हा के
थप्पड़ जड दिया
थप्पड़ के
पीछे भी
मोबाइल और
रिंगटोन का
अजब संयोग था
दुल्हे का मोबाइल बजा
तो उसमे रिंगटोन थी
अपनी म़ोत का
सामान
आज हम साथ ले चले .........
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्यार आना चाहिए

मेरे ब्लोगर भाईयों
ब्लॉग पढने
और दोस्ती करने का
अंदाज़ आना चाहिए
आप रोज़
ब्लॉग लिखो या ना लिखो
लेकिन
प्यार बाँटने के लियें
सभी
ब्लोगों पर
आपकी
प्यार भरी
टिप्पणी
आना चाहिए
आप
कभी किसी ब्लोगर से
मिलो या मिलो
बस यूँ ही
एक दुसरे के लियें
प्यार
आना और जाना चाहिए
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या दिमाग हे

दोस्तों
जिंदगी में
अगर कुछ
करना हे
कुछ बनना हे
तो हमेशां
अपने दिमाग की
सुनो
अगर जवाब ना
तो मेरी तरह
अपनी
आँखें बंद करके
सोचो
के किया
अपनों में
दिमाग हे
या यूँ ही
दिल से
काम चला रहे हें
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या दिमाग हे

कुछ मुश्किल नहीं

मुश्किल इस दुनिया में
कुछ भी तो नहीं
फिर भी लोग
नाकामयाबी के डर से
अपने इरादे
छोड़ देते हें
अगर ईमानदारी
कड़ी महनत से हो लग्न
तो सितारे भी
उनके लियें
अपनी जगह
छोड़ देते हें ।
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुदा जहां दे तुमको

खुलें जो लब
तो दुआ दें
तुमको ,
हर रोज़
नई खुशनुमा
जिंदगी खुदा दे तुमको
अगर एक ख़ुशी की
आरजू भी करो तुम
तो खुदा खुशियों का
जहाँ दे तुमको
सभी को
इसी दुआ के साथ
नया साल मुबारक हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फिर भी ऐसा क्यूँ हे .....

हंसाती हे दोस्ती
रुलाता हे प्यार ,
मिलाती हे दोस्ती
तड़पाता हे प्यार
सुकून देती हे दोस्ती
धोखा देता हे प्यार
फिर भी
दोस्ती छोड़ कर
लोग
क्यूँ करते हें
प्यार
यह फलसफा तो
मुझे बताओ
मेरे यार ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आप सावधान रहिये ....

ब्लोगर दोस्तों
अब आप
जरा सावधान रहिये
क्यूंकि
आपके सामने
कभी भी
पांच चीजें
सकती हें ,
एक तो हम
दुसरे
पढने के लियें
हमारा उबाऊ
यह ब्लॉग
तीसरे
हमारा कोल
चोथे हमारे ब्लॉग
के लियें सुझाव
पांचवे
हमारे ब्लॉग पर
टिप्पणी नहीं
करने का पछतावा
दोस्तों
इन पांच
ख्याल
और आने वाली
इन पांच यादों से
सावधान रहिये
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐसा क्यूँ करते हो ...

हर मुश्किल में
साथ क्यूँ देते हें
केवल दोस्त ,
गम को
क्यूँ
बाँट लेते हें
दोस्त
ना खून का रिश्ता
ना हे रिवाजों
का बंधन
फिर भी
अपनों के
छोड़ देने के बाद
जिंदगी भर
साथ ही
क्यूँ
निभाते हें दोस्त ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आदर्श सोसाइटी का खतरनाक घोटाला

महाराष्ट्र की मुम्बई में आदर्श सोसाइटी के घोटाले में जो आदर्श्ता दिखाई हे उस गत जोड़ में अधिकारियों और नेताओं का नंगा सच सामने आया हे , पूर्व मुख्यमंत्री जी ने इस घोटाले में पहले अधिकारियों को शामिल किया और जो अधिकारी इस आदर्श घोटाले में मुख्यमंत्री जी के हिस्सेदार ताबेदार बने उन्हें मुख्यमंत्री जी ने सुचना आयुक्त और मानवाधिकार आयोग में नियुक्त कर दिया यह संवेधानिक पद हें लेकिन इन पदों पर अगर भ्रस्ताचार की सीडी चढ़ कर अगर नियुक्ति ली गयी हे तो फिर तो देश के लियें बहुत बढ़ी शर्म की बात हे इससे भी बढ़ी शर्म की बात इस पर हे के इन भ्रष्ट लोगों से जाँच में मदद करने और भूल सूधारने के लियें पद छोड़ने के लियें नये मुख्यमंत्री जी द्वारा कहा जाए और यह अधिकारी अपनी जिद पर जम कर बेठ जाए के इस्तीफा नहीं देंगे तो फिर देश में व्यवस्था नाम क्या चीज़ रह जाती हे बस सर झुकाए यही कहने में आता हे के मेरा देश महान हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गुर्जर को समझाने के लियें विज्ञापन

कोटा में सडकों पर
आवारा जानवरों का उत्पात रोकने के लियें
कुछ महीने पहले
नगर निगम कोटा ने
अख़बारों में एक विज्ञापन दिया
विज्ञापन में लिखा था के
सडकों पर घुमने वाले आवारा जानवर अगर नहीं हटे
तो अमुक तिथि तक उनकी धरपकड की जायेगी
बेचारे जानवर थे अख़बार पढ़ नहीं सके
इसलियें वोह सडकों से नहीं हटे
नगर निगम कोटा से विपक्ष ने
आवारा जानवरों के लियें इस तरह महंगे विज्ञापन छपवाने का कारण पूंछा तो
निगम ने अपनी गलती मानी फिर दुबारा
जानवरों के मालिकों को चेतावनी देते हुए
विज्ञापन प्रकाशित किया गया
गुर्जरों के आन्दोलन में भी पहले दिन से ही सरकार ने
अपना खजाना अखबारी और टीवी विज्ञापनों के लियें खोल दिया हे
टी वी पर और अख़बारों में आप रोज़
अनावश्यक लाखों करोड़ों के विज्ञापन देख रहे हें
यह जो बात विज्ञापन में दी जा रही हे खबरों में भी लगातार छप रही हे फिर बेकार करोड़ों का खर्च क्यूँ ,
जनाब आप लोग भी जरा मुख्यमंत्री जी से इस बिना वजह की फ़िज़ूल खर्ची का कारण तो पूंछ लें
अख़बारों में बे फ़िज़ूल विज्ञापन जब सरकार देती हे तो
समझ लेना चाहिए के दाल में कुछ काला हे
और जनता से मिडिया को बहुत कुछ छुपाने के लियें
यह जनता का पैसा विज्ञापन के रूप में दिया जा रहा हे देखते हें इन बेवजह करोड़ों के विज्ञापन से
सरकार को जनता को
क्या लाभ मिलता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुख्यमंत्री गहलोत को गडकरी परेशान कर रहे हें

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष गडकरी परेशान कर रहे हें हो परेशान बेचारे गहलोत आपे से बाहर हो कर उलजलूल बयान दे रहे हें जिससे उनकी खुद की मुसीबतें बढ़ रही हे , गहलोत ने पिछले दिनों सीना थोक कर कहा था के गुर्जरों से कोई भी वार्ता ट्रेक पर नहीं टेबल पर होगी लेकिन गहलोत को दुसरे दिन ही गुर्जरों ने अपनी ताकत से गलती का एहसास दिला दिया सरकार ने खुले आम थूक कर चाटा और रेलवे ट्रेक पर बसला के पास सरकार के केबिनेट मंत्री जितेन्द्र सिंह को भेजा इसके पहले अधिकारीयों को भेजा जा चूका था अब गहलोत ने सीधे सीधे आन्दोलन को भाजपा के अध्यक्ष से प्रेरित बताया हे और खुलकर कहा हे के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के पुत्र की शादी में इस गुर्जर आन्दोलन की रणनीति तय्यार की गयी , गहलोत के इस बयान से गुर्जर भाई भडक गये हें और वोह अब आन्दोलन का राजनीतिकरण करने के मामले में गहलोत से दो दो हाथ करने को तय्यार बेठे हें , सब जानते हें गहलोत इस बयान से मुकरेंगे और फिर गुर्जरों के आगे नतमस्तक होकर घुटने टेकेंगे तो जब कोई अपनी बात पर कायम नहीं रह सकता तो उसे फिर किसी भी तरह से उलजलूल बयान देने का अधिकार नहीं होना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के स्थापना दिवस पर कोंग्रेस में कडवाहट

कल कोंग्रेस का १२५ वां स्थापना दिवस था , बुढापे के इस पढ़ाव पर कोंग्रेस के भावी प्रधानमन्त्री जी प्रणव मुखर्जी ने कोंग्रेस की एक पुस्तिका का बिना पढ़े विमोचन कर दिया ,द कोंग्रेस एंड द मेकिंग ऑफ़ इंडियन नेशन नाम से प्रकाशित इस किताब में लेखक जी ने कोंग्रेस की इन्द्रा जी को तानाशाह और संजय गाँधी को मनमानी करने वाला बताया हे , इस पुस्तक में कोंग्रेस के उतार चढ़ाव के वक्त को भी प्रस्तुत किया गया हे , अब आप देख लो कोंग्रेस के खिलाफ कोंग्रेस के लोग ही सच लिखने का साहस कर रहे हें अभी तक कोंग्रेस का इस किताब पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया हे जबकि लेखक ने भी इस प्रकाशन के लियें माफ़ी नहीं मांगी हे लेकिन यह तो सच हे के आज की कोंग्रेस और पुरानी कोंग्रेस में एक जमीन आसमान का नहीं बलके कई हजार जमीन आसमां की दूरियों का फासला हे और देश में कोंगेस कहां हें कोंग्रेस के सिद्धानत कहां हे लोगों को ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हें कुर्सी की भूखी एक पार्टी जिसे कोंग्रेस की खाल फना दी हे लेकिन इससे यह पार्टी तो कोंग्रेस नहीं हो जाती इसके लियें पुराने सिद्धांतवादी कोंग्रेसियों को थोड़ी तो अंगडाई लेना ही होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक था कानून जो गम गया हे प्लीज़ मिले तो बताना

जी हाँ दोस्तों यह मेरा राजस्थान हें य्हना कभी एक कानून नाम की कोई चीज़ रहा करती थी लेकिन कुछ दिनों से यहाँ की सरकार और अधिकारीयों के निकम्मेपन के चलते इस कानून नाम की चीज़ का गुर्जर भाइयों ने अपहरण कर लिया हे। राजस्थान की करोड़ों की जनता और इस अपहरण से प्रभावित कई लोग पिछले एक सप्ताह के दोरान इस कानून नाम की चीज़ के लापता होने से अपने करोड़ों रूपये के व्यापार और सुख शांति को गवा चुके हें । ताज्जुब तो इस बात पर हे के सरकार ने इस कानून नाम की चीज़ को ढूंढने की कोई जरूरत भी आज दिनाक तक नहीं समझी हे उलटे इस चीज़ के अपहरण कर्ताओं की यह सरकार हमजोली बनी हे । दोस्तों आप भी शायद इस कानून नाम की चीज़ के गम जाने से प्रभावित होंगे लेकिन देखते हें यह चीज़ कब कितने लोगों को बर्बाद करने के बाद मिलती हे किसी ने सही कहा हे के जो लोग कानून की रक्षा नहीं कर सकते अगर उन कमजोर हाथों में कानून चला जाए तो फिर इस कानून नाम की चीज़ का अपहरण कर लोग सरे आम बलात्कार करेंगे ही और यह कानून बेचारा अपनी तार तार इज्जत को लेकर जनता के सामने आंसू बहाने के आलावा कुछ कर भी नहीं सकेगा तो दोस्तों राजस्थान में अगर किसी को कानून नामा की यह चीज़ मिल जाए तो प्लीज़ बताना जरुर इनाम दिलवाने की भी कोशिश करवाई जाएगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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