आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

31 दिसंबर 2010

कोटा कलेक्टर टी रविकांत को मुख्यमंत्री जी ने विशिष्ठ सचिव बनाया

राजस्थान के कोटा में पिछले कुछ दिनों से कोटा में कलेक्टर रहे टी रविकांत की प्रशासनिक क्षमता और कार्यशेली को देख कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में सफलतम कार्य कर रहे हर दिल अज़ीज़ बने कोटा कलेक्टर टी रविकांत को जयपुर मुख्यमंत्री भवन में बुला लिया हे ।
नये साल की इस पहली खबर में टी रविकांत को तो उनकी क्षमता का पुरस्कार मिलना था लेकिन कोटा के पीड़ित और गरीब लोगों को तो इस खबर से सदमा लगा हे क्योंकि कोटा की जो कार्य योजनायें हें और जो चुस्त दुरुस्त प्रशासन हे अब अगर वोह ढर्रा बिगड़ गया तो गरीब और पीड़ित को त्वरित नया मिलने के ख़्वाब को टी रविकांत ने जो हकीकत में बदल दिया था उसका क्या होगा । दोस्तों आज के इस कलियुग में बहुत कम ऐसे अधिकारी हें जिनकी कार्यशेली के मुक्त कंठ से प्रशंसा की जाती हो में खुद भी इस मामले में कंजूस हूँ लेकिन किया करूं टी रविकांत कलेक्टर कोटा की कार्यशेली ने मुझे भी अपना फेन बना लिया था और लगता था की अब कोटा का प्रशासन , कर्मचारी और व्यवस्थाएं ट्रेक पर आने लगी हें निष्पक्ष और गेर राजनितिक तरीके से निर्भीक चुस्त दुरुस्त प्रशासनिक कार्य निपटाने वाले टी रविकांत जी को तो उनकी उपलब्धियों के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त कर पुरस्कार दे दिया गया हे लेकिन कोटा में तो उनके जाने की खबर से गरीब और पीड़ितों में जेसे मातम ही छा गया हे कोटा में पहली बार किसी कलेक्टर के ट्रांसफर की खबर से जनता के बीच में यह प्रतिक्रिया देखने को मिली हे खेर एक आता हे एक जाता हे लेकिन जो जीतता हे वही सिकन्दर होता हे जो कुछ करता हे याद भी उसे ही किया जाता हे , कोटा कलेक्टर पद पर कार्य करते हुए टी रविकांत जी ने अधिकारीयों कर्मचारियों की नाक में नकेल डाल कर उन्हें टाइम पर दफ्तरों में आने के लियें पाबन्द किया जो लोग लेट लतीफ रहे उन्हें एक दो बार माफ़ कर दंड का डर बताया तो जो लोग दफ्तर में वक्त पर आये उन्हें पुरस्कृत भी किया , कर्मचारियों के लियें विशेष प्रतियोगिताये करवाकर उनके होसले बुलंद किये उनकी पीठ थपथपाई तो गलत करने पर उन्हें आँखें भी दिखायीं , कलेक्ट्रेट परिसर पहली बार इतना साफ़ सुथरा और सुंदर सुरक्षित बनाया गया हे दफ्तरों में कार्य विभाजन कर त्वरित कार्य की कार्य प्रणाली लागू की गयी हे , अस्पताल में निरिक्षण के दोरान अगर कलेक्टर रविकांत जी को गंदगी लगी तो खुद ने अस्पताल में झाड़ू लगाकर कारसेवा की तो खुद बा खुद अस्पताल प्रशासन को शर्म आ गयी और अस्पताल में फिर सफाई रहने लगी तो जनाब चाहे सिगरेट पान बीडी का कानून चाहे और दुसरे कानून हों सख्ती से केसे लागू करवाए जा सकते हें और असम्भव को सम्भव केसे बनाया जा सकता हे यह सब खुद अकेले टी रविकांत ने कोटा कलेक्टर के पद पर रहते हुए किया हे जबकि कोटा की राजनितिक लड़ाई दो मंत्रियों का अखाड़ा बन चुकी थी तब भी नरेगा , महा नरेगा और अरबों रूपये की सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण हटवाने का काम टी रविकांत ने किया हे खेर अब उनकी तरक्की हुई हे टी रविकांत की कोटा से ज्यादा जरूरत पुरे राजस्थान को हे और इसीलियें उनकी खूबियों और काबलियत की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री जी ने खुद के पास विशिष्ट दर्जा देकर सचिव बनाया हे यह उनके लियें और कोटा के लियें गोरव की बात हे इसके पहले श्रीमंत पांडे कोटा कलेक्टर पद से मुख्यमंत्री कार्यालय में गये थे जो वहां अपने कार्यो को बखूबी अंजाम दे रहे हें और टी रविकांत भी कोटा के हितों का ध्यान रखते हुए राजस्थान के विकास और प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका अनिभायेंगे ऐसी कोटावासियों की दुआ हे । न्य साल सबको बहुत बहुत मुबारक हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ko

हेप्पी हेप्पी निव इयर ..............

नया पुराना हुआ हे तो फिर नया तो आएगा ही

भाईयों बहनों जवानों और बुजुर्गों और जो भी हों सभी को इस नये साल की शुरुआत पर राम राम , आदाब अर्ज़ हे ,सत्सिरी अकाल , सभी को नववर्ष शुभ हो यह तो हुई ओपचारिकता अब हम कम की बात करें सब जानते हें के जो नया होता हे वोह पुराना होता हे , जो आता हे वोह जाता हे और सालों का आना जाना एक प्राणी परम्परा हे जीने की गणना गिनती हे लेकिन अब साल के आने जाने और साल के मिलन की रात को धमाचोकड़ी और धूमधाम जिसमे शराब और शबाब न हो तो सब बेकार हे की सोच बन गयी हे क्या यह सही हे क्या यह गलत हे जरा अपने दिल पर हाथ रखो और दिल से पूंछ डालो जनाब जो जवाब मिले बताना जरुर ।
दोस्तों मेरे भी सीने में एक बीमार दिल हे जो कभी कभार धडकता हे मेने इसीलियें अपने सीने पर हाथ रखा धक धक के आलावा कुछ सुनाई नहीं दिया फिर दिमाग से आवाज़ आई के यह सब जो हो रहा हे दिखावा हे छलावा हे गलत हे , दुबारा जवाब आया सही यही हे , विश्व की बात तो छोड़े देश की परम्परा की बात करें हमारे देश में हम काहे कई सो वर्ष तक अंग्रेजों के गुलाम रहे हों लेकिन अपना धर्म अपनी परम्परा हमने नहीं बदली हे हाँ कुछ शोक हें जो हमे पला लिए हें हेपी निव इयर भी इसीस में से एक हे , हम जानते हें के जो पुराना वक्त हे उस वक्त को हमने इज्जत नहीं दी हमने कोई प्लान नहीं किया जो प्लान किया उसे पूरा नहीं किया और देखते ही देखते तेरी मेरी में यह साल निकल गया और फिर नया आ गया हमारी जिंदगी का एक साल कम हो गया , दोस्तों अगर हम वक्त की कीमत समझ लें किसिस शायर के इस कथन के वक्त करता जो वफा आप हमारे होते , यह समय चक्र हे वक्त रुकता नहीं वक्त चलता रहता हे इस सच्चाई को समझ लें तो बात ही कुछ और हो हमारे देश के कानून से जुड़े लोगों ने इसे समझा ओर इस मामले में वक्त गुजर जाने पर कोई भी कार्यवाही से लोगों को रोक दिया गया और इसके लियें अलग से वक्त का कानून जिसे मियाद अधिनियम या लिमिटेशन एक्ट कहा गया ।
तो दोस्तों नया साल आया हे अब सोचें के हमने इस गुजरने वाले साल में किया खोया किया पाया ऐसा क्या छुट गया जिसे हम हांसिल कर सकते थे लेकिन हमारी कमजोरी या लापरवाही से हमारे हाथ से छीन गया ऐसे कितने लोग हें जिन्हें हमने बिना किसी वजह के दुश्मन बना लिया हमने ऐसे कितने खर्च किये जो अनावश्यक थे इन सब का लेखा जोखा हमें करना होगा नये साल में हमें एक नया केलेंडर एक नई प्लानिंग तय्यार करना होगी जिसे समयबद्ध बना कर इस नये साल में पूरी करने का संकल्प करा होगा केवल नाच गाने जश्न यह सब तो बेमानी हे हाँ अगर हम अपने जीवन में कामयाब हुए हें अगर हमने जो सोचा वोह किया हे अगर हमने समाज में खुद को स्थापित किया हे अगर हमने देश के लियें समाज के लियें कुछ यादगार किया हे तो हमे इस साल के जाने और नये दल के आने के मिलन के वक्त पर जश्न मनाने का हक हे वरना जो सब कर रहे हें अगर वोह हम करते हें तो फिर बताओ हम लोग क्या सही क्या गलत कर रहे हें यह तो हमें ही सोचना होगा तो दोस्तों एक बार फिर जरा सोचो कलम उठाओ या फिर डायरी उठाओ लेब्तोप उठाओ और बनाओ भविष्य की देश के हित में योजना खुद के और खुद के परिवार समाज के उत्थान की योजना देखो ऐसा सपना जिसे इस नये साल में इस नये साल के पुराना होने के पहले ही हम इन सपनों को साकार करें और साल के हम स्टार कहलायें क्या कर सकेंगे ऐसा हम हाँ अगर आज से आज से क्या अभी से हमने यह सब संकल्प ले लिया तो समझों कामयाबी दूर नहीं हे इसलियें अभी तो केवल हेपी निव इयर और फिर कामयाबी के बाद अगर में जिंदा रहा तो फिर मिलेंगे और गले मिल कर कहेंगे सब कुछ हेपी हेपी हे और आल इज वेल्ल आल इज वेल्ल । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...