आपका-अख्तर खान

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01 जनवरी 2011

कोटा एस पी प्रफुल कुमार प्रफुल्लित हुए

राजस्थान के कोटा में तेनात आई पी एस अधिकारी प्रफुल कुमार बखूबी कोटा पुलिस अधीक्षक के पद पर रहकर अपना काम अंजाम दे रहे हें , चाक चोबन्द और दुरुस्त कानून व्यवस्था के लियें कोटा में उन्होंने दिन रात एक कर काम किया हे , पीड़ितों को न्याय देकर उन्होंने उनकी दुआएं ली हे और इसीलियें नये साल की नई दशाब्दी के शुभ अंक की घड़ी में इश्वर ने उन्हें पुत्र रत्न का एक नायाब तोहफा दिया हे ।
दोस्तों नये साल की नई शुरुआत के दिन वर्ष २०११ के ११ बजे की घड़ी पर यानि ११.५५ मिनट पर पुलिस अधीक्षक प्रफुल कुमार की पत्नी श्रीमती वर्षा ने एक सुंदर और चंचल स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया उनके इसके पूर्व एक सुंदर सी प्यारी से लक्ष्मी हे जिस पुत्री का नाम उन्होंने उसकी खुशनुमा आवाज़ से प्रभावित होकर पीहू रखा हे , ज्योतिष विद्या के अनुसार भी इस ११ की शुभ घड़ी में और नई दशाब्दी की शुरुआत घड़ी में किसी का जन्म शुभ मन गया हे इसी लियें कोटा पुलिस अधीक्षक प्रफुल कुमार अब लोगों की मुबारकबाद ले रहे हें और प्रफुल्लित भी हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रक्षा सोदे की फाइलें अब सडको पर

दोस्तों देश में वायुसेवा के रक्षा सोदों की खरीद की फाइलें भरत की सडकों पर पड़ी मिले तो हमें समझ लेना चाहिए के हमारा देश और हमारे देश के रक्षक हमारी और हमारे देश की सुरक्षा को लेकर कितने चिंतित हें , यह हमारा देश हे इसलियें यहाँ तो इस प्रकार की गोपनीय फाइलों का सडकों पर मिलना गम्भीर बात नहीं हे आम बात हे लेकिन दुसरे देशों में अगर ऐसा होता तो अब तक तो तख्ता पलट गया होता यह भी उस वक्त हुआ हे जब अमेरिका देश को बार बार गोपनीय फाइलें इंटरनेट से हटाने और हेक करने के खतरे की चेतावनी दे रहा हे हमारे देश के अपने वरिष्ठ अधिकारी रोज़ जासूसी के गम्भीर मामलों में पकड़े जा रहे हे ।
दोस्तों अब बताओं जब महत्वपूर्ण पत्रावलियां सडकों पर उपलब्ध हो जाती हे तो फिर हमारे देश की जासूसी के लियें आई एस आई और सी आई ऐ को महनत करने की जरूरत कहां हे , इस लापरवाही के लिए हमारे देश के लड़ाकू विमानों की खरीद का सच तो दुश्मनों के सामने तो आ ही गया हे लेकिन ना जाने ऐसी कितनी फाइलें हें जो अभी सडकों पर पढ़ी होंगी या फिर सडकों पर उनकी सोदेबाज़ी की जारही होगी , दोस्तों यह मेरा देश हे यहाँ इस गम्भीर मामले को पक्ष और विक्ष ने गम्भीरता से नहीं लिया हे बस एक आयोग बनेगा जांच होगी सरकार आयेगी सरकार जाएगी लेकिन एक दो अधिकारीयों के खिलाफ प्रतीकात्मक कार्यवाही के आलावा इस ग्म्बिर मामल में कोई भी गम्भीर कदम नहीं उठाया जाएगा जरा सोचो देश में अगर ऐसा ही कुछ चलता रहा तो फिर हमारे विदेशियों का फिर से गुलाम बनने में कितने दिन कितने साल बाकी रह जाते हें इसलियें दोस्तों उठो ,जागो देश और समाज में जाग्रति पता करो और देश के इन दुश्मनों को फांसी पर लटकवा कर ऐसा उदाहरण पेश करो के ऐसे लोग फिर इस देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न कर सकें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चाइना ने पुल निर्माण में भी अपना सिक्का जमाया

विश्व भर में आर्थिक तंगी और भुखमरी के दोर से गुजर रहे चीन ने चाइना मेड उत्पाद विश्वभर में सस्ते दामों में उपलब्ध कराकर खुद अपने देश की आर्थिक स्थिति मजबूत कर ली हे और चप्पे चप्पे पर सस्ते दामों पर बेहतरीन उत्पाद देकर बाज़ार से महंगे दामों में सामान बेचने वाले देशों के लियें मुसीबत पैदा कर दी हे और खुद को गरीब और गरीब देशों का मसीहा साबित किया हे ।
चीन ने अब खुद को मजबूत बनाए के बाद अपने देश को अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लियें विश्व के सबसे लम्बे पुल का निर्माण कम वक्त और कम कीमत में तय्यार किया हे एक समुन्द्र पर ४२.५० किलोमीटर लम्बे इस पुल निर्माण का कार्य वर्ष २००६ में शुरू किया गया और वर्ष २०१० के एंड में यानि चार वर्षों में पूरा भी कर लिया गया इस पुल के निर्माण को समय से पहले और गुणवत्ता आधारों पर निर्मित करने के कारण इसका खर्च ३८१ अरब रूपये आया हे चीन का यह पुल अब विश्व का सबसे लम्बा पुल बन गया हे इसके पहले अमेरिका का सबसे लम्बा पुल ३६ किलोमीटर का था लेकिन दूर द्रष्टि ,कड़ी मेहनत , लगन और इमानदारी के संकल्प के चलते चीन ने आज चाइना मेड के साथ साथ चाइना पुल के नाम पर भी विश्व में अपना सिक्का जमा लिया हे । एक हमारे देश में खासकर खुद हमारे कोटा में चम्बल नदी के दो किनारों को पाटने वाला बनाया जाने वाला पुल हे जिसमें दो बार हदसा हो गया एक बार बढ़ा हादसा हुआ जिसमें अरबों रूपये के नुकसान के साथ देश के ५० से भी अधिक इंजीनियर और कर्मचारी मारे गये और पुल निर्माण को कई दशाब्दी गुजर गयी हे लेकिन पुल हे के बनने का नाम ही नहीं ले रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नये साल में कानून की पालना के लियें रोकना महंगा पढ़ा

दोस्तों जब पुराने २०१० की विदाई और नये २०११ के आगमन के मिलन की रात लोग जश्न मना रहे थे तब जयपुर के एक वरिष्ट प्रशासनिक अधिकारी को यह पता नहीं था की जश्न की यह रात उनके लियें काली रात साबित होगी , जयपुर में नियुक्त सम्भागीय आयुक्त जनाब आर पी जेन को जब पता चला के एक कार्यक्रम में दस बजे बाद डिस्को म्युज़िक बंद करवाने पुलिस और ऐ डी एम पहुंच गये हें तो इन जनाब अधिकारी जी ने दस बजे बाद माइक और गाने बजाने की रोक के कानून का ध्यान नहीं रखा और ऐ डी एम जयपुर को इस मामले में कार्यवाही करने से रोक दिया लेकिन आदेश अदालत का था इसलियें पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और थानाधिकारी खुद को बचाने के लियें कार्यक्रम रुकवाने पर अड़ गये बात आगे बढ़ी और फिर शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची ।
कानून व्यवस्था लागु करवाने वाले अधिकारी जब कानून व्यवस्था तोड़ने के लियें और इससे नजर अंदाज़ कर चले जाने के लियें जब निर्देश दें तो इससे खतरनाक बात और क्या हो सकती हे इसलियें मुख्यमंत्री जी ने इसे गम्भीरता से लिया और सम्भागीय आयुक्त जयपुर की जश्न की नये साल की पहली सुहावनी रात को काली घटाटोप वाली अँधेरी रात बना दिया ,मुख्यमंत्री जी ने तुरंत प्रभाव से सम्भागीय आयुक्त आर पी जेन को हटाने के आदेश देकर आदेश की प्रतीक्षा में रख दिया हे अब जब इतने बढ़े अधिकारी को सबक सिखाया जा सकता हे तो फिर छोटे बढ़े अधिकारीयों को तो सोच ही लेना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा कलेक्टर को हटाने से जनता परेशान

Friday, December 31, 2010

कोटा कलेक्टर टी रविकांत को मुख्यमंत्री जी ने विशिष्ठ सचिव बनाया

राजस्थान के कोटा में पिछले कुछ दिनों से कोटा में कलेक्टर रहे टी रविकांत की प्रशासनिक क्षमता और कार्यशेली को देख कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में सफलतम कार्य कर रहे हर दिल अज़ीज़ बने कोटा कलेक्टर टी रविकांत को जयपुर मुख्यमंत्री भवन में बुला लिया हे ।
नये साल की इस पहली खबर में टी रविकांत को तो उनकी क्षमता का पुरस्कार मिलना था लेकिन कोटा के पीड़ित और गरीब लोगों को तो इस खबर से सदमा लगा हे क्योंकि कोटा की जो कार्य योजनायें हें और जो चुस्त दुरुस्त प्रशासन हे अब अगर वोह ढर्रा बिगड़ गया तो गरीब और पीड़ित को त्वरित नया मिलने के ख़्वाब को टी रविकांत ने जो हकीकत में बदल दिया था उसका क्या होगा । दोस्तों आज के इस कलियुग में बहुत कम ऐसे अधिकारी हें जिनकी कार्यशेली के मुक्त कंठ से प्रशंसा की जाती हो में खुद भी इस मामले में कंजूस हूँ लेकिन किया करूं टी रविकांत कलेक्टर कोटा की कार्यशेली ने मुझे भी अपना फेन बना लिया था और लगता था की अब कोटा का प्रशासन , कर्मचारी और व्यवस्थाएं ट्रेक पर आने लगी हें निष्पक्ष और गेर राजनितिक तरीके से निर्भीक चुस्त दुरुस्त प्रशासनिक कार्य निपटाने वाले टी रविकांत जी को तो उनकी उपलब्धियों के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त कर पुरस्कार दे दिया गया हे लेकिन कोटा में तो उनके जाने की खबर से गरीब और पीड़ितों में जेसे मातम ही छा गया हे कोटा में पहली बार किसी कलेक्टर के ट्रांसफर की खबर से जनता के बीच में यह प्रतिक्रिया देखने को मिली हे खेर एक आता हे एक जाता हे लेकिन जो जीतता हे वही सिकन्दर होता हे जो कुछ करता हे याद भी उसे ही किया जाता हे , कोटा कलेक्टर पद पर कार्य करते हुए टी रविकांत जी ने अधिकारीयों कर्मचारियों की नाक में नकेल डाल कर उन्हें टाइम पर दफ्तरों में आने के लियें पाबन्द किया जो लोग लेट लतीफ रहे उन्हें एक दो बार माफ़ कर दंड का डर बताया तो जो लोग दफ्तर में वक्त पर आये उन्हें पुरस्कृत भी किया , कर्मचारियों के लियें विशेष प्रतियोगिताये करवाकर उनके होसले बुलंद किये उनकी पीठ थपथपाई तो गलत करने पर उन्हें आँखें भी दिखायीं , कलेक्ट्रेट परिसर पहली बार इतना साफ़ सुथरा और सुंदर सुरक्षित बनाया गया हे दफ्तरों में कार्य विभाजन कर त्वरित कार्य की कार्य प्रणाली लागू की गयी हे , अस्पताल में निरिक्षण के दोरान अगर कलेक्टर रविकांत जी को गंदगी लगी तो खुद ने अस्पताल में झाड़ू लगाकर कारसेवा की तो खुद बा खुद अस्पताल प्रशासन को शर्म आ गयी और अस्पताल में फिर सफाई रहने लगी तो जनाब चाहे सिगरेट पान बीडी का कानून चाहे और दुसरे कानून हों सख्ती से केसे लागू करवाए जा सकते हें और असम्भव को सम्भव केसे बनाया जा सकता हे यह सब खुद अकेले टी रविकांत ने कोटा कलेक्टर के पद पर रहते हुए किया हे जबकि कोटा की राजनितिक लड़ाई दो मंत्रियों का अखाड़ा बन चुकी थी तब भी नरेगा , महा नरेगा और अरबों रूपये की सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण हटवाने का काम टी रविकांत ने किया हे खेर अब उनकी तरक्की हुई हे टी रविकांत की कोटा से ज्यादा जरूरत पुरे राजस्थान को हे और इसीलियें उनकी खूबियों और काबलियत की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री जी ने खुद के पास विशिष्ट दर्जा देकर सचिव बनाया हे यह उनके लियें और कोटा के लियें गोरव की बात हे इसके पहले श्रीमंत पांडे कोटा कलेक्टर पद से मुख्यमंत्री कार्यालय में गये थे जो वहां अपने कार्यो को बखूबी अंजाम दे रहे हें और टी रविकांत भी कोटा के हितों का ध्यान रखते हुए राजस्थान के विकास और प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका अनिभायेंगे ऐसी कोटावासियों की दुआ हे । न्य साल सबको बहुत बहुत मुबारक हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक मां के आंसू जो इरादों में बदल गये .....

दोस्तों यह कोई कालपनिक कहानी नहीं
एक हकीकत हे
जी हाँ दोस्तों यह एक मां के आंसू थे
जो थोड़ी सी देर में ही सख्त इरादे में बदल गये ।
नये साल के एक दिन पहले में अदालत में अपनी सीट पर बेठा था के आँखों में आंसू लियें
एक महिला याचक की तरह मेरे पास आई और फिर अपनी बात बताने के पहले ही फुट फुर कर रोने लगी
मेरे आस पास के टाइपिस्ट , वकील और मुशी उसे देखने लगे महिला मेरी पूर्व परिचित थी इसलियें उसे दिलासा दिलाया जम महिला शांत हुई तो उससे उसकी परेशानी पूंछी महिला ने दोहराया के आपको तो पता हे मेरे पति के
तलाक लेने के बाद केसे मेने जिंदगी गुजर बसर कर अपने बच्चों को पाला हे उन्हें बढा किया हे और उनका विवाह किया हे में आज भी दोनों लडकों के विवाह के बाद उनके कुछ नहीं कमाने के कारण उनका खर्चा चला रही हूँ और बच्चे हे के शादी और डिलेवेरी के खर्च के वक्त उधार ली गयी राशी को चुकाने का प्रयास ही नही कर रहे हें जबकि पति तलाक के बात लकवाग्रस्त हो जाने से मेरे घर आ गया हे ओऊ उसका इलाज भी मुझे ही करवाना पढ़ रहा हे मेरा भी हाथ तंग हे इसलियें में बेबस हूँ मेने एक कर्ज़ के पेटे कर्ज़ लेने वाले को चेक दिया था उसने मेरे खिलाफ मुकदमा कर दिया और अदालत से मेरे खिलाफ जमानती वारंट आया हे हमने महिला के हाथ में से जमानती वारंट लेकर देखा वारंट केवल पांच हजार रूपये के चेक के मामले को लेकर भेजा गया था मेने और मेरे साथियों ने उस महिला की आँख में आंसू और चेहरे पर बेबसी देखी तो उसे हिम्मत दिलाई मुकदमें में उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा इस का उसे दिलासा दिलाया महिला ने राहत की सांस ली और बेठ गयी इसीस बीच लगभग एक आठ साल का बच्चा हाथ में थेला और ब्रुश लिए आया और कहने लगा वकील साहब पोलिश , यकीन मानिए में कभी भी इन बच्चों से पोलिश नहीं कराता हूँ लेकिन उस दिन ना जाने क्या दिमाग में आया के मेने चुपचाप जूते उतार कर उसके आगे बढ़ा दिए बच्चा नादाँ सा सभी दुःख दर्द से बेखबर होकर जूतों पर पोलिश करने के लियें जुट गया मेने उससे मजाक किया के बेटा पोलिश तो तू आज कर दे पोलिश के पेसे तू कल ले जाना बच्चे ने नजर उठाई और कहा के नहीं सर कल तो जुम्मा हे में नमाज़ पढूंगा पेसे तो आज ही लूंगा , में दुसरा सवाल करता इस के पहले ही उस बेचें पीड़ित महिला के दोनों बेटे भी पास ही आकर बेठ गये थे , मेने फिर उस पोलिश वाले बच्चे से दूसरा सवाल किया के बेटे तुम पढ़ते नहीं उसने कहा सर दिन में पढ़ता हूँ अभी में स्कुल से ही तो आया हूँ और घर से बस्ता रख कर इधर आ गया , बच्चे से पूंछा के तुम कहां रहते हो तो उसने उद्योग नगर वेम्बे योजना में रहना बताया , जब बच्चे से दिन भर की कमिया का ब्यौरा लिया तो बच्चे ने वही शालीनता से जवाब दिया सर पचास से सत्तर रूपये तक रोज़ कम लेता हूँ , बच्चे से फिर मेने सवाल किया के तुम इन रुपयों का क्या करते हो तो बच्चे ने फिर सहज और मासूमियत भरा जवाब दिया सर मेरे पापा को घर पर लेजाकर दे देता हूँ वोह अकेले ढोलक बेचते हें जिससे घर का खर्च ठीक से नहीं चलता पुराना कर्जा हे इसलियें कर्जा उतारने के लियें में भी कमाई कर रहा हूँ , बच्चे की बात सुनकर उस पीड़ित महिला के दोनों बच्चे बगले झाँकने लगे मेने पोलिश वाले बच्चे से फिर वही सवाल किया और उसने फिर वही जवाब दोहराया बस फिर किया था जो महिला आँखों में आंसू और चेहरे पर बेबसी लेकर आई थी उसके आंसू सुख गये थे और वोह अपने बच्चों के इस छोटे से बच्चे की सीख से आचरण में बदलाव महसूस कर रही थे इसलियें उस महिला के आंसू मजबूत इरादों में बदल गये और दोनों बच्चों ने महिला का हाथ पकड़ा और कहा चल मम्मी घबरा मत देखते हें हम और तुइम मिलजुल के कुछ करेगे तो कर्जा तो उतर ही जाएगा परेशानी बेबसी और आंसुओं के बाद एक छोटा सा पोलिश करने वाला बच्चा एक मां के बिगड़े बच्चों को इतनी बढ़ी सीख और बेबस मां को हिम्मत दे जायेगा में सोच ही रहा था के पोलिश वाले बच्चे ने कहा के सर पोलिस के पेसे मेने जेब में हाथ डाला तो खुल्ले नहीं थे पचास का नोट था बच्चे ने कहा सर में खुल्ले करवा कर लाता हूँ लेकिन मेने कहा बेटा बस खुल्लों की जरूरत नहीं हे पुरे के पुरे तू ही रख ले यकीन मानिये उस बच्चे को जबरन पचास रूपये देने के लियें मुझे काफी जद्दो जहद करना पढ़ी तब वोह जाने को तयार हुआ लेकिन कहकर गया हे के अब में बकाया पैसों की रोज़ आपके जूतों की पोलिश करा करूंगा .......... तो ऐसे एक मासूम से बच्चे ने जिंदगी का एक बहुत बढ़ा सबक सिखा दिया जो शायद कभी भुलाया नहीं जा सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर निगम ने टेक्स लगाया तो बुरा मान गये : मुलजिम,फरियादी,पुलिस एक ही मंच पर

कोटा नगर निगम ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लियें कोंग्रेस और भाजपा एजेंडे के विपरीत नगर टेक्स लगा कर टेक्स की वसूली शुरू कर दी हे । यह टेक्स लगाने का फेसला भाजपा सरकार ने तीन वर्ष पूर्व किया था लेकिन कोंग्रेस के पुरजोर विरोध के चलते कोटा में इस चोथ वसूली को शुरू नहीं की जा सकी थी ।
कोटा में पहली बार नगर निगम की महापोर कोंग्रेस की बनी कोटा से लेकर जयपुर और दिल्ली तक की सरकार कोंग्रेस बन गयी कड़ी से कड़ी जुड़ गयी बस इस नशे में कोंग्रेस की महापोर भवन कर के मामले में भाजपा सरकार में कोंग्रेस द्वारा क्या गया विरोध भूल गयी उन्हें याद भी केसे रहता उस वक्त वोह तो कोंग्रेस में थी ही नहीं उन्हें कोंग्रेस की नीतियों का कोई ज्ञान भी नहीं था वोह तो पेराशूट से आयीं और कई कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं का हक मारकर महापोर बन गयीं इसलियें उन्होंने इस कर वसूली को शुरू कर दिया , अब भाजपा की बारी थी इसलियें भाजपा के विधायक ओम क्रष्ण बिरला ने कोंग्रेस के नगर निगम बोर्ड को उनके द्वारा किये गये विरोध और टेक्स वसूली रुकवा देने की कार्यवाही को याद दिलाया तो कोंग्रेसी कान में तेल डाला कर बेठ गये योजना एके तहत कोंग्रेसियों ने खुद ने पहल कर कथित रूप से टेक्स जमा कराया टी वी पर विज्ञापन दिलवाए के हम कोंग्रेसी बढ़े नेता हें हमने भी टेक्स जमा करा दिया आप भी जमा कराओ बस टेक्स जमा होने लगा भाजपा के विधायक ओम बिरला जी ने इस वसूली को गलत और अन्याय बताते हुए निगम के बाहर जा कर प्रदर्शन किया प्रदर्शन के दोरान हठधर्मिता के चलते हेल्प लाइन के कांच टूट गये बस फिर क्या था कोटा नगर निगम को मोका मिल गया और कोंग्रेस की महापोर ने भाजपा के विधायक ओम बिरला सहित जो लोग वहां नहीं थे उनका भी नाम लिखा दिया व्यापार महासंघ के अशोक माहेश्वरी वहां नहीं थे लेकिन उनका नामा मुलजिमों की सूचि में डाला गया हे विधायक के खिलाफ रिपोर्ट हे इसलियें जांच तो सी आई डी सी बी करेगी बस जांच का नाटक होगा ओर अगर चलन पेश भी हुआ तो अगली बार जब भाजपा की सरकार आएगी तो इन मुकदमों को जनहित में वापस ले लिया जायेगा कुल मिला कर ऐसी द्वेषता पूर्ण मुकदमे बाजी का कोई ओचित्य नहीं हे लेकिन मुकदमें किये गये हें ।
खेर यह तो मुकदमे बाज़ी की बात हुई लेकिन कल शाम को हमारे भाई मंगलवर्धनी अख़बार परिवार की तरफ से नये साल का जश्न था कोटा साबर मति कोलोनी में कार्यक्रम था पत्रकारों को अधिकारीयों और नेताओं को बुलाया गया था में खुद भी वहां मोजूद था कार्यक्रम का संचालन मुझे दिया गया लेकिन कल नगर निगम में तोड्फोल होने के बाद विधायक और पूर्व संसदीय सचिब ओम जी बिरला तो मुलजिम बन चुके थे इधर महापोर नगर निगम रत्ना जेन फरियादी थीं जबकि आई जी कोटा रेंज दलपत सिंह जी दिनकर इस कार्यक्रम के मुक्य अतिथि थे मेने आयोजक महोदय बद्रीप्रसाद जी गोतम और कोटा ब्यूरों के सम्पादक के अलावा प्रेस क्लब के महा सचिव हरिमोहन जी को बुलाया उन्हें कान में एक ही घाट पर मुलजिम पुलिस और फरियादी की मोजुदगी का एहसास दिलाया बस सब गम्भीरता को समझ गये फरियादी मुलजिम और पुलिस एक ही घाट पर पानी केसे पीती इसलियें पहले आई जी का कार्यक्रम हुआ फिर उनके जाने के बाद महापोर जी का कार्यक्रम हुआ और फिर भाजपा के नेताओं का कर्यक्रम रखा गया तो जनाब एक ही घाट और सब जमा तो हुए लेकिन कार्यक्रम में आमद अलग अलग खेमे में होने से कार्यक्रम भी हो गये पुलिस मुलजिम फरियादी की गरिमा भी बनी रही और नया साल जिंदाबाद भी हो गया तो जनाब ऐसी उहा पोह में मना कल का नव वर्ष लेकिन एक ख़ास बात रही कल प्रदर्शन की घटना और मुकदमे बाज़ी के बाद भी भाजपा के विधायक ओम जी बिरला निश्चिन्त होकर सडकों पर नंगे पैर लोगों को ढूंढ़ कर चप्पलें पहनाने का अपना काम करते देखे गये जो अपने आप में अनूठा सेवा कार्य का उदाहरण हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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