आपका-अख्तर खान

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05 जनवरी 2011

अपना केरियर बनाओ

लडकी से
नशा होता हे
नशे से
होता हे जूनून
और जूनून के बाद ही
होती हे महनत
महनत से होती हे
पढाई
और पढाई से
बनता हे केरियर
इसलियें दोस्तों
केरियर बनाने के लियें
लडकी
पटाना
अब तो बहुत
जरूरी हो गया हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोचा था ....

सोचा था
अब बहुत हो गयी
अब तो उनको
हर तरह से
भूल जायेंगे
सामने आये भी वोह अगर
तो उनको देख कर भी
उन्हें अनदेखा कर जायेंगे
लेकिन
सामने आया
जब चेहरा उनका
दिल कमबख्त चीख पढ़ा
बोला इस बार तो
जी भर कर देख लो
मोका मिला तो
अगली बार जरुर भूल जायेंगे
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वक्त की आंच में

वक्त की
जलती हुई
आग में
लोहा हो
या हो पत्थर
सभी
पिघल जाते हें
कोन करेगा
हमें याद
वक्त के साथ
ख्यालात भी
बदल जाते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल का दर्द

दिल के दर्द को
जुबां पर
हरगिज़ मत लाना
तकलीफ में हो जितने भी
फिर भी
आँखों से
आंसू मत बहाना
दिल के जख्म
चाहे कितने भी गहरे हों
ड्रेसिंग करे
रिश्तों का डिटोल
जरुर लगाना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रिश्ते अपने

अपने
रिश्ते पर
नाज़ हे हमें
कल जितना भरोसा था
उतना ही भरोसा
आज भी हे हमें
रिश्ते वोह नहीं
जो मतलब से
एक दुसरे का साथ दें
बस हर रिश्ते में
इंसानियत का एहसास हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जरूरत एक एग्रीगेटर की

भाइयों अदालत सहित अनवरत सहित किया महत्वपर्ण ब्लोगों के जनक जनाब एडवोकेट और मेरे बढ़े भाये दिनेश राय जी द्विवेदी जी ने कहा चलो चाय पियेंगे हमारे साथ रामस्वरूप जी शर्मा सहित और कई वकील भी थे जिनमें एक महिला वकील भी शामिल थीं भाई द्विवेदी जी चाय इसलियें नहीं पीते क्योंकि वोह समझदार हें और वोह जानते हें के चाय के प्याले में कभी भी तुफान आ सकता हे इसलियें वोह कोफ़ी पीते हें ,खेर चाय और कोफ़ी तो बहाना था अदालत में चल रही निरंतर हडताल के माहोल में आपस में बेठ कर चर्चा करना था इसीलियें टेबल वार्ता शुरू हुई और बात ब्लोगिंग फिर ब्लोगिंग से एग्रीगेटर की कमी तक पहुंच गयी भाई द्विवेदी जी ने बताया के अदालत के नाम से उन्होंने एक एग्रीगेटर तय्यार कर रखा हे क्योंकि इन दिनों ब्लोग्वानी.चिट्ठाजगत तो बंद हो चुके हे और एक दुसरे से एक दुसरे का परिचय नहीं हो पा रहा हे ब्लोगर्स परेशानी के डोर से गुजर रहे हें इसलियें एक बेहतरीन एग्रीगेटर की जरूरत हे मेने कहा जब एग्रीगेटर तय्यार हे तो फिर देर किस बात की शुरू किया जाये लेकिन द्विवेदी जी ने सहज भाव से पावला जी की डिजायनिंग क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा के में पहले पावला जी से निवेदन करूंगा के वोह इस अदालत एग्रीगेटर को अच्छे से डिजायन कर दें फिर इसको शुरू किया जाएगा दोस्तों चाय की टेबल पर ब्लोगिंग की यह चर्चा चाहे सहज रही हो लेकिन यह तो सही हे के हमें आज ब्लोगर्स के मिलन के लियें रचनात्मक सहयोग के लियें एक एग्रीगेटर और वोह भी निष्पक्ष एग्रीगेटर की जरूरत आन पढ़ी हे तो दोस्तों वेसे तो बहुत हें जो एग्रीगेटर की दुनिया में अपना काम करना चाहते हें लेकिन अगर दिनेश द्विवेदी जी पर दबाव बनाया जाए और पावला जी ललित जी सहित सभी वरिष्ठ ब्लोगर भाई इस सपने को साकार करने के लियें मदद करें तो में समझ सकता हूँ किसी भी ब्लोगर भाई को एतराज़ नहीं होगा तो दोस्तों अगर आप मेरी बातों से सहमत हें तो जनाब द्विवेदी जी पर और दुसरे ब्लोगर्स पर इतना और इतना दबाव बना डालें के सब मजबूर हो जाएँ और एग्रीगेटर जो एक सपना बनता जा रहा हे वोह जल्दी ही हमारे सामने हो तो जनाब शुरू हो जाए भाइयों पर दबाव बनाने का आन्दोलन अगर ऐसा होता हे और सपना सच होता हे तो सभी ब्लोगर्स की बल्ले बल्ले हे ....... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गुर्जरों का आतंक सरकार का निकम्मापन खत्म हुआ लगता हे

जी हाँ दोस्तों यह मेरा राजस्थान हे यहाँ कानून नाम की कोई चीज़ भी हे या नहीं मुझे पता नहीं हाँ गरीबों के लियें और कमजोरों के लियें मेने हर जगह शिद्दत से कानून लागू होते देखा हें लेकिन ताकत के आगे हमेशा मेरी सी सरकार ने निकम्मा बता कर सलाम ही किया हे , अभी १७ दिन चले गुर्जर अस्न्वेधानिक गेर कानूनी आन्दोलन को सरकार ने हवा दी और जो पहले दिया गया था उससे अधिक कुछ नहीं दिया , दोस्तों गुर्जर आन्दोलन राजस्थान में इसके पहे भी हुआ था तब भी सरकार ने राज्य के करोड़ों लोगों को अपनी नाकामयाबी से अघोषित जेल में बंधक बनवा दिया था आम आदमी का साँस लेना और अपने मन मर्जी से कहीं आना जाना भी मुश्किल था तब गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बसला और कोंग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के बीच सहमती बनी थी और इस सहमती में जो कल बात हुई हे उन्हीं मुद्दों पर बात करना था ।
सरकार ने गुर्जरों से किया अपना वायदा वक्त पर नहीं निभाया साइड लाइन मांगें जिनमें म्रतक आश्रितों को नोकरी ,घायलों को पेंशन ,देवनारायण बोर्ड की राशि में व्रद्धी , मुकदमों की वापसी मुख्य मांगें थी सरकार ने वायदा किया लेकिन निभाया नहीं गुर्जरों ने एक बार फिर आरक्षण का हव्वा खड़ा किया और आरक्षण का जिन्न बोतल में से निकला दिया वोह जानते थे के आरक्षण अभी सम्भव नहीं हे लेकिन उन्होंने आरक्षण को मुख्य्मुद्दा बनाकर अपनी साइड लाइन मांगें साथ में रखीं और वोह राजस्थान को सरकार के निकम्मेपन के कारण जब जेल में बदल चुके थे तब सरकार को अपनी भूल का एहसास हुआ सरकार को हाईकमान और हाईकोर्ट का डर सताने लगा इसीलियें सरकार ने फिर पत्री पर प्रतिनिधि भेजे ,गुर्जरों को पत्री से टेबल पर बुलाया और फिर एक नया समझोता कर लिया लेकिन हालात वोह के वोह ही हें यह सरकार आन्दोलन कारियों से समझोते तो करती हे लेकिन उसको वक्त पर नहीं निभाती और इसीलियें यहाँ अनावश्यक वातावरण में गंदगी फेल रही हे । पुरे १७ दिन राजस्थान में अराजकता रही जनता परेशान रही लोगों की शादियाँ, साक्षात्कार,परीक्षाएं सब खराब हो गये लेकिन इस सरकार ने जनता की कोई सुद्ध नहीं ली अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा हे सरकार फिर से अपने वायदों को याद करे और जिन आन्दोलनकारियों से जनता से जो वायदे किये हें उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू करे ताकि अराजकता की स्थिति खत्म हो और राजस्थान शांत क्षेत्र बन सके पुरे १७ दिन की अराजकता और जनता के आंसुओं भरी पीड़ा का जवाब और हिसाब कोन देगा कोई नहीं जानता । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक सबक

जिंदगी जीने का
एक खास सबक
परवाह करो उसकी
जो आपकी प्रवाह करे ,
जिंदगी में आपको
कभी रुसवा ना करे ,
जान बन कर
उतर जाओ
उसकी जिंदगी में
जो
खुद की
जान से भी
ज्यादा तुमको
प्यार करे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा सडक मामले में तीन इंजीनियर निलम्बित

कोटा में नगरविकास न्यास के तीन इंजीनियरों को घटिया सडक निर्माण के लियें ज़िम्मेदार मानकर नोकरी इ निलम्बित कर दिया गया हे जबकि ठेकेदार के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गये हें ।
कोटा के रामपुरा इलाके में पचास लाख के लगभग की लागत से सडक बनाई जाना थी लेकिन सडक में घटिया निर्माण , और सडक निर्माण के बाद भी गड्डों की शिकायत जब स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल जी को पता चली तो उन्हने इसकी रिपोर्ट मंगवाई और तथ्य प्रमाणित होने पर इसे गम्भीरता से लिया तथा इस काम में लगे तीन इंजीनियरों को तुरंत प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया जबकि ठेकेदार के खिलाफ फोजदारी अर्य्वाही कर उसे ब्लेक लिस्टेड घोषित करने के निर्देश दिए गये हें । कोटा में पिछले कुछ दिनों से ठेकेदार और अभियंताओं की मिलीभगत से घटिया निर्माण के चलते सरकार को लाखों करोड़ों का चुना लग रहा हे जबकि इस घटिया निर्माण से आम जनता दुखी हे पहली बार इस कठोर कार्यवाही से भ्रष्ट ठेकेदार और अभियंता को सार्वजनिक रूप से दंडित किया गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिग्विजय सिंह की महाराष्ट्र के गृह मंत्री को ललकार

कोंग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिविजय सिंह शुरू से किसी ना किसी बयान के बहाने सुर्ख़ियों में रहते हें पिछले दिनों उन्होंने मुंबई ऐ टी एस के शहीद पुलिस अधिकारी करकरे की शहादत के कुछ देर पहले उनसे बात होने और उनके द्वारा हिन्दू आतंकवादियों से खतरा होने की बात कहने की बात कही थी जिसे भाजपा ने सिरे से नकार दिया था और फिर बाद में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अधीनस्थ गृह मंत्री आर आर पाटिल ने साफ़ तोर पर दिविजय सिंह के दावे को झुट्लाते हुए कहा था के ऐसा कोई रिकोर्ड हमारी जांच में नहीं आया हे जेसे दिग्विजय सिंह ने कहा हे , महाराष्ट्र के गृह मंत्री के इस अधिक्रत ब्याने के बाद दिग्विजय सिंह की विपक्ष ने बहुत किरकिरी की थी बस तभी से दिग्विजय सिंह नाराज़ थे और अपनी बात को साबित करने के सबूत एकत्रित कर रहे थे ।
कल दिग्विजय सिंह ने आखिर खुद की और शहीद करकरे की फोन पर बात होने का सबूत हांसिल कर ही लिया और उन्होंने कोल डिटेल निकलवाकर एक प्रेस कोंफ्रेंस में इस तथ्य को उजागर करते हुए अपनी नाराजगी अपनी ही पार्टी की कोंग्रेस की महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री पाटिल के ज़ाहिर करते हुए कहा हे के पाटिल को गलत बयानी के लियें उनसे यानि दिग्विजय सिंह से माफ़ी माँगना चाहिए बात सही हे के अगर करकरे की फोन कोल डिटेल में दिग्विजय के नम्बर थे तो उसे महाराष्ट्र के गृह मत्री को छुपाना नहीं चाहिए था और अगर छुपाना नहीं चाहते थे तो फिर उनको झुंट नहीं बोलना चाहिए था इस गलत बयानी शहीद करकरे की म़ोत के कुछ तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा हे इस बात का संदेह होने लगा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक फुल ..

एक फुल भी
अक्सर बाग़
सजा देता हे
केवल एक
सितारा ही
संसार को
चमका देता हे ,
जहां नहीं
काम आते
दुनिया भर के रिश्ते
वहा इस मोड़ पर
बस एक दोस्त
साथ निभा कर
बिगड़ी
जिंदगी
बना देता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा अभिभाषक परिषद का शपथ ग्रहण हुआ . अपनी मांगों को सभी वकील और जन प्रतिनिधि भूले

दोस्तों आज कोटा अभिभाषक परिषद का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न हुआ, यह शपथ ग्रहण दुसरे शपथ ग्रहणों से अलग इसलियें हे के यहाँ कोटा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक वर्ष पूर्व स्वीक्रत मांगों को लेकर उनकी क्रियान्विति के मामले में सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ आन्दोलन यानि हडताल कर रहे हें और शपथ ग्रहण में मुख्य मुद्दों पर को बात नहीं हुई ।
दोस्तों इस समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार में पूर्व संसदीय सचिव और कोटा दक्षिण के भाजपा विधायक ओम बिरला जो खुद इससे पहले वकीलों के आन्दोलन हडताल में साथ थे उन्होंने भी अपना रुख बदलते हुए वकीलों को हडताल नहीं करने की सलाह दी लेकिन मुख्यमंत्री की स्वीक्रत मांगो की क्रियान्विति अगर सभी प्रयासों के बाद भी नहीं हो पा रही हे तो वकील क्या करें इसका सुझाव भी उन्होंने नहीं दिया । पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी ने तो कोंग्रेस की सरकार में वकीलों की सारी समस्याओं का समाधान भाजपा विधायक ओम बिरला में खोजा हे भुवनेश चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में करीब एक दर्जन बार ओम बिरला का नाम लेकर वकीलों की समस्यों के समाधान ओम जी करवायेगे कहा हे , अब आप भी देखिये के वकील जिस समस्या जिस हडताल के दोर से गुजर रहे हें सरकार बातचीत नहीं करना चाहती जो मांगे स्वीक्रत हो गयी हें उनको भी सरकार ने अब तक क्रियान्वित नहीं किया हे उस मामले में इस मोके पर सभी प्रतिनिधियों और निर्वाचित वकीलों ने अपना पडला झाड लिया हे ।
अभिभाषक परिषद के लियें इस माहोल में मांगों के बारे में कोई हल निकला हो या ना हो लेकिन भाजपा विधायक ओम जी बिरला ने परिसर हित में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हे । ओम जी बिरला के विधायक कोष से कोटा न्यायालय परिसर में एक लाइब्रेरी बनाई गयी हे टीन शेड लगाये गये हें लेकिन अभी जो समस्याएं हें उनके निराकरण के लियें भी ओम जी बिरला ने महिला अभिभाषक कक्ष की व्यवस्था सुधार के लियें दो लाख रूपये और टीन शेड के लियें दो लाख रूपये की घोषणा की हे जबकि अभिभाषक परिषद का सभाकक्ष पूर्ण रूप से वातानुकूलित करने की भी घोषणा की गयी हे ओम जी बिरला ने सभी वकीलों के लियें गर्मी से पूर्व टीन शेड के नीचे खुद अपने स्तर पर जनसहयोग से पंखे भी लगवाने का वायदा किया हे । अपने ज़ोरदार लच्छेदार उद्बोधन में ओम बिरला ने वकीलों को मोह लिया हे और न्यायालय परिसर को मल्टीस्टोरी सुख सुविधायुक्त बनाने के लियें विधि मंत्री और कोटा के विधायक शांति धारीवाल से मांग की हे उन्होंने वकीलों को उनकी गरिमा और पक्षकारों के प्रति उनके कर्तव्यों को भी याद दिलाया हे । नई कार्य कारिणी में अध्यक्ष राजेश शर्मा और महासचिव नरेश शर्मा ने आज से कार्यभार सम्भाल लिया हे , आज के कार्यक्रम में उप महापोर राकेश सोरल ने भी अदालत परिसर को साफ़ सुथरा रखने में मदद का आश्वासन दिया हे देखते हें के अब इस वर्स २०११ अभिभाषक परिषद का क्या भविष्य रहता हे लेकिन स्वीक्रत मांगे जिनमें राजस्व मंडल की डबल बेंच ,उपभोक्ता की राज्य सर्किट बेंच और वकीलों को कोलोनी देने के मामल में आगे क्या होता हे यह तो वक्त ही बताएगा फिलहाल तो नये लोग हडताल खत्म करने के लियें सम्मानजनक हल खोजने के लियें कुलबुला रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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