आपका-अख्तर खान

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08 जनवरी 2011

एक छोटे से अदने अधिकारी का वरिष्ट अधिकारीयों पर नियन्त्रण का क्या फंदा हे

जी हाँ दोस्तों एक छोटा सा अधिकारी जो राजस्थान सेवा का प्रशासनिक अधिकारी हे वोह राजनीति के चलते इतना ताकतवर हो गया हे के उसके नियन्त्रण में कई आई ऐ एस और आई पी एस अधिकारी होंगे , भाइयों यह कोई चुटकुला या हास्य व्यंग्य नहीं हे यह एक सच्ची घटना हे राजस्थान में कोटा के कलेक्टर पद पर एक आर ऐ एस यानि राजस्थान सेवा के प्रशासनिक अधिकारी जी एल गुप्ता को नियुक्त कर राजस्थान सरकार ने तो यही साबित किया हे , राजस्थान सरकार की बुद्धि का दिवालियापन तो इस हद तक निकल गया हे के कोटा जो सम्भाग मुख्यालय हे एक संवेदन शील विकसित समस्याओं से ग्रसित जिला हे वहां एक आई ऐ एस को हटा कर आर ऐ एस को लगाना एक मजाक नहीं तो और क्या हे यहाँ जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक आई ऐ एस रमेश जी हे जो झालावाड और सीकर कलेक्टर रह चुके हें कई आई पी एस हें जिनसे इन्हें संवाद स्थापित करना हे सम्भागीय आयुक्त चार माह के प्रशिक्ष्ण पर जा रहे हे और ऐसे में इन का कार्यभार भी कोटा कलक्टर को देखना हे अब समझ नहीं आता के एक वरिष्ट भारतीय सेवा के प्रशासनिक अधिकारी के पर पर एक राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केसे सफल हो सकेंगे और एक छोटे अधिकारी की अधीनस्थता आई ऐ एस और आई पी एस केसे स्वीकार कर लेंगे लेकिन कोटा में शायद सरकार को अधिकारी नहीं एक रोबोट चाहिए जो रिमोट से चले और सरकार जेसा चाहे वेसा इस्तेमाल करे फिर जनता चाहे जाए भाड़ में ।/..... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक हे छोटा शकील जो कोटा की पुलिस पकड़ से दूर हे

दोस्तों कोटा में एक छोटा शकील अपराध माफिया हे जिसका मुख्य पेशा कुछ पुलिस कर्मियों से सांठ गाँठ कर लोगों को डरा धमका कर अवेध चोथ वसूली की मांग करने का बन गया हे यह छोटा शकील लोगों को फोन करता हे और मासिक चोथ वसूली की मांग करता हे नहीं देने पर उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाता हे और उन पर हमले भी करवाता हे यह छोटा शकील और कोई नहीं कोटा रेलवे स्टेशन क्षेत्र का एक छोटा सा हिस्ट्री शीटर हे जिसके होसले पुलिस की नाकामयाबी के कारण दिन बा दिन बढ़ते जा रहे हे एक व्यक्ति को जब इस छोटा शकील ने धमकी दी और चोथव्सुली की मांग की तो उसने इसकी शिकायत पुलिस के छोटे और बढ़े सभी अधिकारीयों को की लेकिन इस छोटा शकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की जगह उलटे छोटा शकील ने इस पीड़ित को फॉर पर जानकारी दी के तुम मेरे खिलाफ सब जगह हो आये और कार्यवाही नहीं हुई हे इसलियें माँ जाओ अपनी जान की हिफाजत करो रोज़गार की हिफाजत करों और तुम भी कमाओ और मुझे भी उसमें से चुपचाप हिस्सा दो उसका कहना था के मेरा क्या बिगड़ेगा ज्यज्ज्दा से ज्यादा पुलिस पकड़ लेगी लेकिन में फिर छुट जाऊंगा और नहीं भी चूता तो जेल में रहकर भी में कुछभी करवा सकता हूँ इस धमकी की पीड़ित ने सीडी बनाई हे और जब अधिकारियों को सुनाई तो उन्होंने शर्मिंदा होकर छोटा शकील के खिलाफ अवेध चोथ वसूली का मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन उसे फोन टावर की जानकारी होने के बाद भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका हे अब कोटा में केसे कोई आदमी सुरक्षित रह सकता हे और कानून व्यवस्था नाम की क्या चीज़ हे जबकि कोटा पुलिस लोग डकेती प्लानिंग में लोगों को पकड़ रही हे लेकिन एक छोटा सा शकील हे जो पुलिस की जानकारी में होने के बाद भी पुलिस पकड़ से दूर हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस अब शुद्धिकरण के मुड में

कोंग्रेस की केंद्र और राज्य सरकारों में निरंतर नाकामयाबी के चलते कोंग्रेस की साख गिरती ही जा रही हे और इसी लियें अब कोंग्रेस को खुद शुद्धिकरण की जरूरत आन पढ़ी हे सुनते हें कोंग्रेस के एक वरिष्ट नेता के समक्ष जब कुछ कोंग्रेसी समर्पित कार्यकर्ता कोंग्रेस की बदहाली और अव्यवस्था की शिकायत करने पहुंचे तो एक कोंग्रेस कार्यकर्ता ने एक शेर ऩा समझे तो मिट जाओगे ऐ कोंग्रेसियों , तुम्हारा नामो निशाँ भी ना होगा राजनीति की दास्तानों में तो यह वरिष्ट कोंग्रेसी नेता समझ गये और इन्होने यह बात सोनिया गांधी तक पहुंचा दी हे अब सोनिया जी ने अपने खास सिपह सालारों के साथ मिलकर जिले से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक के शुद्धिकरण की योजना बनाई हे और इसी तर्ज़ पर अब मंत्री मंडल का पुनर्गठन और राज्यों के मन्त्र मंडल का पुनर्गठन होगा साथ ही राजनितिक नियुक्तिया भी अब इस व्यवस्था रिपोर्ट को ध्यान में रख कर की जायेंगी । अभी देश के कई राज्यों में चुनाव होना हे केंद्र में अराजकता की स्थिति हे प्रधानमन्त्री जी को बदलने की मांग उठ रही हे ऐसे में कोंग्रेस तो कोंग्रेस हे थोडा बहुत तो समझी हे अगर नहीं समझी तो सच हे के हम इसे ढूंढते रह जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में विधायक ओम बिरला की अब कम्बल निधि

राजनीति से उपर उठ कर शुद्ध समाज सेवा कार्यों में जुटे कोटा दक्षिण से भाजपा के विधायक ओम बिरला ने अब अस्पताल में ठिठुरते लोगों को ठंड से राहत देने के लियें कम्बल निधि का गठन किया हे और सर्दी से ठिठुरते मरीज़ और तीमारदारों को एक बहुत बढ़ी राहत दी हे ,इसके पहले ओम बिरला ने दवा बेंक ,ब्लड बेंक,कपड़ा बेंक ,चप्पल बेंक,खाने के लियें प्रसादी योजना और श्मशान का सोंदर्य्करण कर जनता का दिल जीत लिया हे और इस सेवा कार्य से ओम बिरला भाजपा से अलग हथ कर आम जनता से सीधे जुड़ गये हें और उनके दुश्मन भी उनकी जय जय कार करने में लगे हें ।
कोटा में छात्र राजनीति से स्कुल और कोलेज में छात्र संघ के प्रेसिडेंट रहे ओम बिरला प्रारम्भ से ही सेवा भाव से जुड़े रहे थे और इनके खुद के परिवार के संस्कार भी सेवादारी के हें इसीलियें इनका परिवार पिता श्री से लेकर भाई वगेरा अभी सेवा कार्यों से जुड़े हें ओम बिरला बाद में छात्र राजनीति से भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रिय स्तर के नेता बने और देश भर में उन्होंने इस पद पर रहते हुए अपना लोहा मनवाया इनकी खास बात यह हे के यह विचारधारा और जाती धर्म से अलग हठ कर निर्भीकता की राजनीति करते हें और इसीलियें भाजपा में अकेले ओम बिरला ऐसे नेता हे के वर्ष १९९२ में जब भाजपा पर बाबरी मस्जिद तोड़ने का इल्जाम था तब भी कोटा और राजस्थान के कई मुस्लिम निजी तोर पर ओम बिरला के साथ थे और आज भी अल्पसंख्यक अधिकतम ओम बिरला से ही जुड़े हें इसीलियें कहते हें के दलगत राजनीति से अलग हठ कर अगर सेवा भाव से काम करों तो कोई भी व्यक्ति जनता का हीरो बन सकता हे और आज विकट परिस्थितयों में सरकार और सत्ता से दूर होने पर भी कोटा दक्षिण के विधायक ओम बिरला जनता के लियें हीरो बने हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के वकीलों की हडताल कल खत्म होगी

करीब दो वर्षों से आन्दोलन रत कोटा के वकीलों की हडताल कल सोमवार को साधारण सभा में खत्म हो जायेगी , कोटा के वकील कोटा में हाईकोर्ट की मांग को लेकर हडताल पर गये थे बाद में हाईकोर्ट की मांग डेफर कर वकीलों की कोलोनी,राजस्व मंडल की डबल बेंच और राजस्थान उपभोक्ता फ़ोरम की सर्किट बेंच की मांग करने लगे थे जिसे मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार ने २७ नवम्बर २००९ को स्वीकार कर लिया था लेकिन सरकार अपने वायदे से मुकर गयी थी फिर वकीलों की राजनितिक फुट के कारण सरकार ने बजट में स्वीक्रत किराया अधिकरण का अपील अधिकरण भी कोटा में अब तक नहीं खोला गया हे , वकीलों की राजनीति के चलते सरकार स्वीक्रत मांगों को मानने में टालमटोल कर रही थी लेकिन नई कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण के बाद कल पदाधिकारी गृह मंत्री शांति धारीवाल के जरियें मुख्यमंत्री से मिलने गये हें और कल मुख्यमंत्री से बातचीत का ब्योरा वकीलों की साधारण सभा में रख कर हडताल खत्म हो जाएगी विदित रहे के पहले मुख्यमंत्री की तरफ से संदेश आया था के कोटा के वकील हड़ताल खत्म करें फिर वकीलों से वार्ता होगी लेकिन वकीलों ने हडताल खत्म नहीं की अब दूसरी कार्यकारिणी आने के बाद वकील हडताल पर रहते ही मुख्मंत्री से वार्ता कर के लोटे हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आहट ना करना .....

तुम आओ अगर ........

तुम
मेरी जिंदगी में
आओ अगर
तो जरा
आहट ना करना
कुछ उनकी यादें हें
जिनको सीने में लिए
सुकून से
सो रहा हूँ में ।
तुम आओ अगर
तो जरा
आहट न करना
उनके
बिछड़ने के
गम में
आज भी
सूखे हें
आँखों के
आंसू
लेकिन फिर भी
दिल से
में
याद में
सिर्फ उनकी
रो रहा हूँ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश में कानून मान मर्यादा नहीं तो फिर क्या कहेंगे

क्या सारा देश हिजडा हो गया हे ................?

दोस्तों मेने आभी अभी ब्लोगर कवि योगेन्द्र मोदगिल जी की एक रचना जिसका शीर्षक क्या सारा देश हिजड़ा हो गया हे पढ़ी इस रचना में उन्होंने अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सेक्स विज्ञापनों की भरमार की तरफ ऊँगली उठायी हे मेने इसका जवाब कवि महोदय को दिया के हाँ सारा देश हिजडा ही हो गया हे भाई आप मेरी बात से सहमत हों या न हों लेकिन मेरी बात पूरी तो पढेंगे । आज आप घर बाहर टी वी अख़बार जहां भी देखें सडकों पर दीवारों पर विज्ञापन देखें तो खुलेआम सेक्स की दवाओं के बेशर्म विज्ञापन हें । अख़बार टी वी जो देश को सुधारने और देश को नेतिक चारित्रिक शिक्षा देने की बात करते हें वोह इतनी बेशर्मी फेलायेंगे सपनों में भी किसी ने नहीं सोचा था लेकिन इससे भी बढ़ी हिजड़ी हमारी जनता और हमारी सरकार हे हमारा सिस्टम तो बिलकुल ही हिजड़ा गया हे । देश में ऐसे सेक्स के मामलों के विज्ञापन प्रकाशन नहीं करने की मनाही हे और ओषधि उपचारक नियन्त्रण विज्ञापन प्रतिषेध अधिनियम बनाया गया हे जिसमें लोगों के साथ ऐसी दवाओं के नाम पर जज्बात भड़का कर ठगी ना हो इसके लियें ऐसी दवा का विज्ञापन देना .छापना दोनों अपराध हें और आज जो कुछ भी अखबारों में छप रहा हे या टी वी में चल रहा हे सब अपराध हे और संगिये अपराध होने के कारण जिसमें पुलिस खुद मुकदमा दर्ज कर दोषी लोगों को गिरफ्तार कर सकती हे पुलिस को ऐसे विज्ञापन छपने वाले सम्पादकों मालिकों और टी वी चेनल वालों सहित विज्ञापन छपवाने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहियें और सम्बन्धित सामग्री जब्त करना चाहिए । वेसे भी ड्रग एक्ट के तहत किसी भी दवा का विज्ञापन देना अपराध हे अब में मर्द और हिजड़ों की बात पर आता हूँ दोस्तों कोटा में जब हमने अख़बारों में यह हाल देखा हर पेज पर सेक्स की दवा और ट्यूब इंजक्शन मशीनों यंत्रों के विज्ञापन हें तो हमारी मर्दानगी जागी और हम सभी अख़बार कानून लेकर थाने मुकदमा दर्ज करने जा पहुंचे थानेदार जी हेडिंग की तरह थे अख़बार वालों का नाम मुलजिमों की सूचि में देख कर घबरा अगये और उन्होंने मेरे हाथ जोड़ लिए में फिरागे बढा सर्किल अधिकारी के पास पहुंचा लेकिन वही हारा थका हेडिंग नुमा जवां मिला मेने सोचा चलो कोटा एस पी साहब को तो किसी बात का डर नहीं हें वोह तो जाते ही रिपोर्ट दर्ज करवा देंगे सो में उनके पास पहुंच गया उन्होंने कागज़ उलटा पलटा कानून देखा और अगल बगल झाँकने लगे तो भाई मेने फ़ाइल उठाई आई जी साहब के पास जा पहुंचा आई जी साहब ने भी मुकदमा दर्ज नहीं किया और फ़ाइल पेंडिंग में डाला दी में भी कहां हार मानने वाला था में उठा कलेक्टर कोटा टी रविकांत जी के पास जा पहुंचा कलेक्टर थे के करंट में थे उन्होंने मेरा प्रार्थना पत्र और कानून की कोपी देखी सरकार के वकील और विधि सहायक को बुलाया विज्ञापनों की विधिक जाँच की और बस उन्होंने सभी अख़बार वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का एक फरमान कोटा नगर पुलिस अधीक्षक के नाम डाल दिया और जनसम्पर्क अधिकारी महोदय को बुला कर इस मामले में कानूनी रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का भी निर्देश दिया कुछ अख़बारों में विज्ञप्ति छपी सोचा अख़बार तो विज्ञापन बंद कर देंगे पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर के आदेश निर्देशों को दायें बाएं किया और कोई कार्यवाही नहीं की फिर रोज़ जब विज्ञापन छपते रहे तो में एक बार फिर कलेक्टर के पास जाना चाहता था के सुबह खबर पढ़ी कोटा कलक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया हे मेने कलेक्टर को इस हेडिंग के आधार पर बने समाज की आर्य्वाही पर सांत्वना दी और मामला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने सभी अख़बार मालिकों को सम्मन से तलब किया हे लेकिन जनाब पुलिस की रिपोर्ट आई हे के अख़बार वाले वक्त पर नहीं मिलते इसलियें उन्हें सम्मन तामिल नहीं करवाए जा सके अब आप खुद ही बताइए जब इतनी सारी कार्यवाही के बाद भी विज्ञापन बदस्तूर जारी हो गेर कानूनी काम चल रहा हो तो फिर क्या इस देश के लोगों इस देश के समाज सेवकों इस देश की पुलिस इस देश के कानून और सिस्टम के लियें कवि योगेन्द्र मोदगिल की कविता का शीर्षक क्या असार देश हिजडा हो गया हे सही नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के जनकवि रघुनाथ मिश्र का सम्मान

रघुनाथ सहाय व सुधीर गुप्ता को मिला द्वितीय मिथलेश-रामेश्वर स्मृति प्रतिभा सम्मान, 2010
झाँसी। विगत दिनों झाँसी में चित्रांश ज्योति पत्रिका परिवार की ओर से दो सत्रों में आयोजित समारोह में समाज की अनेक प्रतिभाओं को समारोह के मुख्य अतिथि श्री प्रदीप जैन आदित्य (केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री) एवं विशिष्ट अतिथि स्थानीय विधायक श्री कैलाश साहू ने सम्मानित किया। सम्मान समारोह में बोलते हुए श्री जैन ने जहाँ सही मार्गदर्शन एवं प्रगति के लिए साहित्य व कला की उचित भूमिका के निर्वहन को ज़रूरी बताया और कहा कि साहित्यकार व कलाकार ही समाज को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं वहीं श्री साहू ने चित्रांश परिवार के अनेक वर्षों से समाज को एकजुट किए जाने वाले कार्यों की प्रशंसा की और स्थानीय व बाहर से आए साहित्यकारों व कलाकारों के देश व समाज के प्रति किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
इस अवसर पर दिल्ली से प्रकाशित चित्रांश परिवार की सहयोगी पत्रिका हम सब साथ साथ साथ की ओर से साहित्य/कला के क्षेत्र की उत्कृष्ट प्रतिभाओं के लिए प्रतिवर्ष दिये जाने वाले मिथलेश-रामेश्वर स्मृति प्रतिभा सम्मान पत्रिका के कार्यकारी संपादक श्री किशोर श्रीवास्तव के सौजन्य से बहुमुखी प्रतिभा के धनी कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रघुनाथ सहाय मिश्र एवं झाँसी के युवा साहित्यकार श्री सुधीर गुप्ता ‘चक्र’ को प्रदान किया गया।
समारोह के प्रारम्भ में माननीय मंत्री महोदय ने भगवान श्री चित्रगुप्त जी के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर एवं दीप जलाकर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया एवं तत्पश्चात बच्चों ने चित्रगुप्त वंदना प्रस्तुत की। समारोह के दूसरे सत्र में अनेक बच्चों ने गीत, नृत्य एवं चित्रकला आदि की विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन कर पुरस्कार जीते। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कायस्थ समाज की वरिष्ठ प्रतिभाओं के साथ ही मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन संयुक्त रूप से श्रीमती मधु श्रीवास्तव व मुकेश बच्चन ने किया। आभार प्रदर्शन पत्रिका की संपादक श्रीमती विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव एवं अरुण श्रीवास्तव ने किया।








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एडवोकेट मिश्र जी को साहित्यिक बधाई

जी हाँ दोस्तों यह जनकवि रघुनाथ मिश्र की दिल्‍ली-मेरठ-झाँसी की सांस्‍‍‍कृतिक व साहित्यिक यात्रा हे मिश्र जी कोटा के साहित्यिक प्रतिभा हें और व्यवसाय से वकील हें जबकि समाज के ज्वलंत मुद्दों पर इनका आक्रामक रुख इन्हें हीरो बनादेता हे यह ब्लॉग मेने उनसे इजाजत लेकर पुन प्रसारित किया हे ताकि आप और हम भी उनसे परिचित हो सकें । आपका ही जी हाँ केवल आपका ही ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा। प्रख्‍यात जनकवि-रंगकर्मी वरिष्‍ठ साहित्यकार श्री रघुनाथ मिश्र ने अपने दिल्ली-मेरठ के दस दिवसीय निजी, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रवास से लौट कर जलेस के सदस्यों को अपनी सामान्य बैठक में मेरठ में स्थापित एवं कार्यरत यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन (अप्टा) के संगीतकार, साहित्यकार और रंगकर्मी एवं सेना के वरिष्ठ पदाधिकारियों श्री अनिल कुमार शर्मा आईएडीएस, सहायक नियंत्रक रक्षा लेखा (पेंशन वितरण) और श्री एस एन वत्सल साहित्यकार एवं प्रख्यात एंकर के साथ अपनी महत्वपूर्ण मुलाकात की विस्तार से चर्चा की।

मिश्र ने उक्त प्रवास में साहित्यिक, सांस्कृतिक और रंगकर्म से सम्बंधित उक्‍त प्रख्यात हस्ताक्षरों से मुलाकात को अविस्मरणीय बताया। उनके साथ हुई सार्थक-यादगार चर्चा से मिले अमूल्य अनुभवों को बताया। राष्ट्रीय स्‍तर पर साहित्यिक-सांस्कृतिक संदर्भों में अपेक्षित प्रयासों के अभाव में संभाव्य रिक्तता और क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री शर्मा और श्री वत्सल के मूल्य आधारित संगीत, साहित्य और रंगकर्म के राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक और प्रभावी बनाकर उसे सामाजिक रूपांतरण की दिशा में प्रेरणात्मक-अनुकरणीय बनाने व देशभर के शब्द शिल्पियों, कलाकारों के बीच एकता व प्रेरक संवाद कायम करने व अपने महान् दायित्व निर्वहन में जुटने-जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के अथक प्रयासों और अप्टा की गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। ज्ञातव्य है कि इप्टा की दयनीय दशा के चलते उसकी तर्ज पर अप्टा उत्तर प्रदेश में अपनी एक जगह बना रहा है।

जलेस प्रकाशन कोटा से अब तक प्रकाशित सभी 13 काव्य संग्रहों के प्रकाशनों की महत्ता पर महानुभावों व उनके कतिपय साथियों के साथ चर्चा करते हुए स्वयं के हिन्दी-उर्दू ग़ज़ल संग्रह ‘सोच ले तू किधर जा रहा है’, हाड़ौती के जनवादी कवियों की प्रतिनिधि रचनाओं के संग्रह ‘जन जन नाद’,और प्रख्यात जनकवि, साहित्यकार, संगीतकार और क्रॉसवर्ड मेकर श्री गोपाल कृष्ण भट्ट ‘आकुल’ के काव्य संग्रह ‘जीवन की गूँज’ साहित्‍य उन्होंने उन्हें भेंट किया, जिसे पा कर वे अभिभूत हो गये। उक्त पुस्तकों में व्यक्त सार्थक कथ्य अनुकरणीय सुंदर और आकर्षक कलेवर में उनका प्रकाशन और समाज को बेहतर बनाने की रचनाकारों की प्रेरक भावनाओं की प्रशंसा करते हुए श्री शर्मा व श्री वत्सल ने मिश्र, आकुल और सदस्य साथियों के प्रयासों के लिए श्री मिश्र को बधाई दी। भेंट दी गयी पुस्तकों को पढ़ कर जनवाद की अमूल्य धरोहर पुस्तकों पर वे अपनी सार्थक समीक्षा भी श्री मिश्र को भेजेंगे, उन्होंने आश्वासन दिया।

मिश्र ने वहाँ चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वैचारिक वर्चस्व के शिकंजे को विफल करने के लिए सांस्कृतिक प्रतिरोध के सभी प्रयासों में कोटा जलेस व अन्य संस्थाओं, व्यक्ति समूह के साथ कंधे से कंधा मिला कर सहयात्री-सहकर्मी की भूमिका में प्रभावी तरीके से साथ होने की अपनी अथक यात्रा के बारे में उन्हें बताया। इस यात्रा के अविस्मरणीय क्षणों, जन नाट्य मंच की उनकी रंगकर्म यात्रा, जलेस की स्थापना, कोटा जलेस, कोटा जलेस द्वारा दिये जा रहे ठाड़ा राही सम्मान, कोटा जलेस से जुड़े साहित्यकारों, कवियों, रचनाकारों के बारे में बताते हुए सन् 2008 में सृजन वर्ष मनाये जाने और 9 पुस्तकों के प्रकाशनों के ऐतिहासिक प्रयासों की भी उन्होंने चर्चा की। वर्तमान में आकुल व चक्रवर्ती के बहु आयामी व्‍यक्तित्‍व के बारे में भी उन्‍होंने श्री शर्मा व श्री वत्‍सल को बताया। कोटा में साहित्यिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने राजस्थान के हाड़ौती अंचल में चम्बल की अजस्र धारा के साथ-साथ साहित्‍य की बहती अविरल धारा के बारे में भी जानकारी दी। अखिल भारतीय स्तर के कवियों, साहित्यकारों, रचनाकारों की भूमि कोटा के बारे में भी उन्होंने विस्तार से उनसे चर्चा की और विशेष अभियानों में उन्हें कोटा आने का विशेष आग्रह करने व आमंत्रित करने का दृढ़ आश्वासन भी दिया।

अंत में मिश्र ने दिल्ली-कोटा जन नाट्यमंच द्वारा स्थापना से लगायत अब तक की गाँव-गाँव, शहर-शहर, ढाणी-ढाणी में अपने राष्ट्र, समाज हित में जन जागरण के लिए अपनी अनेकों नाट्य प्रस्तुतियों से असंख्य दर्शकों पर सार्थक प्रभाव की चर्चा करते हुए बताया कि कोटा में वे जन नाट्य मंच के संस्थापक रहे हैं और मजदूर आंदोलनों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। आज भी वे अधिवक्‍ता होने के नाते उनके हितों के लिए सहयोग देने में पीछे नहीं हैं। पिछले दिनों पूरे एक माह तक सफ़दर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अमेरिका में सैंकड़ों नाट्य मंचनों की चर्चा की तो माहौल उत्साह से भर गया । अप्टा के पदाधिकारियों के मध्य वे जनवाद के हुतात्मा सफ़दर हाशमी के बारे में बताने से नहीं चूके। अप्टा के पदाधिकारियों ने सफ़दर हाशमी की 1989 में उत्त‍र प्रदेश के साहिबाबाद में नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान शहादत को भी श्रद्धा से याद किया।

मिश्र ने कोटा व राजस्थान के अमन पसंद कलमकारों-कलाकारों की ओर से श्रेष्ठ प्रयासों में सभी सम्भव-सार्थक सहयोग का आश्वासन दिया और शीघ्र ही एकजुट प्रभावी अभियानों की शुरुआत की अपील की। अप्टा के सभी उपस्थित सदस्यों ने हाड़ौती के रचनाकारों और जलेस परिवार को साधुवाद दिया और आगे ऐसे ही नये राष्ट्र हित, समाज हित, जन जन के लिए किये जाने वाले कार्यों, अभियानों व प्रकाशनों में बढ़-चढ़ कर सहयोग देने का आश्वासन दिया। मिश्र ने भी सेना के लिए अथक परिश्रम के साथ-साथ जनहित में लगे अप्टा के अधिकारियों को साधुवाद दिया और अपनी इस यात्रा को एक मायनों में ऐतिहासिक बताया।

स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान से सम्मानित हुए

इसी दौरान मेरठ में उन्हें दिल्ली के ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका के श्री किशोर श्रीवास्ताव से स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने का शुभ समाचार मिला। दस दिवसीय अपनी महत्वपूर्ण इस साहित्यिक और सांस्कृतिक यात्रा के साथ-साथ प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने के अविस्मरणीय क्षणों को सहेज कर उर्जस्‍वी बन वे कोटा लौटे और जलेस पदाधिकारियों आकुल, चक्रवर्ती और डॉ0 नलिन को सम्‍मान के बारे में अवगत कराया।

प्रतिभा सम्मान के लिए श्री मिश्र 28 नवम्बर को कोटा से झाँसी के लिए रवाना हुए। वहाँ उन्हें माननीय प्रदीप जैन ‘आदित्य', केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री द्वारा स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र और शाल उढ़ा कर सम्मानित किया गया। साथ ही डाकुओं से साहसपूर्वक सामना कर विकलांग बनी दिलेर एक महिला को भी समारोह में सम्मानित किया गया। बुंदेलखंड महाविद्यालय के समीप आई एम ए भवन में आयोजित इस भव्‍य समारोह में झाँसी के विधायक श्री कैलाश साहू, अरुण श्रीवास्तव व ‘हम सब साथ साथ’ के सम्पादक श्री किशोर श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। दिल्‍ली की पत्रिका 'हम सब साथ साथ' प्रायोजित स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान 2009 से प्रतिवर्ष एक पुरुष और एक महिला साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतिभा को दिया जाता है। 2010 के इस प्रतिभा सम्मान को प्राप्त करने वाले श्री मिश्र दूसरे और झाँसी के ही युवा साहित्यकार सुधीर गुप्ता 'चक्र' त्तीसरे प्रतिभाशाली रचनाधर्मी एवं रंगकर्मी है। इस प्रतिभा सम्मान से मिश्र ने हाड़ौती का ही नहीं, राजस्थान को भी गौरवान्वित किया है। अपनी संक्षिप्त झाँसी यात्रा के बारे में उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ समाज 'चित्रांश ज्योति' के तत्वावधान में हर वर्ष कायस्थ समाज के प्रतिभावान् छात्र छात्राओं का एक भव्य समारोह में अभिनंदन किया जाता है। यह प्रतिभा सम्मान दिल्ली की द्विमासिक पत्रिका ‘हम सब साथ साथ’ के सौजन्य से श्री मिश्र को दिया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि श्री करुणेश श्री वास्तव, डिप्‍टी सी एम ई (एनसीआर) रेल्वे कारखाना, झाँसी, अतिथि श्री हरिवल्लभ खरे, प्रान्तीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, श्रीमती रमा श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक्ट चेयर पर्सन, लायनेसेस मूवमेंट, राष्ट्रीय ब्यूरो चीफ, अधिवक्ता‍ कल्याण समिति, मेनेजिंग डाइरेक्टर मदर टेरेसा ग्रुप्स ऑफ स्कूल्स थे। समारोह की अध्यक्षता श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रदेशीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, ललितपुर थे। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कायस्थ बंधुओं को सम्मानित किया गया। मेधावी छात्र-छात्राओं का भी अभिनंदन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम और फि‍ल्मी गीतों पर कायस्‍थ समाज के बालक बालिकाओं के नृत्यों ने समारोह में चार चाँद लगा दिये। पधारे अतिथियों, अध्यक्ष और श्री मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्री मिश्र ने समाज के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभावान् रचनाधर्मी और भारतीय धरा की संस्कृति से जुड़े रंगकर्मी और साहसी युवक युवतियों को प्रेरणा देने वाले इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और भविष्य में इसे और भी सफलतायें मिलें, देश को कायस्थ समाज से ढेरों प्रतिभायें मिलें, जो राष्ट्र के विकास और उत्थान में अपना सहयोग दें, ऐसी शुभकामनायें दीं। जलेस के प्रकाशनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई! लोगों ने सराहा। सहभोज के बाद श्री मिश्र ढेरों स्‍मृतियाँ सहेज कर कोटा लौटे। कोटा में जलेस सदस्‍यों ने उनका स्‍वागत कर बधाइयाँ दीं।

तुम आओ अगर ........

तुम
मेरी जिंदगी में
आओ अगर
तो जरा
आहट ना करना
कुछ उनकी यादें हें
जिनको सीने में लिए
सुकून से
सो रहा हूँ में ।
तुम आओ अगर
तो जरा
आहट न करना
उनके
बिछड़ने के
गम में
आज भी
सूखे हें
आँखों के
आंसू
लेकिन फिर भी
दिल से
में
याद में
सिर्फ उनकी
रो रहा हूँ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या सारा देश हिजडा हो गया हे ................?

दोस्तों मेने आभी अभी ब्लोगर कवि योगेन्द्र मोदगिल जी की एक रचना जिसका शीर्षक क्या सारा देश हिजड़ा हो गया हे पढ़ी इस रचना में उन्होंने अख़बार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सेक्स विज्ञापनों की भरमार की तरफ ऊँगली उठायी हे मेने इसका जवाब कवि महोदय को दिया के हाँ सारा देश हिजडा ही हो गया हे भाई आप मेरी बात से सहमत हों या न हों लेकिन मेरी बात पूरी तो पढेंगे । आज आप घर बाहर टी वी अख़बार जहां भी देखें सडकों पर दीवारों पर विज्ञापन देखें तो खुलेआम सेक्स की दवाओं के बेशर्म विज्ञापन हें । अख़बार टी वी जो देश को सुधारने और देश को नेतिक चारित्रिक शिक्षा देने की बात करते हें वोह इतनी बेशर्मी फेलायेंगे सपनों में भी किसी ने नहीं सोचा था लेकिन इससे भी बढ़ी हिजड़ी हमारी जनता और हमारी सरकार हे हमारा सिस्टम तो बिलकुल ही हिजड़ा गया हे । देश में ऐसे सेक्स के मामलों के विज्ञापन प्रकाशन नहीं करने की मनाही हे और ओषधि उपचारक नियन्त्रण विज्ञापन प्रतिषेध अधिनियम बनाया गया हे जिसमें लोगों के साथ ऐसी दवाओं के नाम पर जज्बात भड़का कर ठगी ना हो इसके लियें ऐसी दवा का विज्ञापन देना .छापना दोनों अपराध हें और आज जो कुछ भी अखबारों में छप रहा हे या टी वी में चल रहा हे सब अपराध हे और संगिये अपराध होने के कारण जिसमें पुलिस खुद मुकदमा दर्ज कर दोषी लोगों को गिरफ्तार कर सकती हे पुलिस को ऐसे विज्ञापन छपने वाले सम्पादकों मालिकों और टी वी चेनल वालों सहित विज्ञापन छपवाने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहियें और सम्बन्धित सामग्री जब्त करना चाहिए । वेसे भी ड्रग एक्ट के तहत किसी भी दवा का विज्ञापन देना अपराध हे अब में मर्द और हिजड़ों की बात पर आता हूँ दोस्तों कोटा में जब हमने अख़बारों में यह हाल देखा हर पेज पर सेक्स की दवा और ट्यूब इंजक्शन मशीनों यंत्रों के विज्ञापन हें तो हमारी मर्दानगी जागी और हम सभी अख़बार कानून लेकर थाने मुकदमा दर्ज करने जा पहुंचे थानेदार जी हेडिंग की तरह थे अख़बार वालों का नाम मुलजिमों की सूचि में देख कर घबरा अगये और उन्होंने मेरे हाथ जोड़ लिए में फिरागे बढा सर्किल अधिकारी के पास पहुंचा लेकिन वही हारा थका हेडिंग नुमा जवां मिला मेने सोचा चलो कोटा एस पी साहब को तो किसी बात का डर नहीं हें वोह तो जाते ही रिपोर्ट दर्ज करवा देंगे सो में उनके पास पहुंच गया उन्होंने कागज़ उलटा पलटा कानून देखा और अगल बगल झाँकने लगे तो भाई मेने फ़ाइल उठाई आई जी साहब के पास जा पहुंचा आई जी साहब ने भी मुकदमा दर्ज नहीं किया और फ़ाइल पेंडिंग में डाला दी में भी कहां हार मानने वाला था में उठा कलेक्टर कोटा टी रविकांत जी के पास जा पहुंचा कलेक्टर थे के करंट में थे उन्होंने मेरा प्रार्थना पत्र और कानून की कोपी देखी सरकार के वकील और विधि सहायक को बुलाया विज्ञापनों की विधिक जाँच की और बस उन्होंने सभी अख़बार वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का एक फरमान कोटा नगर पुलिस अधीक्षक के नाम डाल दिया और जनसम्पर्क अधिकारी महोदय को बुला कर इस मामले में कानूनी रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का भी निर्देश दिया कुछ अख़बारों में विज्ञप्ति छपी सोचा अख़बार तो विज्ञापन बंद कर देंगे पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर के आदेश निर्देशों को दायें बाएं किया और कोई कार्यवाही नहीं की फिर रोज़ जब विज्ञापन छपते रहे तो में एक बार फिर कलेक्टर के पास जाना चाहता था के सुबह खबर पढ़ी कोटा कलक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया हे मेने कलेक्टर को इस हेडिंग के आधार पर बने समाज की आर्य्वाही पर सांत्वना दी और मामला अदालत में पेश किया जहां अदालत ने सभी अख़बार मालिकों को सम्मन से तलब किया हे लेकिन जनाब पुलिस की रिपोर्ट आई हे के अख़बार वाले वक्त पर नहीं मिलते इसलियें उन्हें सम्मन तामिल नहीं करवाए जा सके अब आप खुद ही बताइए जब इतनी सारी कार्यवाही के बाद भी विज्ञापन बदस्तूर जारी हो गेर कानूनी काम चल रहा हो तो फिर क्या इस देश के लोगों इस देश के समाज सेवकों इस देश की पुलिस इस देश के कानून और सिस्टम के लियें कवि योगेन्द्र मोदगिल की कविता का शीर्षक क्या असार देश हिजडा हो गया हे सही नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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