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14 जनवरी 2011

पहले शिकायत पर ध्यान नहीं जनाक्रोश भडकने पर दिए आदेश

हमारे देश और खासकर राजस्थान सरकार के प्रशासन में इन दिनों कोई भी काम बिना धरने प्रदर्शन चक्का जाम के सम्भव सा नहीं लग रहा हे यहाँ सरकार को जो वाजिब काम करना होता हे उसके लियें भी अब लोगों को धरना प्रदर्शन करना पढ़ता हे और फिर जनजीवन अस्तव्यस्त होने के बाद मुकदमे बाज़ी भी बेवजह बढ़ रही हे ।
दोस्तों राजस्थान के कोटा शहर में एक ट्रोले में मोटर साइकल के घस जाने से दो बच्चों की निर्मम म़ोत हो गयी एक बच्चा जो बचा था उसका बयान था के कुछ पुलिस कर्मियों ने मोटर साइकल के पीछे भाग के उसे धक्का दिया जिससे बेलेंस बिगड़ जाने से यह हादसा हुआ सब जानते हें के अगर ऐसी कोई शिकायत आई हे तो उसकी जांच होना जरूरी क्योंकि शिकायत पुलिस के खिलाफ थी इसलियें पुलिस से पुलिस की जाँच सम्भव नहीं थी यह जाँच कार्यपालक मजिस्ट्रेट से होना थी यह आदेश दुर्घटना के बाद जेसे ही घायल का बयान आया था हो जाना चाहिए था हादसा खतरनाक था इसलियें मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी इन म्रतकों के परिजन अधिक सहायता राशी प्राप्त करने के हकदार थे , कोटा में इस हादसे के बाद अस्पताल में भाजपा के दो विधायकों ओम बिरला और भवानी सिंह राजावत ने परिजनों को सांत्वना दी और सरकार से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने जनच करने और म्रतक के परिजनों को पांच पांच लाख की सहायता राशी देने की मांग की वहां यह चेतावनी भी दी गयी के अगर कल तक यह मांगे पूरी नहीं की तो फिर शव को लेकर आन्दोलन होगा । सरकार ने और सरकार के प्रशासन ने खुद कोई निर्णय नहीं लिया सरकार रात भर सोती रही कोई मांग पूरी नहीं की गयी ना तो जांच हुई और ना ही आर्थिक मदद की बात की गयी म्रतक के परिजनों से प्रशासन के अधिकारीयों ने बात तक नहीं की नतीजन दुसरे दिन मकर सक्रांति का पर्व होते हुए भी शव के साथ भाजपा के दोनों विधायक ओम बिरला और भवानी सिंह के नेत्रत्व में लोग अख्त्ते हुए लोगों को जब पता चला के निर्दयी सरकार दोषियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर भी जांच तक नहीं करवाना चाहती हे और कोई आर्थिक मदद नहीं दे रही हे तो लोग भडक गये और शव चोराहे पर ले जाकर चक्का जाम किया गया प्रशासन को मांगे बता दी गयीं घंटे भर तक इन्तिज़ार किया जब कोई जवाब नहीं आया तो फिर जन आक्रोश तो और भडक गया और जनता नेताओं के साथ अपनी वाली पर आ गयी भाजपा के विधायक ओम बिरला ने अल्टीमेटम दे डाला के अगर जल्दी कार्यवाही नहीं हुई तो फिर प्रशासन की खेर नहीं उन्होंने घोषणा केइस के म्रतक के परिजनों को वोह भीख मांग कर एक लाख रूपये की सहायता देंगे और परिजनों की पढाई सहित आवश्यक खर्च वोह उठाएंगे सरकार ने नहीं सूना फिर जनता ने तोड़ फोड़ शुरू की जनता की परेशानी की हां हां कार सरकार तक पहुंची और सरकार ने तुरंत शिकायत की जाँच प्रशासनिक अधिकारी से करवाने और म्रतक के परिजनों को एक एक लाख रूपये की आर्थिक मदद की घोषणा की । इधर पुलिस ने चक्का जाम मामले में भाजपा के दोनों विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हे ।
अब जनाब अगर कोटा का प्रशासन और राजस्थान सरकार के अधिकारी इस पूरी घटना क्रम में सूझ बुझ से पहले ही प्रशासनिक निर्णय ले लेते तो एक तो सरकार की वाह वाही होती दुसरे चक्का जाम और प्रदर्शन से पुलिस प्रशासन और जनता परेशान नहीं होती मुकदमे दर्ज नहीं होते अब इसलियें कहते हे के राजस्थान में बिना किसी आन्दोलन के वाजिब मांगों पर भी कोई विचार नहीं किया जाता हे क्या इस सरकार को संवेदनशील और पारदर्शी सरकार कहेंगे या फिर अधिकारी जो कोटा में लगे हें वोह सरकार की साख को पलीता लगाने और भाजपा को हीरो बनाने के लियें यह सब काम कर रहे हें इस सारे घटना क्रम में कोंग्रेस और सरकार जीरों और भाजपा और भाजपा के विधायक हीरो साबित हुए हें लेकिन सरकार हे के समझती ही नहीं अगर इस घटना क्रम पर मुख्यमत्री जी ने गम्भीर निर्णय लेकर लापरवाह और सुस्त अधिकारीयों की खबर नहीं ली तो यह लापरवाह अधिकारी फिर सरकार की साख को बट्टा लगाते रहेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सर्दी से सडकें भी टूटती हें

जी हाँ दोस्तों सर्दी से शहर की सडकें भी टूट जाती हें और ऐसी टूटी सडकों के लियें इंजीनियर और ठेकेदार को ज़िम्मेदार नहीं ठराया जा सकता यह कथन किसी वैज्ञानिक का नहीं बलके कोटा में भर्स्ट इंजीनियर और ठेकेदार को बचाने के प्रयासों में जुटे प्रशासनिक अधिकारीयों का हे ।
कोटा में नगर निगम के साथ वार्डों में डेढ़ करोड़ के निर्माण कार्य नगर विकास न्यास के जरिये वार्ड पार्षदों को करवाना थे प्रति वार्ड २५,२५ लाख रूपये के इन विकास कार्यों में खुल कर घटिया निर्माण हुआ सडकें नाली पतन उखड़ गये मंत्री जी से शिकायत हुई इस मामले में न्यास इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गये कोटा कलेक्टर न्यास के अध्यक्ष भी थे इसलियें इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही हुई लेकिन हाल ही में कलेक्टर का तबादला हो गया नये कलेक्टर आ गये और नये कलेक्टर के कार्यभार सभालते ही नगर विकास न्यास के सचिव आर डी मीणा ने भ्रष्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों को बचाने के लियें एक हास्यास्पद सा बयान दे डाला न्यास सचिव जी का कहना हे के यह सडकों और नाली पटान का निर्माण घटिया नहीं हे बलके सर्दी से उखड़ गये हें यह सडकें और निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये थे और कलेक्टर के बदलते ही इसे देखने का नजरिया बदल गया हे न मजेदार बात कोटा से जहां कई गुना सर्दी पढ़ती हे ठिठुरन होती हे वहां आज तक न तो सडकें टूटी हें और ना ही मकान या कोई और निर्माण टुटा हे फिर भी प्रशासन का भ्र्स्ताचारियों को बचाने का यह हास्यास्पद बयान मेरे इस देश को और महान बनाता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उत्तर प्रदेश में जनहित गारंटी कानून

उत्तर प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को जनहित में पाबन्द करने के लियें उत्तर प्रदेश सरकार ने अब एक नया कानून बना कर अध्यादेश जारी कर इसे लागू किया हे इस कानून की मंशा जनता को सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी और भ्रस्ताचार से मुक्ति दिलाना हे ।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महोदय ने मुख्यमंत्री मायावती की अनुशंसा पर इस कानून को अध्यादेश जारी कर हरी झंडी दे दी हे इस नये कानून के तहत अब कर्मचारी सरकारी दफ्तरों में देरी से नहीं जा सकेंगे और अगर ऐसा हुआ तो उन्हें प्रथक से दंडित किया जाएगा , दफ्तरों में कर्मचारी जनता के काम निर्धारित समयावधि में करेंगे अगर उससे देरी हुई तो प्रतिदिन २५० रूपये जुर्माना देना होगा , इतना ही नहीं कर्मचारियों को जनता से व्यवहार भी सही रखना होगा और जनता के प्रति उन्हें समर्पित तथा जवाब देही रहना होगा , मायावती के इस कानून से जनता जहां उत्साहित हे वहीं कर्मचारियों को सांप सूंघ गया हे ।
देश में उत्तर प्रदेश पहली ऐसी सरकार हे जो जनता के लियें जनहित गारंटी स्कीम के तहत यह कानून बना कर लागु किया गया हे इससे जनता तो उत्साहित हे लेकिन कर्मचारियों को सांप सूंघ गया हे देखते हें उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश के कर्मचारी इस अध्यादेश की किस तरह से धज्जियां उड़ाते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

काला धन मामले में काली सरकर को कानूनी फटकार

देश के काला बाजारियों ने देश के धन को विदेशों में जमा कर रखा हे और विदेशों में जमा देश के धन को वापस लाने की मुहीम में यु पी ऐ सरकार एक दम विफल रही हे इतना ही नहीं सरकार काले धन जमा करने वालों की संरक्षक बन गयी हे और अब इस मामले में देश की सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पढ़ा हे ।
देश की सरकार को जर्मन सरकार ने उनके जर्मन देश में भारतियों की जमा पूंजी मामले में एक सूचि पेश की हे जिसमें भारतियों के काले धन की पूरी जानकारी हे लेकिन सरकार ने इसे गोपनीयता के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया और इन काले धन के सफेद पोशों से हाथ मिला कर बेठ गयी देश के समाज सेवकों । सुचना के अधिकार के आन्दोलन में जुड़े लोगों सहित कई पक्ष विपक्ष के नेताओं ने प्रयास किये के देश का धन देश में वापस आये और देश का धन विदेश खासकर जर्मनी में जमा करने वालों के नाम उजागर किये जाएँ और उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाए लेकिन सरकार कान में रुई डाल कर बेठी रही अब जब इस मामल को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया और सुप्रीम कोर्ट ने काले धन के जमाखोरों को बचाने के मामले में सरकार की हठधर्मिता को देखा तो मजबूरन सुप्रीम कोर्ट को सरकार को निर्देश देना पढ़ा के बुधवार तक सरकार इस सूचि को सार्वजनिक करे अब सरकार की पोल तो खुलना ही हे के वोह काले धन के सफेद पोशों को बचाती रही हे देखते हें अब इस मामले में आगे क्या होता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कल को क्यूँ याद करें .... .

हर सुबह
जब हम
तंदरुस्ती के साथ
उठते हें
वही
हमारी
नई जिंदगी
होती हे
जब
रोज़ सुबह
खुशनुमा
जिंदगी हे हमारी
तो फिर
कल की कडुवाहट को
क्यूँ याद कर
आज खराब करें हम
इसलियें
उठो जी लो
एक बार फिर
तुम भी
नई जिंदगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ज़िंदगी के मेले: उत्तर भारत की यात्रा: दो नौजवान ब्लॉगरों से हुई पहली मुलाकात

ज़िंदगी के मेले: उत्तर भारत की यात्रा: दो नौजवान ब्लॉगरों से हुई पहली मुलाकात

रोकर नहीं देखा ...

बरस गुजर गये
हमने कभी
रोकर नहीं देखा
इन आँखों को
आज तक
आंसुओं से
धोकर नहीं देखा
वोह बेदर्द लोग
क्या जाने
प्यार और प्यार की
तडपन क्या होती हे
जिन्होंने कभी
किसी को
खोकर नहीं देखा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मीठे गुड में .....

मीठे गुड में
मिला कर
खाएं तिल
उड़े पतंग
और खिल जाये दिल
हर पल सुख
हर पल सम्रद्धि
हर पल रहे शान्ति
आपको
और आपके
परिवार को हो
शुभ मकर सक्रांति .... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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