आपका-अख्तर खान

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18 जनवरी 2011

आदर्श घोटाला अब तक मुकदमा दर्ज नहीं

देश में सबसे बढा कारगिल शहीदों के नाम पर क्या गया घोटाला आदर्श सोसाइटी घोटाला जिसकी गूंज संसद से लेकर देश विदेश की गलियों तक पहुंची हे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जी को हटा दिया गया जांच सी बी आई को दी गयी लेकिन दोस्तों जांच केसी जब कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं हे तो फिर तो अब तक की जाँच सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने के आलावा कोई और काम नहीं हे ।
दोस्तों ताज्जुब की बात हे के महीनों गुजर जाने मुख्यंत्री बदल जाने और फिर केंद्र सरकार को खुद जांच के आदेश देने के बाद भी इस मामले में अब तक दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही किया जाना तो दूर की बात अब तक एफ आई आर भी दर्ज नहीं की गयी हे यानी अपराधियों को फरार होने गवाहों को टेम्पर विद करने की पूरी छुट दी गयी हे हालात यह हें के इतने महीने गुजरने पर भी जब इतने बढ़े घोटाले की एफ आई आर दर्ज नहीं की गयी तो सी बी आई से निष्पक्ष जांच कर दोषी लोगों को दंडित करने की उम्मीद केसे की जा सकती हे अब इस मामले को महाराष्ट्र की उच्च न्यायालय ने गम्भीरता से लिया हे और सी बी आई से एफ आई आर दर्ज नहीं करने के कारण पूंछे हें लेकिन भाई यहाँ तो चोर चोर मोसेरे भाई हें हाई कोर्ट के गम्भीर होने पर भी अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया हे अब तक की सारी कार्यवाही हवाई कार्यवाही हे जिसका कोई कानूनी महत्व नहीं हे ऐसे बनाते हें जनता को बेवकूफ सी बी आई का दुरूपयोग करने वाले यह नेता हा हा हा हा हा हा ............................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यातायात सडक सुरक्षा सप्ताह में बच्चों का दुरूपयोग

यातायात सडक सुरक्षा में बच्चों को सडकों पर लाकर उनकी पडाई का नुकसान किया जा रहा हे साथ ही बाल अधिनियम का उलंघन भी किया जा रहा हे ।
कोटा में जनता अपने बच्चों को स्कूलों में पढने पहुंचाती हे और जनता से स्वीक्रति लियें बगेर स्कुल के संचालक इन बच्चों को गेर कानूनी तरह से पुलिस के हवाले कर सडकों पर ला खड़ा कर देते हें जिससे बच्चों की पढाई का नुकसान तो हो ही रहा हे साथ ही शिक्षा नियमों का भीउलंग्घन किया जा रहा हे देश में एक इंडियन चिल्ड्रन एक्ट बनाया गया हे जिसमे ऐसे बच्चों के दुरूपयोग करने पर प्रतिबन्ध हे अगर बच्चों को उनके माता पिता की मर्जी के बगेर सडकों पर पढाई छुडवा कर लाया जा रहा हे तो ऐसे स्कूलों की मान्यता खत्म करना चाहिए और स्कुल संचालकों सहित ऐसे पुलिस प्रशासनिक अधिकारीयों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाना चाहिए जो इस अपराध को निरंतर कर रहे हें ।
कोटा में स्कूली बच्चों को उनकी इच्छा के खिलाफ भूखा प्यासा सडकों पर पैदल चलवा कर लाया जाना और फिर उनके साथ यह अत्याचार कोई इन्साफ की बात तो नहीं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा कलेक्टर किसी से नहीं मिलते

कोटा में दो सप्ताह पूर्व एक आर ऐ एस को कलेक्टर बना कर भेजा गया हे लेकिन यह आर ऐ एस कलेक्टर साहब हें के खुद को मिडिया और जनता से बचाने में लगे हुए हें यह ना तो जनता से मिल रहे हें न ही समस्याओं से रूबरू हो पा रहे हें और फिर मीडिया से तो यह बहुत दूर हे ।
कोटा कलेक्टर के लियें यह पद वेसे तो बिल्ली के भाग से छींका टूटने के समान हे लेकिन इस पद की गरिमा वोह अब तक बना नहीं पाए हें पहले के कलेक्टर की तरह एक तो यह वक्त के पाबन्द नहीं हे दुसरे खुद के देरी से आने के कारण अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी भी लेट लतीफ हो रहे हे कोटा कलेक्टर जी एल गुप्ता जो आर ऐ एस हें चाहे कलेक्टर के पद पर नियुक्त हो गये हों लेकिन वोह खुद को आर ऐ एस अधिकारी की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे हें समस्याओं को फ़ुटबाल बनाना और लोगों से मिलने से बचना मिडिया से दूर रहना उनकी आदत बनी हुई हे अभी कल एक गेस एजेंसी में तोड़फोड़ के बाद जब जनता से जुड़े प्रतिनिधि जो कोंग्रेस सरकार के कार्यकर्ता थे जिन्होंने हाडोती विकास मोर्चा का गठन किया हे वोह कलेक्टर से मिलना चाहते थे लेकिन कलेक्टर थे के वोह उनसे मिलने से इनकार करते रहे नतीजन लोग भडक गये और फिर जनता ने कलेक्ट्रेट को ही जाम कर दिया इस चक्का जाम की खबर मिलने पर वोह इस शिष्ट मंडल से मिले वेसे भी मीडिया की कलेक्ट्रेट में अब नो एंट्री हे किसी भी बैठक की खबर मिडिया के लियें निकल पाना या इलेक्ट्रोनिक मिडिया के लीयें तय्यार कर पाना एक सपना बन गया हे क्योंकि इन जनाब का मानना हे के अगर मीडिया को दूर रखेंगे तो समस्याएं और गड़बड़ियाँ जनता तक नहीं पहुंचेंगी यह जनाब उस कछुवे की तरह से हें जो गर्दन छुपा कर खुद को सुरक्षित समझता हे या फिर क्या हें यह तो आप ही बताइए इसलियें कोटा कलेक्टर और इन आर ऐ एस को कलेक्टर बनाने वाली सरकार जिंदाबाद ....... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नो पार्किंग नो क्लेम

राजस्थान के कोटा में वाहन चोरों को एक नई छुट योजना कोटा पुलिस ने जारी की हे और इसका दंड जनता को भुगतना होगा । कोटा पुलिस इंश्योरेंस कम्पनियों से मिलकर एक नया सो कोल्ड कानून तय्यार कर रही हे के जो भी वहन नो पार्किंग से चोरी हो उसका इंश्योरेस क्लेम जारी नहीं करे पुलिस की इस कार्यवाही से जहाँ एक तरफ तो वाहन चोरों की बल्ले बल्ले हे वहीं इंश्योरेश के मजे आ गये हें ।
कोटा में यह सब घोषणा उस वक्त हो रही हे जब यहाँ सडक सुरक्षा सप्ताह चल रहा हे कोटा पुलिस ने पहले ही अदालत,कलेक्ट्री सहित कई स्थानों पर सरकारी खर्च पर बोर्ड लगाए हें जिसमें चेताया गया हे के यह वाहन चोरी सम्भावित क्षेत्र हे अब जब पुलिस को यह पता हे के यहाँ वाहन चोरी होते हें तो फिर वोह वाहन चोरों को क्यूँ नहीं पकडती केवल एक बोर्ड लगा कर पुलिस ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली हे इधर अभी वर्तमान में इंश्योरेंस से मिल कर पुलिस ने फिर एक तरफ तो वाहन चोरों को नो पार्किंग से वहन चोरी के लियें उकसाया हे और इस इलाके से वाहन चोरी होने पर पहले तो खुद रिपोर्ट दर्ज करने में आना कानी करेगी और फिर इंश्योरेंस को क्लेम देने से मना किया हे तो जनाब ऐसी हे कोटा की पुलिस जो वाहन चोरों को नहीं पकडती वाहन चोर मुक्त कोटा नहीं बनती केवल एक बोर्ड पर लिख कर के यह वाहन चोर क्षेत्र हे अपनी ड्यूटी निभाती हे और इश्योरेंस से मिलकर गेर कानूनी मामले तय्यार कर जनता को परेशान करती हे इन सब हरकतों को पुलिस अपनी बहादुरी मानकर अख़बारों में भी देती हे और नेता ,मंत्री अधिकारी यह सब देख कर खामोश रहते हें हे न मजेदार संथ गाँठ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मंत्री विवेकाधिकार कोटा खत्म कर सोनिया फार्मूला अपनाएँ ... गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल राजथान के सभी मंत्रियों को एक पत्र लिख कर दिल्ली में तय्यार सोनिया फार्मूला के तहत एक पत्र के साथ दिल्ली एजेंडे की कोपी भेज कर कहा हे के मंत्री आब अपना विवेकाधिकार कोटा खत्म करें और जनसुनवाई में लग जाएँ ।
राजस्थान में आज मंत्री मंडल की बैठक भी हे अधिकारीयों की जवाब देहि तय करने के लियें उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर राजस्थान में भी जवाबदेही कानून और नियम बनाने की तय्यारी की जा रही हे इसमें अधिअक्रियों को निर्धारित समयावधि में काम नहीं करने पर दंडित करने का प्रावधान होगा फिलहाल तो मंत्री अपने विवेकाधिकार कोटे को खत्म करने के निर्देशों से काफी नाराज़ लग रहे हें इसके लियें उन्हें रोक पाना सम्भव भी नहीं लग रहा हे अगर राजस्थान के मुख्यमंत्री खुद यह चाहते हें के यह फार्मूला सख्ती से लागू हो तो हर मंत्री की गतिविधि की जानकारी देने के लियें सरकार को जनता में से कुच्छ लोगों को जोडकर एक समिति का भी गठन करना चाहिए ताकि निरंकुश मंत्री अंकुश में रह सकें और मनमानी कर सकें लेकिन वर्तमान में गहलोत एक कमजोर मुख्यमत्री होने के कारण केवल एक परिकल्पना ही कर सकते हें सख्त कार्यवाही का ख्वाब भी देखना उनके लियें मुश्किल हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वकीलों के लियें अब हर पांच वर्ष में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण

राजस्थान में वकीलों के संस्था बार कोंसिल ऑफ़ राजस्थान राजस्थान में वकीलों के हर पांच वर्ष के बाद दुबारा से रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण करेंगी इस रजिस्ट्रेशन प्रणाली से कोंसिल को लाखों रूपये प्रतिवर्ष की अतिरिक्त आय होगी ।
राजस्थान में एडवोकेट एक्ट के उलंग्घन में कई ऐसे वकील हें जिन्होंने शोकिया तोर पर अपना पंजीयन कराया हे हालात यह हें के वोह पंजीयन कराने के बाद अदालत कई वर्षों से नहीं आये हें लेकिन वकीलों की संस्था में चुनाव ल्धने वाले लोग चुनाव में वोट के लालच में इन लोगों का वार्षिक चंदा जमा करते रहे हें हालात यह हे के हर जिले में पचास फीसदी संख्या ऐसे वकीलों की हे जो रिकोर्ड में वकील तो हें लेकिन वोह अदालत की ऐ बी सी डी भी नहीं जानते और जब उन पर विपत्ति आती हे या फिर उनके धंधे के मामले में निजी लड़ाई होती हे तो वकील के नाम पर वोह हड़ताल करवाने के लियें आ जाते हें वकीलों के वेलफेयर से भी वोह फायदा उठाते हें और फिर वकीलों की संस्था में बाहर के राजनितिक लोगों से प्रभावित होकर वकीलों के चुनाव में वोटिंग कर अनचाहे लोगों को वकील संस्था के पदाधिकारी बना देते हें इन सब तमाशों को रोकने के लियें राजस्थान बार कोंसिल ने एक सराहनीय कदम उठाया हे इस कदम के तहत अब राजस्थान के सभी वकीलों को हर पांच साल में अपना पंजीयन न्विनिक्र्ण करवाना होगा इसके लियें प्रति आवेदक दो सो रूपये का शुल्क रखा गया वर्ष २००६ में बनाये गये इस नियम को जनवरी २०११ से लागू किया गया हे और जून २०११ तक पांच साल से अधिक वाले वकीलों के लियें आवेदन भर कर अपना नवीनीकरण कराना आवश्यक हे , राजस्थान बार कोंसिल अगर इस आवेदन प्रक्रिया में शुल्क की शर्त हटा दे तो यह नियम सार्थक हो सकता हे । खेर जो कुछ भी हो लेकिन वकीलों में जो केवल पंजीयन करा कर वकील का मजा लेने वाले लोग हें उनकी तो कमसे कम कमी आ ही जायेगी और उन पर अंकुश भी लगेगा क्योंकि अब वकील वकालत के कार्य से जुदा हे इसका प्रमाणीकरण जिला बार को भी करना होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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