आपका-अख्तर खान

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20 जनवरी 2011

दुआ मांगी

टूटे हुए
दिल ने भी
उसके लियें
दुआ मांगी
मेरी उख्द्ती
सांसों ने भी
हल पल
उसकी ही
खुशिया मांगी
जाने क्या दिल्लगी रही उससे
मेने आखरी
ख्वाहिश में भी
जो ना दे सके वोह कभी
वही वफादारी मांगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यूँही नहीं ....

यूँही नहीं
हमने आपको
चाह हे
प्यारे ही
हें आप इतने
के हर एक आपका
इतना दीवाना हे
जरूरत ही नहीं हे
आपको याद रखने की
क्योंकि
नामुमकिन
आपको भूल जाना हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में चम्बल फेस्टिवल लेकिन चम्बल सूखी हे

राजस्थान में कोटा को ही नहीं सारे हाडोती को हरा भरा खुशहाल कर देने वाली चम्बल नदी के शुद्धिकरण के नाम पर अरबों रूपये सरकार के अधिकारी और मंत्री चट कर गये हें हालात यह हें के विकट परिस्थितियों के चलते ५ और ६ फरवरी को होने वाले चम्बल फेस्टिवल के वक्त चम्बल में पानी नहीं रहेगा।
कोटा में इस अवसर पर चम्बल में पानी की वोटिंग वगेरा की प्रतियोगिताएं आयजित होती हें लेकिन इन रोमांचक कार्यक्रमों में अब नदी में पानी कम होने से महत्वपूर्ण खेल कूद नहीं होंगे जबकि आकाश की पेराशूट और बेलून उधन प्रतियोगिताएं यथावत रहेंगी अब जब देश में चम्बल फेस्टिवल पर चम्बल सूखी हो तो फिर यह एक तमाशा नहीं तो और क्या हे ।
चम्बल का अपना इतिहास हे वेसे तो चम्बल इन्दोर मध्य प्रदेश के पास माऊ छावनी से निकलती हुई कोटा तक पहुंची हे लेकिन इसका अपना लोक कथा इतिहास हें कहते हें के इस के तट पर श्रवण कुमार जब अपने ममता पिता को कंधे पर लेकर आया तो यहाँ आते ही उसने अपने माता पिता से सेवा का कर मांग लिया और सेवा करने से इंकार कर दिया बाद में जब यह श्रवण कुमार आगे गया तो फिर से वोह अपने माता पिता की सेवा करने लगा इसी तरह से सीता माता ने भी यहा गुजर बसर किया था य्हना कन्सुआ मन्दिर हे जबकि यहाँ कथुन में विभिष्ण का भी मन्दिर बनाया गया हे , चम्बल के बारे में लोक कथा हे के जब उर्वशी और मेनका ने ऋषि महाराज का उन्हें लुभा कर उनका मुनित्व भंग किया तो मेनका को ऋषि महाराज ने श्राप दिया के अगले जन्म में तू काली नदी यानी अंदर जमीन में बहने वाली नदी बन कर गुमनामी में बहे इससे मेनका बहुत घबराई और उसने ऋषि महाराज से बहुत बहुत माफ़ी मांगी और श्राप मुक्त करने के लियें कहा लेकिन महाराज नहीं माने अंत में महाराज ने अपने श्राप को संशोधित किया के मेनका बनेगी तो नदी लेकिन ऐसी नीद बनेगी के जहां से निकलेगी वहन हरियाली खुशहाली कर देगी और इसी लियें चम्बल जहां जहां भी गुजरी हे वोह खुहाली और हरियाली का पैगाम देते हुए निकली हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेकार हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जी हाँ दोस्तों हमारे राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेकार हें यानि उनके पास खुद की निजी कर नहीं हे उन्होंने खुद की और पत्नी की सम्पत्ति का तो विवरण दिया हे लेकिन पुत्र और बहु की सम्पत्ति का विवरण नहीं दिया हे । गहलोत द्वारा सम्पत्ति मामले में दर्ज कराई गयी सुचना में उनके पास कर होना नहीं बताया गया हे जबकि कुछ नकदी और कुछ बेंक बेलेंस के अलावा मकान और क्रषि भूमि हे , इसी तरह दुसरे मंत्रियों में भी इस सुचना में चालाकी करने की पूरी सम्भावनाएं हें मंत्री हो या संतरी सभी लोग खुद या पत्नी के नाम से कोई सम्पत्ति नहीं बनाते हें वोह तो पुत्र पुत्र वधु सहित साले भाभी या किसी अन्य रिश्तेदार के नाम से अपनी सम्पत्ति बनाते हें यहाँ तक के विश्वसनीय नोकरों तक के नाम से लोगों की सम्पत्ति पकड़ी गयी हे अब ऐसी सम्पत्ति का ब्योरा देने से क्या फायदा हाँ इस सम्पत्ति के मामले में अगर जनता को जांच करने का अधिकार दिया जाए तो फिर तो बस सरकार और सरकार के मंत्रियों की पोल ही खुल कर रह जाएगी जब सही विवरण मंत्रियों द्वारा नहीं दिया जाता हे तो फिर इस ढकोसले की क्या जरूरत आ जाती हे समझ में नहीं आता । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुचना के अधिकार कानून का प्रस्तावित संशोधन रुकवाएं

देश और राज्यों में सुचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के बाद अचानक आई जाग्रति के चलते सरकार के भ्रस्ताचार उजागर होने से सरकार चिंतित हो गयी हे और केंद्र सरकार ने सुचना के अधिकार अधिनियम के संशोधन का प्रस्ताव किया हे जिसमें एक तो एक वक्त पर एक ही सवाल और दुसरे सुचना मांगने वाले की म्रत्यु के बाद इस पत्रावली को बंद कर देने का प्रावधान के साथ साथ प्रार्थना पत्र वापस लेने का अधिकार भी शामिल हे ।
कल आयोजित सुरक्षा समिति में कई लोगों ने इस प्रस्ताव की आलोचना की हे लोगों का कहना हे के यदि इस प्रकार के संशोधनों को मान लिया गया तो जिसके खिलाफ सुचना मांगी जाएगी वोह अपना भ्रस्टाचार छुपाने के लियें पहले तो उसे डराएगा धमकाएगा खरीद फरोख्त की कोशिश करेगा और फिर भी यदि उसकी डाल नहीं गलेगी तो वोह ऐसे सुचना मांगने वाले की हत्या भी कर सकता हे इसके अलावा इस अधिकार को और बढ़ाने के स्थान पर इसे घटाने से देश में भ्रस्ताचार और बड़ेगा , अब सुचना के अधिकार अधिनियम के आवेदकों और जनता को भी इस मामले में सरकारों को पत्र लिख कर शिकायत करना जरूरी हो गया हे नहीं तो यह ताना शाह सरकार कुछ भी कर सकती हे जिसका दंड जनता को भुगतना पढ़ेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरी बिटिया सदफ का डांस देखिये भाई


देश में आत्म हत्याओं का यह सिलसिला बंद क्यूँ नहीं होता

दोस्तों यह हमारा देश हे इसे वीर नो जवानों का अलबेलों का मस्तानों का देश कहा जाता हे यहाँ हिम्मत और मेहनत हे लोगों में आशावाद हे लेकिन निराशावाद की मेरे इस महान देश में जगह नहीं हे अरे में गलत लिख गया जगह हे नहीं जगह नहीं थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देश के नेताओं ने देश को गर्क में धकेल दिया हे देश में खुशहाली भाई चारा सद्भावना और अपनापन खत्म कर देश के नोजवानों को दिशाहीन और निराश कर दिया हे हालात यह हें के आज देश में हर चोथे मिनट में एक आदमी आत्महत्या कर रहा हे यह आंकडा देश में सियासत की बिछात के चलते और बढ़ता ही जा रहा हे इस निराशावाद को खत्म करने के लियें देश के किसी भी नेता या समाज सेवक ने कोई पहल नहीं की हे ।
राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के रिकोर्ड पर अगर हम नजर डालें तो देश में हर चोथे मिनट में एक आदमी आत्महत्या का शिकार हो रहा हे और ऐसा करने वालों में से प्रति तीन लोगों में एक युवा होता हे इस तरह से देश में प्रति दिन ३४८ लोग आत्महत्याएँ कर रहे हें आंकड़ों के अनुसार देश में २४ प्रतिशत लोग पारिवारिक परेशानी और इतने ही लोग बीमारियों से घबरा कर आत्म हत्या अक्र्ते हें ३ प्रतिशत दहेज़ के कारण और ४ प्रतिशत लोग गरीबी के कारण आत्म हत्या करते हें इस तरह से देश में प्रति दिन २२३ पुरुष और १२५ महिलाएं आत्महत्याएं करते हें वर्ष २००९ में २७ हजार १५१ लोगों ने अपनी जान दी जिनमें ७० प्र्तिओष्ण युवा और अधेड़ लोग थे करीब तीन हजार लोगों ने बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या की हे यह तो वोह रिकोर्ड हे जो पुईस में दर्ज हे कई गाँव और दूर दराज़ के स्थानों के तो रिकोर्ड ही तय्यार नहीं हे ।
दोस्तों देश के लियें यह एक कडवा सच हे और इस खतरनाक निराशावाद की बीमारी से इस देश को बचाने के लियें हमें आप को और मिडिया से जुड़े दुसरे लोगों को आगे आना होगा वरना यह देश खोखला हो कर रह जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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