आपका-अख्तर खान

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22 जनवरी 2011

निगम बोर्ड की बैठक में हंगामा जूतम पैजार

कोटा नगर निगम की बैठक में कल यहाँ कोंग्रेसी पार्षदों के बीच ही खूब तकरार हुई स्थित यह आ गयी के कोंग्रेसी पार्षदों और कोंग्रेस महापोर के बीच अपशब्द गली ग्लोंच जेसे माहोल पैदा हो गये कोंग्रेस के पार्षदों ने महापोर से सीधे शहर की व्यवस्था नहीं सूधारने का आरोप लगाया जबकि महापोर ने सीधे ही नकारते हुए कहा के उनका काम कोंग्रेस के पार्षदों को खुश करना नहीं बलके वोह शहर की जनता के लियें महापोर बनी हे ।
कल कोटा में नगर निगम की कई दिनों बाद बैठक हुई थी भाजपा यहाँ अल्पमत में हे लेकिन फिर भी भाजपा के गिनती के पार्षदों ने विरोध का मसोदा तय्यार किया था इधर कोंग्रेस के पार्षदों की महापोर ने पहले तो कोई बैठक नहीं ली फिर जब कोंग्रेस के पार्षदों ने इस पर एतराज़ जताया तो एक दिन पहले कोंग्रेस कार्यालय में पार्षदों की बैठक रखी गयी बस कोंग्रेस कार्यालय में ही पार्षदों ने महापोर के कार्यों के प्रति असंतोष जताया और उन्हें आड़े हाथों लिया उनकी इस कार्यवाही को देख कर महापोर खामोश रहीं लेकिन जब निगम बोर्ड की बैठक का नम्बर आया तो उन्होंने कोंग्रेस पार्षदों को खूब खरी खोटी सुनाने का प्रयास किया इस बैठक में जो काम भाजपा के पार्षदों को करना था वोह काम कोंग्रेस के पार्षदों ने कर डाला ।
कोटा में दिक्कत यह हे के महापोर रत्ना जेन कोंग्रेस प्रष्टभूमि से नहीं हे वोह डोक्टर रही हे उनका कभी कोंग्रेस से कोई दूर का या मतदाता होने का भी सम्बन्ध नहीं रहा हे लेकिन अचानक पेराशूट से उठ कर आने के बाद जब उन्हें टिकिट मिला और कोंग्रेसियों ने पंजे के चिन्ह पर उन्हें चुनाव जिताया तब से ही वोह लगातार कहती रही हे के मेरा चुनाव मेने मेरे बल पर लदा हे इसलियें कोंग्रेसी पार्षदों से मेरा कोई लेना देना नहीं हे महापोर कदम कदम पर कोंग्रेई पार्षदों को अपमानित करती आई हें और इसीलियें कोटा में पहली बार नगर निगम की कारगुजारियां जनता में कोंग्रेस के प्रति नफरत घोल रही हे अगर महापोर के वक्त रहते कोंग्रेस ने पर नहीं कुतरे तो निश्चित तोर पर कोंग्रेस को यहाँ बहुत बढा नुकसान होगा साथ ही कोटा को तो नुकसान हो ही रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

येदुरप्पा जी की चोरी और सीना जोरी

भाइयों दक्षिणी भारत में भाजपा की सरकार हे एक कर्नाटक के मुक्यमंत्री जी येदुरप्पा जी हें जो कहने को तो भाजपा में हें लेकिन भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष का आदेश निर्देश नहीं मानते हें खुल कर बे इमानी के आरोप लगते हें लेकिन वोह खुद को बेईमान नहीं कहते हें उनका कहना हे के जो कुछ किया मेरे घर में रह कर मेरे लडके ने किया मेने उन्हें घर से निकाल दिया हे अब मुख्यमंत्री जी के खिलाफ पर्याप्त भ्रस्ताचार और भूमि घोटाले के सबूत पेश कर जब मुकदमा चलाने की स्वीक्रति के लियें पत्रावली राज्यपाल महोदय के पास जाती हे तो यह जनाब महामहिम राजपाल जी को भी खुद की पार्टी भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष गडकरी की तरह डराने धमकाने लगते हें जब वोह पत्रावली में सबूत होने पर मुकदमा चलाने की स्वीक्रति देते हें तो यह येदुरप्पा मुख्यमंत्री जी गुस्से में सत्ता का दुरूपयोग कर खुद द्वारा शासित राज्य को ही बंद कर वहन की जनता को परेशान कर देते हें इन्हें इतनी समझ नहीं हे के अगर इन जनाब के खिलाफ कार्यवाही विचाराधीन हे तो भी अदालत तो इन्हें सुनवाई का पूरा मोका देगी और अदालत इनके लियें हे तो फिर यह कानून की बात क्यूँ नहीं करते क्यूँ जनता को परेशान करते हें महामहिम के पद का अपमान करते हें लेकिन भाई कहावत हे न चोरी और सीना जोरी बस यह सब इसी कहावत को चरितार्थ करने के लियें किया जा रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देख लो ....

देख लो
कोई मतलब
कोई वास्ता नहीं
उन्हें
हमारी जिंदगानी से
देख लो
उन्हें कोई मतलब नहीं
हमारी दर्द भरी
कहानी से
फिर भी
क्या हे ऐसा
के वोह
जहां जहाँ भी जाते हें
हम सुनाने
उन्हें
अपनी दास्तान
पीछे पीछे उनके
महफिलों में
बिन बुलाये
चले जाते हें
सुनते हें
शायद इसीलियें
आज हम
दीवाने उनके
कहलाते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मांगूंगा खुदा से .......

कहते हें
मिल जाता हे
हर किसी को
जो मांगता हे
वोह
हाथ उठा कर
दुआ से
देखता हूँ
केसे नहीं मिलतीं
तुम मुझे
में भी
तुम्हें
मांगूंगा
मेरे इस खुदा से ........ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पत्थर हूँ में

पत्थर हूँ में
और
कई लोगों ने
मुझ पर
पत्थर मारा था
बस
दिल पर
एक ही
पत्थर लगा
क्योंकि
वोह पत्थर
किसी और ने नहीं
मुझे मेरे
अपनों ने
मारा था
देख लो
मुझे गोर से देख लो
तब से ही
पत्थर बन गया हूँ में
किसी ने मुझ पर
लाली लगाई हे
तो किसी ने
मुझ पर
दूध की
नदियाँ बहाई हें
किसी ने
मुझ से
उसकी जरूरतें
पूरी होने की
ख्वाहिशें उम्मीदें
लगाई हें
क्योंकि
पत्थर हो गया
हूँ में ........ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

meraa muqddr

जी हाँ
यह मेरा
मुकद्दर हे
जो
मिल गया
प्यार
तेरा मुझे
क्योंकि
प्यार मिल जाए
इस जमाने में
यह तो
मुकद्दर की
बात हे
और
तेरा साथ
मेरे साथ
आज देख लो
मेरे लियें
मुकद्दर की बात हे .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान


jine ki duaa ......

में जानता हूँ
जिंदगी एक
सजा हे
तेरे बगेर
देख
फिर भी
तुझे पाने की
उम्मीद में
फिर से मेने
खुदा से
जिंदगी की
दुआ
मांगी हे .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शुक्रिया शुक्रिया भाई दिनेश जी द्विवेदी

मेरे दोस्तों भाइयों बहनों और बुजुर्गों आज आपको मेरे ब्लॉग का रूप परिवर्तन नजर आ रहा हे में आपको पहले भी बताया था के में ब्लॉग की दुनिया में नोसिखिया हूँ लिख सकता हूँ लेकिन ब्लॉग की डिजाइन के बारे में में जीरों हूँ अभी इंटरनेट से क्या फायदे केसे उठाये जा सकते हें इसमें में ना समझ हूँ बस इसीलियें मेने मेरे बढ़े भाई और ब्लोगर की दुनिया के सरताज में सरे फहरिस्त जनाब दिनेश राय द्विवेदी जी से निवेदन किया उनके खुद के ब्लॉग अदालत और अनवरत बगेरा चलते हें बहतरीन और अनुकरणीय लेखन हे विधि की ज्ञाता होने के कारण भाई दिनेश जी ने खुद को अदालत के माध्यम से यादगार बना दिया हे जिनकी सेवाओं को किसी भी सुरत में भुलाया नहीं जा सकता , मेरे भाई दिनेश जी का खुद का अपना काम हे उनका परिवार हे जिम्मेदारियां हें और इन दिनों उनका दोलत खाना कता बारां रोड की कोलोनी अंजली विहार में तय्यार हो रहा हे इतना ही नहीं कल हवाई जहाज़ से उनकी बिटिया दुबई के लियें रवाना हुई थी जो आज दुबई में थी उनकी इन सब व्यस्तताओं के बाद खुद उन्होंने मेरे ब्लॉग को डिजाइन करना स्वीकार किया और सहज भाव से मेरे ब्लॉग को सजाते संवारते रहे मुझे बारीकियां समझाने का प्रयास किया पहले तो में समझता रहा लेकिन यकीन मानिए इतने पेच देख कर में घबरा गया और सब कुछ भूल गया खेर भाई दिनेश जी ने मेरे ब्लॉग को अपडेट और सुंदर कर दिया हे अभी उसकी और मरम्मत बाक़ी हे जिसे उन्होंने वक्त मिलते ही जल्द पूरा करने का वायदा किया हे दोस्तों मेनें तो कुछ नहीं किया एक सलील भाई ब्लोगर की नई पुस्तक उन्होंने द्विवेदी जी को उन्होंने भेजी थी मेने वोह उल्ट पलट की फिर द्विवेदी जी ने दुबिया से बच्ची का फोन आने पर भाभी जी को फोन दिया और हमारी आदरणीय भाभी जी ने तिल के लड्डू के साथ अल्पाहार और कोफ़ी लाकर रख दी में कोफ़ी पीता इसके पहले भाई दिनेश जी ने मेरे बदशक्ल ब्लॉग की जो शक्ल बनाई सच में खुद मेरे ब्लॉग को नहीं पहचान सका और अब यह ब्लॉग आपके सामने हे अभी तो इसमें मेरे भाई बहुत खूब मरम्मत करेंगे कहने को तो में खुद को बहुत बहुत तेज़ी से लिखने वाला ब्लोगर मानता हूँ और ब्लॉग लेखन के आंकड़ों में में अभी लेखन गति के मामले में सबसे आगे भी हूँ लेकिन आधा अधूरा अध् कचरा नोसिखिया हूँ जिसे मेरे भाई ललित जी कभी टिप्स देते हें तो कभ उदय भाई तो कभी मासूम भाई तो कभी मेरे बढ़े भाई दिनेश राय जी द्विवेदी संवारने की कोशिश करते हें और भी मेरे हम नवाज़ हे जो मुझे प्यार देने थें मेरा उत्साह वर्धन करते हें और इसीलियें में सभी का शुक्र गुज़ार हूँ लेकिन खासकर मुझे मेरे भाई दिनेश राय द्विवेदी ने समर्पण भाव से मुझे जो इंसानियत का सबक सिखाया हे उसे में जीवन भर नहीं भुला सकूंगा और इस सबक ने मेरी जिंदगी की रफ्तार में भी बदलाव किया हे में सोचता हूँ ऐसे भाई भी हे मेरे इस महान देश में ............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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