आपका-अख्तर खान

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24 जनवरी 2011

लेट लतीफ कोटा कलेक्टर की लेट लतीफ कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं

दोस्तों कोटा में एक कलेक्टर टी रविकांत जो कार्यालय समय प्रारम्भ होने के पूर्व दस मिनट पहले नो बज कर बीस मिनट पर कार्यालय पहुंच जाते थे और इनके कार्यकाल में अधिकारी और कर्मचारी भी वक्त की पाबंदी का मोल समझने लगे थे इसीलियें प्यार से समझाने के बाद जो लोग नहीं समझे उनके खिलाफ पूर्व कलेक्टर ने कार्यवाही के निर्देश देकर तीन दिन में पालना रिपोर्ट के आदेश दिए थे ।
दोस्तों तेज़ तर्रार और वक्त के इस पाबन्द कलेक्टर को राजस्थान सरकार ने हटा दिया और एक आए ऐ एस को कोटा कलेक्टर बना कर लगा दिया कोटा में जब से इन जनाब जी एल गुप्ता जी कलेक्टर ने कार्यभार सम्भाला हे कोटा की दुर्दशा हे कार्यालय जो ९ बजे खुल जाते थे और दस बजे कलेक्ट्रेट में हर हाल में काम शुरू हो जाता था आज उसी कलेक्ट्रेट में दस बजे तक तो मक्खियाँ भिनकती हें और खुद कलेक्टर साडे दस बजे के बाद ही आते हें अब कर्मचारियों के उपस्थिति निरिक्षण की तो हम कह ही नहीं सकते जब खुद कलेक्टर लेट लतीफ हें तो फिर कर्मचारियों की क्या हालत होगी पर्व कलक्टर ने जिन लेट लतीफ कर्मचारियों को चेतावनी देने के बाद भी सुधार करने वाला नहीं माना था उनके खिलाफ तो अब एक माह गुजरने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी हे क्योंकि यह कलेक्टर साहब केसे खुद लेट लतीफ होकर दुसरे कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर सकते हें कल एक पत्रकार जी ने जब इन कलेक्टर साहब से जानना चाह तो बस यह जनाब बगले झाँकने लगे एक पत्रकार तो जब उनसे मिलने गये तो इन कलेक्टर साहब ने बोखलाहत में कह दिया के खड़े खड़े बात करो कुर्सी पर बेठने की जुर्रत नहीं हे अब देख लो केसे हें हमारे कलेक्टर । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोहर्रम का चालीसवां आज

दोस्तों मोहर्रम तो एक महीना हे और इस महीने से इस्लामिक नया साल शुरू होता हे लेकिन पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासों और रिश्तेदारों ने इस्लाम को ज़िंदा रखने के लियें अपने प्राणों की जो आहुति दी हे उसने इस महीने को अम्र और अजर बना दिया हे और इसीलियें इस महीने को नये साल की शुरुआत से ज्यादा कुर्बानी के महीने के रूप में पहचान बन गयी हे मोहर्रम माह में हसन हुसेन का बेरहमी से कत्ल हुआ था इसलियें इस महीने में मातम भी होने लगा हे आज सफर का महीना हे लेकिन इस महीने में ४० दिन पुरे होने के बाद हसन हुसेन और कर्बला के शहीदों की चालीसवे की फातिहा हे ।
चालीसवां यानी इस दिन किसी की म्रत्यु के बाद उसके मुकम्मल जन्नत में पहुंचने के मामले में फातिहा होती हे और यह एक बढ़ी फातिहा होने लगी हे सभी कबीलों ने स्थानीय लोगों की विधि के अनुसार इसे मनाना चालू कर दिया हे इस दिन खुदा की इबादत कर शहीदों को श्रद्धांजली दी जाती हे और उनकी आत्मा की म्ग्फेर्ट के लियें दुआ की जाती हे लेकिन हसन हुसेन अज़ीम हस्ती रहे हें वोह इस्लाम को जिंदा रखने के लियें हर तरह की क़ुरबानी देने के मामले में आदर्श हें और कुल्लो न्फ्स्न जाय्क्तुल म़ोत हर शख्स को म़ोत का मजा चखना हे अल्लाह के इस आदेश की पालना की जा रही हे इन्ना इलेहे व् इन्ना इलेहे राजे उन यानी तेरी अमानत थी तुझे सोंप दी इस कथन के बाद भी इस दिन को जोर शोर से त्यौहार उत्सव गम और फ़िक्र के साथ मनाया जाता हे गम इस बात का के इस दिन हमने हमारे पूर्वजों ने इस्लाम की राह आसान करने के लियें बेरहम जल्लाद लोगों के ज़ुल्म सहे मारकाट सही और ख़ुशी इसकी के ज़ालिम सब मिलकर भी हमारे पूर्वजों को डरा धमका कर जान का डर बता कर भी उन्हें इस्लाम की रह से नहीं डिगा सके इस लियें यह गम के साथ साथ इस्लाम की जीत और गोरव का दिन भी हे के एक सच्चा मुसलमान खुद जान दे देगा लेकिन इस्लाम की राह में कोई समझोता नहीं करेगा राजस्थान सहित प[उरे देश और विश्व में अलग अलग तरीके इस दिन को मनाया जाता हे इस दिन भी शहादत के दिन की तरह लोग स्बिलें लगा कर प्यासों को शरबत पानी पिलाते हें ,भूखों को खिचड़ा हलीम खिलाते हें फातिहा पढ़ते हें और संकल्प लेते हें के हसन हुसेन की क़ुर्बानी जाया नहीं जाने देंगे और इस्लाम के झंडे को हर कीमत पर अपनी जान देकर भी बुलंद रखेंगे बस आज का दिन इसी विचार के साथ मुसलमानों द्वारा मनाया जा रहा हे वोह बात अलग हे के क्षेत्रीय संस्क्रती के आधारों पर उसमं स्थानीय पुट भी आ जाता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आर ऐ एस कलेक्टर से शर्मा कर आई ऐ एस अधिकारी अवकाश पर

राजस्थान में कोटा सहित कई जिलों में अपरिपक्व निर्णय से सभी आई ऐ एस अधिकारी दुखी हें और हालात यह हें के विरोधाभासी बचकाने निर्णयों के चलते एक राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी को कलेक्टर बना कर उनके अधीनस्थ जिलों में तेनत आई ऐ एस अधिकारीयों को उनके अधीनस्थ कर दिया गया हे हालात इतने बिगड़ गये हें के जिन जिलों में आर ऐ एस अधिकारी कलेक्टर लगाये हें उन जिलों में आई ऐ एस अवकाश पर चले गये हें ।
कोटा जो राजस्थान का महत्वपूर्ण और संवेदन शील जिला हे यहाँ जी एल गुप्ता कलेक्टर हें जो आर ऐ एस हें लेकिन जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी आई ऐ एस रमेश हें जो दो बार कलेक्टर का पोस्टिंग ले चुके हें और सफलतम कार्य कर चुके हें भला वोह एक आर ऐ एस जो कभी उनके अधीनस्थ रहा हे वोह उसके अधिन्ष्ट केसे रहते इधर आर ऐ एस को कलेक्टर लगे उधर आई ऐ एस ने अधीनता स्वीकार नहीं की और अवकास पर चले गये अभी वोह कोटा में चार माह के अवकाश पर हें इसी तरह कोटा के अलावा बाँसवाड़ा,प्रतापगढ़ ,जालोर, धोलपुर , सिरोही में भी आर ऐ एस कलेक्टर हे वहां भी प्रशासन का यही हाल हे वेसे भी भारतीय प्रशासनिक सेवाओं और राज्श्ताना प्रशासनिक सेवाओं के नियम बने हें उनके नियमों में यह सब विधि विरुद्ध हे लेकिन राजस्थान सरकार की मान्यता हे के आई ऐ एस कलेक्टर नेताओं की कम सुनते हें और आर ऐ एस अधिकारी नेताओं के इंस्ट्रूमेंट बन कर कम करते हें बस इसीलियें यह गोरख धंधा पावर गेम के तहत राजस्थान को तार तार कर देने के लियें किया जा रहा हे जिससे राजस्थान की जनता आहत हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कलमाड़ी भनोत की छुट्टी

कोमन वेल्थ गेम में महा भ्रस्ताचार फेला कर देश का विश्व स्तर पर सर नीचा करने वाले कोंग्रेस के लाडले सुरेश कलमाड़ी को कोम्न्वेल्थ गेम की समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया हे जबकि सचिव ललित भनोत को भी घर का रास्ता दिखाया हे ।
नये केन्द्रीय खेल मंत्री अजय माकन ने कल यह घोषणा की देश में यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बहुत बढ़ा लेकिन पहला फेसला हे कहते हें के पुरे कुँए में जहाँ भांग घुट रही हो वहां का हाल क्या होगा बस यही नज़र हमारे देश में देखने को मिल रहा हे मंत्री , प्रधानमन्त्री,मुख्यमंत्री,केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त ,राज्यपाल ,हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज सभी इस वक्त भ्रष्टाचार के घेरे में हें लेकिन सरकार की चुप्पी देश में भ्रस्ताचार का पालन पोषण कर रही हे और हालात यह हे के देश में स्थिति बिगडती जा रही हे विदेश में देश की साख को बट्टा लगता जा रहा हे यहाँ कोंग्रेस हो चाहे भाजपा चाहे सपा चाहे बसपा या कोई और पार्टी हो सभी लोग अपने अपने हमाम में नंगे हें और चोरी और सीना जोरी की तर्ज़ पर काम कर रहे हें भ्रष्टाचार के मामले में देश में यह पहला कदम हे लेकिन खेर देर आयद दुरुस्त आयद अब आगे देखते हें क्या क्या होता हे ..... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Akhtar Khan Became President of Lake City Press Club

by Zaheer Abbas on January 24, 2011

On Sunday 23rd January, Udaipurtimes.com’s dedicated reporter and Udaipur’s Photo Journalist Akhtar Hussain Khan was elected as new president of Lake City Press Club- a registered organization for Udaipur’s journalists.

Akhtar Khan was elected unopposed by the club members. Many senior most journalists were present in this annual presidential election of Lake City Press Club.

akhtar-press-clubAkhtar Khan is considered as one of the prominent figure among Udaipur’s photo journalists. Prior he’d worked with Dainik Bhaskar for nearly 12 years; Akhtar is now giving freelance services to many news groups including The Times of India.

He is the first photo journalist to become the president of Lake City Press Club. The ex-president Nareshwar Rao assigned his work to Akhtar Khan.

In the year 1997, Lake City Press Club was founded by few veteran Journalists of Udaipur including Rituraj (Freelance journalist), Prakash Sharma ( Editor Dainik Bhaskar, Pali), Bhupendra Singh Rao (Rajasthan Patrika) and Rafiq Khan ( Rashtra Doot). The aim of club is to unite journalists of Udaipur for social and professional empowerment, to give a common platform and a general identity to all local media personnel. Today the organization has 92 members and it’s still growing.

I congratulate Akhtar Khan for his achievement and wish to see more developments in Lake City Press Club.

कोटा के बड़े अख़बार मजे में तो छोटे अख़बारों पर आफत

कोटा में प्रशासन और अधिकारियों ने मिलकर बढ़े अख़बारों के मजे कर दिए हें जबकि छोटे और मंझोले अख़बारों के लियें कानून की बारीकियों में उन्हें घेरने का प्रयास करते हुए उनके लियें आफत खड़ी कर दी हे ।
जी हाँ दोस्तों कभी अख़बारों के लियें स्वर्ग कहलाये जाने वाले इस कोटा में कई छोटे अख़बार सिसक रहे हें तो साप्ताहिक और पाक्षिक छोटे अख़बार बंद होने के कगार पर हें कोटा के जिला मजिस्ट्रेट ने हाल ही में पुलिस के जरिये कोटा के सभी अख़बारों को एक फरमान थमाया हे जिसमें अखबार की दो प्रतियाँ नहीं भेजने पर अख़बार मालिकों पर कार्यवाही करने की धमकी दी गयी हे इतना तो ठीक हे लेकिन गणतन्त्र दिवस पर हर बार दिए जाने वाले सजावटी विज्ञापनों को कोटा के सरकारी कार्यालयों ने तो बंद कर ही दिए हें साथ ही नगर निगम कोटा और नगर विकास न्यास ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हें अख़बार अगर छोटा आदमी निकालने की बात करता हे तो जिला मजिस्ट्रेट उसकी पुलिस जांच के नाम पर काफी फजीहत करता हे और कई दिनों बाद उसे इस मामले में अख़बार छपने की लियें घोषणा पत्र की स्वीक्रति मिलती हे वरना कई घोषणा पत्र तो खारिज हो जाते हें जबकि प्रेस कानून में ऐसा प्रावधान नहीं हे पहले अंतरिम स्वीक्रति देकर बाक़ी जानकारियाँ बाद में तस्दीक करवाने और गलत जानकारियाँ होने पर कार्यवाही का प्रावधान हे ।
जनाब यह तो हुई कोटा के छोटे मंझोले समाचार पत्रों कोबात अब हम अगर बढ़े अखबार या विज्ञापन पम्पलेट सारे देश को नामर्द समझ कर मर्दानगी की दवा बेचने का विज्ञापन देने वाले अखबार देनिक पत्रिका देनिक भास्कर और एक दो और उनकी अगर बात करें तो इनके लियें कोई कानून नहीं हे यह मेले के नाम पर सस्ती जमीन किराये पर लेते हें और फिर महंगे दामों पर दुकानदारों को किराए पर देखर लाखो रूपये मिनटों में कमा लेते हें यह बढ़े अखबार नियम के खिलाफ पठनीय सामग्री कम और विज्ञापन अधिक छापते हें यह बढ़े अख़बार गेर कानूनी तरीके से मर्दानगी के गंदे और ज्योतिषी शास्त्र के ठगने वाले विज्ञापन छापते हें यह बढ़े अख़बार कलेक्टर को दो दो प्रतियाँ मुफ्त में नहीं भेजते यह बढ़े अख़बार एक घोषणा पत्र देकर घोषणा नियमों के विपरीत डाक ,प्रभात , सांय कालीन प्रकाशन करते हें इतना ही नहीं कोटा में घोषणा पत्र देकर बरा,बूंदी,झालावाड और दुसरे जिलों का नाम लिख कर बहन का भास्कर पत्रिका छापते हें इसकी उन्हें नियमानुसार घोषणा पत्र भरकर कोई इजाजत लेने की जरूरत नहीं हे तो दोस्तों छोटे और बढ़े समाचार पत्रों की यह खायी अब बढती जा रही हे लेकिन सरकार को जब भी राष्ट्रीयता भरी और भ्रष्टाचार से देश को बचाने के लियें कोई खबर मिली होगी तो छोटे समाचार पत्रों से ही मिली होगी किसी भी बढ़े अखबार ने कोई अछि खबर सकरार या जनता को नहीं दी हे हाँ मेले ठेले कवि सम्मेलन मुशायरे आतिशबाजी चाहे इन अख़बारों ने करवाली हो लेकिन कोटा का प्रशासन हे के इन के अपराध को देखता ही नहीं और छोटे मंझोले समाचारों पर उसकी कसाई की तरह छुरी चल रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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