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31 जनवरी 2011

राजस्थान में ई टी वी वसुंधरा का प्रचारक

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया का प्रचारक रहा ई टी वी इन दिनों गहलोत सरकार के विज्ञापनों पर मजे कर रहा हे और वापस वसुंधरा सरकार की वापसी के प्रयासों में जुट गया हे इसीलियें ई टी वी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से कोंग्रेस के परम्परागत वोटों को बहकाने बरगलाने का काम कर रहा हे ।
राजस्थान में कोंग्रेस के परम्परागत वोटर मुसलमाना हें जिनकी वजह से अनेक स्थानों पर कोंग्रेस किनारे पर हरी हुई बाज़ी जीत जाती हे बस इसी सर्वे के तहत कोंग्रेस के इन मुस्लिम वोटरों को बागी बनाने के लियें ई टी वी ने कोंग्रेस से जुड़े मुसलमानों को कोंग्रेस के काल में मुसमानों की स्थिति का आयना दिखाना शुरू कर दिया हे और हाल ही में ई टी वी की एक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेमीनार ने राजस्थान के मुसलमानों को कोंग्रेस से बगावत करने का मन बना लिया हे हालात यह हें के मुसलमानों के लियें कोंग्रेस का घिर्नास्पद चेहरा बताया जा रहा हे और कोंग्रेस को मुसलमानों की शोषक साबित करने का प्रयास किया जा रहा हे हालात यह हें के कई स्थानों पर कोंग्रेस की कमजोर कड़ी बने इन मुसलमानों को भाजपा की वसुंधरा की विश्वसनीय टीम ने टटोलना शुरू कर दिया हे हालात यह हें के मुसलमानों का पलायन कोंग्रेस से भाजपा में होने लगा हे मुसलमानों के इस पलायन से कोंग्रेस को नुकसान ही होगा लेकिन कोंग्रेस हे के मानती ही नहीं ...................... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

विधायक और कलेक्टर में ठनी ......

राजस्थान के झुंझुनू में कलेक्टर मुग्दा सिन्हा और विधायक श्रवण कुमार में ठन गयी हे वधायक का कहना हे के मुग्दा सिन्हा को जनता और जन प्रतिनिधि से बात करने की तमीज़ नहीं हे इसलियें मुख्यमंत्री से मिल कर उन्होंने इस कलेक्टर का ट्रांसफर करवा दिया हे ।
कलेक्टर मुग्दा सिन्हा का तबादला होने के बाद भी रस्सी जल गयी लेकिन बल नहीं निकला वाली कहावत चरितार्थ हुई हे यहाँ मुग्दा सिन्हा ने कहा के में तो ऐसी ही जिद्दी हूँ कोई बक्सा भर के रूपये कमाने नहीं आई हूँ झना मुझे लगाया जाएगा वहीं में चली जाउंगी इस वाद विवाद में जन प्रतिनिधि और ब्युरोकेट्स के बीच जनता पिस रही हे लेकिन कुछ हे के इस मामले को राजनितिक हवा दे रहे हें और इसीलियें विधायक को नीचा दिखाने के लियें झुंझुनू में आन्दोलन की रूप रेखा तय्यार कर रहे हें और इस मामले में कस्बे बंद भी करवाना शुरू कर दिए हें ,
खेर राजस्थान में अधिकारी तो मुंह जोर हे सब जानते हें और मंत्री अधिकारीयों की चोखट पर बेठ कर उनके गुण गान करते हें यह भी सब देखते हें , हाल ही में कलेक्टर आर ऐ एस लगाये जिला परिषदों के आई ऐ एस ने बगावत कर दी कहा के हम आर ऐ एस के अधीन काम नहीं करेंगे सुनवाई नहीं हुई तो अधिकारी छुट्टी पर चले गये अब सरकार फिर झुकी और एक बेलेंस तबादला सूचि निकाली हे लेकिन सरकार का अफसर शाही के आगे लगातार झुकने का जो रवय्या हे वोह सरकार की साख को बट्टा ही लगा रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

संचार घोटाले में राजा दोषी

संचार घोटाले में यु पी ऐ सरकार के पूर्व मंत्री राजा जी को शिवराज पाटिल समिति ने घोषित भ्रष्ट साबित कर दिया हे , कल; निर्धारित समयावधि से पूर्व भ्रस्ताचार मामले में गठी समिति के अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने संचार मंत्री सिब्बल को रिपोर्ट सोंपी जिसमे राजा को दोषी करार दिया गया हे , इधर सिब्बल और केंद्र सरकार उद्ध्योग पतियों पर दबाव बनाने के लियें कोल दरें महंगी करने का डरावा दे रहे हें वोह इसमें भी अब नया खेल करने की फ़िराक में हें। पिछले दिनों देश के सबसे बढ़े इस घोटाले के यह आरोपी मंत्री जो जेल में होना चहिये वोह खुले घूम रहे हें और जो सरकार जो प्रधान मंत्री सडक पर होना चहिये वोह मजे कर रहे हें यह घोटाला लालू माया से कई गुना बढ़ा घोटाला हे लेकिन फिर भी सरकार हे के टस से मस नहीं हो रही हे ।
देश में भाजपा ने जू देव मामले में खुले आम रिश्वत की रकम लेते हुए दिखाने पर भी इनका समर्थन कर पार्टी से टिकिट देकर भ्रष्ट लोगों को पनाह देने का जो सिलसिला शुरू किया था और फिर जनता ने भी इन जू देव महाराज को जीता कर भ्रस्ताचार की जय कहा था आज वही बीज देश भर में बरगद बन कर खड़ा हे जिसकी छाँव में राजा जी जेसे कई भ्रष्ट मजे कर रहे हें काली सूचि काले लोगों की सरकार के पास हे जो बोलेगा सरकार उसका नाम बता कर मुंह काला कर देगी इस लियें पक्ष विपक्ष इन दिनों खामोश हे वोह भ्रस्ताचार पर कम और साम्प्रदायिकता पर ज्यादा बोल रहे हें इसलियें देश में भ्रस्ताचार जिंदाबाद हे जो लोग जेल की सलाखों में होना चाहियें आज भी वोह लोग शासक बने देश की नीतिया निर्धारित कर रहे हें जय भ्रष्टाचार और इस भ्रष्टाचार में जनता की खामोश मदद हे इसलियें जय जनता मददगार ही कहा जा सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में अधिकारीयों की सम्पत्ति की घोषणा करवाने के प्रयास

राजस्थान में पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राजस्थान के मंत्रियों ने रस्मन ही सही लेकिन अपनी अपनी झूंठी सच्ची सम्पत्तियों की घोषणा की थी इस ब्योरे को सरकार की वेबसाईट पर भी डाला हे क्योंकि यह मामला केवल राजस्थान के मंत्रियों से सम्बन्धित था इसलियें राजस्थान में पूरी तरह से प्तेलाई में लगे केन्द्रीय मंत्रियों ने खासकर सी पी जोशी ने अपनी सम्पत्तियों की घोषणा नहीं की अब वोह अधिकारियों और कर्मचारियों की सम्पत्ति की घोषणा के प्रयासों में जुट गये हें ।
दोस्तों हमारी राजस्थान सरकार ने राजस्थान के कर्मचरियों का कानून और प्रशासनिक अधिकारीयों के नियम नहीं पढ़े हें ऐसा वोह इसीलियें कह रहे हें सरकार का कहना हे के मंत्रियों की तर्ज़ पर अधिकारीयों और कर्मचारियों को भी अपनी सम्पत्ति की घोषणा करना चाहिए दोस्तों राजथान का कोई भी कर्मचारी .अधिकारी,न्यायिक अधिकारी अगर २५० रूपये से भी अधिक की कोई वस्तु खरीदेगा तो इसकी जानकारी विभाग को देने का अनिवार्य कानून हे इसके अलावा खुद का मकान ,क्रषि भूमि या दूसरी चल अचल सम्पत्ति काब्योरा विभाग द्वारा लिया जाता हे इतना ही नहीं कानून हे के अगर ई लोग बच्चों की शादी या कोई भी कार्यक्रम करेंगे तो रिश्तेदार के आलावा दुसरे लोगों से एक निर्धारित मूल्य से अधिक का उपहार प्राप्त नहीं कर सकेंगे कुल मिला कर राजस्थान में कर्मचारियों ,अधिकारीयों और न्यायिक अधिकारीयों के लियें कई पाबंदियां हे और इनकी हर खरीद फरोख्त पर सरकार की नजर हे लेकिन समझ में नहीं आता के इस महत्वपूर्ण कानून की सरकार ने पकड़ क्यूँ नहीं की और क्यूँ इस कानून के तहत अधिकारीयों , कर्मचारियों की सम्पत्तियों का भोतिक सत्यापन नहीं करवाया और खुद कानून से अनजान बन कर इन अधिकारियो कर्मचारियों से सम्पत्ति की घोषणा का अब्योरा देने के लियें कह रहे हें अरे सरकार को तो इन लोगों ने जो ब्यौरा दिया हे उसके आलावा जो भी सम्पत्ति मिलती हे वोह इन अधिकारीयों कर्मचारियों की नहीं हे और इस सम्पत्ति पर जनता का हक हे इसलियें मुहीम चला कर कर्मचारी और अधिकारी सेवा नियमों के तहत सभी लोगों की घोषित सम्पत्ति की जाँच करवाएं और जो भी बेनामी सम्पत्ति जो आमदनी कम होने पर भी खरीदी गयी हो या पत्नी साले मित्र के नाम से हो उसे जब्त कर राजसात की जाए लेकिन यह राजस्थान हें यहाँ मंत्री या सरकार नहीं हे यहाँ तो अधिकारी जो कुछ कर दे जो कुछ कह दे बस वही सरकार हे इसलियें इस पहले से बने व्यवहारिक कानून के तहत कोई भी सरकार अब तक कार्यवाही नहीं कर सकी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या सुनाऊं ,,,

क्या सुनाऊं
तुमको
मेरी जिंदगी के तराने ,
सिसिकियां
तडपन
जुदाई
बेवफाई
रुसवाई
तन्हाई
फकीरी
ना जाने
क्या क्या
सहा हे मेने
फिर
क्यूँ
सुन कर
मेरी दास्तान
तुम
अपना
आज
खराब करते हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तेरी चाहत ....

तेरी चाहत
तेरी तडपन
एक सजा ही सही ,
फिर भी
देख लोग
हर दोर में
हमने
बस
तेरी चाहत
तेरी तडपन
मांगी हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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