आपका-अख्तर खान

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04 फ़रवरी 2011

सारी राजनतिक पार्टियां काले धन से चलती हे ... .

देश में राज स्थापित कर कुर्सी हडपने की दोड में लगी सभी राजनितिक पार्टियां काले धन को प्राप्त कर अपना काम चलाती हे यह कथन किसी एरे गेरे का नहीं बलके इस अपराध में शामिल एक उद्योगपति सांसद राहुल बजाज का हे जिस की सत्यता पर कोई शक करने का आधार नहीं हे ।
देश के बढ़े उद्योगपतियों में से एक राहुल बजाज इन दिनों सांसद हे और वोह काले धन पर बोल रहे थे उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा के राजनितिक पार्टियां चुनाव के दिनों में उद्योगपतियों से काला धन प्राप्त करती हें पर चुनाव उसी आधार पर लढा जाता हे , राहुल बजाज व्यवाहारिक हें वोह खुद भी सियासी पार्टियों को काले धन का चंदा देने वालों को इसुची में रहे होंगे लेकिन उहोने जो सच उगला हे उससे देश के सामने एक सवाल खड़ा हो गया हे के जब राजनितिक पार्टियां कुर्सी हथियाने के लियें काले धन और काले लोगों का सहारा लेती हे तो फिर कुर्सी मिलने के बाद वोह जनता की कम और ऐसे काले धन कमाने वालों की रक्षक ज्यादा बन जाती हे राजनितिक पार्टियां अब नई कहावत बना चुकी हे जेसे लोग कहते हें के तुम एक पैसा दोगे तो भगवान एक लाख देगा उसे अब नेताओं एन बदल दिया काले धन वालों से पार्टियां कहती हे के तुम हमें एक पैसा दोगे तो सरकार तुम्हे एक करोड़ कमाने का मोका देगी अब इससे अच्छा उद्योग कोनसा होगा झना अनुपातिक तोर पर एक पैसा लगाने पर एक करोड़ मिल रहे हें फिर जब सियासी पार्टी ने अगर वायदा कर लिया हे तो फिर पूरा तो करना ही हे और आज देश में जो कुछ भी हो रहा हे वोह इसी वायदे को निभाने के कारण जनता को बली का बकरा बना कर कसाई उद्योगपतियों,जमाखोरों,मुनाफाखोरों और भर्स्ट लोगों के सामने तदपने बिलखने सिसकने के लियें डाल दिया गया हे शायद इन दिनों लोकतंत्र की यही परिभाषा हो गयी हे .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में चम्बल एडवेंचर फेस्टिवल आज से . ....

कोटा में चम्बल एडवेंचर फेस्टिवेल के तहत आज से तीन दिन टक चम्बल में खेल कूद के अलावा दूसरी रोमांचक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हे । कोटा में चम्बल का वरदान हे और चम्बल के कारण कोटा में जो खुशहाली हरियाली हे उसे याद करने के लियें गत कई वर्षों से ५ फरवरी से चम्बल फेस्टिवल कोटा में मनाया जा रहा हे ।
कोटा में इस दोरान प्रशासन और आयोजन समिति की तरफ से कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हें और रचनात्मक रोमांचक कार्यक्रम जेसे रस्सा कशी , बेलून उड़ाना , पहाड़ी और कन्दराओं में रस्सों के बल पर चढना , नोकायाना , वाटर पोलो सहित कई प्रतियोगिताये होती हे ।
चम्बल के तट पर बसे इस कोटा शहर को चम्बल ने वरदान दिया हे इस अवसर पर चम्बल की पूजा भी होती हे और चम्बल को मां का दर्जा देकर इसे चुनरी वगेरा उढाई जाती हे लेकिन दोस्तों यह चम्बल जहां कोटा के लियें वरदान हे वहीं भ्र्स्ताचारियों के लियें महा वरदान हे यहाँ कोटा में नहर मरम्मत के नाम पर चम्बल शुद्धिकरण के नाम पर किये गये ५० सालों के भ्रस्ताचार का हिसाब लगायें तो यकीन मानिए देश का पूरा कर्ज़ उतर जाए इतना भ्रटाचार हो चुका हे और वोह आज भी यथावत जारी हे लेकिन भाई यह चम्बल हे यहाँ कोटा को वरदान हे तो चम्बल के नाम पर आने वाली योजनाओं के खर्च में नेताओं से लेकर ठेकेदार इंजीनियर और अधिकारीयों के लियें भी भ्रस्ताचार का वरदान हे ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा कलेक्टर हाई कोर्ट को कुछ नहीं समझते .....

जी हाँ दोस्तों कोटा कलेक्टर और उनके अधीनस्थ अधिकारी पटवारी हाईकोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों को कुछ नहीं समझते हें हालात यह हें के न्यायालय की अवमानना याचिका के बाद भी इन जनाब अधिकारियों ने परकोटे के पास के खाली जमीन पर निर्माण करवाने के लियें सरकार की तरफ से जमीन नीलाम कर दी हे ।
कोटा कलेक्टर और इनके अधीनस्थ उप जिला कलेक्टर ने कोटा के ऐतिहासिक बुर्ज और दरवाज़े सूरजपोल के पास की जमीन को नीलाम करने के लियें नजूल सम्पत्ति बताकर अख़बार में विज्ञापन दिया लोगों ने बोली लगाई और फिर भाजपा के कुछ लोगों ने इस सम्पत्ति को खरीद लिया , लेकिन प्रशासन और निगम को पता हे के यह भूमि किसी भी तरह से बेचीं नहीं जा सकती य्हना किसी भी प्रकार का निर्माण वर्जित हे एक तरफ तो पुरातत्व सम्पत्ति की रक्षा करने वाली संस्था इंटेक ऐसी सम्पत्तियों को बचाने के लियें संघर्ष कर रही हे और दूसरी तरफ जब राजस्थान हाई कोर्ट ने कोटा की ऐतिहासिक धरोहर परकोटे के आसपास की खूबसूरती को बचाने के लियें आदेश और निर्देश दिए हें के परकोटे के १०० गज की दुरी पर कोई निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी तो फिर परकोटे से अडवान या फिर कहिये के परकोटे का ही हिस्सा सरकार कुछ लाख रूपये कमाने के लियें भाजपा के कुछ बोलीदाताओं से सांठ गाँठ कर केसे बेच सकती हे अब कोटा कलेक्टर ने डंके की चोट पर यह गलती तो कर दी हे लेकिन शिकायत के बाद लीपा पोती की की कार्यवाही चल रही हे ................... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रणव दा का अलादीन का चिराग ...

केंद्र सरकार को पूरी तरह से भ्रस्टाचार और महंगाई में डुबो देने के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी अब बिहार की तर्ज़ पर बंगाल को डूबा देने की तय्यारी में हे और इस दोरान केंद्र की महंगाई के मामले में जब उनसे सवाल पूंछा गया तो वो नाराज़ हो गये और कहने लगे के मेरे पास कोई अलादीन का चिराग नहीं हे जो में महंगाई कम कर दूंगा । सही भी हे प्रणव जी और कोंग्रेस इतिहास में अब तक की सबसे अक्षम सरकार साबित हुई हे प्रणव जी का कहना हे के वोह बेबस हे अलादीन का चिराग उनके पास नहीं हे तो भाई राष्ट्र हित में वोह पद छोड़ दे और कुछ केवल कुच्छ दिनों के लियें हमारे ब्लोगर भाइयों में से किसी एक को यह पद दे दें फिर देख लें किस तरह से अलादीन का चिराग महगाई नियंत्रित करने के लियें आ जाता हे हाँ बस जिन लोगों से महंगाई बढाने और मुनाफा कमवाने के लियें इस सकरार ने रिश्वत ली हे बस वोह सब लोग जेल में होंगे और जो जो रिश्वत खोर होगा उसे भी जेल जाना होगा खुद बा खुद देश में मूल्य व्रद्धी रुक जायेगी जमाखोरी कम होगी तो मुनाफाखोरी रुकेगी वायदा व्यापार रुकेगा तो खाध्य पदार्थों के भाव गिरेंगे लेकिन यह प्रणव दा हे समझदार हें समझ गये हें के कोंग्रेस हाईकमान जो लोग भ्रष्ट और जनविरोधी फेसले करते हें उसे ही प्रधानमन्त्री बनाता हे बस इसलियें प्रणव दा भी खुद को प्रधानमन्त्री बनाये जाने का सपना देख रहे हें । वेसे भी देश में बी राज्यों के चुनाव आ रहे हें और इसीलियें बिहार में जेसे कोंग्रेस खत्म की हे वेसे ही बंगाल में भी कोंग्रेस के खात्मे की योजना बनाई जा रही हे ........... ।
इधर हमारे प्रधानमन्त्री जी भ्रस्टाचार के मुद्दे पर खामोश तमाशा देखते रहे और जब खुद के सर पर बन आई खुद के विभाग से निकली पत्रावलियों में भ्रस्ताचार खुल कर बोलने लगा तब कहीं बोले हे के अब तो शर्म करो भाई प्रधान मंत्री जी जब आप को शर्म नहीं हे तो आपके अधीनस्थ पागल हे जो शर्म करेंगे इसलियें देश की अगर चिंता हे तो खुद को अपनी नादानियों,नाकामयाबियों के लियें कानून के हवाले करो और जनता को आमंत्रित कर खुद जनता की अदालत से सजा पाने का एलान करो ताकि आखरी वक्त में थोड़े बहुत पाप धूल जायेंगे ....... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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