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09 फ़रवरी 2011

सुशिल मोदी पर यों उत्पीडन का आरोप

बिहार सरकार में उप मुख्य मंत्री सुशील मोदी पर एक विधायक के चाकू मार कर उसकी हत्या करने वाली महिला रूपम पाठक ने न्यायलय में मामला पेश कर योन शोषण करने का आरोप लगाया हे ।
रूपम पाठक इन दिनों जेल में हे उन पर भाजपा के एक विधायक के घर में घुस कर चाकू घोंप कर उनकी हत्या कर देने का आरोप हे विधायक जी और उनके निजी सहायक पर भी रूपम पाठक ने योन शोषण और परेशान करने का आरोप लगाया था और हत्या का कारण भी यही बताया हे अब भाजपा के बिहार विधायक दल के नेता और बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री शुशील मोदी पर अदालत में लिखित प्रस्तुत इस आरोप के बाद भाजपा सन्न हे लेकिन मीडिया डामा डोल हे पिछले दिनों विधायक की हत्या की खबरों और छोटी छोटी खबरों को प्रमुखता देने वाला यह मीडिया रूपम के मोदी के खिलाफ न्यायालय में लिखित में लगाये गये आरोपों को खबर नहीं मान रहा हे और इस खबर को ढक छुप कर चुप चाप दबाने के प्रयासों में जुटा हे इधर बात बात पर कोंग्रेसी नेताओं से इस्तीफा मांगने वाली भाजपा इस खबर से आहत तो हे लेकिन बचाव की मुद्रा में नहीं हे उसने खुद के नेता पर लगे आरोपों के बाद नेतिकता का दोहरा मापदंड अपनाने का मानस बनाया हे और अब वोह सुशील मोदी से इस्तीफा नहीं लेगी ऐसा भाजपा का विचार हे .................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दुष्कर्म पीडिता को गर्भपात की इजाजत

गुजरात की एक दुष्कर्म की पीडिता महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को गिराने की गुजरात हाई कोर्ट ने अनुमति देते हुए डॉक्टरों का एक पेनल बनाकर ऐसा करने को कहा हे ।
गुजरात में एक पीडिता के साथ दुष्कर्म हुआ और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को वोह रखना नहीं चाहती थी इसलियें उसने हाईकोर्ट में गुहार लगाई क्योंकि गर्भपात निरोधक अधिनियम इसमें बाधक था , गुजरात हाईकोर्ट ने प्रकरण की समीक्षा की और महिला को इजाजत देदी साथ ही इस मामले में डॉक्टरों का एक पेनल बनाकर सावधानी से चिकित्सा करने को कहा हे हाईकोर्ट ने यहाँ तक कहा के अगर डोक्टर इस काम में महिला की जान को खतरा मानते हे तो वोह हाईकोर्ट को सूचित करें ताकि हाईकोर्ट इस फेसले पर पुनर्विचार करे । गुजरात हाई कोर्ट का यह फेसला वेसे तो सामान्य फेसला हे लेकिन अब जो महिलाएं यों उत्पीडन का शिकार होती हे और उन्हें मजबूरी में अनचाहे बच्चे को जन्म देना पढ़ता हे उन महिलाओं को इस निर्णय से काफी राहत मिलेगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बच्चे के पेट में बच्चा ..

जी हाँ दोस्तों सुनने में बात अजीब सी लगती हे लेकिन यह सच हे के कोटा में एक नवजात बच्चे के पेट में बच्चा था और उसे डॉक्टरों ने एक सफल ओपरेशन कर निकाला हे जिससे नवजात की जान बच सकी हे ।
कोटा में एक दो माह के बच्चे के पेट की जब डॉक्टरों ने जांच की तो पाया के उसके पेट में एक छोटा बच्चा जेसा कुछ हे जिसके हाथ,पाँव और सर भी हे सर पर बाल भी हें बस डॉक्टरों की एक टीम गठित हुई ओपरेशन थियेटर में प्रयोग शुरू हुआ और डोक्टर इश्वर की क्रपा से सफल हो गये डॉक्टरों ने पाया के दो माह के नवजात शिशु के पेट में एक नया बच्चा पल रहा था हालांकि यह नया बच्चा तो मरा हुआ निकला लेकिन कम से कम इस बच्चे की तो जान बच गयी डॉक्टरों का खाना हे के टिरेतोमा नाम की इस तरह की बिमारी में कई बार लाखों में से एक में इस तरहा का मामला हो जाता हे लेकिन कोटा में यह पहली बार हुआ था इसलियें यहाँ लोगों की उत्सुकता बढ़ी हुई थी साथ कोटा के चिकित्सकों के लियें भी यह एक चुनोती भरा काम था जिसमें वोह सफल हो गये नें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आरुषी उसके माता पिता और अदालत ............

नोएडा की आरुशी जिसकी रहस्यमयी हत्या हो गयी उसकी हत्या के जुर्म में उसके पिता को पकड़ा गया फिर नोकरों को पकड़ा फिर जमानत हुई और एक लम्बी जांच के बाद केस बंद । सी बी आई ने अदालत में मामले को बंद करने की रिपोर्ट पेश कर दी सी बी आई की यह रिपोर्ट शरमाक थी मिड्या चिल्लाया जज साहब ने पत्रावली देखी और फिर म्रत्का आरुशी के माता के खिलाफ सबूत अख्त्ते किये उन्हें दोषी मान लिया गया ।
अपराध , अपराध मामलों की जांच , जांच में सी बी आई की नादानी , मिडिया का खुद जजमेंट देकर लोगों को दोषी करार देने की परम्परा और फिर अदालत का आदेश इन सब ने इस देश को सोचने पर मजबूर कर दिया हे यह कानून व्यवस्था हे अब फिर केस चलेगा जाँच होगी मामला हाईकोर्ट जाएगा समीक्षा होगी हो सकता हे हाई कोर्ट सुप्रीकोर्ट का इस मामले में सोचने का तरीका अलग हो वोह फिर से आरुषी के माता पिता के खिलाफ सबूत नहीं माने सबूत हों या ना हों लेकिन यह तो सच हे के उन्हें सजा मिलना तो ना मुमकिन हे , इन सब परिसिथितियों में एक बाद तो सामने आई हे के एक अदालत जो मामला समझती हे दूसरी अदालत उसे बदल देती हे तो कोई एक तो गलत होता हे इसलियें एक फेसला जो तकलीफ देह होता वोह बाद में दुसे जज के बरी के फेसले से ख़ुशी तो देता हे लेकिन उसका पुराना स्वाभिमान कोन लोटा सकता हे ऐसे में जो जज गलत हे जिस जज ने पत्रावली का सही अवलोकन किये बगेर आक्षेपित फेसला दे दिया हो उनके खिलाफ कार्यवाही तो होना ही चाहिए और जजों के निर्णयों के पलटने पर उनसे जवाबदारी तय होना जरूरी हे वरना एक अदालत से सजा दूसरी से बरी एक अदालत से बरी दूसरी से सजा इस खेल में जनता पिसती रहेगी और जजों की गुणवत्ता भी नहीं रहेगी इसलियें न्यायिक आयोग गठित कर इस मामले को भी देखे तो जनता को न्याय मिलेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह झुन्ठों और मक्कारों की महफिल हे ..... सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे

जी हाँ दोस्तों किसी शायर ने सच कहा था के यह झुन्ठों और मक्कारों की महफिल हे
सच बोले तो तुम भी निकले जाओगे ...... यह बात राजस्थान सरकार में वक्फ राज्य मंत्री अमीन खान के सत्य कथन पर सही साबित होती हे अमीन खान ने पाली जिले में प्रभारी मंत्री होने की हेसियत से कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लियें समर्पण भाव से काम करने का पाठ पढ़ते हुए कहा था के हमारी राष्ट्रपति जी इंदिरा जी के बुरे वक्त में जब वोह चुनाव हार गयी थीं तब वोह उनकी किचन का काम देखती थी और आज वोह राष्ट्रपति हें कार्यकर्ता सच जानते थे इसलियें उन्होंने इस कथन का ज़ोरदार तालियाँ बजा कर स्वागत किया , लेकिन यह मेरा आदेश हे यहाँ सच अगर अमीन खान बोले तो पाबंदी हे और फिर उस पर सभी लोगों द्वारा मिल कर तलवार लटका दी जाती हे इसलियें अमीन खान से इस्तीफे और स्पष्टीकरण मग्न जाने की बात सामने आ रही हे सारा देश जानता हे के यह मिडिया जो अमीन खान के बयान पर बवाल मचा रहा हे जब श्रीमती प्रतिभा पाटिल राजस्थान की राज्यपाल और फिर ऐ पी जे कलाम के रिनिवल का प्रस्ताव ठुकरा कर कोंग्रेस के समर्थन से महामहिम बनी थी तब इसी मीडिया ने इंदिरा जी और उनकी रसोई वाली बात प्र्क्सषित और प्रसारित की थी तब किसी भी कोंग्रेसी ने मिडिया का विरोध नहीं किया था मीडिया के खिलाफ मुकदमा नहीं किया था राष्ट्र पति भवन ने मीडिया से स्पष्टीकरण नहीं माँगा था तब तो प्रतिभा पाटिल का इंदिरा जी की रसोई करने वाली बात सच मान कर कोंग्रेस पक्ष विपक्ष सब खामोश थे और आज कार्यकर्ताओं में वफादारी की सीख देने की गरज से अगर इन्नोसेंट भाव से किसी मंत्री ने इस बात का औदाह्र्ण दिया हे तो सब को बुरा लग रहा हे दोस्तों सच यह हे के यह राजनीती हो रही हे कोंग्रेस के मंत्री विरोधियों को भी वक्त मिल गया हे और वोह इसे भुनाना चाहते हें लेकिन कोंग्रेस हाईकमान को जो अख़बारों में पहले महामिहम के मामले में छपे बयानों में खामोश था आज मंत्री को केवल इस बयान पर हटाने का कोई हक नहीं बनता हे वेसे भी राजस्थान में २०० विधायकों में से एक प्रतिशत यानी दो मंत्री अल्पसंख्यक समाज के हें जिनमे से एक केबिनेट और एक अमीन खान राज्य मंत्री हे फिर भी लोगों के पेट में दर्द हे .................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

थानेदार जी को गिरफ्तार करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर खंड पीठ ने एक थानेदार जी द्वारा वक्त पर अदालत में डायरी पेश नही करने के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हें अब दूसरों को भगाने वाले यह थानेदार जी खुद भागे भागे फिर रहे हें ।
झुंझुनू जिले के मलसीसर थाना इलाके में एक प्रकरण के दोरान सुवाई हाईकोर्ट जयपुर बेंच पहुंची हाईकोर्ट जज आदरणीय भगवती प्रसाद जी ने प्रकरण की सुनवाई के लियें डायरी तलब की लेकिन थानेदार जी तो धनेदार जी थे इसलियें थानेदार चोथ मल जी जाखड ने हाईकोर्ट के आदेशो पर ध्यान नहीं दिया और डायरी न्यायालय में नहीं पहुंचाई उलटे पत्रावली में भी फेर बदल किया बस हाईकोर्ट तो हाईकोर्ट हे थानेदार जी की चोरी पकड़ी गयी और हाईकोर्ट ने झुझुनू पुलिस अधीक्षक को आदेश दे डाला के मलसीसर के थाना धिकारी को गिरफ्तार करो और हाईकोर्ट के समक्ष पेश करों अब थानेदार जी भाग रहे हें और पुलिस अधिक्षक जी पशोपेश में हें के इस आदेश की पालना की करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पेंशन नहीं देने पर पेंशन कर्मी के वेतन रोकने के आदेश

राजस्थान में जेसलमेर जिले में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी केलिला में कार्यरत था उसकी सेवा निव्रत्ती हुई लेकिन समय पर उसकी पेंशन बाबूराज के चलते सरकारी बाबूजी ने नहीं बनाई कर्मचारी ने हाईकोर्ट गुहार लगाई अब सेवानिव्रत्त कर्मचारी की पेंशन तो शुरू हो गयी हे लेकिन जिस बाबू ने पेंशन में अडंगा लगाया था उन बाबूजी का वेतन रोक दिया गया हे ।
जेसलमेर में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेवा निव्रत्ती के बाद भी दफ्तर में बाबू और अधिकारियों के चक्कर काट काट कर पेंशन बनाने की मिन्नतें करता रहा लेकिन उनकी पेंशन वक्त पर नहीं बन पायी नतीजन जब सब दरवाज़े बंद हो गये तो इन साहब ने राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर का दरवाज़ा खट खटाया हाईकोर्ट ने कागज़ देखे बात समझी और पेंशन बनाने वाले बाबू जी के कारनामे जब हाई कोर्ट के सामने आये तो बस हाईकोर्ट का अगुस्सा सातवें आसमान पर था हाईकोर्ट को न्याय करना था और न्याय भी ऐसा के सार्वजनिक रूप से न्याय दिखे भी और फिर कोई कभी किसी की पेंशन रोक कर उम्र के आखरी पढ़ाव पर परेशान करने की कोशिश ना करे इसलियें अदालत ने आदेश दिए के सेवा निवर्तत कर्मचारी की तो तुरंत पेंशन शुरू की जाए और जिस कर्मचारी ने पेंशन बनाने में ढिलाई बरती हे उस कर्मचारी का वेतन रोक दिया जाए हुई ना मजेदार बात अब खुद की परेशानी से इन जनाब को किसी के दुःख का एहसास होगा और इनका हाल देख कर दुसरे कोई भी बाबूजी किसी के काम में तंग नहीं अड़ाएंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुछ दुनिया ने दिया हे मुझे वोह लोटा रहा हूँ में : इसी विधा से भाई ललित शर्मा जी बन गये हें नम्बर वन ब्लोगर


आज सुबह सवेरे से बसंत पंचमी के एहसास के बाद भी दिन भर पारिवारिक प्रोब्लम के चलते उदासी में गुजरा अदालत में काम बेहिसाब था रुक कर आराम की भी फुर्सत नहीं मिली थे शाम को घर आये तो दफ्तर में जयपुर से आई एक पार्टी बेठी थी उसे विधिक मामले में सलाह लेकर तुरंत जयपुर जाना था सो में घर इ कपड़े बदलते ही उलटे पाँव दफ्तर चला गया वहां गया तो बस गया ही सही काम में लगना पढ़ा और फिर कल की कुछ पत्रावलियां देख कर वापस थका हारा घर लोटा सर में थोडा दर्द मन में उदासी लियें में थोडा सुस्ता रहा था घड़ी की तरफ देखा साढे दस बजने वाले थे के अचानक मोबाईल की घंटी बजी फिर बंद हो गयी फिर घंटी बजी मोबाइल चार्ज पर था मेरी बिटिया ने मोबाइल बेड पर ही लाकर दिया मोबाइल की स्क्रीन पर जेसे ही भाई ललित शर्मा का नम्बर देखा तो यकीन मानिए मन की उदासी शरीर की सारी थकान दूर कम्बल हटाया और बेठ गया बस फिर बढ़े भाई से गुर सिखने लगे ।
बातों ही बातों में भाई ललित जी ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया , भाई ललित जी से मेने कहा के अब सर्दी कम हुई हे तो उन्होंने कहा हाँ बसंत आ गया हे फिर उन्होंने दोहराया के सुबह साढ़े तीन बजे भाई अरुण राय जी ने मुझे बसंत की बधाई दी मेने कहा के बसंत केसा यह क्या होता हे कहां रहता हे ललित जी के इस बयान में मेरे मुंह से हंसी फुट पढ़ी फिर उन्होंने आगे कहा के अरुण राय जी ने कहा के आप बसंत पर कविता लिखो तब उन्होंने कहा के मुझे तो कविता लिखे बरस हो गये फिर जब उनसे कहा गया तो उन्होंने जवाब दिया के भाई कविता,रचना को तो अब में भूल गया हूँ बस अब तो गरिमा का ही ध्यान रखे हूँ ललित जी ने चाहे यह बात हंसी मजाक में कही थी लेकिन बात ठीक थी आप सहित मेने भी ललित जी का स्वभाव देखा हे उनकी लेखनी की तेज़ धार समस्याओं पर पकड़ और वर्तमान परिस्थितियों पर विचार देखे हें इसलियें ब्लोगर्स में बढ़े छोटे अपने पराये का भेद भुला कर सभी ब्लोगर भाईयों को एक सूत्र में पिरोने के लियें अगर कोई रचनात्मक कम कर रहे हें तो वोह भाई ललित जी ही हे ।
में ब्लोगिंग की दुनिया में नो सिखिया हूँ बहुत कुछ नहीं जानता इधर उधर से थोडा बहुत सीख साख कर कुछ करने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन मुझे पता चला हे के भाई ललित शर्मा जी ने ब्लोगिंग की इस दुनिया में करीब ५०० ब्लोगर्स से भी अधिक ब्लोगर्स की मदद की हे और उनकी इसी मदद के कारण आज कई ब्लोगर अपना नाम कमा रहे हे दोस्तों मेने भाई ललित जी के गरिमा मई रचनात्मक ब्लॉग को लगभग ध्यान से पढ़ा हे यकीन मानिए एक बार भाई ललित जी की पोस्ट और अंदाज़े बयान देखने के बाद इनके ब्लॉग पर बार बार टिप्पणी करने का दिल करता हे लेकिन मेने देखा के जिन ५०० से भी अधिक ब्लोगर्स के भाई ललित जी गुरु रहे हें वोह तो अपना फर्ज़ निभा ही नहीं रहे हें में सोचता हूँ के अगर उनके अपने शागिर्द ब्लोगर या जिनके ब्लॉग खुद ललित जी ने तय्यार कर के दिए हें अगर वोह खुद भी एक एक टिप्पणी दें तो टिप्पणियाँ ५०० प्रति दिन होती हे लेकिन लालती जी हमारे भाई हें जो कुछ उन्होंने दुनिया से सीखा हे उसे वोह मुफ्त बांटने के प्रयासों में लगे हें , नेकी कर दरिया में डाल की तर्ज़ पर वोह अपना काम कर रहे हें ।
ललित जी शर्मा के लियें यूँ तो लिखते लिखते शाम से सुबह हो जायेगी लेकिन इन दिनों उनकी कुर्सी बसंत का गीत वृद्धों में जवानी फूंकने वाली कविता ने उन्हें ब्लॉग जगत में दिन दुनी रात चोगुनी तरक्की दी हे और कुछ दिन पूर्व जब ललित जी जब कोटा आये थे तो उनके ब्लॉग की चिटठा जगत की रेंक १३००० थी लेकिन देखिये आज पहली रेंक के पहले पायदान पर चल रहे हें और चिटठा जगत ने भी उन्हें लगातार पहली रेंक पर रख कर उनका उत्साह बढाया हे । भाई लाली जी के लिएँ तो अब बस दुष्यं का यही कथन हे के
हाथों में अंगारों को लिए सोच रहा था
कोई मुझे अंगारों की तासीर बताये ।
भाई ललित जी रोज़ हजारों लोगों के सम्पर्क में रहते हें लेकिन लोग क्या हे केसे हे इस मामले में वोह खुद बेखबर से अपना काम सिर्फ काम ही नहीं अपना अभियान प्यार दो प्यार लो आगे बढाये जा रहे हें खुदा करे उनका यह अभियान उनके ब्लॉग लेखन की लोकप्रियता और गुणवत्ता की तरह दिन दुनी रात चोगुनी कामयाबी के साथ तरक्की करे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जनगणना में स्कूली बच्चों का क्या काम हे ....

दोस्तों जनगणना कार्यक्रम या रेली में स्क्य्ली बच्चों का कोई उपयोग नहीं हे कोटा में जनगणना कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लियें आज रेली निकाली गयी इस रेली में स्कूली बच्चों की भीड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उदा रही थी देश में स्कूली बच्चों के किसी भी रेली में लेजाने लाने पर रोक लगी हे और विशिष्ठ परिस्थितियों में ही विशेष दिशा निर्देशों की पालना कर स्कूली बच्चों को रेली वगेरा के काम में लिया जा सकता हे ।
पिछले दिनों सुर्पिम कोर्ट ने बच्चो को रेली में ले जाकर परेशान करने के मामले में सरकार को काफी फटकर लगाई थी और फिर सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों को विशेष दिशा निर्देश जारी कर रेली से बच्चों को दूर रखने की हिदायत दी थी इन निर्देशों की पालना जब कोटा में नहीं हुई तो एक पार्षद ब्रिजेश शर्मा नीटू ने अपने वकील जनाब विवेक नन्दवाना जी के जरिये एक याचिका स्थाई लोक अदालत जिला जज कोटा के समक्ष पेश की जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी गलती मानी और इस पर न्यायालय ने फिर बच्चों को रेलियों से दूर रखने और अगर ले जाना जरूरी हो तो शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेकर ही रेली में ले जाने के लियें पाबन्द क्या साथ ही रेली के बच्चों के लियें एक डोक्टर , नाश्ते और प्राथमिक चिकित्सा के साथ साथ सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं करने के भी निर्देश दिए आज की रेली में बच्चे तो थे लेकिन न्यायालय के आदेश के मुताबिक कुछ भी नहीं था तो बच्चों के जीवन के साथ रेली के नाम लर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर इस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा हे जिसे जिला न्यायालय के निर्देश भी रोक पाने में अक्षम साबित हुए हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मायावती की मायावी जूतियाँ

राजनीति के गलियारों में इन दिनों मायावती की जूतियों की चर्चा ज़ोरों पर चल रही हे मायावती की जुती एक उप अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी को साफ़ करते देख एक मिडिया कर्मी ने फोटो खेंचा और फिर इसका इश्यु बना दिया ।
सब जानते के मायावती हो चाहे सोनिया जी हों चाहे जो कोई भी हो मंत्री ,नेता, कार्यकर्ता उनके लियें क्या क्या करते हें और अधिकारी अपने पदों पर बने रहने के लियें क्या क्या करते हें , लेकिन मिडिया जी ने इसको जब इश्यु बनाया तो उन्हें पता नही था के आखिर उनकी नोकरी सम्पादक की इस हद तक की चमचागिरी से जिंदा हे कुल मिलाकर सिद्धांत चुप हें और चमचागिरी हर जगह हावी हे इसीलियें अधिकारी ने मायावती की मायावी जुतिया साफ़ की और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लिया ।
राजस्थान का इतिहास हे के यहाँ स्वर्गीय हरिदेव जोशी पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जब जय गढ़ का जयपुर में खजाना निकला था तब स्वर्गीय इंदिरा जी के पुत्र संजय गाँधी की यात्रा के दोरान जब उनकी जूतियों की जरूरत पढ़ी तब खुद हरिदेव जोशी जी ने अपने एक हाथ से जूतियाँ उठा कर खुद के कुरते से जुतिया साफ़ कर दी थी और तब कहीं उनका मुख्य मंत्री का पद बचा रह सका था आज भी मंत्री नेता जब भी किसी कार्यक्रम में जुटे उतार कर खाना खाते हें या मंच पर बैठते हें तो उनकी जूतों की रखवाली के लियें एक टीम तय्यार होकर बचाए रखने के लियें आपस में झगड़ा करती रहती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वक्फ मंत्री सच बोले तो मीडिया डोले

राजस्थान में वक्फ मंत्री अमीन खान बीकानेर से विधायक हें और पाली जिले के प्रभारी मंत्री हें कल कार्यकर्ता सम्मेलन के दोरान उन्होंने अपने वरिष्ठ लोगों की सेवा करने की कार्यकर्ताओं को सीख देते हुए जब महा महीम राष्ट्रपति का उदाहरण दिया तो मिडिया के पेट में दर्द हो गया और विरोध स्वर मुखर कर दिए लेकिन सच को मिड्या नहीं बदल सकता ।
कल पाली में कोंग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के दोरान मंत्री अमीन खान ने कहा के कार्यकर्ताओं को अपने वरिष्ट लोगों के प्रति समर्पित होना चाहिए पार्टी नीतियों पर चलना चाहिए तभी वोह सर्वोच्च पद पर पहुंच सकते हें अमीन खान ने उदाहरण देते हुए कहा के हमारी स्वर्गीय नेता श्रीमती इंदिरा जी जब चुनाव हार गयी थी उस हालत में भी श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उनके घर में रसोई का काम कर बर्तन मांझे और सेवा की और आज वोह पहले राजस्थान की राज्यपाल बनी फिर देश के सर्वोच्च पद पर बेठी हें उनके इस कथन पर कार्यकर्ताओं ने जम कर तालियाँ बजाई लेकिन मिडिया के कुछ लोगों को अमीन खान की बातें निजी कारणों से पसंद नहीं आ रही थीं और वोह उनके भाषण में बुराइयां ढूंढ़ रहे थे नतीजन मीडिया ने इस खबर का उल्टा प्रचार किया और अमीन खान को ब्लेकमेल करने की साज़िश रची लेकिन मीडिया को शायद पता नहीं सच यही हे चमचागिरी और चापलूसी समर्पण से ही लोग तरक्की कर रहे हें और इसी लियें उन्होंने कर्य्क्र्तोआओन् को भी सीख दी थी मिडिया का येह रोल शर्मनाक माना जा रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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