आपका-अख्तर खान

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11 फ़रवरी 2011

इन्सान नहीं मिलता ............ .


संगीत सुन कर
ज्ञान
नहीं मिलता
मन्दिर जाकर
भगवान
नहीं मिलता
पत्थर तो लोग
सिर्फ
इसलियें पूजते हें
क्योंकि
भरोसे के लायक
आजकल
इंसान नहीं मिलता ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इन्कलाब आने में डेरी क्यूँ ...

दोस्तों एक तरफ मिस्र की क्रान्ति दूसरी तरफ हमारे देश का भ्रस्ताचार और कुर्सी से जुड़े नेताओं का उसमें शामिल होना जनता की गाडी कमाई को हवा में उडाना और देश के रुपयों को गुमनामी लोगों के नाम से विदेश में जमा करना आज देश में सरकार के निकम्मेपन और लूट की पराकाष्ठा हे विश्व में इतिहास में पहले ना भविष्य में किसी भी देश में आज की हमारी सरकार जेसो गूंगी लंगड़ी बहरी अंधी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं आ सकती फिर भी हमारा देश इन सब को ना जाने क्यूँ बर्दाश्त कर रहा हे शायद अंग्रेजों की गुलामी ने हमारी इन चीजों की आदत डाल दी हे और हमें कमजोर लाचार बना दिया हे ऐसे में कोटा से प्रकाशित देनिक अंगद के सम्पादक की शब्द यात्रा के दोरान लिखी एक कविता याद आती हे जो पेश हे ......................
पिंजरे के पंछी से बोला
आ रे सारा गगन घुमा दूँ
गमले के किसलय से बोला
आ रे उपवन में उपजा दूँ
दोनों ही इनकार हो गये
दोनों ने इनकार कर दिया
गति सम्पन्न मगर बंदी पंछी बोला
मुझको अपने पंखों पर विश्वास नहीं हे
वेसे उढने वालों के प्रति मान बहुत हे
आता मुझको बंदी जीवन रास नहीं हे
फिर भी पिंजरे का जीवन तज
उढने के हालात नहीं हे
किसलय बोला
मुझको बाग़ बगीचों का जीवन भाता हे
बीत जायेगी ज्यों त्यों करके
बची ख़ुची कुछ सांस
में स्तम्भित हो सोच रहा हूँ
इन्कलाब के आने में देरी क्या हे
इन्कलाब के आने में देरी क्यूँ हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शादी में व्यस्त तो लगी लिफाफों की चपत

दोस्तों कोटा में घोड़े वाले बाबा के पास टिलेश्वर महादेव में एक शादी समारोह में लोग आश्रीवाद के रूप में लिफाफों में प्यार बाँट रहे थे और एक कोई था जो इन लिफाफों पर नजर रख कर इन्हें उढ़ाने की फ़िराक में था और वोह कामयाब भी हो गया किसी ने इस समारोह से करीब सत्तर हजार के लिफ़ाफ़े चोरी कर लिए ।
कल दादाबाड़ी थाना इलाके में एक विवाह समारोह में सेकड़ों लोगों की चहल पहल कुछ छोटे बढ़े वी आई पी स्वागत सत्कार का कार्यक्रम , हल्का संगीत और अचानक दुल्हे की मां की हाहाकार पर्स कहां गया पर्स कहां गया चारों तरफ माहोल में खामोशी सब की एक दुसरे पर नजर और बेग की तलाश जारी छोटे बच्चे से लेकर बढ़े सभी संदिग्ध चारों तरफ जेसे समारोह रुक गया हो सब मूर्ति और जड़ हो गये हो ऐसा खामोश माहोल सभी शर्मिंदा फिर दुल्हे के पिता का एलान कोई बात नहीं पर्स गुमता हे तो गम जाने दो हम तो विवाह स्वागत समारोह एन्जॉय करते हें फिर वही माहोल लेकिन दुल्हे ;हे की मां की बेचेनी पर्स की तलाश स्वागत समारोह में दिए गये लिफाफों का अवलोकन अंदाजा साठ हजार का माल गायब मित्रों की सलाह और फिर पुलिस में रिपोर्ट अब चोर की तलाश जारी हे लेकिन एक बात तो समझ में आई हे कोटा में लिफाफों से भरा बेग,पर्स चोरी होने का यह पहला मामला नहीं हे यहाँ अक्सर ऐसी घटनाएँ होती रहती हे कमसे कम अब इन घटनाओं से तो सीख लेकर आगे खुद को कुछ लोग लुटने से बचा लें तो अच्छा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजा ने तीन हजार करोड़ में पचास हजार करोड़ का बाजा बजाया

देश के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के नियन्त्रण में कार्य कर रहे पूर्व संचार मंत्री ऐ राजा ने केवल खुद के खजाने में तीन हजार करोड़ रूपये कमाने के लियें देश को कमसे कम पचास हजार करोड़ का चूना लगा दिया हे ।
देश में टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला प्रधानमन्त्री का इस घोटाले से इंकार देश के वरिष्ठ वकील और कोंग्रेस के संकट मोचक केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल घोटाले के आरोपों को झूंठ का पुलंदा बताते हें लेकिन जब पोल खुलती हे तो इस मामले को उठाने वाले सुब्रमन्यम स्वामी को मनाया जाता हे प्रधानमन्त्री जी को बचाया जाता हे और काफी लम्बे वक्त बाद सी बी आई से मुकदमा दर्ज करवाकर राजा जी को गिरफ्तार किया जाता हे रजा जी से पता चला हे के उन्होंने खुद के लियें तो तीन हजार करोड़ रूपये कमाए और देश के देश की गरीब जनता के पचास हजार करोड़ गवाए , प्रधानमन्त्री जी जो मंत्रिमंडल के प्रधान संरक्षक रहे हें इन जनाब ने भी बहती गंगा में हाथ धोये और मामला साफ़ अब खुद को वोह बेदाग़ साबित करने में लगे हें काले धन की सूचि उनके पास हे इसलियें भाजपा और दुसरे विपक्ष के लोग उनसे ब्लेक मेल हो रहे हें और वोह हे के मजे कर रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यासीन मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यूँ नहीं .. .

दोस्तों कश्मीर में भारत से कश्मीर को अलग कर देने का खतरनाक किन्तु असम्भव ख़्वाब देखने वाले यासीन मलिक ने कल अजमेर राजस्थान में भारत के झंडे का अपमान किया और झंडा उनके कश्मीर का नहीं मानकर लेने से इनकार कर दिया ।
हमारे देश में बिना वीजा के प्रवेश हमारे देश की पुलिस की सुरक्षा में जनता के आक्रोश से सुरक्षित और फिर हमारे ही देश के वर्चस्व को ललकार हमारे देश के फुल तो लिए लेकिन झंडा लेने से इनकार यह राष्ट्र द्रोह हे देश का अपमान हे और भारतीय कानून के तहत प्रिवेंशन ऑफ़ नेशनल ओनर एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध हे , भाजपा के लोगों ने यासीन मलिक को अलगाववाद माना जूतों चप्पलों से उनका स्वागत किया यह तरीका गलत हो सकता हे लेकिन कोंग्रेस ने जब उनका स्वागत फूलों से किया उनके स्वागत में भारत का सम्मान स्वाभिमान तिरंगे को बढाया तो उनका यह उपेक्षित अपमानकारी रवय्या,मन करता हे के ऐसे आदमी को ऐसा सबक मिले के फिर विश्व में कोई भी ताकत कोई भी दुश्मन देश के इस तिरंगे का अपमान करना तो दूर अपमान करने की कल्पना भी नहीं कर सके काश आप या मुझ में से कोई प्रधानमन्त्री होता तब हम या आप यासीन मलिक को बताते के मेरे देश के ध्वज का अपमान क्या मायने रखता हे लेकिन यहाँ तो ऐसे ही अलगाववादियों को पनाह दी जाती हे और देश का कभी अमेरिका से ,कभी ब्रिटेन से कभी पकिस्तान से अपमाना करवाया जाता हे लेकिन अब तो हद हो गयी भारत के ही हिस्सेदार भारत का ही खाने वाले गुर्राने वाले गद्दारों से भी हमारा अपमान हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मिस्र की जनता जीती राष्ट्रपति हारे ......

मित्रो मिस्त्र में जन -आन्दोलन सफल हुआ.
ताजा खबर है कि हुस्नी मुबारक ने पद से इस्तीफा
दे दिया है.
एक चेतावनी है राजनेताओं के लिए,अगर जन-अपेक्षाओ पर खरे न
उतरे तो उतर जाओगे जन-मानस से।
यह खबर भाई इंद्र पाल जी ने भेजी हे और ऐसी खबर जो हमारे देश के भ्रष्ट नेताओं को भुगतने वाली जनता के लियें तो कमसे कम शर्मनाक हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझे लगा .....

मुझे लगा अ
तुम मेरे हो
बस इसीलियें तो मेने
अपना सब कुछ
तुम्हें दे दिया
लेकिन यह क्या
तुम तो
महमूद गजनवी निकले
ना मेरे निकले
न खुद के निकले
बस लुटेरे ही लुटेरे निकले
अब भाग लो
अंगडाई मेने ले ली हे
तुम दिख भी गये
सामने अगर
तो तुम्हें
कच्चा चबाने की
कसम अब मेने ली हे ............... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अग्रदूत: प्रदर्शन, रैली, बड़े-बड़े लोगों की अपील से न्यायालय का फैसला नहीं बदलता


पाकिस्तान ने फिर भारत को नीचा दिखाया ...

दोस्तों पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों की वजह से हर वक्त भारत के खिलाफ साजिशें रचता हे और हम उसे अमेरिका का गुलाम बता कर तिरस्क्रत कर देते हें पिछले दिनों हमारे देश वासी भोले भले नवयुवकों के पेरों में जानवरों की तरह से बेड़ियाँ नुमा रेडियों कोलर डाल कर सताया गया जो अब तक सताया जा रहा हे हम खामोश रहे हमारी जनता खामोश रही भाजपा विपक्ष खामोश रही ।
ठीक इसके खिलाफ पकिस्तान में पिछले दिनों अमेरिका के राजदूत ने पकिस्तान में दो लोगों को आत्मरक्षा में गोली मार दी पकिस्तान के विपक्ष ने वहां हंगामा खड़ा कर दिया और मजबूरी में पाकिस्तान सरकार को अमेरिका राजदूत को गिरफ्तार करना पढ़ा अब अमेरिका पकिस्तान को डरा रहा हे धमकिया दे रहा हे राजनयिक रिश्ते तोड़ने की धमकिया दे रहा हे लेकिन अमेरिका की धमकियों से पाकिस्तान डरा नहीं और आज भी राजनयिक को छोड़ा नहीं हे बस इसी लियें भारत का नजारा जहां के सेकड़ों लोगों को अमेरिका आते जाते उत्पीडित कर रहा हे अभी भी वहां हमारे नोजवान केद में हें रेडियों कोलर की बेड़ियों से जकड़े हें लेकिन यहाँ हमारा देश कुछ नहीं कर पा रहा हे भाजपा जो कथित रूप से खुद को राष्ट्रवादी सन्गठन कहती हे उस पार्टी ने तो इस मामले में बयान तक देना मुनासिब नहीं समझा हे अमेरिका के खिलाफ कोई प्रदर्शन भी ना तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया हे और ना ही भाजपा या आर एस एस का कोई प्रदर्शन हे तो क्या भारत , भारत का विपक्ष भाजपा ,आर एस एस , सरकार की अमेरिका से सांठ गाँठ हे जो हमारी सरकार पाकिस्तान की सरकार से भी गयी बीती हो गयी हे वोह अपने नागरिकों के अपमान का बदला नहीं ले पा रही हे इस लियें कहता हूँ भाई के पाकिस्तान ने फिर भारत को नीचा दिखाया हे और अमेरिका के खिलाफ वहां के विपक्ष ने प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया हे के वोह अमेरिका के इशारे पर नाचने वाले कुत्ते नहीं हें जबकि हमारी सरकार को तो हमने देख ही लिया हे लेकिन विपक्ष भाजपा और दुसरे संगठनों की इस मामले में चुप्पी साबित करती हे के उनका रिमोट भी अमेरिका के हाथ में हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मदन मदिर जी के दिये की बगावत

कब टक आंसू जलेंगे तेल बनकर
जलेंगी कबतक हताहत बत्तियां
हसेंगी कब तक उधर निर्मम दिवाली
रोयेंगी कब तक यह जर्जर बस्तियां
अगर चाहो बस्तियों का तम निवारण
हर गली को बगावत करना पढ़ेगी
चलेंगे कब तक अभावों के बवंडर
शांति पर कब तक बढ़ेंगे क्रूर खंजर
सत्य होगा पराजित कब तक कपट से
सुहागन कब तक बनेगी धरा बंजर
अगर चाहो बदलना अंधेर शासन
हर गले को बगावत करनी पढ़ेगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मां याद आजाती हे ......

जब भी
कश्ती मेरी
सेलाब में
आ जाती हे ,
मां ही हे
जो याद आजाती हे
मां ही हे जो
दुआ करती हुई
ख्वाब में
आ जाती हे
क्या सीरत थी
क्या सुरत थी
वोह मां थी
ममता की मूरत थी
देवी ऐसी
के पाँव छुए और काम हुए
वोह अम्मा थी
एक मुहर्त थी ............ ।
भाई अंगद सम्पादक मदन मदिर की लिखित कविता भाव थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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