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17 फ़रवरी 2011

धारीवाल के कारतूसों पर धारीवाल का कारतुस

राजस्थान के गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल हाल ही में एयरपोर्ट पर तलाशी के दोरान बेग से निकले कथित कारतूस प्रकरण में विपक्ष पर जमकर बरसे विपक्ष ने इस मामले को लेकर हंगामा किया तब धारीवाल ने विपक्ष को उनकी ओकात याद दिलाई ।
शांति कुमार धारीवाल ने सधी हुई भाषा में बार बार सद्भाविक भूल की चुटकी ली और चोर को ही थानेदार बना दिया आरोप लगा कर इस मामले में ६ माह की सजा का प्रावधान बताने वाले राजस्थान के पूर्व गुलाब चंद कटारिया से शांति धारीवाल ने कहा के चलो इस मामले की पूरी जांच आप ही कर डालो और इस जांच के अधिकारी भी आप बन जाओ फिर अगर आप मुझे दोषी मानते हें तो कार्यवाही करें नहीं तो इस मामले को शांत करे धारीवाल के इस कथन के बाद हंगामा करता विपक्ष एक दम खामोश हो गया और विधान सभा का शोर थम सा गया जब आरोप लगाने वाले को ही जांच की ज़िम्मेदारी दे गयी तो बस विपक्ष को सांप सूंघ गया क्योंकि विपक्ष भी जानता हे के वोह तुच्छ आरोपों को अनावश्यक तूल दे रहा था , धारीवाल के इस एलन के बाद विधान सभा का हंगामा खामोश और धारीवाल सभी झूंठे आरोपों से बरी कोटा में आज देनिक अख़बार कोटा ब्यूरों ने इस मामले में एक अख़बार सहित विपक्ष के खिलाफ सोदेबाज़ी का आरोप लगते हुए तल्ख टिप्पणी की हे और फिर इस मामले में ब्लेक मेल नहीं होने पर शांति धारीवाला की पीठ भी थपथपाई हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमीन खान दास्ताँ अपनी कहते कहते रो पढ़े...

राजस्थान के एक मंत्री अमीन खान जो हाल ही में महा महीम राष्ट्रपति जी के खिलाफ कथित अपमानकारी टिप्पणी के लियें मंत्रिमंडल से निकाले गये हें वोह अब इचंस्भा में मोका मिलते ही फुट पढ़े ।
कोंग्रेस के विधायक के मामले में भाजपा के घनश्याम तिवारी ने पूंछा के अमीन खान ने कोनसी टिप्पणी की थी जिससे उन्हें निकलाना पढ़ा इसका जवाब देने खुद अमीन कहां खड़े हुए उन्होंने कहा में गाँव का शुद्ध गंवार आदमी मुझे बोलना नहीं आता गाँव का होने के नाते माननीय सोनिया जी और इंदिरा जी के प्रति में अपनी और कार्यकर्ताओं की वफादारी पली में अपने शब्दों में समझा रहा था और उस वक्त मेने राष्ट्रपति जी वाली बात कही मेरे मन में कभी कोई दुर्भावना नहीं रही लेकिन मेरे ही अपने लोगों ने इस बात को तूल दिया मुझे लगा की मेरी इस भावना का प्रदर्शन गलत किया गया हे और महामहिम राष्ट्रपति मुझ से नाराज़ हे इसलियें मेने खुद इस्तीफा दे दिया ।
अमीन खान ने गहलोत और गहलोत सरकार की जम कर तारीफ़ की लेकिन उनके चेहरे पर हंसी और नम आँखें उनके अंदर क्या गुजर रही हे उस भावना को झलका रही थी अमीन खान ने भाजपा के तस्करी के आरोपों के बारे में जवाब दिया के बाजपा विधायक गुलाब कटारिया की अध्यक्षता में एक समिति बना लें और वोह खुद जाँच कर लें अगर उन्हें लगे के वोह दोषी हें तो उन्हें फिर फांसी पर चढा दें । विधानसभा में अमीन खान के इस आक्रामक रुख से राजस्थान भाजपा सकते में हे और खुद विपक्ष के नेता घनश्याम तिवारी सदमे में हे के आखिर उन्होंने यह प्रश क्यूँ पूंछा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निगम हाउस टेक्स पर ओम बिरला बरसे

राजस्थान विधान सभा में कोटा के विधायक ओम बिरला कल अचानक नगर निगम कोटा द्वारा हाउस टेक्स वसूली के नाम पर सख्ती बरतने और व्यापारियों की उपेक्षा बरतने के मामले में खूब भडके और इस वसूली को रोकने की मांग की ।
कोटा में भाजपा के काल में जब जब हाउस टेक्स लगाने की कोशिश की तब तब कोंग्रेस ने इस हाउस टेक्स का विरोध कर इसकी वसूली रुकवा दी अब फिर कोंग्रेस की सरकार आई और कोंग्रेस की महापोर कुर्सी पर बेठी बस जिस बात का विरोध कोंग्रेस ने किया वही वसूली कोंग्रेस ने शुरू कर दी और वसूली भी ऐसी सख्ती जिसने टेक्स जमा नहीं कराया नगर निगम में उनके फ़ूड लाइसेंस अन्य स्विक्र्तिया बंद कर दीं बस निगम की इस कार्यवाही पर ओम बिरला खूब जम कर बरसे और उन्होंने इस अवेध वसूली को तुरंत रोकने की मांग की जिस पर विधान सभा में कई विधायकों ने खूब तालियाँ बजा कर स्वागत किया । । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इंजीनियर से बने मुनि महाराज ..................... .

मध्य प्रदेश के बुढार के रहने वाले अमित जेन लाखों खर्च कर इंजीनियर बने और लाखों रूपये प्रतिमाह के पैकेज को तय कर मुनि महाराजों के सम्पर्क में आने के बाद वोह सब कुछ त्याग कर मुनि महाराज बन गये लेकिन कल कोटा में छात्रों को देखा तो उनकी जानकारी फिर से ताज़ी होगयी ।
मुनि महाराज अमित जेन जिनका समाज में अपना नाम अपनी प्रतिष्ठा हे समाज उनके पीछे उमढ रहा था लेकिन कुछ कोचिंग के बच्चों को देख कर महाराज ठिठके उन्होंने उन बच्चों के तोर तरीकों को देखा भाला जाना और फिर मुनि महाराज उन्हें इंजीनियर की पढाई के टिप्स देने लगे बस ऐसा लगा के मुनि महाराज अपने बचपन अपने पढाई के दिनों में खो गये लेकिन इधर कोचिंग के बच्चे सोचते रहे के आखिर एक इंजीनियर पढ़ कर भी अपना सब कुछ त्याग कर मुनि महाराज बन सकते हें तो फिर दुनिया में क्या रखा हे ............... सही हे ना दुनिया दरी से समाज सेवा भली और समाज सेवा से इश्वर सेवा भली लेकिन यह सब दुनिया दारी .समाजसेवा के साथ भी अगर की जाए तो आज आदमी के भेस में जो जानवर घूम रहे हें वोह खालिस इंसान बन जाएँ हमें इंसान भी अगर मिल जाएँ तो समाज का काम चल जाए फिर मुनि और अवतार तो बहुत बढ़ी बात हे शायद इसीलियें इंसान को इन्सान बनाने के लियें मुनि महाराज ने बच्चों को कोचिंग टिप्स के साथ साथ कुछ टिप्स दिए ............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह आग केसी केसी .........

मेरे दिल में
तेरे
प्यार की आग
क्या
तेरे मिलन की
ठंडक से मिटेगी
मेरे तन की
यह आग
क्या
तेरे मिलन से
मिटेगी
लेकिन
मेरे जज्बात की आग
जो तुने भड़काई हें
न तेरे मिलन से
ना तेरे अश्कों से मिटेगी
बस सोच लो
इसके लियें तो
जो सियासत हे
मेरे देश की
जो बदली कहावत हे
मेरे देश की
जिसमे लिखते थे
मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी
अब लिखना पढ़ रहा हे
मजबूरी का नाम मनमोहन सिंह
यह नई मजबूरी
इस देश से
हब हटेगी
बस अब तो
दिल में लगी यह आग
तब ही बुझेगी ................ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के गृह मंत्री और उनके कारतूस

राजस्थान के गृहमंत्री शांति कुमार धारीवाल खुद अपने नोकरों की अव्यवस्था के शिकार हो गये और पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर सामन की तलाशी के दोरान बेग में जब १५ जिंदा कारतूस मिले तो पता चला के यह गलती हो गयी खुद के बेग की जगह बच्चे का बेग आ गया जाँच हुई संतोष प्रद जवाब दिया सी आर पी एफ संतुष्ट हो गयी और मामला रफा दफा हो गया ।
इस घटना को एक देनिक अख़बार ने अब तक दबाए रखा और ३१ जनवरी की इस घटना को विधान सभा के एक दिन पहले सोदेबाज़ी नहीं पट पाने से अख़बार में उछाल दिया बस फिर बात का बतंग्गढ़ तो बनना ही था , गृह मंत्री शांति कुमार धारीवाल राजस्थान के सबसे मजबूत और तेज़ तर्रार मंत्री हे सरकार में इनकी साख हे और इनके लियें मशहूर हे जो कहते हें वोह करते हें इसलियें नये राजस्थान के आईने में मुख्यमंत्री गहलोत के बाद अगर कोई दुसरे नम्बर पर नामा आता हे तो वोह शान्ति धारीवाल का ही नाम आता हे बस इनकी कमीज़ विपक्ष से सफेद केसी इसी मामले को लेकर विपक्ष ने एक अख़बार के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और मुर्दा मामले में जान डालने की कार्यवाही शुरू कर दी बिना किसी सबूत के दिल्ली एयर पोर्ट पर कारतूस पकड़े जाने फिर खुद को बचाने जवाब देने फिर कार्यवाही की लीपापोती की कपोल कल्पित खबरें प्रकाशित हुईं और आज राजस्थान की विधान सभा प्रमुख मुद्दों से भटक कर केवल इस मुद्दे के हंगामे तक सिमित हो कर रह गयी ।
शांति धारीवाल खुद लाइसेंसधारी हें उनके अंग रक्षक हे उनके पुत्र के पास लाइसेंस हे और खद रह मंत्री हे ऐसे में उनके बेग में निकले कारतूस किसी अपराध का हिस्सा तो नहीं हो सकते एक निरपराध भाव से सद्भाविक भूल के चलते अगर कोई व्यक्ति दुसरा बेग उठा कर ले जाता हे वोह भी खुद नहीं उनके नोकर चक्र यह भूल करते हें तो इस भूल को इतना तूल देना बेवकूफी से ज्यादा और कुछ नहीं हे ।
देश में आर्म्स एक्ट बना हुआ हे किसी के पास से अगर कारतूस या अवेध हथियार निकलते हें तो सबसे पहले उससे सम्बन्धित बरामदगी सामन का लाइसेंस माँगा जाता हे इस मामले में भी यही हुआ अचानक कारुट्स दिखे लाइसेंस या सोर्स मांगे गये और विधि अनुसार इसका जवाब पेश कर दिया गया असी आर पी एफ जो केंद्र सरकार के नियन्त्रण में हे उसने जवाब स्वीकार कर प्रकरण ख़ारिज कर दिया तो फिर किस बात का हो हल्ला क्या किसी गृह मंत्री के नोकरों से या परिजनों से चुक सद्भाविक चुक नहीं हो सकती और किसी भी सद्भाविक चूक के लियें कोई भी राजनीती नहीं की जा सकती सजा देना तो दूर की बात हे विपक्ष और अखबारों की ब्लेकमेलिंग की राजनीति इन हालातों में कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती ।
शांति धारीवाल कोटा के विधायक तो हें लेकिन राजस्थान ही नहीं देश की आन बान शान हें और कोंग्रेस के सजग सतर्क तेज़ तर्रार सिपाही हें बस यही उनका अपराध हे ऐसे में एक सद्भाविक भूल को विपक्ष जब हथियार बनाना चाहता हो तो देश के गम्भीर निष्पक्ष मीडिया,गम्भीर विपक्ष के नेताओं को सद्भाविक भूमिका निभाना होगी और जो लोग इस छोटी से घटना को बढा चढा कर राजनीति करना चाह रहे हें उनके मुख पर कालिख पोतना होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक दिन की बरसात ने राजस्थान की फसलें की बर्बाद

राजस्थान में मोसम का मिजाज़ बदला और मोसम ने अचानक अंगडाई ली नतीजन राजस्थान के किया इलाकों में ओलों के रूप में पहले बरफ बारी और फिर बरसात हुई इस बे मोसम बरसात से मोसम में ठंडक और लोगों में बिमारी तो आ ही गयी लेकिन जो ओले पढ़े हें उससे किसानों की फसले बर्बाद हो गयी हें ।
मेने देखा हे के कोटा सम्भाग में नहरों के पानी को लेकर अभी हाल ही में आन्दोलन और बंद के माहोल हे किसान प्रदर्शन कर रहे हें लेकिन एक अदालत उपर की अदालत हे उसने आसमान से पानी बरसाया और किसानों की पानी मानगने की राजनीति को खत्म कर दिया कुदरत के इस पानी को लोग पाने नहीं कहर कह रहे हें और आज हालत यह हे के राजथान की खड़ी फसल हजारों बीघा जमीन की बर्बाद हो गयी हे जिन्होंने पकी फसल कट ली थी उनकी खेत में ही बर्बाद हो गयी और जो काटने वाले थे उनकी फसल खेतों में ही म़ोत बन कर रह गयी , राजस्थान सरकार इस मामले में गम्भीर हे और वोह चाहती हे के किसी भी तरह से इस मामले का सर्वेक्षण करवाकर किसानों को कुछ लाभ या सहायता इस मामले में दिया जाये लेकिन केसे दिया जाये केसे योजना बने अगर इस मामले में पक्ष विपक्ष बेठे तो कुछ नया निकले लेकिन विपक्ष तो बात करने की जगह हंगामे में लगा आहे और विधान सभा हंगामें की भेंट चढ़ी हे । ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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