आपका-अख्तर खान

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26 फ़रवरी 2011

लीबिया के गद्दाफी भाग रहे हें .......

लीबिया जहाँ भारी नरसंघार के बाद भी जब जनता की क्रान्ति दबाई नहीं जा सकी तो खुद को सुरक्षित करने के लियें लीबिया के डकेत गद्दाफी अब अपने कीमती सामण और नकदी के साथ भागने का प्रयास कर रहे हें ।
तेल के कुओं को बर्बाद करने और उन पर कब्जे करने की नियत से ब्रिटेन,फ़्रांस और अमेरिका ने इन इलाकों पर अपनी चोद्राह्त बना रखी हे लेकिन अब जनता इनकी लूट से तंग आ चुकी हे और इसीलियें जनता अब सडकों पर आ गयी हे हालत यह हें के बम,बारूद,गोलियों से भी बागी हुई जनता रुक नहीं पाई हे ऐसे में जब जनता का सच के लियें मैदान में कूद जाना हे तो फिर गद्दाफी की कुर्सी छूटना पक्की हे लेकिन कुर्सी छोड़ने के पहले हर कोई कोशिश में रहता हे के पहले सारा धन और जेवर लेकर भाग जाएँ और सुरक्षित स्थान तलाश करने बस गद्दाफी भी यही कर रहे हें लीबिया तो आज़ाद हो जाएगा लेकिन लोकतंत्र बहाली के नाम पर एम्रिका और दुसरे कुकुरमुत्ते देश तेल के लियें अपनी जीभ लपलपाते वहां शांति बहाली लोकतंत्र बहाली के लियें जा खड़े होंगे और अप्रत्याशित तरीके से फिर इस देश और दुसरे देशों को अपने चंगुल में ले लेंगे , खेर इन देशों की जनता कम से कम सच तो समझी हे और इस सच के कारण ही क्रान्ति हे देखते हें हमारे देश की जनता को इस सच को समझने में कितना वक्त लगता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या यही प्यार हे ..... हाँ यही प्यार हे ...

दोस्तों जिंदगी और दुनिया का एक सच प्यार सीमाओं को नहीं देखता हे प्यार तोड़ता नहीं हे प्यार जोड़ता हे प्यार न धर्म,ना जाती , न समाज , न अमीरी गरीबी को देखता हे यह तो बस हो जाता हे और जो इस प्यार को निभा लेता हे वोह अम्र हो जाता हे बहुत जोड़े हें जो प्यार में विरह के कारण अमर हो गये लेकिन कुछ खुश नसीब ऐसे भी हें जिन्हें जद्दो जहद और अपने समर्पण के कारण प्यार नसीब होता हे और शायद यही प्यार हे ।
दोस्तों मेरे एक अधीनस्थ सहयोगी साथी वकील नईमुद्दीन काजी हें दो वर्ष पूर्व उन्होंने एक निधि शर्मा नामक लडकी से प्यार की बात जब मुझे बताई तो मेने उनको इस आग से दूर रहने की सलाह दी नईमुद्दीन को निधि शर्मा की मान बहुत प्यार करती थी और आखरी वक्त में जब वोह केंसर से पीड़ित थीं तो एक पुत्र की तरह नईमुद्दीन ने उनकी सेवा की मान की इच्छा थी की उनकी इकलोती बेटी का ख्याल उनके प्रति समर्पित नोजवान नईमुद्दीन ही रखे इसके लियें उन्होंने इच्छा भी ज़ाहिर की । कुदरत निष्ठुर होती हे परीक्षाएं लेती हे निधि शर्मा जिस फेक्ट्री में अधिकारी थे वोह फेक्ट्री जे के बंद हो गयी मां केसर के बाद खुदा को प्यारी हो गयी और भाई अचानक ट्रेन के नीचे आने से दोनों पैर गंवा बेठे भाई अंकुर हिम्मत वाले थे खुदा ने उन्हें बचा लिया इस वक्त भी हर कदम पर नेम इस परिवार के साथ डटे रहे खून देने से लेकर पसीना बहाने तक सभी काम इस नोजवान ने किये और बस प्यार हो गया , मेने मेरे सहयोगी नईमुद्दीन को समझाया के असम्भव हे इसलियें इस रिश्ते को भूल जाओ क्योंकि तुम दोनों के परिजन मानेंगे नहीं और अपराध हम करने नहीं देंगे । यकीन मानिये नईमुद्दीन ने भरोसे से कहा के अगर मेरे और निधि के परिजन राज़ी नहीं होंगे तो हम समाज को बदनाम नहीं करेंगे लेकिन कहते हें के प्यार के आगे सब नत मस्तक होते हें और फिर समर्पित प्यार तो भगवान का दुसरा भरोसा होता हे निधि शर्मा के पिता और नईमुद्दीन के पिता दोनों मिले दोनों ने पहले तो स्पेशल मेरिज एक्ट में कोर्ट मेरिज की बात कही जब दोनों के पिता मेरे पास आये तो मुझे अजीब सा लगा में नईमुद्दीन, निधि शर्मा ,और दोनों के पिता जब कोटा कलेक्टर टी रविकांत के पास पहुंचे तो उन्हें खुद को ताज्जुब हुआ उन्होंने निधि के पिता से अकेले में बातें की सच और झूंठ जान लेकिन जब वोह संतुष्ट हुए तो दोनों को आशीर्वाद देकर मेरिज रजिस्टर्ड कर दी ।
यह तो हुई चोरी छुपे प्यार और विवाह की बात लेकिन निधि शर्मा समाज से मुंह चुराने वाले नहीं थे उन्होंने और नईमुद्दीन काजी के पिता ने संकल्प लिया के कार्यक्रम सार्वजनिक करेंगे एक तरफ ब्राह्मण परिवार दूसरी तरफ काजी परिवार लेकिन चारों तरफ प्यार ही प्यार बस कल २७ फरवरी तारीख तय हुई नईमुद्दीन और निधि के परिजनों ने शादी के कार्ड छापे और उनमें नाम नईमुद्दीन वेड्स निधि शर्मा और निधि शर्मा वेड्स नईमुद्दीन काजी छपने के बाद जब रिश्तेदारों और मित्रों तक पहुंचाए गये तो सब भोच्क्के रह गये एक बार तो लोगों को यकीन नहीं आया के प्यार में इतना साहस भी होता हे जो सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार कर ले फिर कल शादी में सभी वर्ग सभी धर्म के लोग मिल जुल रहे थे और गंगा जमनी संस्क्रती के इस विवाह को आशीर्वाद दे रहे थे आज नईमुद्दीन का रिसेप्शन हे कल विदाई हुई हे , तो दोस्तों कोई काम नहीं हे मुश्किल जब क्या इरादा पक्का और शायद यही प्यार हे ...... ऐसे में इश्वर खुदा का पैगाम के विवाह तो अर्श पर तय होते हें लेकिन रस्में फर्श पर निभाई जाती हे तो जनाब यह वही विवाह हे जो कोटा के इतिहास में पहला विवाह बन गया हे वरना मुंबई फ़िल्मी दुनिया में तो यह आम बात हे दोनों मोहब्बत करने वालों को सलाम खुदा दोनों को सलामत और जीवन भर खुश रखे आमीन आमीन आमीन । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अफसर अपने दिमाग की सदन दूर कर लें

चम्बल नदी के किनारे बेठ कर अफसर अगर जनता को पानी नहीं दे सकें तो मंत्री जी का गुस्सा वाजिब हे और इसीलियें जल संसाधन मंत्री परसराम मदेरणा ने कल कोटा में जलदाय विभाग के अधिकारीयों की जम कर क्लास ली और उन्हें डांट पिलाते हुए कहा के अधिकारी अपनी आदतें सुधार लें और उनके दिमाग में जो सडन हे उसे दूर कर लें वरना ठीक नहीं होगा ।
कल मंत्री परस राम मदेरणा जी ने जब अधिकारीयों और अभियंताओं की बेठ कली तो उसमें बहाने बाज़ी और झूंठे आंकड़ों से वोह नाराज़ हो गये और उन्हें मजबूरी में अधिकारीयों से बहाने बाज़ी छोड़ने के लियें सख्त भाषा का इस्तेमाल करना पढ़ा उन्होंने चेतावनी दे डाली के मंत्री लोग अपनी आदतें सुधार लें उनके दिमाग में जो कचरा भरा हे उसे निकाल दें वरना घर बेठने के लियें तय्यार हो जाए बेचारे मंत्री जी को क्या पता जब मंत्री जी नाराज़ हो रहे थे तो अधिकारी उनकी इस चेतावनी को एक कान से सुन कर दुसरे कान से निकाल रहे थे और मंद मंद मुस्कुरा रहे थे के तुमसे मंत्री ना जाने कितने आये कितने चले गये लेकिन हमें सुधार नहीं सके इसलियें हम नहीं सुधरेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास

राजस्थान में राष्ट्रीय विधिक न्यायिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश ने दोसा में पहले वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास किया ,उक्त समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ऐ के मिश्र और मुख्यमत्री अशोक गहलोत भी शामिल थे ।
वैकल्पिक विवाद निस्तारण में अदालत के अलावा दुसरे माध्यमों से जनता के विवादों के निस्तारण के प्रयास शामिल हें जिनमें पंच फेसले, राजीनामे से फेसले और विवाद के पूर्व समझाइश से मामलों का निस्तारण शामिल हे राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ने कहा के इस पहल में हमने राजस्थान में अब तक ७० हजार से भी अधिक मामलों का निस्तारण मेघा लोक अदालत के माध्यम से कर डाला हे । राजस्थान में ग्रामीण न्यायालय और दुसरे माध्यमों से मुकदमों के निस्तारण का भी बखान किया गया यहाँ ऐसे १८ केंद्र खोलने की योजना हे , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस अवसर पर प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया ।
सुप्रीम कोर्ट , हाईकोर्ट और सरकार सभी मिलकर अनावश्यक रुपया खर्च करने में लगे हें लेकिन धरातल पर आगर हम देखते हें तो सेठी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक मजिस्ट्रेट जजों की नियुक्ति नहीं हे राजस्थान में सेकड़ों मजिस्ट्रेट और जजों के पद रिक्त पढ़े हें हालात यह हें के हाईकोर्ट में भी एक दर्जन जज के पद रिक्त पढ़े हें जो जज हे उनकी हालत सब जानते हें निचली अदालतों में मजिस्ट्रेट और जज चेम्बर में बेठे रहते हें अदालत में सुनवाई में कितना वक्त देते हें यह तो अगर सभी न्यायालयों में कमरे लगा दिए जाएँ तो खूद ही पता चल जाएगा के कोनमजिस्ट्रेट कोन जज कितना काम कर रहा हे हाईकोर्ट के हाल यह हे के यहाँ एक मामला अगर पेश हो जाए तो फिर सालों उसकी सुनवाई नहीं होती जो लोग जेल में बंद हें उनके हाल बहुत बुरे हें हाल यह हें के कई बरसों तक उनकी सुनवाई नहीं हे जबकि जजों को हिदायत होता चाहिए के एक अपील जिसमें मुलजिम जेल में हें उसका जो भी निस्तारण हो वोह प्राथमिक सुनवाई के दोरान तुरंत किया जाए लेकिन ऐसा होता नहीं हे सरकार की स्थिति यह हे के यहाँ न्यायालयों के लियें बजट नहीं हे और सेकड़ों न्यायालयों में जजों के पद रिक्त हे राजस्थान में हर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट में एस डी एम और ऐ डी एम प्रशासनिक कार्यों में लगे रहते हें और हालात यह हें के इन पद वाले अधिकारीयों के पास जो काम होते हे वहां तारीख पर तारीख ही पद्धति रहती हे ऐसे में इन पदों पर भी एक प्रशासनिक और एक न्यायिक दो अधिकारीयों की नियुक्ति होना चाहिए ताकि मुकदमों का त्वरित निस्तारण हो सके लेकिन देश में स्थायी लोक अदालत का बोलबाला किया जा रहा हे हालात यह हें के इस स्थायी लोक अदालत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लियें हमारे देश में जो अल्तमश कबीर राष्ट्रीय अध्यक्ष हें वही चेक के मामले में चेक के कानून से अलग हट कर समझोते के दोरान अनावश्यक १५ प्रतिशत स्थाई लोक अदालत में जमा करने का पक्षकारों पर भार डाल देते हें ऐसे में केसे पक्षकारों को सस्ता सुलभ और त्वरित न्याय मिल सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा ने आखिर थूक कर चाट ही लिया

राजस्थान में राष्ट्रिय भाजपा को आखिर वसुंधरा सिंधिया की ताकत के आगे घुटने टेकना ही पढ़े और जिसे दो वर्ष पूर्व बे आबरू कर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के पद की नेता से इस्तीफा देने को मजबूर किया था उसे वापस बाईज्जत बहाल करना पढ़ा हे वसुंधरा खेमे में इससे ख़ुशी की लहर हे जबकि विरोधियों के यहाँ मरघट सी ख़ामोशी हे ।
ध्यान रहे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया का भाजपा के आलावा अभी खुद का राजस्थान में वर्चस्व हे और इसीलियें वसुंधरा का जादू राजस्थान की जनता पर सर चढ़ कर बोलता हे उनके अपने वफादार विधायकों की गिनती कम नहीं हे लेकिन पिछले दिनों पूर्व भाजपा राह्स्त्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को राजथान विधान सभा की विपक्ष की नेता से हटाने की जिद पकड़ ली थी और वसुंधरा ने बहुत समझाने पर इस पद से इस्तीफा दिया था लेकिन वसुंधरा का राजस्थान में जादू कम नहीं हुआ था , और उनका जलवा पहले का जेसा ही चल रहा था ।
भाजपा हाईकमान को पता था के वोह बहुत बढ़ी गलती कर बेठा हे और राजस्थान में कई विधायक भाजपा से सीधे सीधे बगावत पर थे यहाँ भाजपा को डेमेज कंट्रोल करना था और इसके लियें भाजपा की एक छत्र नेता वसुंधरा को फिर से विपक्ष की नेता बनाने के आलावा कोई चारा नहीं था बस इसीलियें भाजपा ने थूक कर चाट लिया हे और अब वसुंधरा के फिर से पुनर्स्थापित हो जाने पर बेजान पढ़ी भाजपा मजबूत हो कर खड़ी हो गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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