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27 फ़रवरी 2011

योग से भोग और फिर भोग से राजनीति तक

जी हाँ दोस्तों जिन साधू संत मोलवियों और योग गुरुओं का देश में नेतिक शिक्षा देना देश को स्वास्थ शिक्षा देने का काम था आज वोह अ मोह मायाजाल में फंस कर राजनीति में आ गये हें चाहे साधू हों चाहे संत हो क्गागे मोलाना हों चाहे योग गुरु हों सभी लोग देश को उकसाकर कोई मुद्दा भुना कर राजनीती में लगे हें और हर बार जो भी पार्टी विपक्ष में होती हे वही इस विपरीत कालीन व्यवस्था को बढ़ावा देते हें ।
अभी हाला ही में देश में भ्रस्ताचार और काले धन के मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने एक रेली करी बाबा रामदेव का मुद्दा भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलना काले धन को उजागर कर दोषियों को दंडित कर इस धन को वापस देश में लाना पुरे देश को अच्छा लगा हे में भी इसका समर्थक हूँ और खुदा करे बाबा रामदेव इस देश के भ्रष्ट बेईमान लोगों को सज़ा दिलवाएं लेकिन अगर इस राजनीति हो इस नाम पर ब्लेकमेलिंग हो तो ऐसे मुद्दों को जनता में भ्रम फेला कर माहोल बिगड़ने वालों को सरे आम फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए सारा देश जानता हे बोफोर्स,फेयरफेक्स का तमाशा क्या हुआ था लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात आज भाजपा के रामदेव को सपोर्ट हे तो भाजपा रामदेवजी को राज्यसभा में क्यूँ नहीं लेजाती क्यूँ राज्यसभा में एक इमानदार योगगुरु को लेजाकर भ्रष्ट और बेईमान लोगों के खिलाफ बोलने का अवसर नहीं दिया जाता ।
अभी बाबा रामदेव ने रेली करी सारा देश जानता हे किसी भी नेता का नाम लेकर उसे भर्स्ट नहीं कहा गया लोग सोचते थे भ्रस्ताचार के बढ़े बढ़े सबूत उजागर होंगे देश के कई नेता नंगे होंगे लेकिन क्या हुआ कोन भर्स्ट हे काला धन किसके पास हे सबूत कहाँ हे बाबा रामदेव कहते हें वक्त आने पर बताऊंगा वोह कहते प्रधानमन्त्री ईमानदार हे दोहरी बात एक भ्रस्ताचार फेलाने वाला कोई भी व्यक्ति या भ्रस्ताचार होता हुआ देख कर चुप रहने वाला कोई भी व्यक्ति अगर इमानदार कहा जाये तो कहने वाले की मानसिकता क्या हे समझ लेना चाहिए एक व्यक्ति कहे देश के नेता भ्रष्ट हें देश में कला धन हे और मेरे सबूत हें और वोह सबूत जनता को नहीं बताये जाएँ जनता से छुपाये जाएँ तो फिर इसे ब्लेकमेलिंग नहीं तो क्या कहेंगे सारे नेता भ्रष्ट हें प्रधानमन्त्री मनमोहन इमानदार हें और भ्रष्ट कोन हे उसका नाम किसी को नहीं बताया जा रहा हे नाम नहीं लिया जा रहा हे तो फिर क्या यह मुहीम भ्रस्ताचार के खिलाफ हे नहीं न तो दोस्तों भ्रस्ताचार की किसी भी लड़ाई में आप हो चाहे में हूँ सब मिलकर लड़ने को तय्यार बेठे हें लेकिन सबूत जो आपके पास हें छुपा कर मत रखो जनता को बताओ और अगर सबूत आप अपने पास रखते हो मांगने पर भी नहीं बताते नाम किसी का लेते नहीं हो तो फिर सारा देश जानता हे के ब्लेकमेलिंग की कला क्या हे और यह देश इस देश का आसमान ना जाने कहा गयी ब्लेक्मेल्रों को केसे केसे जनता कुछ क्षण कुछ पल के लियें बेवकूफ बन सकती हे लेकिन सबूत नहीं मिले तो फिर सडकों पर तुम्हारे खिलाफ भी आ सकती हे इसलियें देश के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ बाबा सबूत पेश करों और इस लड़ाई में हमें भी शामिल करो ।
दोस्तों यह अपना देश हे यहाँ की जनता जनार्दन अपना सबकुछ त्याग कर जिसे सर पर बता कर घुमती हे उसकी पोल खुलने पर उसको सरे राह पीट पीट कर लहुलुहान भी करती हे इसलियें जय भारत जय जनता । अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अपमान

देश में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बालकृष्ण के रिश्तेदारों पर काले धन के आरोपों के बाद इस मान सम्मान को बचाने के लियें देश के सभी शीर्ष लोग उन्हें इस्तीफे की सलाह दे रहे हें इस सलाह देने वालों में खुद सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश भी शामिल हें ।
वेसे तो इस मामले में सारे कुए में भांग घुटी हे इसलियें सलाह देने का नेतिक अधिकार किसी को भी नहीं हे लेकिन जो आरोप लगते हें अगर उन्हें साबित नहीं किया जाता हे और केवल अफवाहों के आधार पर नेतिकता की बात की जाती हे तो ऐसी राजनितिक नेतिकता से देश का भला होने वाला नहीं हे अगर ऐसा होता रहा तो देश में इस्तीफों का सिलसिला चल जाएगा क्योंकि देश के इस हमाम में हर शख्स नंगा बेठा हे । बालकृष्ण अकेले से नेतिकता की बात करने वाले जरा येह बताएं के क्या औन्होने कभी प्रधानमन्त्री जी से यह बात कही हे क्या उन्होंने कभी किसी धर्म गुरु कभी किसी योग गुरु से यह बात कही हे क्या किसी ने किसी अधिकारी किसी खिलाड़ी से यह बात कही हे थोमस का मामला तो जग ज़ाहिर हे तो दोस्तों सो कोल्ड नेतिकता की बात ठीक नहीं हे फिर निजी स्वार्थों के खातिर किसी की टोपी उछालना यहाँ आम बात हे सारा देश जानता हे के इन दिनों मानवाधिकार आयोग को पंगु बना दिया गया हे और इस आयोग की प्रासंगिकता ही खत्म हो गयी हे कोन लोग इस आयोग के पद के लियें दावेदार हें यह भी किसी से छुपा नहीं हे सब जानते हें के अगर बालकृष्ण हटे तो दुसरा कोन इन्तिज़ार में हे के यह ताजपोशी उसके नाम हो , अमेरिका ने इराक पर जेविक हथियार के आरोप लगाये इराक को तबा कर दिया गया सद्दाम को फंसी दे दी गयी विश्व खामोश तमाशा देखता रहा लेकिन आज तक जेविक हथियार जो इराक पर हमले की बुनियाद थे वोह नहीं मिल पाए हे तो जनाब पदों से हटाने और उन पर लगाने के मामले में आरोप लगाकर नेतिकता की बात पुराणी हो गयी हे अब तो सबूत बाज़ार में लाओ जिसे चाहो ह्त्वाओं का सिद्धांत चल गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दाउदी बोहरा समाज के सयदना साहब

दाउदी बोहरा समाज के धरम गुरु सयदना साहब का मार्च में जन्म दिन हे लेकिन यह जन्म दिन सोवां जन्म दिन हे इसलियें इस जन्म दिन को बोहरा समाज राष्ट्रीय स्तर पर करने पर जुट गया हे इसी क्रम में कोटा में कल कई कार्यक्रम हुए हें ।
बोहरा समाज के सयदना साहब समाज में पूजनीय और आदरणीय हे देश का पूरा समाज इन आदरणीय गुरु के हुक्म के बगेर कुछ नहीं कर सकता हे और आज जब ऐसे धर्म गुरु सोवें वर्ष में जा रहे हें तो इस समाज में उत्साह लाज़मी हे समाज ने कल कोटा के एक बढ़े होल में शहर के सभी धर्मों से जुड़े लोगों को बुलाकर एक बढ़ा कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें धर्मगुरु के चित्र और कोटा से जुड़े संस्मरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गयी समाज के विभिन्न जिलों में कायक्रम आयजित होने के बाद राजस्थान का बोहरा समाज प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर का एक बढ़ा कार्यक्रम मार्च मने आयोजित करने जा रहा हे जिसमें भारत सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सभी राष्ट्र्याध्य्क्षों को भी बुलाया गया हे ।
समाज में केवल बोहरा समाज ही ऐसा समाज हे जो अपने धर्म गुरु की भगवान और खुदा से भी ज्यादा इज्जत करता हे और उनका फरमान भगवान का फरमान मान कर पालना करता हे यही वजह हे के इनके अधिकतम विवाद समाज स्तर पर ही निपट जाते हें और समाज को काफी वक्त अदालतों में झगड़ों और टंटों में बर्बाद नहीं करना पढ़ता। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में कुरैशी समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन

कोटा में कुरैशी समाज का कल एक बहुत बढा सामूहिक विवाह सम्मेलन सम्पन्न हुआ , कुरैशी समाज के १३३ जोड़ों का इस समारोह सम्मेलन में निकाह सम्पन्न हुआ जिसमें हजारों हजार लोगों ने शिरकत की ।
कुरैशी समाज कोटा में कहने को तो साधन सम्पन्न हे लेकिन दुसरे समाजों से पिछड़ा समाज कहलाता हे फिर भी सामुही विवाह मामले में वोह राजस्थान का ऐसा पहला समाज हे जिस समाज का कोई भी व्यक्ति बिना सम्मेलन के विवाह नही कर सकता यानी किसी भी कुरैशी के लडके या लडकी का अगर निकाह करना हे तो उसे सामूहिक विवाह सम्मलेन में ही निकाह करना होगा यह समाज का निजाम हे प्रबन्धन हे प्रारम्भ में कुछ लोगों ने इस सिस्टम को तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन समाज के नियमों में सख्ती के बाद इस सिस्टम को सभी अमीर और गरीबों के लियें मानना मजबूरी बन गया समाज के लोगों का मानना हे के सामूहिक विवाह सम्मेलनं में विवाह समारोह इ एक तो फ़िज़ूल खर्ची बचती हे दुसरे बिना किसी परेशानी के सेक्दं परिवार विवाह समारोह में शामिल हो जाते हें और अपना काम अंजाम दे देते हे इस सम्मेलन में विवाह करने वाले को २५ हजार रूपये तक का दहेज़ और ५० लोगों के खाने के टोकन भी दिए जाते हें ।
समाज में इन नियमों के तहत पिछले कई सालों से लोग इसकी पालना में फ़िज़ूल खर्ची से बच रहे थे लेकिन कुछ लोगों ने अब निकाह तो सम्मेलन में करना शुरू कर दीया हे लेकिन बाद में वही फ़िज़ूल खर्ची करते हें और अलग से रिसेप्शन किसी ना किस बहाने से या समारोह के नामा पर खाना देते हें जेसे जन्म दिन अकिका या किसी बच्चे की मुसलमानी लेकिन समाज अब इस मामले में कुछ नहीं कर प् रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भूखा हे तो क्या हुआ

भूखा हे तो
क्या हुआ
जरा तो सब्र कर
रोती नहीं तो क्या हुआ
वायदा तो हे
तेरे जीने के लियें
फ़िक्र ना कर
तेरी भूख के लियें तू
दिल्ली में इनदिनों
बहस चल रही बस इसीलियें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वायदा तो क्या था .......... .

वायदा तो क्या था
रौशनी रहेगी
घर घर में
लेकिन यह क्या
जो चिराग रोशन थे
शहर में
दूर अँधेरे
करने के लियें
आज सियासत का
सियाह चेहरा
नजर ना आजाये कहीं किसी को
बस इसी लियें
बुझा दियें हें
जलते हुए चिराग
राजनीती के लियें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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