आपका-अख्तर खान

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01 मार्च 2011

किसने आग लगाई ....

किसने लगाई आग और किस किस का घर जला
मेरे शहर के अमन में केसा कहर चला ।
क्या माजरा हे दोस्त,चलो हम पता करें
इस बेकसूर परिंदे का पर केसे जला ।
कुछ भेड़िये गमगीन हें इस खास प्रश्न पर
केसे खुलूस ओ प्यार में ,अब तक शहर चला ।
किसकी यह साजिशें हें ,हिमायत यह कोनकी
विष घोल फजाओं में , चुरा जो नजर चला ।
कल शाम हुए हादसों पे हो चुकी बहस
हे प्रश्न इसी दोर का आखिर किधर भला।
जनवादी लेखक संघ के रघनाथ मिश्र कोटा की यह गजल आप भाइयों और बहनों की खिदमत में पेश हे ।
सितम उनकी आदत हे क्या करें
अजीब यह नजाकत हे क्या करें
वेह महफूज़ हें फिर आग लगा कर
उन्हें यह रियायत हे क्या करें
आदत हे अपनी आजकल तूफ़ान से उलझना
इसमें ही हिफाजत हे क्या करें
लागू कराई जाये भेडियों की सभ्यता
यह खास हिदायत हे क्या करें
बेखोफ ज़ुल्म साज़ुशें दहशतजदा माहोल
यह रंग ऐ सियासत हे क्या करें ।
रघुनाथ मिश्र कोटा राजस्थान
संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकार ही लोगों के फेफड़ों में ज़हर घोलती रही हे

जी हाँ दोस्तों सुनने में जरा अजीब लगता हे लेकिन यह सच हे कोटा की लाखों जनता के स्वस्थ जीवन में राजस्थान सरकार १७ सालों से जहर घोलती रही हे और हजारों को बीमार कर दिया हे ।
कोटा में जलदाय विभाग की लापरवाही से पानी साफ करने के लियें अंदाज़े के आधार पर उसमें क्लोरिन छोड़ा जा रहा हे और कम होने से बेक्टीरिया नहीं मरते जबकि ज्यादा होने से लोगों के फेफड़ों में तकलीफ होना,चमड़ी खराब होना ,दांत खराब होना,पेट की गम्भीर बीमारियाँ होना आम बात हो गयी हे , कोटा में अंदाज़े से क्लोरिन डालने से खुद जलदाय विभाग के संयत्र गल गये हें और जनता तो रोज़ बीमारियों से त्रस्त हो ही रही हे ,कोटा में दस लाख लीटर पर दो से चार किलो क्लोरिन डाला जाता हे लेकिन कम ज्यादा होने से अब तक विभाग को ढाई करोड़ रूपये का नुकसान हो गया हे और एक करोड़ रूपये का क्लोरिन और खराब होने वाला हे । क्लोरिन की कमी और अधिकता से कोटा में जनता के लिए जहर बांटा जा रहा हे इसलिए अब यहाँ पानी में क्लोरिन मिक्सींग के लियें एक संयंत्र लगाने की तय्यारी चल रही हे ।
कोटा में इस तरह के पानी सप्लाई होने पर चिकित्सकों ने टिप्पणी की हे के क्लोरिन अधिक होने से फेफड़े खराब हो जाते हें उसमें ऑक्सीजन नहीं रहती और फेफड़े फूलने लगते हें दमा की बीमारी हो जाती हे ,पेट खराब हो जाता हे ,हड्डियां ,दांत और त्वचा खराब हो जाती हे बाल झड़ने लगते हें और आँतों में अल्सर हो जाता हे चिकत्सकों ने बताया की कोटा में पिछले दिनों यह बीमारियाँ आम हो गयी हें और इसका मूल कारण क्लोरिन युक्त पानी हे , तो दोस्तों ऐसे म़ोत बात रही हे कोटा की जनता को राजस्थान सरकार। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सांसद और मंत्री डोक्टर किरोड़ी बंदूक लेकर डकेतों से मुकाबला करने जंगलों में पहुंचे

राजस्थान में दोसा के सांसद ,राजस्थान की सरकार को बनाने वाले मुख्य सूत्रधार और राजस्थान सरकार में खादी ग्रामोद्ध्योग मंत्री श्रीमती गोलमा देवी के पति निर्दलीय सांसद डोक्टर किरोड़ी मीणा ने राजस्थान में डकेतों से निपटने में सरकार को अक्षम बताया हे और खुद ही अपने साथियों के साथ बंदूके लेकर जंगलों में निकल पढ़े हें ।
सांसद किरोड़ी प्रति माह एक राजनीति और रचनात्मक राजनीति जिससे जनता उनसे जुड़ते हे करते रहे हें पहले भाजपा के दिग्गज कहलाने वाले जब भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लढे तो इनके प्रभाव से राजस्थान की १७ विधानसभा सीटें प्रभावित हुई हे और राजस्थान की सरकार बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही हे इसी लियें आज किरोड़ी सरकार के बंगले में ही रहते हें पत्नी सरकार में मंत्री हे और राजस्थान सरकार के मंत्री के इसी बंगले में सरकार के खिलाफ सभी आन्दोलन की रणनीति बनाई जाती हे कभी बंद ,कभी धरना ,कभी रेली .कभी दंडवत रेली तो कभी कोई हंगामा किरोड़ी राजस्थान में चर्चा में रहते हें लेकिन आज वोह सरकार पर डकेतों से साठ गाँठ के आरोप लगा कर जब जंगलों में हथियार लेकर निकले हें तो सरकार को उन्होंने शर्मसार कर दिया हे ।
किरोड़ी का आरोप हे के अब तक पुलिस और डकेतों की मिली भगत से राजस्थान में डकेत जनता पर ज़ुल्म कर रहे हें निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे हे लेकिन अब डकेतों को राजनितिक शरण मिल जाने से राजनीती उनके खिलाफ कुछ नहीं कर रही हे और उन डकेतों को जिन्होंने कई घर बर्बाद किये के महिलाओं को विधवा किया उनेक खिलाफ कोई कार्यवाही सरकार नहीं कर रही हे इसलियें अब जंगलों में डकेतों से निपटने के लियें उन्हें खुद को अपने साथियों के साठ मुकाबला करने के लियें हथियार लेकर निकलना पढ़ रहा हे ।
डोक्टर किरोड़ी सांसद की इस डकेतों के खिलाफ यात्रा में कई उनके साथी हे और कई पुलिस कर्मी उनकी सुरक्षा कर रहे हें सवाल यह हे के अगर किरोड़ी केवल राजनीती कर रहे हें तो फिर सरकार उनकी सुरक्षा क्यूँ कर रही हे हथियार लाइसेंसी हें या नहीं इसकी जांच क्यूँ नहीं कर रही और अगर वास्तव में जंगल में डकेत हें तो फिर अभियान चला कर इन डकेतों को खत्म क्यूँ नहीं कर रही । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान चिकित्सकों के इस्तीफे नहीं दिए गये

राजस्थान में चिकित्सकों ने अपनी मांगों के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाने के लियें सामूहिक इस्तीफे देने का फेसला लिया लेकिन सरकार इन इस्तीफों को स्वीकार ना कर ले बस इसीलियें इस्तीफे वापस ले लिए गये ।
सरकार से चिकित्सकों के मांगे पुरानी बात हे इस बार राजस्थान के सभी वरिष्ट चिकित्सकों ने १ मार्च को सामूहिक इस्तीफे देने की पेशकश की सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लियें राजस्थान में वैकल्पिक व्यवस्था कर ली और सरकार चाहती थी के अगर इस बार चिकित्सक इस्तीफे देते हें अस्पताल में भर्ती मरीजों को परेशां करते हें तो ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी और इसी लियें वैकल्पिक व्यवस्था तय्यार की गयी थी सरकार के पास चिकित्सकों की कमी नहीं हे हजारों चिकित्सक बेरोजगार हें और वोह नोकरी के इन्तिज़ार में हें बस उनका अनुभव कम हे लेकिन अनुभव चिकित्सकों को केवल सरकारी अस्पतालों से ही मिलता हे जो भी चिकित्सक सरकारी चिकित्सालय में तेनत होता हे मान सम्मान और ग्राहकी सभी उसे सरकारी चिकित्सालय से ही मिलते हें सरकारी सेवायें समाप्त होने के बाद कोई कितना ही नामवर बढ़ा चिकित्सक हो जीरो हो जाता हे और उसे फिर से अपनी जिंदगी ऐ बी सी डी से शुरू करना पढ़ती हे बस इसीलियें चिकित्सकों ने कल अपने सामूहिक इस्तीफे नहीं देने का निर्णय लिया वरना सरकार तो तय्यार बेठी थी ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या मनमाना फेसला देने वाले जज के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए

हाल ही में गुजरात और पुरे देश को हिला देने वाली खतरनाक घटना गोधरा काण्ड के आरोपियों को फांसी और कुछ को ऊमर केद की सजा सुनाई गयी हे और कुछ को बरी कर दिया गया हे फेसला सही हे या गलत इस मामले में अपील न्यायालय इसकी जांच करेगी लेकिन जरा सोचो जिन मास्टर माइंड बनाये गये लगों को बरी किया गया हे अगर उन्हें हाईकोर्ट सजा के लायक मानता हे या जिन्हें सजा दी गयी हे उन्हें बरी के लायक मानता हे तो किया हाईकोर्ट अपने अधीनस्थ जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा यह एक सवाल हे जो देश की न्याय व्यवस्था और उससे ट्रस्ट लोगों के लियें महत्वपूर्ण बन गया हे ।
देश में कानून हे नीचे की अदालत अगर बरी करती हे तो उस के खिलाफ अपील होगी ,अगर नीचे की अदालत सज़ा देती हे तो हाईकोर्ट में अपील होगी और कई फेसले ऐसे भी होते हें जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाकर उल्ट जाते हें या फिर बदल जाते हें जो लोग जेल में सिसकते रहते हें उन्हें सालों बाद बरी कर दिया जाता हे या जो लोग बाहर न्याय व्यवस्था का मखोल उड़ाते रहते हें उन्हें बाद में जेल भेज दिया जाता हे लेकिन इस मामले में एक गलत फेसला देने वाले अधीनस्थ जज के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती और हालात यह हें के मिडिया में छाने के लियें कई जज अजीबोगरीब फेसले दे रहे हें जिनका कोई विधिक अस्तित्व नहीं हे , न्यायिक व्यवस्था के बारे में राजस्थान की स्थिति यह हे के यहाँ मजिस्ट्रेटों को बिना किसी विधिक प्रक्रिया के फास्ट ट्रेक जज बना दिया गया जो मजिस्ट्रेट तीन वर्ष तक की ही सज़ा दे सकता हे उस मजिस्ट्रेट को फांसी की सजा दें का अख्तियार दे दिया कोटा में कई मामलों में फास्ट ट्रेक जज जिसकी मानसिकता केवल मजिस्ट्रेट की थी उन्होंने लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई लेकिन हाईकोर्ट ने अपील पेश होते ही दुसरे दिन फांसी की सजा खारिज कर दी तो जिन मामलों में फांसी की सजा एक तमाशा बनाई जाती हो वहां अगर सजा उलटी जाये तो ऐसे जज को बख्शना नहीं चाहिए उनके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए , राजस्थान में फिर ऐ डी जे की परीक्षाएं हुईं क्योंकि यह फास्ट ट्रेक जज कार्यवाहक जज थे इनको मजिस्ट्रेट का ही दर्जा था इसलियें यह भी जज बनना चाहते थे इन्होने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा ली गयी जज की परीक्षा में हिस्सा लिया ओर सभी जज के पद पर कार्यरत मजिस्ट्रेट फेल हो गये यानि हाईकोर्ट राजस्थान ने जिन लोगों को जज का काम देकर फांसी की सज़ा देने का अख्तियार दे रखा हे वोह जज हाईकोर्ट ने फेल कर दिए और उन्हें जज बनने लायक नहीं माना लेकिन सिस्टम देखिये फिर भी वही मजिस्ट्रेट जज का काम गेर कानूनी तरीके से कर रहे हे ।
ऐसी अनियमितताओं में देश की न्यायिक व्यवस्था में अराजकता तो आ ही रही हे सब जानते हें हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति केसे होती हे अभी राजस्थान में जज की नियुक्तियों में भ्रस्ताचार का भंडा फोड़ हुआ हे रिटायर होने के बाद यह जज साहब कहा केसे राजनेताओं के तलवे चाट कर खुद को किसी आयोग में कुछ बना दें के प्रयासं में रहते हे यह कहानिया किसी से छुपी नहीं हे ऐसे में न्यायिक अराजकता को सूधारने के लियें अगर फेसला बदलता हे तो निचली अदालत के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही होना चाहिए ताकि प्रारम्भ से ही फेसला अंदाज़े और जज्बात के आधार पर नहीं न्यायिक गुणवत्ता के आधार पर हो ।
गोधरा मामले में बचाव पक्ष के वकील आई एम मुंशी ने जब मिडिया को बताया की अभी फेसले की कोपी उन्हें नहीं मिली हे तो देश के किसी भी कानून के जानकार या मिडिया ने या हाईकोर्ट सुप्रीमकोर्ट ने गोधरा के जज साहब से यह सवाल नहीं किया के हमारे देश के संविधान हमारे देश के दंड विधान दंड प्रक्रिया संहिता में किसी भी अभियुक्त को सज़ा देने पर तुरंत मुफ्त नकल दिया जाना आवश्यक हे लेकिन इस गम्भीर मामले में अगर नकल वक्त पर नहीं दी गयी तो विधि नियमों का उल्न्न्घन तो क्या ही गया हे आखिर कोनसी मजबूरी थी जो दोषी लोगों को तुरंत फेसले की नकल नहीं दी गयी फेसले की इतनी लम्बी तारीख प्रावधान के तहत हाईकोर्ट से फांसी के फेसले की पुष्ठी फिर भी नकल वक्त पर नहीं यह अनियमितता नहीं तो और क्या हे ।
देश की अदालतें फेसला कुछ भी दे किसी को कोई एतराज़ नहीं लेकिन हाईकोर्ट में समीक्षा के बाद अगर फेसले में मनमानी ,लापरवाही या जज्बात या अंदाज़े के आधार पर फेसला देने का मामला प्रमाणित होता हे तो ऐसे बेपरवाही से गम्भीर फेसले देने वाले जजों का फेसला उलटते वक्त ऐसे जजों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि देश की जनता इतनी सस्ती नहीं के सालों जेल में रहने के बाद उसे पता चले के उस पर गलत आरोप हे उसे बरी कर दिया गया हे और जज साहब मजे करते रहें तो दोस्तों न्यायिक व्यवस्था के सुधर के लियें इस प्रश्न को आगे बढाये देश बचाएं देश में निष्पक्ष गुणवत्ता वाली न्यायिक व्यवस्था लायें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश यहाँ मानते नहीं

देश में सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश अगर गरीबों के खिलाफ अत हे तो उसकी तुरंत पलना सुनिश्चित करने के प्रया किये जाते हें लेकिन यही आदेश अगर सरकार या अमीरों के खिलाफ होता हे तो फिर इस आदेश की पालना तो दूर आदेश की जानकारी भी अधिकारी और सरकारें याद रखना मुनासिब नहीं समझते हें ।
अभी हाल हे में देश में पाउच गुटका के नाम पर फेलाए जा रहे जहर को रोकने के लियें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे के देश में पोलीथिन और प्लास्टिक के पाउच में जर्दा गुटका ,पानमसाला,सुपारी वगेरा नहीं बेचीं जायेगी और इस मामले में सरकारों को कार्यवाही के निर्देश देते हुए प्रदूषण नियन्त्रण विभाग को पर्यावरण कानून के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए थे । इस आदेश के बाद सभी गुटका व्यापारी लामबंद हुए और सभी ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश की पलना के लियें निर्धारित समयावधि फरवरी से बढ़ाने की मांग की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कढाई से अपने आदेशों को दोहराते हुए कहा के इस में कोई रियायत सम्भव नहीं हे यह देश की जनता के स्वस्थ की सुरक्षा का सवाल हे और एक बार फिर सरकारों को इस आदेश की पालना के निर्देश दिए ।
आज कोटा सहित सारे राजस्थान में जर्दे गुटके के पाउच सरे आम बेचे जा रहे थे सरे आम इन पाउचों को सडकों पर फेंक कर न्यूसेंस करा जा रहा था कोटा कलेक्टर और कोटा के प्रदूषण विभाग को इस बारे में बार बार पूंछने पर भी कोई जानकारी नही थी तो जनाब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना अगर सरकार या अमीरों के खिलाफ हो तो बस ऐसे ही होती हे और देश के सुप्रीमकोर्ट के दस हजार से भी अधिक आदेश आज पालना नहीं होने के कारण धूल चाट रहे हें लेकिन गरीबों के खिलाफ शत प्रतिशत हर आदेश की पालना सरकारों ने की हे बस ऐसी ही हें हमारी सरकारें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं

महाशिव रात्री पर सभी भाइयों,बहनों और साथियों को शुभकामनाएं ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजथान

महा शिवरात्रि पर गूंजेगा हर हर बम बम

दोस्तों देश के सबसे बढ़े त्यौहार महा शिवरात्रि पर देश के सभी नागरिकों को मुबारकबाद , कल महाशिवरात्रि हे आस्था का दिन हे पूजा अर्चना ,उपवास ,व्रत का दिन हे इस दिन देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी मन्दिरों पर महाशिवरात्रि की गूंज होगी हर हर बम बम का नारा होगा और इस दिन कई लोग भांग के मजे भी लेंगे ।
कोटा में इस अवसर पर कर्णेश्वर महादेव पर मेला लगेगा ,नीलकंठ महादेव पर अभिषेक होगा,शिव पूरी धाम में शिवलिंग की प्रतिष्ठा होगी ,गो कर्णेश्वर महादेव के मन्दिर पर रुद्रभिशिक होगा ,पंच मुखी महादेव मन्दिर समिति में ३२ जोड़ों का सामूहिक विवाह होगा तो देश भर के मन्दिरों में इस अवसर पर झांकियां जमेंगी ।
सभी ब्लोगर भाईयों बहनों को इस शुभ अवसर पर मुबारकबाद बधाई । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भास्कर नमक और भास्कर पत्रकारिता

राजस्थान के अलवर जिले में भास्कर अख़बार के मालिक द्वारा नमक बेचने के धंधे पर नजर गढ़ाई और भास्कर नमक के स्वास्थ पर असर पढने वाले तत्वों की जांच के लियें सेम्पल लिए स्वस्थ अधिकारी जनता का फायदा चाहते थे लेकिन दाव उल्टा पढ़ गया और अख़बार भास्कर उन्हें चोर साबित करने के प्रयासों में जुट गया ।
अलवर के स्वास्थ्य अधिकारी ने भास्कर अख़बार की इस चोरी और सीना जोरी की शिकायत की हे उनका कहना हे के पहले उन्होंने रूटीन चेकिंग के दोरान भास्कर नमक के सेम्पल लिए और फिर इन सेम्पल के फेल हो जाने पर भास्कर के निर्माता और वितरकों के खिलाफ चालान की तय्यारी थी तभी भास्कर अख़बार ने उन्हें डराने धमकाने का प्रयास किया और जब वोह नहीं माने तो फिर भास्कर ने अनर्गल खबरें छापना शुरू कर दिन बस इसीलियें अखबार का काम और इसकी आड़ में दुसरे काम खूब पनपते हें जो लोग जितनी नेतिकता की बात करते हें अंदर से केसे होते हें अलवर की इस घटना से पोल खुल गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री और शाहबाद

राजस्थान का ट्राइबल इलाका बारां जिले का शाहबाद जहां कभी राजिव गाँधी कभी राहुल गांधी तो कभी गहलोत जाते हें शाहाबाद में रहने वाले लोगों के कल्याण के लियें अरबों रूपये आते हें वोह बजट खान जाता हे इसका भोतिक सत्यापन नहीं होता हे और भ्रस्ताचार के इस खेल की जांच तो कोई नहीं करता हाँ राजनीति जरुर होती हे ।
कोटा सम्भाग के बारां जिले में स्थित ट्राइबल एरिया शाहबाद को आज़ादी के बाद से आज तक विकसित करने की योजनायें बनाई गयी हे लेकिन शाहाबाद और शाहबाद के लोग जहां के जहां हे अभी एक वर्ष पूर्व राहुल गाँधी खुद करोड़ों रूपये खर्च कर एक निजी विमान से कोटा आये और फिर कार से शाहबाद जाकर रात गुजारी तगारी उठायी ,गरीबों के यहाँ खाना खाया लेकिन शाहबाद और शाहबाद के लोगों की समस्याएं और गरीबी अपनी जगह हे वहां योजनाओं के नाम पर समाज सेवी संस्थाएं करोड़ों डकारने में लगी हे हाल ही में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस ट्राइबल एरिया की समस्याएं देखने पहुंचे लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात समस्याएं अपनी जगह हें विकास नहीं हे गरीबी रुकी पढ़ी हे स्थानीय लोगों का कोई रहन सहन नहीं सुधरा हे और मुख्यमत्री अशोक गहलोत , राहुल गाँधी किसी के घर में रात गुज़र कर खाना खाकर राजनीति कर रहे हें या फिर इस शाहबाद में रहने वाले सहरिया समाज का उत्थान कर रहे हें कुछ समझ नहीं आता अब अख़बार भी फुल पेज के विज्ञापन लेंगे टी वी विज्ञापन लेंगे और फिर सरकार की वाह वाही छपेगी फिर शाहबाद का सच शाहाबाद में राजनितिक ठगी का सच केसे उजागर हो पायेगा .................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बजट के नाम पर देश में महा भ्रस्टाचार की तय्यारी

देश में इन दिनों प्रस्तुत बजट ने देश के विकास को रोक दिया हे हालात यह हे के गरीबों को जीने का कोई मोका इस बजट में नहीं मिला हे और देश में नेताओं और अधिकारियों को महा भ्रस्टाचार का एक सुनहरा मोका दिया गया हे ।
जो अर्थ शास्त्र जानता हे जो घर के आमद खर्च का दर्द जानता हे उनके दिल से पूंछो के बजट ने देश का कितना सत्यानास किया हे जो नेता सांसद,विधायक या अधिकारी हें उनको तो इस बजट से मजे हें देश की जनता का खून चूस कर सरकारी खज़ाना भरा जाएगा और फिर इस देश में यह धन ऐ राजा जेसे चोरों के लियें छोड़ दिया जाएगा कलमाड़ी जी को खेल के नाम पर बर्बाद करने के लियें दिया जाएगा । इस बजट में प्रणव मुखर्जी सांस लेने पर पंडी लगाना भूल गये गरीब को बजट में क्या मिला अमीर को क्या मिला मध्यम वर्गीय को क्या मिला रोटी कपड़ा और मकान सभी लोगों से छिन्न्ने की कोशिश की गयी हे ।
देश की वर्तमान परिस्थितियों में देश की जनता को हतप्रभ कर देने वाले इस बजट से चाहे जनता बगावत नहीं करे लेकिन जनता को लुटने की सरकारी साज़िश बहुत दिनों नहीं चलेगी सब जानते हें के महंगाई के इस दोर में और महंगाई बढा देने वाला यह बजट जो बाज़ार में गरीब को एक कप चाय दस रूपये में और एक कचोरी दस रूपये में दिलवाएगा तो फिर गरीब खान जाएगा आत्म हत्याओं का दोर होगा लूट बढ़ेगी भ्रस्ताचार बढ़ेगा और देश जहां था वहीं रहेगा नेता अपने एशो आराम और सुरक्षा पर अधक खर्च करेंगे जो नेता कारों से ट्रेन से सफर करते हें वोह सरकारी हवाई जहाज़ और हेलिकोप्टर से इधर उधर घूमेंगे तो देश का यह बजट जिंदाबाद इस बजट से देश में इस वर्ष कुछ राज्यों में होने वाले चुनाव कोंग्रेस के सहयोगी दलों को खत्म कर देने के लियें के लियें कोंग्रेस की एक योजना भी बनाई गयी लगती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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