आपका-अख्तर खान

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03 मार्च 2011

शेम शेम शेम शेम शेम शेम ................ .

देश में देश के बाहर गली गली नुक्कड़ पर भारत के प्रधानमन्त्री और सरकार ,सरकार की कारगुजारियों पर शेम शेम के नारे लग रहे हें देश खुद शर्मिंदा हे देश का सुप्रीमकोर्ट शर्मिंदा हे लेकिन देश के प्रधानमन्त्री और भ्रष्टाचार के लियें ज़िम्मेदार लोग चोरी और सीना जोरी वाला खेल खेल रहे हें और भारत मां की छाती पर मुंग दल रहे हें ।
जी हाँ दोस्तों में भारत के प्रधानमन्त्री ,गृह मंत्री और गठ्बन्धन की बात कर रहा हूँ देश में भ्रस्ताचार पर निगरानी के लियें महा भ्रष्ट की नियुक्ति सीना जोरी इतनी की देश की जनता के कहने के बाद और फिर सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी गलती का एहसास नहीं केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त थोमस को लेकर चली इस बदनामी के बाद देश की बदनामी कोन वेल्थ घोटाला , फिर तू जी स्पेक्ट्रम फिर देश के काले धन वालों की सूचि छुपा कर बेठे प्रधानमन्त्री जी के बेशर्मी से बार बार कोशिशों के बाद आखिर सुप्रीम कोर्ट भी तंग आ गयी और सुप्रीम कोर्ट को आखिर केंद्र सरकार को फटकार ही लगाना पढ़ी ।
प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को अरुण जेठ्ली , मुरलीमनोहर जोशी जो भाजपा के नेता हे इमादार कहते हें अगर इन भाजपा नेताओं की निगाह में इमानदारी ऐसी होती हे तो फिर तो देश में कोई भी आदमी बेईमान नहीं हे ना तेलगी न हर्षद मेहता कोई भी बेईमान नहीं रहा हे ऐ राजा को बचाया गया फिर फंसाया गया कलमाड़ी को बचा गया फिर कार्यवाही की गयी महाराष्ट्र में आदर्श सोसाइटी घोटाले में एफ आई आर अदालत के आदेशों से हुई थोमस बे ईमान थे फिर भी उन्हें केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त बनाया जनता चिल्लाई देश चिल्लाया और अब सुप्रीम कोर्ट ने हुक्म दिया हे लेकिन कोई परवाह नहीं काले धन की सूचि हमारे पास हे लेकिन हम देश को बतायेंगे नहीं देश में आखिर यह सब हो क्या रहा हे ।
अब इन हालातों में इस देश का इस देश को चलाने वालों का जब यह हाल हे विपक्ष में बेठे लोग और मामलों में तो संसद नहीं चलने देंगे लेकिन अब वोह भी खामोश हे सिर्फ रस्म निबाह रहे हें ऐसे में इस देश का क्या होगा यह सोचने की आप को जरूरत नहीं हे क्योंकि हमारी सोच तो बस इतनी सी हे के क्या हुआ कोई फर्क नहीं पढ़ता मेरा भारत तो महान हे यह तो एक साजिश हे इसलियें रोते रहो लुटते रहो यही हमारा तुम्हारा नसीब हे हम सोचते हें के भगत सिंह चन्द्र शेखर आज़ाद हमारे घर में नहीं दूसरों के घर में पैदा हो तो फिर तो क्रान्ति और सच्चाई बस सोचने की बात हे ख्वाबों ख्यालों की बात हे धरातल पर आना तो नामुमकिन हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लुच्चे लपंगों का भाजपा में स्वागत हे

जी हाँ दोस्तों आपको यकीन आए या ना आए लेकिन यह सच हे के भाजपा को इन दिनों भर्ती में जेब कतरों ,लुच्चों लपंगों की जरूरत आन पढ़ी हे और खुद भाजपा अध्यक्ष ने इस मामले में एक टी वी चेनल के माध्यम से एलान किया हे ।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी कल एक टी वी चेनल को साक्षात्कार दे रहे थे इसी दोरान हर बार की तरह से उनकी जुबान फिसल गयी वोह बोल पढ़े देश में इन दिनों लुच्चे ,लपंगों,जेबकतरों का जमाना हे और भाजपा को मजबूती के लियें ऐसे लोगों की जरूरत हे इसलियें में आह्वान करता हूँ के ऐसे लोग भाजपा में आयें उनका स्वागत हे । भाजपा अध्यक्ष के इस बयान से एक बार तो खुद चेनल हेरान था लेकिन जब इस खबर चलाया गया तो भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को समझ में आया के एक बार फिर उनकी जुबान फिसल गयी हे और वोह अपने बयान के जाल में ही फंस गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एस पी से रिश्वत मांगी तो नोकरी से बर्खास्त

आप माने या ना माने कोटा में एक ऐ एस आई की इतनी हिम्मत थी के वोह बिना किसी कारण कर एस पी से भी खुलकर रिश्वत की मांग कर लेता था अब यह जनाब बर्खास्त होकर घर बेठे हें ।
कोटा में गत दिनों जब राजस्थान में भाजपा सरकार थी जन अभाव अभियोग और राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के सद्स्य अलीम भाई जो सरकार के खासम खास थे इन के टेंकर चलते हें और कोटा में एक कार से इस टेंकर की मामूली सी भिडंत हो जाने पर जब टेंकर और कार सवार के मध्य समझोता हो गया और कोई भी किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहता था तब गुमानपुरा थाने में तेनात ऐ ऐसा आई रामलाल गुर्जर ने दोनों को रोक लिया और कहा के रूपये दो नहीं तो में खुद मुकदमा दर्ज करूंगा टेंकर वाले ने कहा के टेंकर नेता जी का हे बस ऐ एस आई साहब ने कहा के कोई बात नहीं हम तो ५ हजार रूपये लेंगे नहीं तो टेंकर जब्त करेंगे ड्राइवर ने ऐ एस आई साहब की बात नेता जी अब्दुल अलीम से कराई टी ऐ एस आई साहब ने वही रुआब से कहा के ५ हजार रूपये भिजवाओ वरना माल सहित टेंकर जब्त कर लूँगा नेता जी ने तुरंत दिमाग लगाया और ऐ एस आई से कहा के दस मिनट बाद इस नम्बर पर फोन कर रूपये मांग लेना तुम्हे मिल जायेंगे इस बीच नेता जी ने सारी बात एस पी विशाल बंसल को बताई दर असल नेता जी ने ऐ एस आई जी को नम्बर पुलिस अधीक्षक के ही दिए थे लेकिन रिश्वत के नशे में चूर ऐ एस आई साहब ने यह भी नहीं देखा के जो नम्बर दिए गये हें वोह उनके एस पी के हें और फोन कर एस पी साहब से रुपयों की मांग की फिर थोड़ी देर बाद फिर दुबारा फोन किया और फिर रुपयों की मांग की एस पी साहब ने शिकायत की तस्दीक होने पर अब्दुल अलीम साहब को लिखित में शिकायत देने को कहा तब अलीम भाई मेरे पास आये मेने इस मामले की शिकायत टाइप करवाई और अवकाश के दिन जब हम शिकायत लेकर एस पी साहब के निवास पर पहुंचे तो वोह खुद उनके ऐ एस आई की इस हिम्मत पर शर्मिदा थे खेर उसी वक्त ऐ एस आई साहब को निलम्बित कर दिया गया अब जब ऐ एस आई साहब को मामला समझ में आया तो उनके पेरों तले ज़मीं खिसक गयी ।
ऐ एस आई साहब मेरे खुद के भी मिलने वाले थे एक वकील साहिबा के रिश्तेदार थे उन्होंने खूब सिफारिश की लेकिन किया करते शिकायत दे चुके थे बयान बदल नहीं सकते थे और ऐसे दुस्साहसी को सजा से बचा नहीं सकते थे बस इसीलियें आज यह ऐ एस आई साहब थोड़े से लालच के चक्कर में अपनी नोकरी गवा कर बेठे हें अब भ्रष्ट कर्मचारी फिर भी नहीं सुधरे तो क्या करें .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उड़ीसा में अधिकारी को जिंदा जलाया

हमारे देश में किसी भी राज्य में अधिकारीयों को ज़िंदा जला देने की परम्परा चल पढ़ी हे ओड़िसा में कल एक अधिकारी को उनकी फेक्ट्री के मजदूरों ने ही जिंदा जला कर मार डाला ।
ओड़िसा बोलागीर स्थित एक फेक्ट्री में कार्यरत मजदूर आन्दोलन कर रहे थे और इस स्टील फेक्ट्री के प्रबन्धक जब अपनी जिप में वहां पहुंचे तो गुस्साए मजदूरों ने इन प्रबन्धक महोदय की जीप में तेल छिडक कर आग लगा दी और जीप में बेठे प्रबन्धक भी जिंदा जल गये , देश में कानून व्यवस्था की अराजकता की यह कोई पहली घटना नहीं हे इन दिनों गुस्साए लोगों को भडका कर इस तरह की कार्यवाही आम हो गयी हे लेकिन देश और राज्य की सरकारें इन व्यवस्थाओं पर अध्ययन कर लगाम कसने के लियें कोई स्थाई समाधान तलाशना नहीं चाहते हे और हालात यह हें के अफसरों को ज़िंदा जला डालने की घटनाए अब आम होने लगी हे ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फर्जी आदेश से डॉक्टरों की ट्रांसफर

राजस्थान में चिकित्सा मंत्री के अलावा कुछ अज्ञात लोग हे जो डॉक्टरों के ट्रांसफर करने में सक्षम हे हाल ही में अज्ञात लोगों ने एक आदेश जारी कर एक दर्जन से भी अधिक चिकित्सकों के तबादले कर दिए और कई चिकित्सकों ने इस मामले में द्युति भी ज्वाइन कर ली लेकिन पोल खुलने पर पता चला के यह तो फर्जी आदेश हे ।
राजस्थान में चिकित्सा सचिव मातादीन शर्मा ने इस मामले में पोल खुलते ही पहले तो आदेश की जांच की फिर जब आदेश कार्यालय से नहीं निकाला जाना स्पष्ट हो गया तो फिर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ इस मामले में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई हे अब जब सरकारी कार्यालयों से आदेश फर्जी जारी होने लगें तो फिर इस राजस्थान का तो क्या आलम होगा ....................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वन्दना जी की एक बहतरीन रचना पेश हे

पता नहीं क्यों…………
पता नहीं क्यों
बसते हो तुम मुझमे
कितनी बार चाहा
तोड़ दूँ चाहत का भरम
हर बार तुम्हारी चाहत
मुझे कमजोर कर गयी

पता नहीं क्यों

इतना चाहते हो मुझे
कितनी बार चाहा
भूल जाओ तुम मुझे
हर बार तुम्हारा प्यार
मंजिल से मिला गया

पता नहीं क्यों

याद करते हो मुझे
कितनी बार चाहा
लगा दूँ ताला

दिल के दरवाज़े पर
हर बार तुम्हारी

भीगी नज़रें
भिगो गयीं मुझे
और मैं

तेरे प्रेम के आगे
खुद से हार गयी
..... वन्दना जी की प्रस्तुती जिसे पढ़ते ही हर इंसान के मुंह से वाह निकल जाए । अख्तर खान खान अकेला कोटा राजस्थान

कोन कहता हे यह हिन्दुस्तान आज़ाद हुआ होगा

यह हालात
इस देश के
लगता नहीं
यह देश
कभी
अंग्रेजों की
गुलामी से
लड़कर आज़ाद
हुआ होगा
अब तो लगता हे
गूंगे ,बहरे ,लूले लंगड़े ही लोग
बसते हें बस
यहाँ
इसीलियें तो
ना इन्हें कुछ दिखता हे
ना यह कुछ सुनते हें
ना यह बोलते हें
ना यह चलते हें
ना यह हाथ उठाते हें
कोन कहता हे
यह वही देश हे
जो अंग्रेजों की आज़ादी से
हिन्दुस्तान हुआ होगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यहाँ तक आते आते ............ .

यह शहर हे
यह गाँव हे मेरा
वोह दिल्ली हे
वहां का जो खजाना हे
खत्म हो जाता हे
यहाँ आते आते ,
आप और में
सभी तो जानते हें
कहां जाता हे
यह खजाना
नेताओं और अफसरों के
मुस्कुराते मुस्कुराते ..... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुसीबत में भी गद्दाफी दहाड़ा

लीबिया के राष्ट्रपति कर्नल गद्दाफी जनाक्रोश से जूझ रहे हें जनता उनका तख्ता पलटने के कगार पर हे और तेल के कुओं पर कब्जा करने वाले अमेरिका ब्रिटेन की जुबां लीबिया अपर कब्जा करने के लियें लपलपाने लगी हे वोह अब अपनी ताकत के बल पर मोका देख कर लीबिया पर कब्जा करने के लियें प्रयासरत हे ।
कर्नल गद्दाफी को एक तरफ तो लीबिया की जनता से निपटना पढ़ रहा हे दूसरी तरफ उसे लगातार धमकियां मिल रही हे के ब्रिटेन और अमेरिका हमला कर देंगे बस कर्नल गद्दाफी को यह स्वीकार नहीं हे उसने इन बिगड़ी परिस्थितयों में भी अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी दी हे के वोह अपनी ओकात में रहे और ट्रेस पास नहीं करे गद्दाफी ने गीदड़ भबकी ही सही लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन को ललकार तो दी हे इससे लगता हे के उसमें कमसेकम राजा के तो गुण हें ............................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान सरकार के बजट का एक वर्ष और पालना नहीं

दोस्तों यह हमारी राजस्थान की सरकार हे यहाँ बजट वर्ष २०१० में पेश किया गया कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की राज्य स्तरीय सर्किट बेंच की बात की गयी और कोटा में एक किराया अधिकरण की अपील न्यायालय खोलने का प्रावधान रखा गया लेकिन यह क्या यहाँ तो साल निकल गया दोनों ही नदारद हे ।
यह सरकार की लेट लतीफी हे या जनता के प्रति उपेक्षा फिर उस शहर में जहां के एम एल ऐ विधि मंत्री हे यहाँ वकीलों ने उपभोक्ता सर्किट बेंच की मांग को लेकर अपना खून पसीना भाया हे और इसीलियें २०१० के बजट में प्रावधान रखा गया यहाँ किराया अधिकरण की अपील न्यायालय के आदेश हुए लेकिन यह क्या वकीलों के इतने अकड़ने के बाद भी सरकार से वोह कुछ नही ले सके सरकार ने तो वकीलों और हाडोती की जनता को अंगूठा दिखा दिया हे वकीलों के दबाव में डर के मारे कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की बेंच का उद्घाटन तो किया लेकिन यह बेंच ने सुनवाई अब तक शुरू नहीं की हे अब घोषणा की गयी हे के सुवाई अप्रैल में यानि २०१० के बजट स्वीक्रति का काम २०११ के वित्तीय वर्ष में शुरू होगा और वोह भी कन्फर्म नहीं हे इधर किराया अधिकरण की अपील न्यायालय तो बस बजट कहा गया सरकार कहा गयी या कोन कहा गया कुछ पता ही नहीं चल रहा हे तो दोस्तों ऐसी हे हमारी राजस्थान सरकार जो बजट की घोषणाओं को भी वक्त पर पूरा नहीं करती हे और विपक्ष इस पर सवाल नहीं उठता हे जनता विरोध नहीं करती हे वकील विरोध करते हें तो सरकार उनको अंगूठा दिखा देती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

म़ोत से भी बदतर स्थिति हे लेकिन इलाज कुछ नहीं

देश इमं जिन लोगों की स्थिति म़ोत से भी बदतर हे और जिनके इलाज की कोई सम्भावना नहीं हे आज उन्हें तडपने के लियें छोड़ा जाता हे लेकिन इलाज कुछ नहीं किया जाता और ऐसी स्थिति में जब वोह इच्छा म्रत्यु चाहते हें तो खुद का कत्ल भी उन्हें नसीब नहीं होता ।
यह सच हे के हमारे भारत देश में आदर्श हें यहाँ किसी को मारने के लियें नहीं जिलाने के लियें प्रयास किये जाते हें यह देश आस्थाओं का देश हे और यहाँ इच्छा म्रत्यु को किसी भी हालत में मानयता नहीं दी जा सकती लेकिन भीष्म पितामाह म्रत शय्या पर तीरों पर लेते थे और आखिर उन्हें भी इच्छा म्रत्यु का ही सहारा लेना पढ़ा , हमारे देश में आशाओं का स्थान हे यहाँ निराशा नहीं हे लेकिन एक महिला जो उसी के अस्पताल में एक हमले में घायल होकर ब्रेन डेथ हो जाने से म्रत पढ़ी हे उसके जीने की कोई आशा नहीं हे ऐसे में जब वोह इच्छा म्रत्यु की बात करती हे तो सुप्रीम कोर्ट और हमारी सरकार केवल और केवल इस पर विचार करती हे के इसे इच्छा म्रत्यु दी जाए या नहीं कोई भी यह नहीं कहता के इसका इलाज एक चुनोती हे जिसे विश्व के बढ़े से बढ़े डोक्टर से सरकार अपने खर्च पर जहां भी जिस देश में हो करवाए शायद सरकार देश के संविधान को भूल गयी हे के लोगों के प्राणों की रक्षा और स्वास्थ की ज़िम्मेदारी सरकार की हे और जब ऐसी स्थिति ऐसे सवाल आन खड़े हो तो फिर सरकार के लियें क्या कहिये सोचने की बात हे ............ शायद आपको मुन्ना भाई एम बी बी एस की याद आ गयी होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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