आपका-अख्तर खान

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04 मार्च 2011

कुछ घड़ी से सीखो

अपनी
जिंदगी को
चलाने के लियें
कुछ
घड़ी से सीखो
एक घड़ी
टिक टिक टिक
बिना रुके
अगर स्वस्थ हो
तो बस चलती ही रहती हे
सुबह हो या शाम
बस एक तरफ
आगे बढ़ते हुए
चलती ही रहती हे
फिर आप क्यूँ रुक जाते हो
आप क्यूँ थक जाते हो
आप क्यूँ भटक जाते हो
एक घड़ी
जब बंद होती हे
रूकती हे
तब वोह खराब होती हे
आप तो स्वस्थ हे
आप का स्वास्थ खराब नहीं हे
तो फिर आप क्यूँ गतिमान नहीं
क्यूँ आगे नहीं चलते हो
अगर नहीं चल पाते तो बस
सोच लो तुम अस्वस्थ हो
और फिर चलने के लियें
अपना इलाज किसी चिकित्सक से जरुर कराओ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुछ घड़ी से सीखो

अपनी

जिंदगी को

चलाने के लियें

कुछ

घड़ी से सीखो

एक घड़ी

टिक टिक टिक

बिना रुके

कुछ घड़ी से सीखो

अपनी

जिंदगी को

चलाने के लियें

कुछ

घड़ी से सीखो

एक घड़ी

टिक टिक टिक

बिना रुके

अगर स्वस्थ हो

किसी का इन्तिज़ार नहीं

ऐ पी जे अप्दुल कलाम कहते हें
इंतज़ार
करने वालों को
उतना ही
मिलता हे
जितना
कोशिश करने वाली
छोड़ जाते हें
इस्लिएयेन
दोस्तों इन्तिज़ार मत करों
कोशिश और वोह भी कामयाब कोशिश करों
ताकि कामयाबी
आपके कदम चूमे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

किसी का इन्तिज़ार नहीं

पी जे अप्दुल कलाम कहते हें

इंतज़ार

करने वालों को

उतना ही

मिलता हे

जितना

कोशिश करने वाली

छोड़ जाते हें

isliey

अतिक्रमण कारियों से तंग हें राजस्थान

राजस्थान के स्थानीय निकाय इन दिनों अतिक्र्मन्कारियों और अफसरशाही से तंग और परेशान हें हालात यह हें के जहां कोंग्रेस का निगम बोर्ड हे वहां भी कोंरेस के नेताओं की अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हें कोटा हो या जयपुर सभी जगह एक ही शिकायत हे ।
अभी हाल ही में जयपुर महापोर ज्योति खंडेलवाल ने खुलेआम मंच से सार्वजनिक रुपे से अफसरों की मनमानी और नाकारापन की शिकायत सार्वजनिक तोर पर मुख्यमंत्री और स्वायत शासन मंत्री से की थी ज्योति खंडेलवाल के बेबाक उद्बोधन से सारा राजस्थान और राजस्थान के नेता अधिकारी स्तब्ध हो गये थे सरकार को इस मामले में शर्म आई और सरकार ने जयपुर नगर निगम के कुछ अधिकारयों की बदली की अब यही बीमारी कोटा में फेल रही हे यहाँ अतिक्रमण हटाने के मामले में समिति तो बनी हे लेकिन अधिकारी इस मामल में मदद नहीं कर रहे हें हालात यह हें के पिछ्हले दिनों कोटा नगर निगम महापोर रत्ना जेन और अतिक्रमण समिति की अध्यक्ष श्रीमती रेहाना में वाक् युद्ध और आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गये पता अचला के सभी की अधिकारी नहीं सुन रहे हें अतिक्रमण चिन्हित कुछ किये गये हें कुछ छोड़ दिए गये हे और अतिक्रमण हटाने के लियें संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हें कल महापोर ने खुद अतिक्रमण कारियों के स्थान का डोरा किया उन्हें समझाइश की लेकिन अतिक्रमण और अधिकारीयों के संथ गाँठ बाब रे बाप .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लोगिस्तान की दुनिया के चीफ मार्शल को सभी का सलाम , ब्लॉग ४ वार्ता की पोस्ट पूरी

नेह्सरी जल की बदरी हूँ
किसी पथिक की प्यास बुझाने
कुए पर बंधी गगरी हूँ
मीत मनाने जग में आया
मानवता का सजग प्रहरी हूँ
हर द्वार खुला जिसके घरका
सब का स्वागत करती नगरी हूँ .......................... । ललित शर्मा ब्लॉग ४ वार्ता और इंटरनेट पर चले रहें सभी ब्लोगों के पथ प्रदर्शक,मार्गदर्शक,सहयोगी,मददगार की श्रेणी में प्रथम और सर्वश्रेष्ठ हें , भाई ललित जी के कई दर्जन ब्लॉग हें और हर ब्लॉग में गुणवत्ता ही गुणवत्ता हे हर ब्लॉग में रचनात्मक जानकारी ,सीख का एक दर्शन , प्यार का एक संदेश , अपनेपन का एक एहसास हे हर कोई समझता हे के भाई ललित जी उनके अपने हें और समझें भी क्यूँ नहीं हर दुःख दर्द तकलीफ में भाई ललित जी ही हें जो सभी के सहयोगी , सखा बन कर साथ खड़े मिलते हें ब्लॉग लेखन की दुनिया में शायद बही ललित जी ऐसे ब्लोगर हें जो इस लेखन के साथ साथ देश के सबसे बढ़े मुसाफिर हें और एक यायावर होने की वजह से भाई ललित जी के लियें अगर कहा जाए के इन्होने घाट घाट का का अपनी पिया हे तो कम नहीं होगा इस जानकारी की झलक इनके हर ब्लॉग हर लेखन हर अदा में मिलती हे ।
भाई ललित जी दिखने में देश के मिलेट्री के अधिकारी लगते हें लेकिन ब्लॉग की दुनिया के लियें यह एक सुरक्षा कवच हें शिक्ष्ण संस्थाएं खोलना और शिक्षा देना इनका शोक हे और इसी लियें इनकी भूमिका शिक्षक की ही रहती हे भाई ललित जी के स्कुल हे शिक्ष्ण संस्थाएं हें और वहां हजारों हजार छोटे छोटे बच्चे उनके दीदार को तरसते रथे हें इसी तरह से ब्लॉग की दुनिया के भी वोह शिक्षक हें अलग अलग ब्लोगरों से जब भी भाई लालती जी के बारे में चर्चा हुई तो उनके मुंह से भाई ललित जी के लियें बस एक ही शब्द निकला भाई ललित जी ने मेरा ब्लॉग ठीक किया मुझे नेट पर ब्लॉग लेखन ब्लॉग सजाना सिखाया मुझे फोन पर सुझाव देकर मेरा ब्लॉग ठीक करवाया बस इसी तरह के लोग बलों की दुनिया में मुझ सहित करीब ५०० से भी अधिक हे जो उनकी मदद के शुक्र गुजार हें ।
अभी कुछ दिनों पूर्व भाई ललित जी का कोटा आगमन हुआ था यहाँ घंटों में सदियों का प्यार बाँट कर ललित जी गये थे और बस अब कोटा में उनकी खुशबु उनकी सुगंध बिखरी पढ़ी हे ।
दुसरे रचनात्मक ब्लोगों के साथ ब्लॉग की दुनिया को छटनी कर एक दुसरे तक पहुँचने के लियें भाई लालित जी अपने ब्लॉग ब्लॉग ४ वार्ता के जरिये करते रहे हें आज उनकी पांच सो वीं पोस्ट लिखी गयी हे इस पांच सो वीं पोस्ट के लियें भाई ललित जी को बधाई और हाँ यह ब्लॉग ४ वार्ता होली के महीने में ही १० मार्च को शुरू किया गया था और होली के महीने में ही पांच सो वीं पोस्ट पूरी हुई हे भाई मेरी शादी भी दस मार्च को ही हुई थी इसलियें ब्लॉग ४ वार्ता का स्थापना दिवस में भूल नहीं सकता ।
भाई ललित जी ने अपने परिचय की शुरुआत जिन अल्फाजों में शुरू की हे इनकी प्रोफाइल में जो मस्ती हे जो अपनापन हे जो मेल मिलाप का रिश्ता हे उससे साफ़ लगता हे के भाई लालती जी बच्चों के साथ बच्चे अल्हड के साथ अल्हड और बुर्दुबार के साथ बुर्दुबार हें उनका परिचय खुद उनके अल्फाजों में उन्होंने सब पथिकों की प्यास बुझाने वाली गगरी के रूप में और खुद के द्वार सभी के लियें खुले होने का शब्दों से दिया हे और यह शत प्रतिशत सही भी हे इसलियें दोस्तों हम तो भाई ललित शर्मा जी जेसा बढा भाई मार्गदर्शक पाकर धन्य हो गये हें मेरा निवेदन हे के ब्लॉग की प्रतिस्पर्धा अगर कोई हो तो उसे त्याग कर मुक्त कंठ से ब्लॉग ४ वार्ता की ५०० पोस्ट पूरी होने पर उन्हें बधाई देकर इस खुसी में शामिल हों वेसे होली की रंगीनियत के माहोल में यह वार्ता शुरू हुई थी इसी लियें भाई ललित जी जो सभी रंगों में दुबे हें उनका रंगीन सुंदर चित्र दिया गया हे वेसे तो उनकी तारीफ़ करना उनके बारे में सच कहना भी सूरज को रौशनी दिखने के समान हे लेकिन में नादाँ हूँ गुस्ताख हूँ इसलियें यह गुस्ताखियाँ करता रहता हूँ करता रहूंगा और इसी के साथ ब्लोगिस्तान की इस दुनिया के चीफ मार्शल मेजर जनरल सजग सिपाही सजग प्रहरी मार्ग दर्शक भाई ललित जी शर्मा को प्रणाम सलाम .... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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