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09 मार्च 2011

बजट राजस्थान का कोटा के वकीलों से वायदा खिलाफी

बजट राजस्थान का हे  कोटा के वकीलों से वायदा खिलाफी इस मामले में सभी वकील नाराज़ हें पिछले दिनों कोटा के वकील कई माह तक हडताल पर थे और इस हडताल के दोरान मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय मंत्रियों और सांसदों से कई दोर की वार्ताएं चली वार्ता के दोरान कई वायदे हुए . 
कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष और महासचिव ने साधारण सभा बुलाकर पिछले दिनों घोषणा की थी के मुख्यमंत्री जी और स्थानीय मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने वायदा क्या हे के कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच खोले जाने के मामले में बजट में प्रावधान रख दिया जाएगा और इस बजट में हर हाल में कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच खोलने की घोषणा हो जायेगी उनका कहना था के अगर सरकार ने इस बार ऐसा नहीं किया तो फिर देखेंगे और यह कहकर कोटा के वकीलों की एकतरफा निर्देश के साथ बिना किसी को बोलने का अवसर दिए हडताल खत्म करने की घोषणा कर दी गयी थी अब कोटा में बजट में जब राजस्व मंडल की डबल बेंच की वायदे के मुताबिक घोषणा नहीं की गयी तो फिर से व्ही हडताल और आन्दोलन की स्थिति आन पढ़ी हे इससे कोटा के वकीलों में रोष व्याप्त हो चला हे . 
राजस्थान सरकार ने बजट में कोटा को केवल ऐ आई ट्रिपल इ दी हे जबकि यहाँ से आई आई टी छीनीं गयी थी पाने की योजना पहले से ही चल रही हे कुल मिलाकर बजट ने कोटा को तो निराश ही कर दिया हे केवल वायदे वाला बजट हे और फायदे वाला बजट नहीं हे देखते हें अब सरकार की इस धोखाधडी के मामले में वकील अब क्या एक्शन लेते हें वरना जनहित के लियें हडताल करने का नारा देने वाले वकील अब तक तो ठंडे ही हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एडवोकेट जमील अहमद ने हाजियों का स्वागत किया

कोटा में मेरे उस्ताद रहे जनाब जमील अहमद एडवोकेट जिनका वकालत और नफासत की दुनिया में सर्वोच्च नाम हे उन्होंने ने कल उनके निवास पर कोटा के नये पुराने सभी हाजियों को दावत पर बुलाया और इसी प्यार भरे अंदाज़ में लोगो का स्वागत कर सभी हाजियों की यादें ताज़ा कर दी . 
जमील अहमद एडवोकेट वेसे तो हर साल ही हाजियों को बुलाकर दावत करते रहे हें लेकिन इस बार उनके पुत्र राजा एडवोकेट ने अलग ही इन्तिज़ाम किये थे हर हाजी और उनके परिवार वालों के लियें मालाओं का इन्तिज़ाम था उन्हें गले लगा कर मुबारकबाद दी जा रही थी खाने में बहतरीन खाना उन्हें खिलाया जा रहा था इस दोरान जमील अहमद एडवोकेट और उनके परिवार का प्यार और खुलूस देखने लायक था एक प्यार भरा अंदाज़ एक अपनापन हज का मिला जुला वातावरण इन सब ने मिलकर हाजियों की पुरानी यादें ताज़ा क्र दिन जो नये हाजी थे उनके दिलों में फिर से हज पर जाने की आस जगी थी और जो पुराने थे जो कई बार हज और उमरा कर आ गये थे उनकी भी फिर से हज पर जाने की ख्वाहिशें जगी थीं . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज मेरी जिंदगी का बीसवां काला दिवस हे

दोस्तों आज मेरी जिंदगी का बीसवां  काला दिवस हे आज के  दिन ही में एक खतरनाक महिला के साथ बेड़ियों में जकड़ा गया था हंसी हंसी में में खुद उम्र केद की सजा मंज़ूर कर रहा हूँ यह में सपने में भी नहीं सोच पा रहा था मीठा लड्डू खाने के चक्कर में में धोखे में आ गया . 
१० मार्च १९९१ का वोह काला दिन मुझे मोत के मुंह में धकेलने , मेरी जिंदगी   उम्र भर के लियें केद करने के लियें लोग एकत्रित हुए नाचे गाये मुझे घोड़ी पर बिठाया गया और फिर हमें राजस्थान के ही नवाबों की नगरी टोंक ले जाया गया वहां एक रिजवाना नाम की खतरनाक एब्दार लडकी को मेरा इन्तिज़ार था जी हाँ इस महिला का नाम रिजवाना स्कुल का हे लेकिन अकिकी नाम रईसुन्निसा  रखा गया था निकाह इसी नाम  से हुआ मेरा भी निकाह अकिकी नाम अजहर से हुआ अब मेरा नाम तो अख्तर खान अकेला और जो मेरे साथ जेलर बना कर उम्र केद की सजा भुगताने के लियें भेजी गयी उसका नाम रिजवाना हमारे पास निकाहनामा अजहर और रईसुन्निसा का अब बताओ हम क्या करें खेर रस्मों के नाम पर मुझे उल्लू बनाया गया सालियों और सलेजों ने बेवकूफ बनाकर बीवी मुट्ठी खोल में तेरा गुलाम कहलवाया और बस तबसे आज तक में भुगत रहा हूँ . 
मेरी यह जो जेलर हे कहने को तो टोंक नवाब साहब की भतीजी हे माशा अल्लाह तीन भाई और चार  बहनें और हें सभी खतरनाक हे मेरी इस बर्बादी के बाद मेरे दो छोटे साले कमर और फर्रुख थे सो मेने भी उन्हें बर्बाद करने की ठानी जयपुर के हमारे साडू इकबाल खान साहब और सलेज रुखसाना ,टोंक के साडू बड़े दादा और रिसर्च ऑफिसर सलेज नादिरा ने मिल कर षड्यंत्र किया और साले कमर को एक खतरनाक सलेज  वफरा  से फंसा दिया बेचारे एक हंसते खेलते साले की बोलती बंद हे सलेज जादूगरनी हे हजारा पढती  हें सो उन्होंने हमारे साले पर पढ़ कर फूंका अब वोह हुक्म के गुलाम हे मुझे लगा मेरे आंसू पोंछने वालों में अब एक और शामिल हो गये हें फिर दुसरा छोटा साला फर्रुख थे बस उनके खिलाफ भी षड्यंत्र रचा और उन्हें मिस यूनिवर्स तबस्सुम से उलझा दिया अब इस बेचारे की तो क्या कहूँ बस आप खुद ही समझ जाओ मेरे पास कहने के लियें अलफ़ाज़ नहीं हे बढ़े साले हें जिन्हें भय्या कहते हें बाहर पुरे टोंक में शेर समझे जाते हें लेकिन घर में हमारी सबसे बढ़ी सलेज अफशां के सामने उनकी घिग्घी बन जाती हे कुल मिला कर हम सभी साडू और साले बहनोई एक ही दर्द के मारे हें हमारे सास ससुर बाल ठाकरे और मुल्लानी जी हमारे इस हाल पर हमारा मजाक उडहाते रहते हें हम खामोश गर्दन झुकाए बेठे रहते हें . 

इस खतरनाक जेलर के बारे में में आपको बताऊं यह कोटा में उर्दू की लेक्चरार हें और बच्चों को पढाती हे इसलियें वही  लहजा वही डांटने का अंदाज़ घर में चलता हे आप अंदाजा लगायें में किन हालातों में सांस ले रहा होउंगा मेरी बोलती बंद हे इसी उठा पटक में मेरे इस जेलर ने मूल के साथ तीन ब्याज दिए पहला लडका शाहरुख खान जो ट्वेल्थ का एक्जाम दे रहा हे आई आई टी की तय्यारी कर रहा हे अगर आपकी दुआ लग गयी तो उसका सेलेक्शन हो जाएगा , एक बच्ची जवेरिया नाइंथ में हे जबकि एक प्यारी  बिटिया सदफ अख्तर जो अभी फर्स्ट में पढ़ रही हे . 
जेलर जिसके हंटर से मेरी बोलती बंद हे उसकी जुबां कभी अगर चलती हे तो केंची से भी खतरनाक होती हे मोहल्ले और परिवारों में उसने जादू करके खुद को अच्छा साबित कर रखा हे मेरे पापा हाजी असगर अली खान को भी उसने वक्त पर खाना चाय नाश्ता दे कर पता रखा हे हमारी मम्मी रशीदा खानम हे बस इस जेलर की केंची के आगे उनकी तो बोलती बंद हे एक भाई परवेज़ खान जो सुधा अस्पताल में मेनेजर हे उसकी बीवी रूबी भी टोंक की हे इसलियें इनकी यूनियन जिंदाबाद हो रही हे और दोस्तों में अकेला पढ़ जाने से अख्तर खान अकेला हो गया हूँ और यह जेलर मुझ पर हावी हे अब मेरे लियें तो खुदा खेर करे हे ना मेरी दर्द भरी कहानी जो आज काला दिवस के दिन नई हो गयी हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जाति प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण्पत्र, जाति प्रमाणपत्र

जाति प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण्पत्र, जाति प्रमाणपत्र  आखिर यह क्या मुसीबत बन गया हे सरकार और अधिकारीयों के लियें और इस मुसीबत से जनता को छुटकारा नहीं मिल पा रहा हे आखिर केसे मिले इस प्रमाणपत्र से जनता को छुटकारा में सोच ही रहा था के अचानक कोटा  के शहर काजी जनाब अनवार साहब का फोन आया उन्होंने  कहा के नगर विकास न्यास के अधिकारी वक्फ सम्पत्ति अधर शिला पर कुआ खोद कर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हें इसलियें कलेक्टर से मिलना हे . 
कोटा में कलेक्टर जी एल गुप्ता वेसे तो आर ऐ एस हें लेकिन सरकार ने उन्हें सम्भागीय मुख्यालय जेसे जिले में कलेक्टर बना कर इज्जत बख्शी हे खेर शहर काजी साहब आये में और कुछ शहर के चुनिन्दा लोग कलेक्टर जी एल गुप्ता के पास फरियाद लेकर पहुंचे कलेक्टर ने अभिवादन किया और शिकायत सुन कर तुरंत नगर विकास न्यास सचिव को फोन कर इस कम को रोक देने के लियें कहा और निर्देश दिए के जब तक वार्ता से एक दुसरा पक्ष आपस में संतुष्ट न होजाए तब तक काम रोके रखना . कोटा कलेक्टर के यहाँ तबादले के बाद उनसे तकरार की यह पहली मुलाक़ात  थी इसलियें उन्होंने सीकर कलेक्ट्रेट के दोरान अल्पसंख्यकों  के लियें विशेष योजनाओं का काम गिनाया उन्होंने जयपुर में भी उनकी कार्यशेली के तोर तरीके बताये इसी दोरान कोटा में अल्पसंख्यकों की शिकायत और समस्याओं की बात चली . 
कोटा कलेक्टर को मेने बताया के कोटा में मुसलमान और अल्पसंख्यक होने का प्रमाण पत्र जारी करने में भी अधिकारी परेशान कर रहे हें , अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की ऋण योजनाओं में अधिकारी आवेदकों को परेशान कर रहे हें कलेक्टर ने अल्पसंख्यक प्रमाण पत्रों के मामले की शिकायत गोर से सुनी और फिर कहा के यह कहने की बात नहीं हे लेकिन में आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ के अल्पसंख्यकों को यहाँ किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी अगर आए तो में उसका निदान करूंगा खेर बहतरीन कसीदों के बाद हम वापस बहर आये कलेक्ट्रेट से नीचेव उतरे के एक जनाब जो अनजान से थे उसने मुझे रोका साथ में काजी साहब को सलाम किया और अपनी परेशानी बताने लगा . 
इन जनाब ने मुझे बताया के मेरा नाम जाहिद हे और में दीगोद तहसील जिला कोटा का रहने वाला हूँ मेरा सेलेक्शन मिलेट्री में हो गया हे और मिलेट्री में मुझ से सामान्य जाती का प्रमाणपत्र माँगा हे जो तहसीलदार साहब ने दें से इनकार कर दिया हे इसमामले में हमने कोटा कलेक्टर के नाम तहसीलदार साहब का पत्र भी लिया हे सामान्य जाति का होने का प्रमाणपत्र का सुन कर मुझे अजीब सा लगा आज तक आरक्षण के लियें जाती प्रमाणपत्रों की कहानी तो सुनी थी लेकिन इस तरह का प्रमाण पात्र  पहली बार माँगा गया था मेने सोचा के शायद आने वाले कल में यह बाबू राज लोगों से उनके नाम का प्रमाण्पत्र भी मांगने लगेगा खेर मिलेट्री में जोइनिंग की आखरी तारीख नजदीक थी इसलियें में इन सज्जन के साथ वापस कलेक्टर साहब के पास पहुंचा कलेक्टर साहब ने आवेदन देखा और कहा के वकील साहब यह तो कोई बात नहीं हुई सामान्य जाती का होने का प्रमाण पत्र बनाने का कोई प्रावधान नहीं हे तो केसे बना देंगे मेने पहले बनाया गया एक राजपूत भाई का प्रमाण्पत्र उन्हें बताया के साहब यह भी तो कोटा से ही जारी किया हुआ हे बीएस इस प्रमाणपत्र को देख कर कलेक्टर साहब ने आवेदन पत्र लिया उसकी पुष्ट पर आदेश किया और कहा के यह इस तरह का पहला और आखरी प्रमाण्पत्र हे इस को नज़ीर बताकर कोई दुसरा प्रमाण पत्र नहीं बनेगा में सोचने लगा के एक पल पहले तो यह कलेक्टर अल्पसंख्यकों के कितने बढ़े हितेषी बनने की कहानियाँ सुना रहे थे और दुसरे पल काम ले जाते ही यह जनाब बदल गये खेर यह तो होना ही था , लेकिन एक बात पर तो विचार करना ही पढ़ेगा के हर मामले में प्रमाणपत्र बनाने वाली इस सरकार ने कलेक्ट्रेट में प्रमाण्पत्र बनवाने वालों की भीढ़ जमा कर दी हे पैदा होने का प्रमाण पत्र, मरने का प्रमाण्पत्र ,जीने का प्रमाणपत्र , आय का प्रमाणपत्र ,जाति उप जाती आरक्षित जाति आदिवासी का प्रमाणपत्र , और अब खुद के जीवित होने का प्रमाण पत्र खुद के सामान्य जाति का सदस्य होने का प्रमाण पत्र यह सब व्यवस्था जनता को परेशान करने वाली ही हे और इससे अधिकारी भी अपना मूल काम छोड़ कर केवल प्रमाणपत्रों में लग जाते हें . 
मिलेट्री में सामान्य जाति के प्रमाणपत्र के जवाब में किसी ने कहा के शायद मिलेट्री में दूसरी जाति के लोगों को भर्ती नहीं करते इसीलियें सामान्य जाती का प्रमाणपत्र होना जरूरी हे इस पर मेरे साथ बेठे एक वकील साहब ने तमतमा कर खा के वाह और दुसरे मामलों में तो आरक्षण और देश के लियें मर मिटने के मामले में मिलेट्री में आरक्षण नहीं इन वकील साहब का कहना था के  भाई यह आरक्षण तो मिलेट्री में हों ही चाहिए ताकि सामान्य वर्ग के लोगों के साथ साथ आरक्षण का फायदा आमोज मस्ती लेने वाले लोग भी तो देश के लियें अपने जान देने वाले बने बात तो सामान्य थी लेकिन एक बहुत बढ़ा सवाल यही बात छोड़ गयी जिसका कोई जवाब मेरे पास नहीं था . अख्तर   खान अकेला कोटा राजस्थान

एक संवेदन शील फेसला

देश में एक महिला जो सेतीस साल से दर्द भोग रही हे कोमा हे और इस तीमारदारी में उसके कई दोस्त बन गये हें एक फिल्म मुन्ना भाई एम एम बी बी एस का नजारा देख क्र कई लोगों को इस महिला अरुणा रामचन्द्र को जीवित रखने के मामले में आस बंधी थी लेकिन कुछ दिनों पूर्व सभी आस टूटने के बाद उसके लियें इच्छा म्रत्यु मांगी गयी . 
सुप्रीम कोर्ट में इस इच्छा म्रत्यु के प्रार्थना पत्र पर काफी लम्बी छोड़ी बहस छिड़ी और फिर डॉक्टरों का एक पेनल बनाया गया  अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन इस मामले में फेसला आया लेकिन इस फेसले में इंसानियत थी भारत का इंसाफ भारत का संविधान था यह फेसला रुका हुआ फेसला जरुर था लेकिन इस फेसले ने एक असहाय महिला के प्रति इस देश को निर्दयी होने से बचा लिया इस फेसले ने सरकार के इस निक्म्म्मेप्न की पोल खोल दी जहां हजारों ऐसे असहाय इलाज और रख रखाव के अभाव में तडप रहे हें जिंदगी उनके लियें मोंत से भी बदतर बन गयी हे हालात बिगड़े हुए हें और इंसानियत का जज्बा आम आदमी में तो दूर की बात सरकार में भी नहीं रही हे ऐसे में यह फेसला एक फेसला नहीं भारत में मानवता की मिसाल हे लेकिन अब सरकार क्या करती हे वोह तो दानवता की मिसाल कायम करने पर लगी हे ............ . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

akhtar khan akela

What is Following?

राजस्थान कोंग्रेस सरकार की अव्यवस्थित तीसरी हज यात्रा के लियें आवेदन मांगे

राजस्थान में नई कोंग्रेस सरकार को तीन साल पुरे होने जा रहे हें और इन तीन सालों में सरकार ने तीन बार हज यात्रियों को रवाना किया हे लेकिन सरकार की हिम्मत हे जो संवेधानिक संस्था राजस्थान हज कमेटी का अभी तक गठन नहीं किया गया हे और अब फिर से आवेदन भरना शुरू हो गये हें इसीलियें हाजी लोग फिर से परेशान होंगे . 
राजस्थान हज कमेटी तीन वर्ष से खाली हे यहाँ चेयरमेन की नियुक्ति कोंग्रेस सरकार ने नहीं की हे उसका नतीजा हर साल सामने रहता हे राजस्थान में हजारों हजार ऐसे हज यात्री हे और उनके रिश्तेदार हें जिन्हें हज कमेटी के अव्यवस्था के कारण काफी परेशान होना पढ़ा हे और आज भी सामान नहीं आने के कारण कई लोग परेशान हें हज यात्रियों को सही तरह से ठहराया या नहीं गया उनकी उड़ाने अस्त व्यस्त रहीं हाजी परेशान होते रहे और अधिकारी मजे करते रहे अब फिर वर्ष २०११ की हज यात्रियों की तय्यारी चल रही हे . 
राजस्थान हज कमेटी के अधिकारी यु  दी खान ने एक बयान जारी कर कहा  हे के इस बार के हज यात्रियों को हज आवेदन के साथ     १६ मार्च से ३० अप्रेल तक फॉर्म भरना हे इस मामले में अभी हज आवेदन नहीं आये हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान  

राहुल के खिलाफ झूंठी याचिका पर ज्रुर्माना

देश में कोई भी किसी के खिलाफ कुच्छ भी लिख देता हे कुछ भी बोल देता हे और कुछ भी आरोप लगा देता हे और राजनीति से जुड़े लोग तो इस मामले में पराकाष्ठा ही कर देते हे इसीलियें अब हाईकोर्ट को ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लियें कार्यवाही करना पढ़ी हे . 
हाल ही में कोंग्रेस के महासचिव और युवराज राहुल गांधी के खिलाफ एक परिवार की लडकी के अपहरण का आरोप लगाया गया आरोप को इतना भदा आडिय के एक पूर्व विधायक किशोर समरीते जी ने तो हाईकोर्ट में एक याचिका भी पेश कर दी बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना तुम कोण खामा खां की तर्ज़ पर प्रतुत इस याचिका में जब कथित परिवार जिसे अपहरण करने की बात कहते हुए राहुल गाँधी से उसे बरामद करवाने की बात खी गयी थी जब इस परिवार को बुलाया गया तो परिवार ने कहा के हमने तो कभी भी विधायक जी को इस मामले में कोई कार्यवाही के निर्देश नहीं दिए और ऐसी कार्यवाही भी नहीं हुई बस फिर क्या था आदरणीय हाईकोर्ट ने इन पूर्व विधायक जी की याचिका आधारहीन होने से ख़ारिज कर दी और बोगस याचिका पेश करने के कारण ऐसी याचिका पेश करने वालों को सबक सिखाने के लियें याचिका करता के खिलाफ ५० लाख रूपये का जुरमाना लगाया हे जो राहुल गाँधी ,पीड़ित परिवार और पुलिस में बनता आजायेगा . 
न्यायालय का यह आदेश इस बात का सबूत हे के अब इस तरह की याचिका पेश करने वालों की खेर नहीं हे लेकिन कई लोग जो गरीब होते हें जिनके पास सबूत और मुद्दे होते हें उनके पास याचिका पेश करने के लियें रूपये नहीं होते हें ऐसे लोगों की याचिकाएं पेश करवाने के लियें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को सरकारी स्तर पर मदद की घोषणा करवा कर एक अलग से सेल स्थापित करना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और जो लोग अवेध कार्यवाही करते हें उन्हें सबक भी मिलना चाहिए . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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