आपका-अख्तर खान

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21 मार्च 2011

मुस्लिम प्रेमी राजस्थान की कोंग्रेस सरकार

दोस्तों  कोंग्रेस सरकार जिस की नीव में सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम मतदाता होते हें और सरकार बनने के बाद कोंग्रेस कंगुरा दूसरों को बना कर मजे करवाती हे राजस्थान में कोंग्रेस सरकार किस तरह से मुसलमानों की हमदर्द हे इसकी बानगी जरा देखिये और हाँ अगर ऐसी कल्याणकारी सरकार हे तो हम कहेंगे क्या यही सरकार हे .
राज्स्र्थान में सरकार और कोंग्रेस पार्टी मुस्लिमों की हमदर्द बनने के विज्ञापन दे रही हे दिखावे के तोर पर राजस्थान में अल्पसंख्यक कल्याणकारी विभाग बनाया गया हे लेकिन मुस्लिम जज्बात के आयने में कोंग्रेस और सरकार राजस्थान में क्या हे इसकी बानगी आपके सामने पेश हे , दोस्तों करीब ढाई साल पहले राजस्थान में चुनाव हुए कोंग्रेस सरकार स्थापित हुई दो सो एम एल ऐ बने और कोंग्रेस ने उसमें से दो मुसलमान एम एल ऐ दुर्रु मिया को केबिनेट और अमीन खान  को राज्य मंत्री  बनाया जिन्हें हटा दिया गया आहे वर्तमान  में राजस्थान में केवल  एक एक मुसलमान मंत्री हे यहाँ इन  ढाई सालों  में हज कमेटी में  मुसलमान प्रतिनिधि नियुक्त नहीं  क्या मेवात बोर्ड गठित नहीं हुआ मदरसा बोर्ड जहां  से मुस्लिम प्राथमिक शिक्षा  की बुनियाद बनती  हे वहन अध्यक्ष  की नियुक्ति नहीं  की गयी अल्प संख्यक वित्त विकास निगम जहां  मुसलमानों को कारोबार  के लियें लोन दिए जाते हें हें वहां भी अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया  राजस्थान वक्फ बोर्ड पुरे आठ माह बाद घटित किया गया   लेकिन आज तक यहाँ जिला वक्फ कमेटिया भाजपा  की ही चल  रही हें जहां बंदर बाँट चल रही हे  रही हे कुल मिलाकर  मुसलमान प्रेमी इस सर्कार ने  मुसलमानों  को अंगूठा दिखाने  के आलावा और कुछ नहीं किया हे  हाँ मुसलमानों के कल्याण  की समीक्षा  के लियें पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम   की क्रियान्विति की  जो समीक्षा समितियां गठित होती हें उन समितियों का अभी आज तक प्रदेश और जिला स्टार पर गठन नहीं किया गया हे  तो जनाब ऐसी हेहमारी  मुस्लिम प्रेमी सरकार इसलियें  कोंग्रेस सरकारजिंदाबाद जिंदाबाद अब तो मुस्लमान मतदाताओं को कोंग्रेस के पाँव धोकर पीना चाहिए क्योंकि वक्फ सम्प[त्तियों पर कब्जे हें उनको मुसलमान होने के प्रमाण पत्र बनाकर देने तक में तकलीफें हें और वेसे भी सभी के नेता जो कोंग्रेस में बेठे हें इन तकलीफों को देखते हें जब उन्हें कोंग्रेस दरकिनार कर देती हे वरना वोह कोंरेस के गुलाम होते हें और फिर जब कोंग्रेस उन्हें डंडा मार कर भगा देती हे तो फिर वोह मुसलमान नेता बनने के नाम पर मुसलमानों को बरगला देने की कोशिशों में जुट जाते हें जेसे सरकारी कर्मचारी सारी जिंदगी मुसलमानों के कम करने से बचता रहेगा और फिर रिटायर होने के बाद मुसलमानों में ही बेठ कर उनकी सियासत में हिस्सेदार बनने की कोशिश करेगा वोह किसी मस्जिद में हिसाब किताब वाला सदर तो बनेगा लेकिन अगर उससे कहें के आप पेंशन भोगी हो इस मस्जिद की इमामत थोड़ा सीखकर सम्भाल लो तो वोह ऐसा नहीं करेंगे तो दोस्तों मेरी कोम का यही हाल हे आजकल जितने भी नेता और मोलाना हें वोह कोफ़ी पीते  हें  हुक्काम और अधिकारीयों के साथ बैठकर .......................... .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोबाइल सेवादाताओं की खुली लूट जारी हे

मोबाइल सेवादाताओं  की खुली लूट जारी हे उनका नारा हे राम नाम की लूट मची हे लूट सके तो लूट और इस लूट में सरकार और सरकार की सभी एजेंसियों की मों सहमती बनी हुई हे . 
सरकार ने एक तरफ मोबाइल कम्पनियों से मिलकर अरबों रूपये का टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला किया और फिर कम्पनियों को उपभोक्ताओं से लूट की छुट दे दी हे  देश में इन दिनों मोबाइल कंपनियों की लूट पर ट्राई और दूसरी एजेंसियों ने इस लूट को रोकने के लियें कोई कार्यवाही नहीं की हे टाटा हो चाहे बी एस ऍन एल हो चाहे दूसरी कम्पनियां हो सभी लोग अनचाहे कोल अनचाहे मेसेजों से जनता को दुखी किये हुए हें इतना हो तो ठीक हे लेकिन अब खुद मनमानी बिलिंग और पोस्ट पेड़ ग्राहकों से अनावश्यक मनमानी कटोती का काम तेज़ी से चल रहा हे कोई भी कम्पनी ग्राहक के रूपये डलवाते ही बिना कोल करे खत्म कर देती हे अव्वल तो इसका कोई शिकायत केंद्र नहीं हे और अगर कम्पनी तक कोई पहुंच भी जाए तो वोह कहते हें के हेड ऑफिस से बात करों हमारा कोई लेना देना नहीं हे फिर भी महीनों इस कटोती को रोकने में लग जाते हे और ग्राहक जो सेवा नहीं चाहता हे वोह सेवा उसे देकर जबरन कटोती की जाती हे शिकायत पर कहते हें के आप से गलती से कोई बटन दब गया होगा और लूट का यह सिलसिला टाटा इंडिकोम से लेकर बी एस ऍन एल सहित सभी मोबाइल कम्पनियों में तेज़ी से चल रही हे और एक दिन में विभिन्न ग्राहकों से करोड़ों रूपये इस बेईमानी से लूट कर कम्पनियां अपना घर भर रही हें और सरकार सरकार की एजेंसी ट्राई संचार  विभाग इस मामले में हमजोली बना हे और कम्पनियों से फिल गुड लेकर इसके अधिकारी मूकदर्शक बन गये हें ऐसी कम्पनियों के खिलाफ लोकल स्तर पर कार्यवाही का मंच बनना चाहिए ताकि कम्पनी के दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो सके ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में चिकित्सकों की इस्तीफे की राजनीती

राजस्थान में चिकित्सकों की इस्तीफे की राजनीती तेज़ हो गयी हे और सरकार हे के चिकित्सकों को इस राजनीति से रोक पाने में अक्षम साबित हो रही हे  .
राजस्थान में सरकार का खाकर गुर्राने वाले चिकित्सक आये दिन हडताल लड़ाई झगड़े करने लगे हें और हालत यह हें के अब तो उनके होसले इतने बुलंद हें के वोह यह सोचते हें के सरकार उने ही भरोसे चल रही हे हजारों हजार चिकित्सक सरकार की नोकरी में आने के लियें कतार में लगे हें लेकिन फिर भी चिकित्सक अपनी कथित मांगों के लियें खुद इस्तीफे देने की राजनीति करने लगे हें , चिकित्सक ऐसा इसलियें कर रहे हें के उन्हें कमजोर सरकार ने इस की छुट दी हे राजस्थान में इन दिनों जोधपुर उदयपुर कोटा जयपुर जहां  कहीं  भी हो चिकित्सक अपने इस्तीफों को जेब में लिए घूम रहे हें उनका कहना हे के सरकार को उनकी जरूरत हे उन्हें सरकार की जरूरत नहीं और इसीलियें वोह बेशर्मी से यह सब तमाशा अपने वरिष्ठ चिकित्सकों से मिलकर क्र रहे हें जनता और मरीज़ यहाँ रोज़ रोज़ के इस झगड़े से तंग आ चुकी हे लेकिन सरकार इन चिकित्सकों की ना तो मांगे मानती हे और अगर सरकार इनकी गेर कानूनी नाजायज़ मांगे मानती हे तो फिर इन मांगों के समर्थन में दिए गये इस्तीफे स्वीकार करती हे कुल मिलाकर सरकार कर्मचारियों से डर गयी हे और इसीलियें अधिकारी और कर्मचारी सरकार पर हावी हो गये हें सरकार अगर सभी चिकित्सकों के स्थायी रूप से इस्तीफे स्वीकार क्र ले तो यही चिकित्सक सरकार के आगे पीछे घुमने लगे जो चिकित्सक सरकारी चिकित्सालयों में अपि गुडविल बनाकर निजी प्रेक्टिस से लाखों रूपये महीना कमाते हें वाही चिकित्सक आज सरकार को इस्तीफे की नोटंकी कर ब्लेक मेल कर रहे हें और सरकार के पास कोई विकल्प नहीं दिख रहा हे क्योंकि इन दिनों सरकार शायद विश्व की सबसे कमजोर लाचार सरकार बन गयी हे और यहाँ इसीलियें अराजकता की स्थिति हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

परमोशन के लियें खुद को गोली मारी

राजस्थान में एक सिपाही गन में ने खुद को जल्दी परमोशन दिलवाने के एक फार्मूले के तहत खुद को ही गोली मार ली और फर्जी मुठ भेढ़ की कहानी रच डाली लेकिन पकड़े गये गुलफाम जी . 
राजस्थान में पूर्व विधायक सुरेन्द्र राठोड के सुरक्षा गार्ड पुलिस कर्मी महेश राज गुरु ने एक कहानी गढ़ कर मुठ भेढ़ में खुद को घायल  होना बताया और बाद में जब पुलिस पूंछ ताछ हुई तो पता चला के इन जनाब ने खुद के ही सर्विस रिवोल्वर से खुद के गोली मार ली वोह चाहता था के इस गोली लगने के बाद उसे बहादुरी के नाम पर सरकार गेलेंत्री अवार्ड दे देगी लेकिन सरकार ने तो इसकी जांच  करवा डाली और जांच में पता चला के साडी खाने फर्जी थी खुद गन में ने ही खुद के गोली मार ली थी और पुलिस ने इस जवान के घर से मादक पदार्थ भी बरामद किये हे . अब जो जवान झूंठ का सहारा लेकर खुद को घायल कर पदोन्नति चाहता था आज वोह बेचारा खुद पुलिस गिरफ्त में हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में अब मोतों पर सियासत

राजस्थान में अब मोतों पर सियासत का सिलसिला चल गया हे हाल ही में पिछले दिनों सवाईमाधोपुर मान्टा उन इलाके में थानाधिकारी फुल मोहम्मद को आत्मदाह करने वाले राजेश मीणा को जिंदा बचाने का प्रयास करते वक्त कुछ लोगों ने ज़िंदा जला दिया था लेकिन इन दो मोतों के बाद सियासत तेज़ हो गयी हे .
इन मोतों के बाद पहले त्योहारों की सियासत हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रित्प्क्ष नेता वसुंधरा सिंधिया ने त्यौहार नहीं बनाये और इधर सीकर में लोगों में नाराज़गी हे वहां फुल मोहम्मद के शव को जिस तरह से जीप से भेजा गया केवल दो सिपाही साथ थे अंतिम संस्कार में कोई मंत्री शामिल नहीं था और मुकदमा हत्यारों के खिलाफ जिस लापरवाही से दर्ज किया गया किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया उससे सभी लोग सरकार को सीधा दोषी करार दे रहे हें इधर स्थानीय विधायक अलाउद्दीन आज़ाद जो कोंग्रेस के विधायक हे वोह भी इस मोंत पर सियासत करने से नहीं चुक रहे हें वोह अपनी बेबसी बताते हुए कहते हें के मेने तो छ माह पहले ही गृहमंत्री शान्ति धारीवाल और मुख्यमंत्री से कह दिया था के फुल मोहम्मद थानेदार को यहाँ से हटाओ वरना इसे लोग मार देंगे और फिर एक सुनियोजित साज़िश के तहत उसकी हत्या भी कर दी गयी अब जो लोग अपराधी बनाये गये हें वोह पकड़े नहीं गये इन विधायक जी के इलाके के वोटर हे इसलियें एक हफ्ते बाद कोंग्रेस सत्ता पक्ष के विधायक ने खुद की सरकार की जाँच पर नाराज़गी और अविश्वास जताते हुए इस पुरे मामले की जांच सी बी ई से करवाने की मांग कर डाली हे .
इधर एक नोजवान मृतक राजेश मीणा का शव आज तक उसके परिजनों ने नहीं लिया हे और उसका पोस्ट मार्टम तक नहीं हो सका हे माधोपुर में शव  को रखने का इन्तिज़ाम नहीं हे इसलियें राजेश मीणा के शव को कोटा भेजा गया हे जहां अस्पताल में यह शव सुरक्षित तरीके से कड़े पहरे में रखा गया हे राजेश मीणा के परिजनों और समाज से जुड़े लोगों की मांग हे के राजेश को भी शहादत का दर्जा दिया जाए और जो सहायता घोषणा शहीद पुलिस अधिकारी फुल मोहम्मद के लियें की गयी हे व्ही सहायता इस म्र्तक के परिजनों को भी दी जाए कुल मिलाकर अब इन मोतों पर राजस्थान में सियासत तेज़ हो गयी हे और गहलोत विरोधी कोंग्रेसी अब सर उठाने लगे हें भाजपा को चाहे कोंग्रेस ने इस मामले में एडजस्ट  कर लिया हो लेकिन जाती समाज के नाम पर तो इस दर्दनाक हादसे और क्रूरतम हत्या के मामले में यहाँ सियासत तो तेज़ हो ही गयी हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अँधेरे में घुटते देखा हे .....

यह 
आफ़ताब 
जिससे 
रोशन हे 
आज जमाना 
हां इसी को 
हमने 
अंधेरों में 
घुटते देखा हे .............. 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नेकी का यही नतीजा हे

यह 
यह कलियुग हे यारों 
यहाँ तूफ़ान में 
जिन डूबने वालों को 
तुम ने बचाया हे 
आज वही 
सामने खड़े हें 
तुम्हें डुबोने के लियें ..................... 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तेरा गुरुर ..........

तुझे 
यह गुरुर 
के में तुझ से 
मांगूंगा 
प्यार की भीख 
मुझे भी यह जिद हे 
के मांगना 
मेरा उसूल नहीं ................. . 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वेस्ट ज़ोन नेशनल न्यायिक कोंफ्रेंस २५ से

वेस्ट ज़ोन नेशनल न्यायिक कोंफ्रेंस २५ से २७ तक जयपुर राजथान में होने जा रही हे इस कोंफ्रेंस का नोडल अधिकारी आवश्कता आपूर्ति अधिनियम विशेष न्यायधीश उमाशंकर शर्मा को बनाया गया हे .
देश भर में न्यायिक गुणवत्ता और फ़सलों में एक दुसरे से ज्ञान और अनुभव के आदान प्रदान को ध्यान में रखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिकारीयों ने गुजरात , मध्य प्रदेश ,राजस्थान के न्यायिक अधिकारीयों की यह सेमिनार आगामी २५ से २७ मार्च तक जयपुर में आयोजित की हे . न्यायिक अधिकारीयों की इस सेमीनार में भी न्यायिक अधिकारीयों  को न्याय से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर अनुभवों के अदन प्रदान के लियें एकत्रित किया गया हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

विश्व जल दिवस

 जल हे तो कल हे , बिन पानी सब सुन ,बूंद बूंद बचाओ जिंदगी पाओ जेसे नारे हमारे देश में फेलाने के लियें हमारे देश के नेता इन पर विज्ञापनों पर अरबों रूपये खर्च कर चुके हें और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस चिन्तन के लियें विश्व जल दिवस २२ मार्च को मनाने की घोषणा की हे और इसीलियें कल मंगलवार को जल दिवस हे . 
दोस्तों भारत देश क्रषि प्रधान देश हे और इसीलियें पानी पर ही यह देश निर्भर हे यहाँ खेती को जान इसीलियें खा जाता हे के पानी आया तो आया नहीं आया तो नहीं आया वैज्ञानिकों का कहना हे के कल जहां हिमालय हे वहां समुन्द्र और जहां समुंदर हे वहां पहाड़ थे यहाँ पानी बरसे तो बाढ़ आ जाए नहीं बरसे तो अकाल आ जाए समुन्द्र जहां हे वहां सुनामी और ज्वार भाटा आता हे . 
खेर यह तो हुई पानी की बात लेकिन पानी आँख का पानी इंसान का पानी पानी होना ऐसी कहावतें हें जो चरित्र से भी जुडी हुई हे हम चिंता करते हें कल के लियें लेकिन जहां रेगिस्तान हे वहां आज बढ़ आती हे जहां बढ़ आती थी वहन आज सुखा हे जहाँ कुए पानी उगलते थे वहां सेकड़ों मीटर नीचे भी पानी नहीं हे अब देखलो आखिर पानी की क्या अहमियत हे इसलियें दोस्तों विश्व जल दिवस पर हम पानी को बचाने और फ़िज़ूल नहीं बहाने का संकल्प ले ही डालें ......................................... . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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