आपका-अख्तर खान

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28 मार्च 2011

ऐ धरती माँ ..................

ऐ धरती माँ 
में भी तेरा लाल हूँ 
माँ की कोख से 
तो जन्मा हूँ 
बस 
बचपन से 
तेरे आँचल से लिपट कर 
तुझ में मिलकर खेला हूँ 
तेरी हिफाजत के लियें 
बंदूक मेने उठाई हे 
कई बार मेने 
तेरी हिफाजत करते 
चोट भी खाई हे 
मेरे बुजुर्गों ने 
तेरी आन बान शान के लियें 
अपनी जान गंवाई हे 
ऐ धरती माँ 
तू ही बता 
क्या यह सच हे 
कुछ लोग हें 
जो खुद को 
तेरा अपना खास बेटा कहते हें 
यह वोह लोग हें 
जो तेरी सुख शांति एकता अखंडता का 
सोदा करते हें 
यह कहते हें 
के तेरी वोह दोगले इंसान ही 
असली सन्तान हे 
और हमें कहते हें 
के तुम माँ के बेटे नहीं 
तुम तो सोतेली सन्तान हो 
ऐ धरती माँ 
तू ही बता 
एक धरती एक देश एक योजना एक कानून 
फिर हमारे साथ दोहरा सुलूक 
तो क्या 
हम मानलें 
के हम 
तेरी सोतेली सन्तान हें 
देख माँ 
में तुझे बता दूँ 
जब हम बीमार होते हें 
जब हमारे पास पानी नहीं होता हे 
तब हम 
तेरी इस मिटटी को 
अपने चेहरे और हाथ पर 
तेहम्मुम यानी वुजू कर लेते हें 
इसी मिटटी को रगड़ कर 
खुद को पाक कर लेते हें 
और तेरी ही आँचल पर 
बेठ कर 
अपनी नमाज़ पढ़ लेते हें 
ऐ धरती माँ 
मरते हें जब हम 
तब भी तेरी ही गोद में 
हम खुद को छुपा कर सुला देते हें 
तुझ से इतना प्यार 
तुझ पर इतना अटूट विशवास 
तो फिर यह 
दुसरे लोग जो 
तुझे लुटते हें तेरी धरती पर माँ बहनों की अस्मत लुटते हें 
निर्दोषों का कत्ल करते हें 
विश्वास घात ,भ्रष्टाचार करते हें 
ना तुझ में मिलते हें ना तेरी गोद में सोते हें 
फिर तू ही बता 
यह लोग 
केसे और केसे
तेरी सन्तान हो सकते हे ..
तेरी सन्तान हो सकते हें 













............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाडोती में पीलिया का प्रकोप शुरू

राजस्थान के हाडोती में पीने के गंदे पानी की सप्लाई के चलते हाडोती सम्भाग में पीलिया के रोगी बढ़े हें और यहाँ इनके पर्याप्त इलाज की कोई व्यवस्था नहीं हे . 
कोटा जो चम्बल तट पर बसा हे यहाँ चम्बल का पानी अम्रत कहा जाता हे लेकिन इन दिनों यही पानी जलदाय विभाग  की लापरवाही के कारण गरीब जनता के लियें जहर बन जाता हे हालत यह हें के नलों से गदला पानी आ रहा हे क्लोरिन कितना डाला जा रहा हे इसकी जानकारी नहीं हे सप्लाई अस्तव्यस्त हे और जो स्थिति कुओं ,हेंड पम्पों और वैकल्पिक स्त्रोतों की हे वोह सब जानते हें सभी घरों में एक्वा  गार्ड सम्भव नहीं हे इसीलियें बिना प्योरिफाई किये हुए जल वितरण से जनता की जान पर बन आई हे , सरकार ने इस मामले से निपटने के लियें अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई हे जबकि चिकित्सकों ,जलदाय विभाग , अधिकारीयों की कई बार इस मामले में बैठकें आयोजित हो चुकी हे आज कोटा की हर बस्ती से पीलिया के मरीज़ चिक्तिसालय में जा रहे हें दूर दराज़ बूंदी झालावाड बारां से भी पीलिया बिगड़ने पर मरीज़ कोटा अ रहे हें पीलिया हाडोती में एक खतरनाक बीमारी हे और यहाँ हर साला इस बीमारी से बेहिसाब मोतें होती हे कारण साफ़ हे एक तो गरीबी , महंगा इलाज और दुसरे चिकित्सकीय लापरवाही इसके अलावा एक महत्वपूर्ण कारण यह भी हे के यहाँ अधिकतम लोग पीलिया को मतर्वाने देसी इलाज से ठीक करवाने और झाड फूंक करवाने का भी अन्धविश्वास रखते हे और इसी कारण कई लोग डॉक्टरों की दवाएं तक नहीं लेते हें बाद में खुद पानी बनने पर उनकी मोत हो जाती हे . 
कोटा में इस मामले में जलदाय विभाग और चिक्तिसा विभाग को प्रशासन से मिलकर एक कार्य योजना तय्यार करना होगी जलदाय विभाग यानि सरकारी पानी की शुद्धता पर विदेशियों का जो विश्वास हे उसका एक उदाहरण पेश कर रहा हूँ हमारे एक सिविल के जानकार वकील जिनका लडका विदेश में गया और वहां कनाडा मेमे से विवाह रचा लिया वोह जब वापस इंडिया कोटा आया तो एक बच्चा भी साथ था यहाँ उसका जन्म दिन का कार्यक्रम था कोटा गढ़ पेलेस में स्थित एक होटल में समारोह था वहां प्योरिफाई पानी के महंगे टेंकर थे लेकिन जब वेदेशी कनाडियन में के बच्चे को प्यास लगी तो वोह इस महंगे पानी के चोचले को छोड़ कर वेहर इस दी गवर्मेंट टेप यानी उन्हें सरकारी नल की तलाश थी और वोह इसलियें के उनकी केनेडियन समझ के हिसाब से सरकार के नल का पानी ही प्योरोफाई होता हे और दुसरा पानी खराब होता हे लेकिन यहाँ मामला उल्टा हे सरकार के पानी पर भरोसा बेवकूफी हे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जेन धर्मावलम्बियों ने किया १०८ कलशों का महामस्ताभिषेक

राजस्थान और फिर राजस्थान में हाडोती हाडोती में कोटा जेन धर्मावलम्बियों का तीर्थ बनता जा रहा हे यहाँ से पास में ही श्री महावीरजी हे तो दूसरी तरफ खानपुर चान्द्खेदी हे कोटा में भी जेन धर्मस्थलों की भरमार हे यहाँ कल आदिनाथ जयंती पर जेन धर्मावलम्बियों ने १०८ कलशों का महामस्ताभिषेक किया हे . 
कल कोटा में जेन श्रद्धालुओं ने भक्ताम्बर विधना प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए ४८ कलश और ४८ श्रीफल चढा कर म्हाम्स्ताभिशेक किया . जेन धर्मावलम्बियों के अनुसार आचार्य मांगी तुली को एक दुष्ट राजा ने केद कर लिया था और फिर उन्हें ४८ तालों में केद किया था कहते हें के इस अवसर पर महाराज ने भक्ताम्बर स्त्रोत की रचना की थी जो बाद में महाकाव्य स्तुति के रूप में प्रसिद्ध हे जेन मुनि महाराज ने इस अवसर पर जब भगवान की स्तुति की तो खुद बा खुद जेल के सभी ४८ ताले खुल गए और यह देख खुद दुष्ट राजा भी भोचक्का रह गया तब से ही म्हाम्स्ताभिशेक भक्ताम्बर स्त्रोत महाकाव्य रचना का चलने हे जो दुष्टों द्वारा दिए गये दुखों को दूर करता हे ऐसी मान्यता हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अस्पताल के मेडिकल में भी धांधली

अस्पताल के मेडिकल में भी धांधली चलती रहती हे और शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती इसका उदाहरण कोटा के सरकारी चिकित्सालय जे के लोन जहां मासूम बच्चों और गर्भवती महिलाओं का इलाज होता हे वहां इस तरह की गड़बड़ियां मासूमों के साथ खिलवाड़ हे हाल ही में राजस्थान में जोधपुर प्रसुताओं की मोत का मामला  सबके सामने हे जिसमें २८ प्रसुताओं की मोत हो गयी .
फिलहाल इस मेडिकल स्टोर में सरकारी सप्लाई और मरीजों को दवा विक्रय करते वक्त सही बिल नहीं काटने एक्सपायरी अंकित नहीं करने और दूसरी अनियमितताओं के मामले में प्रथम स्तर पर  दोषी मान कर उसका लाइसेंस निलम्बित कर दिया हे लेकिन एक सरकारी चिकित्सालय में एक विश्वास को तोड़ कर मरीजों को दवाओं में घपलेबाजी कर जब दवाएं बेचीं जा रही हों और बाहर से दवाएं आ रही हों तो मरीज़ के स्वास्थ की क्या गारंटी हे इस घोटाले में जे के लोन अस्पताल के कई चिकित्सकों के शामिल हुए बगेर यह सम्भव नहीं हे इसलियें इसकी जांच निष्पक्ष की जाकर मामला पुलिस में दर्ज होना चाहिए लेकिन चिकत्सकों को बचाने के लियें अस्पताल अधीक्षक ने और दवा निरीक्षक ने इस मामले में अभी तक कोई प्रथम सुचना रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं करवाई हे जबकि पिछले दिनों इस अस्पताल में कई प्रसुताएं और मासूम  बच्चे बेमोत मारे जा चुके हें और इन घटनाओं के बाद डॉक्टरों परिजनों के बीच महासंग्राम भी हुआ हे लेकिन सरकार और सरकार के अधिकारी अब चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं को बचाने के लियें लीपापोती में लग गये हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रिकेट में हार का डर सता रहा हे पाकिस्तान को

आगामी तीस मार्च को चंडीगढ़ माहोली में होने वाले भारत पाकिस्तान क्रिकेट महा संग्राम में पकिस्तान ने अभी से ही लगभग हार मान ली हे यही वजह हे के पाकिस्तान के गृहमंत्री को पाकिस्तान टीम को चेतावनी देना पढ़ी हे के मेच फिक्सिंग मत कर लेना इधर क्रिकेट के नाम पर अरबों रूपये का सत्ता चल रहा हे जिसमें से कई स्थानों पर लाखों के सट्टे पकड़े भी जा रहे हें .
आगामी तीस मार्च को माहोली में किरकेट खिलाड़ियों का मनोबल बढाने के लियें देश के प्रधानमन्त्री सहित कई उच्च मंत्री और अधिकारी उद्ध्योग्पति वहां मोजूद रहेंगे इस अवसर पर महोली में सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त किये गए हें . वेसे तो भारत और पाकिस्तान क्रिकेट महासंग्राम को लेकर अंतर राष्ट्रीय  स्तर पर लोगों में असमंजस हे लेकिन इस बार भारत ने पकिस्तान को क्रिकेट में करारी हार देने की तय्यारी कर ली हे और फिर भारत में क्रिकेटर्स के साथ जनता की दुआएं भी चल रही हे ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पीराने पीर दस्तगीर या गोस पाक की फातिहा का महीना हे

दोस्तों हमारा देश गंगा जमनी संस्क्रती की बेमिसाल संस्क्रति हे इसीलियें सभी को एक दुसरे के धर्म के बारे में जानकारियाँ होना चाहिए ताके एक दुसरे से मिलकर सभी देशवासी आपस में प्रेम सद्भावना और भाईचारे का हाथ बढ़ाएं .
अभी मुसलमानों के लियें फातिहा ख्वानी का महीना ग्यारवीं के  नियाज़   का महीना चल रहा हे इस महीने को आम तोर पर ग्यारवीं के महीने के नाम से ही जाना जाने लगा हे वेसे इस्लाम में इस महीने को रबीउल सानी का महीना कहते हें जो रबीउल अव्वल के बाद आता हे , दोस्तों इस महीने में पीराने पीर दस्तगीर या गोस पाक अब्दुल कादर जिलानी को भी याद किया जाता हे और उनकी याद में ही फातिहा का दोर चलाया जाता हे , इस्लामिक इतिहास के अनुसार लगभग सातवीं सदी में इराक के बगदाद के पास एक गाव जिलानी में अब्दुल कादर जिलानी ने जन्म लिया और इन्होने माँ के पेट में ही कुरान शरीफ हिफ्ज़ कर लिया यानि माँ के पेट में ही इनकी इस्लामिक तालीम पूरी हो चुकी थी और इसीलियें यह जन्म से ही बालपन में सत्य ,अह्निसा और इमानदारी का पाठ पढाने निकल चले थे इनकी इस शोहरत को देख कर सभी पीरों ने इन्हें अपना पीर यानि पिराने पीर दस्तगीर मान लिया था , एक बार बालपन में जब इनकी माँ ने इन्हें इनके कम्बल और कमरी में पढाई के खर्चे के लियें दीनारें सी कर काफिले के साथ भेजा तो रास्ते में काफिले को लुटेरों ने लुट लिया सभी की तलाशी लेकर उनके सामान लुट लिए तब यह खुद  लुटेरों के सरदार के पास गए और उन्होंने कहा के मुझे भी मेरी माँ ने कमरी और कम्बल में दीनारें सीकर दी हें लुटेरों के सरदार ने तलाशी ली और दीनारें देखकर कहा के तुम तो यह बचा सकते थे फिर खुद क्यूँ यह राज़ बताया तब या गोस  पाक ने कहा के यह मेरी माँ और इस्लाम की शिक्षा हे के जान  चली जाये लेकिन सच नहीं जाना चाहिए बस उस लुटेरों के कबीलों ने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया . 
पिराने पीर दस्तगीर गरीबों के हमदर्द और इनको खुदा ने इल्म बख्शा था के यह अपनी ठोकर से मुर्दों को ज़िंदा कर दिया करते थे यह बारह माह रोज़े रखा करते थे और इबादत ऐसी के रात को इशां की नमाज़ के वुजू से सुबह फज्र की नमाज़ पढ़ लिया करते  थे इनकी इसी इबादत पाकीजगी की वजह थी के हर रोज़ रोज़े अफ्तार के वक्त बादशाह, अमीर  और गरीब इनके आगे लज्जतदार पकवान सजा कर रखते थे लेकिन यह सिर्फ किसी गरीब की दी हुई पिंड  खजूर से रोजा अफ्तारते थे एक दिन एक बादशाह ने झल्लाकर उनसे इस उपेक्षा का कारण  जानना चाहा तो या  गोस पाक ने एक हाथ में बादशाह की रोटी और एक हाथ में गरीब की रोटी लेकर उसे जोर से रस निकलने के लियें दबा दिया तब बादशाह की रोटी में से तो खून रिसने लगा और गरीब की रोटी से पानी बह रहा था बस बादशाह समझ गया और उस दिन से उसने गरीबों पर ज़ुल्म करना बंद कर दिया ऐसे पाक गोस पाक की याद में इस माह को पर्यायवाची के रूप में ग्यारहवीं के महीने के नाम से भी जाना जाता हे इस महीने में सभी लोग फातिहा दिलाकर गरीबों को अच्छा खाना बना कर खिलाते  हें वोह बात और हे के इस रिवाज को इस फातिहा को अमीरों ने इन दिनों आपस में एक दुसरे अमीर और रिश्तेदारों को दावत देने और खाना खिलाने का फेशन बना लिया हे लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे हें जो इन दिनों में केवल गरीबों को ही दावत देकर खाना खिलाते हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मनोरोग मरीजों के लियें चिकित्सालय

राजस्थान में चिकित्सा क्षेत्र खासकर मनोरोग  चिकित्सा के लियें एक अच्छी खबर हे यहाँ सरकारी स्तर पर एक चिकित्सालय खोलने की योजना हे जिसमें दवाएं जांचें वगेरा सब सरकार के खर्चे पर ही होगी यह घोषणा डॉक्टर अशोक पानगडिया  ने की . 
राजस्थान के मशहूर  डॉक्टर अशोक पानगडिया इन दिनों राज्य योजना आयोग के सदस्य हे और इसीलियें उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में सरकार को यह व्यवस्था करने का सुझाव दिया हे जो काफी हद तक मान भी लिया गया हे पानगडिया सहित कई विश्व के मशहूर चिकित्सक कोटा में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन में भाग लेने आये हें और यहाँ सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात  चीत में डॉक्टर पानगडिया ने यह जानकारी दी , दूसरी तरफ देश के चिकित्सा क्षेत्र में केरल के एक ऍन आर आई चिक्तिसक ने कई अरब रूपये भारत की चिकित्सा मदद के लियें खर्च करने का एलान किया हे विश्व में चिकित्सा क्षेत्र में एक अच्छा बढ़ा नाम कमाए वाले केरल के मूल इन चिकित्सक महोदय ने देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा क्षेत्र में अरबों रूपये खर्च करने का एलान किया हे इसलियें आज का अदीन चिकित्सा को समर्पित दिन ही कहा जा सकता हे खुदा करे देश के और विश्व के कई चिकित्सक और धनवान लोग भारत के विभिन्न बिमारियों से ग्रसित मरीजों के लियें मुफ्त में इलाज करने का ज़िम्मा  उठायें ताके देश में जो गरीब लोग देश की सरकार की लापरवाही और पेचीदगियों के चलते बिना दवाओं और इलाज के बेमोत मरे जाते हें उनकी मोतों पर काबू पाया जा सके . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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