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29 मार्च 2011

एशिया भ्रस्टाचार में भारत चोथे नम्बर पर

एशिया भ्रस्टाचार में भारत चोथे नम्बर पर आ गया हे और भ्रस्ताचार की इस कहने में मनमोहन सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रस्टाचार को लेकर ही भारत इस पायदान पर पहुंचा हे सरकार ने इस खबर को सेंसर करने का प्रयास किया  लेकिन यह जनता हे सब जानती हे और खबर बाहर आ गयी . 
हांगकांग की एक सर्वेक्षण संस्था ने एशिया के सोलह देशों में भ्रस्ताचार की स्थिति का अध्ययन किया तो भारत का स्थान चोथा बन  गया इस संस्था का कहना हे के भारत में पहले कम भ्रस्ताचार था लेकिन यु पी ऐ सरकार के चलते यहाँ चप्पे चप्पे पर भ्रस्टाचार होने से भारत अचानक भ्रष्ट  देशों की सूचि में चोथे नम्बर पर आ गया हे , अब देख लें जब हमारा देश दिन बा दिन भ्रस्टाचार की पायदान पर नाम कम रहा हो तो यहाँ के नेता और अधिकारी कर्मचारी इसे पनपाने के लियें किस हद तक इस भ्रस्टाचार को बढ़ावा दे रहे होंगे  अब तो इस देश की जनता का भगवान ही मालिक हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकार की सुप्रीम कोर्ट से भी चालबाजी

देश के भ्रष्ट सुप्रीमों जो सरकार के मंत्रियों रिमोट कंट्रोलरों के हमजोली बने हें उन्हें बचाने के लियें सर्कार देश की जनता के साथ तो उन्हें खून के आंसू रुला कर नंगा खेल खेलती ही रही हे लेकिन अब सरकार की हदें देखो के उसने बेईमान लोगों को बचाने के लियें सुप्रीमकोर्ट से भी आँख मिचोली का खेल खेलना शुरू कर दिया हे और सरकार की इन चालबाजियों से अब सुप्रीम कोर्ट भी देश की जनता की तरह तंग आ गयी हे इसीलियें अब सुप्रीमकोर्ट सभी मर्यादाएं ताक में रख कर एक आम आदमी की तरह सरकार पर खीजने लगी हे .
जी हाँ दोस्तों यह एक कडवा सच हे यही सुप्रीमकोर्ट जब ही आम आदमी सुप्रीमकोर्ट के पास भ्रस्ताचार की शिकायतें लेकर जाता था तब यही सुप्रीमकोर्ट जुर्माने से उनकी याचिकाओं  को ख़ारिज कर दी गयी हे लेकिन कहते हें के दर्द का हदसे बढना दवा हो जाता हे और हमारे देश में भी यही हुआ यहाँ यहाँ भ्र्स्थाचार जब चरम सीमा पर पहुंच गया विभिन्न पहलुओं से सरकार ने भ्रस्ताचार और सरकार के खेल को देख लिया तो सुप्रीमकोर्ट को काले धन की सूचि को सार्वजनिक करने के आदेश देना पढ़े लेकिन यह तो सरकार हे उसने सुप्रीमकोर्ट के इन आदेशों को ठुकरा दिए बार बार आदेश देने पर भी इस आदेश की पलना नहीं की गयी . 
देश के खरबों रूपये का गबन करता आरोपी हसन अली को रस्मन पकड़ा गया और  प्रवर्तन निदेशालय ने हाथ ऊँचे कर दिए कोई सुबूत पेश नहीं किये गए मजबूरी में डंके की चोट पर हसन अली को जमानत मिली लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस गोरख धंधे को समझ गया था इसीलियें हसन अली की जमानत ख़ारिज कर उसे हिरासत में भेजा गया कार्यवाही पर खुद ने निगरानी रखी एक दिन दो दिन बस तिन दिन में ही सुप्रीम कोर्ट की समझ में आ गया के यह न्याय नहीं राजनितिक खेल हे हसन अली और उसके साथियों को बचाने की कोशिशें की जा रही हें और जनता के साथ सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह किया जा रहा हे इसलियें सुप्रीम कोर्ट को चीख कर कहना पढ़ा यह क्या तमाशा हे यह क्या हो रहा हे एक आदमी से आज तक साथियों की जानकारी नहीं ली गयी हसन अली के अलावा आज तक और दुसरे लोग परदे में क्यूँ रखे जा रहे हें सुप्रीम कोर्ट ने निदेशालय की इस कार्यवाही पर अविश्वास जताते हुए एस आई टी विशेष दल के गठन के आदेश दिए हें कलि सूचि वाले कोन हें उन्हें सार्वजनिक रूप से जनता के सामने लाने के निर्दश दिए हें लेकिन मेने गिना हे सुप्रीम कोर्ट ने इस नकटी सरकार को १७ बार कठोरता से इस तरह के आदेश दिए हें लेकिन एक आदेश की भी सरकार ने पालना नहीं की हे अब जब सुप्रीम कोर्ट को सरकार ने अंगूठा दिखा रखा हे तो फिर आम जनता का तो क्या हाल होगा अंदाजा लगाया जा सकता हे खुदा खेर करे ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जान भी लेता हे यह रुपट्टा मलमल का

जी हाँ दोस्तों रुपट्टा मल मल का दिखने में चाहे कितना ही खुबसूरत और कितना ही नाज़ुक हो लेकिन कमबख्त यह रुपट्टा भी अचानक किसी लापरवाह की मोत का कारण बन सकता हे इसलियें इस रूपटेटे  को जरा सम्भाल कर रखें यह कब बेवफा होकर आपकी जान का दुश्मन बन जाए कहा  नहीं जा सकता .
कोटा में कल लाल्बुर्ज सराय का स्थान से एक कायस्थ दम्पत्ति मोटर साइकल पर हंसी ख़ुशी स्टेशन पर निकले और वापसी में जब नयापुरा से गुज़र रहे थे तो पत्नी अंजली माथुर जो पीछे बेठी थीं उनका रुपट्टा एक दम निचे गिरा और पीछे के पहिये में उलझ गया बस जो रुपट्टा उन्होंने अपना सर ढकने के लियें था अवाही रुपट्टा उनके लियें कफ़न बन गया उनका गला घुटा निचे गिरीं और थोड़ी सी देर में जान ढेर हो गयी जो पति पत्नी हंसी ख़ुशी वापसी का कहकर गये थे उनमे से पति रोता बिलखता और पत्नी का शव घर पहुंचा तो दोस्तों यह हे इस ज़ालिम रुपट्टा का दर्दनाक किस्सा इसलियें अपनी माताओं बहनों से गुजारिश हे के वोह जब भी दुपहिया वाहन पर बेठें क्रप्या अपना ज़ालिम रुपट्टा जरुर संभाल लें ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ धरती माँ ..................

ऐ धरती माँ ..................

ऐ धरती माँ 
में भी तेरा लाल हूँ 
माँ की कोख से 
तो जन्मा हूँ 
बस 
बचपन से 
तेरे आँचल से लिपट कर 
तुझ में मिलकर खेला हूँ 
तेरी हिफाजत के लियें 
बंदूक मेने उठाई हे 
कई बार मेने 
तेरी हिफाजत करते 
चोट भी खाई हे 
मेरे बुजुर्गों ने 
तेरी आन बान शान के लियें 
अपनी जान गंवाई हे 
ऐ धरती माँ 
तू ही बता 
क्या यह सच हे 
कुछ लोग हें 
जो खुद को 
तेरा अपना खास बेटा कहते हें 
यह वोह लोग हें 
जो तेरी सुख शांति एकता अखंडता का 
सोदा करते हें 
यह कहते हें 
के तेरी वोह दोगले इंसान ही 
असली सन्तान हे 
और हमें कहते हें 
के तुम माँ के बेटे नहीं 
तुम तो सोतेली सन्तान हो 
ऐ धरती माँ 
तू ही बता 
एक धरती एक देश एक योजना एक कानून 
फिर हमारे साथ दोहरा सुलूक 
तो क्या 
हम मानलें 
के हम 
तेरी सोतेली सन्तान हें 
देख माँ 
में तुझे बता दूँ 
जब हम बीमार होते हें 
जब हमारे पास पानी नहीं होता हे 
तब हम 
तेरी इस मिटटी को 
अपने चेहरे और हाथ पर 
तेहम्मुम यानी वुजू कर लेते हें 
इसी मिटटी को रगड़ कर 
खुद को पाक कर लेते हें 
और तेरी ही आँचल पर 
बेठ कर 
अपनी नमाज़ पढ़ लेते हें 
ऐ धरती माँ 
मरते हें जब हम 
तब भी तेरी ही गोद में 
हम खुद को छुपा कर सुला देते हें 
तुझ से इतना प्यार 
तुझ पर इतना अटूट विशवास 
तो फिर यह 
दुसरे लोग जो 
तुझे लुटते हें तेरी धरती पर माँ बहनों की अस्मत लुटते हें 
निर्दोषों का कत्ल करते हें 
विश्वास घात ,भ्रष्टाचार करते हें 
ना तुझ में मिलते हें ना तेरी गोद में सोते हें 
फिर तू ही बता 
यह लोग 
केसे और केसे
तेरी सन्तान हो सकते हे ..
तेरी सन्तान हो सकते हें 













............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जिस राजस्थान को खून से सींचा हे आज इस राजस्थान का स्थापना दिवस हे

जिस राजस्थान को खून से सींचा हे आज इस राजस्थान का स्थापना दिवस हे लेकिन अफ़सोस के यह दिवस आज तो क्रिकेट की भेंट चढ़ गया दुसरे सरकार ने इस दिन को अब गम्भीरता से लेना छोड़ कर केवल रस्म निभाने तक ही सिमित कर दिया हे एक छोटी गोष्ठी एक प्रदर्शनी और अख़बार में छोटी सी खबर बस हो गया राजस्थान स्थापना दिवस . 
दोस्तों राजाओं का यह स्थान जहां २२ रियासतों ने अपना खून बहाया हे आज़ादी की लढाई में अंग्रेजों के आगे कुछ्ने घुटने टेके तो कुछ ने जान गंवाई हे कहते हें के राजस्थान में जिस राजा के पास बेहिसाब सम्पत्ति और अपने दुर्ग भवन हें वोह कहीं ना कहीं अंग्रेजों की गुलामी में थे लेकिन टोंक और आदिवासी क्षेत्रों सहित कई ऐसी जगह भी हें जहां आज ना तो दुर्ग हे ना किला हे और ना ही वहां के नवाब राजा बहुत अधिक सम्पन्न हे ऐसे में यही वोह लोग थे जो अंग्रेजों के खिलाफ थे और इसीलियें इन्होने मरते दम तक गुलामी स्वीकार नहीं की और गरीब बने रहे . 
आज कहने को तो राजस्थान स्थापना दिवस हे लेकिन सभी राजा महाराजा जो अंग्रेजों के रक्षक और आज़ादी के भक्षक थे वोह सभी अपने अपने इतिहास रुपयों से लिखवाकर आज महान बन गये हें लेकिन कर्नल तोड़ और दुसरे इतिहासकारों ने राजस्थान के इन दलालों की पोल खोल कर रख दी हे कोटा पर अंग्रेजों को भगा कर जनता ने कब्जा किया मेहराब खा और लाला हर दयाल का इतिहास कोटा में सिर्फ इसीलियें गम कर दिया गया के कहीं इस इतिहास से राजाओं की देश के साथ गद्दारी और अंग्रेजों की गुलामी के किस्से आम ना हो जाएँ यहाँ मेहराब खान शहीद के मजार पर फुल चढाने पर पहरे इसलियें लगा दिए जाते हें के कहीं मेहराब खान के नाम से राजा रजवाड़ों की अन्रेजों की दलाली और देश से गद्दारी का इतिहास ना खुल जाये ऐसे हजारों किस्से  हे जो राजस्थान की कोख में छुपे हें हें .
३० मार्च १९४९ को देश के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जब राजस्थान के २२ रियासतों को मिलाकर एक राजस्थान की घोषणा करके गये तो सबसे पहले कोटा रियासत ने राजस्थान में शामिल होने की पहल कर राजस्थान की स्थापना की बुनियाद में अपनी भूमिका निभाई और इसीलियें राजस्थान की पहली राजधानी कोटा को बनाया गया कोटा के दरबार को यहाँ का राज्यपाल बनाया गया , राजस्थान की स्थापना में टोंक रियासत ने अपना सब कुछ राजस्थान सरकार को समर्पित कर दिया और खुद फकीर हो गये , राजस्थान की इस लड़ाई में अंग्रेजों ने यहाँ की जनता पर काफी ज़ुल्म भी ढहाए हें यहाँ  बांसवाड़ा में १५०० आदिवासियों ,सिरोही में २५०० लोगों का सामूहिक नरसंघार किया गया लेकिन राजस्थान की स्थापना पर इन सामूहिक नरसंहारों और आज़ादी के शहीदों को याद तक नहीं किया जाता हे केवल कंगूरे बने राजा महाराजा जो आज भी कानून को अपनी जेब में रख आकर राजा महाराजा बने हें सियासत और सम्मान उन लोगों के इर्द गिर्द ही घूमता हे ऐसे में राजस्थान दिवस काहे का हालत यह हें के ७२ साल बाद भी राजस्थान की अपनी भाषा राजस्थान को मान्यता दिलवाने के लियें यहाँ जनता को संघर्ष करना पढ़ रहा हे . खेर इस दिवस पर राजस्थान की स्थापना  की नीव की ईंट बने  शहीदों को नमन श्रद्धांजली और जो गद्दार आज मजे कर रहे हे उनके चेहरे जनता के सामने आयें इसी उम्मीद के साथ जय राजस्थान ......... . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हमारी वाणी को टिप्स देंगे मासूम भाई

ब्लोगिंग की दुनिया में एक अच्छे लेखक , एक अच्छे ब्लोगर ,एक अच्छे ब्लोगिंग  तकनीक के जानकार के रूप में अगर किसी का इज्जत से नाम लिया  जाता हे तो वो नाम हे सय्यद मोहम्मद मासूम यानी एस एम मासूम और इसीलियें हमारीवाणी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया हे .

मासूम भाई वेसे तो ब्लोगिंग की दुनिया की  बुनियाद रखने वालों में से एक हैं  और यह शख्सियत किसी पहचान की मोहताज नहीं हे लेकिन हाल ही में जब लोगों को पता चला के मासूम भाई  अब हमारीवाणी  से जुड़ गए हें तो लेखकों और ब्लोगर्स की ख़ुशी का ठिकाना न रहा कारण साफ़ है की  अब हमारीवाणी के तेवर मीठे और सुरीले होंगे सजी संवरी हमारीवाणी सभी लोगों में प्यार और सद्भाव बातेंगी अभी भिया दिनेश जी शाहनवाज़ जी  खुशदीप जी और सक्सेना जी ने यह कमान सम्भाली थी हमारीवाणी को इन सभी भाइयों ने अपने खून से सींचा हे कड़ी महनत लगन और पसीने से उसे संवारा हे उसे हम लोगों की वाणी बनाया हे लेकिन अब एक से भले दो, दो से भले तीन की तर्ज़ पर मासूम भाई के आने से समझो हमारी वाणी में चार चाँद लग गये . 

मासूम भाई के लियें कुछ भी लिखना सूरज को दिए की रौशनी दिखाने  के समान है .मैं  स्वयम भी इन जनाब का निजी तोर पर हजारों बार शुक्रगुजार रहा हूँ आगे  भी में इन्हें तकलीफें देता रहूँगा .

ब्लोगिंग  की दुनिया में प्यार बाँटने वाले मासूम भाई पहले बैंकर  थे और वहां से रिटायर होकर ब्लोगिंग की दुनिया के साथ साथ पत्रकारिता की दुनिया में ब्यूरो चीफ बन कर समाज सेवा  कर रहे हें , लोगों  की मदद करना लोगों में प्यार बांटना इनका स्वभाव हे यह कहते हें के कलम एक ऐसी ताकत हे जिसका  जनहित में इस्तेमाल कर अमन का पैगाम पहुंचाया जाये और इसीलियें इन्होने अमन का पैगाम भी पहुंचाया सभी ब्लोगर भाइयों को भाईचारे और सद्भावना के लेख लिखें के लियें प्रेरित कर ब्लोगिंग को एक नई दिशा दी .

शांति संदेश ,हक बातिल , बेजुबान, इस्लाम मुस्लमान ,ब्लोग्संसार सहित कई ऐसे खुबसूरत ब्लॉग हें जिन्हें शीशे के आयने में मासूम भाई ने सजाया  संवारा हे और ब्लोगिंग की दुनिया के पत्थरों को तराशकर चमकदार हीरा  बना दिया  है. 

 इसलियें भाई मासूम आपको सलाम हमारीवाणी  को सलाम भाई दिनेश जी द्विवेदी , भाई शाहनवाज़ को सलाम , भाई  सतीश सक्सेना जी भाई खुशदीप जी और सभी टीम मेम्बरों को सलाम एकता में बल हे संगम में खूबसूरती हे उदारता में मिठास हे और अमन के पैगाम में प्यार  की खुशबु हे इसलियें ब्लोगर्स के खुशबूदार फूलों को एक हमारी वाणी के गुलदस्ते में सजाने वालों को इसकी खुसबू लेने वालों को इसकी खुशबु दूर दराज़ तक पहुँचाने वालों को तहे दिल से नमन . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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