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31 मार्च 2011

राष्ट्रपिता गांधी पर राजनीति तेज़

राष्ट्रपिता गांधी पर राजनीति तेज़ हो गयी हे गांधीनगर गुजरात में मोदी ने गाँधी को अपमानित करने वाली किताब को गुजरात में पाबन्द कर गांधीवादी होने का साबित कर दिया हे और इससे कोंग्रेसी परेशान हें उनका मानना हे कोंग्रेस शासित राज्यों में ऐसा नहीं होने से मोदी को गाँधी के विषय पर मुशायरा लुटने वाला हीरो लोग मानने लगे हें .
पिछले दिनों गांधी को अपमानित करने वाली एक मनमानी सोच पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन हुआ हे जिसमे गांधी की संस्मरण जता कर गाँधी पर कुछ आरोप लगाये गये हें जो अपमानकारी हे इसीलियें गुजरात सरकार ने इस किताब को प्रतिबंधित कर दिया और देखते ही जब्त करने तथा बेचने वाले को दंडित करने के आदेश दिए हें . इधर कोंग्रेस की केन्द्रीय सरकार गाँधी विचारधारा को प्रचारित करने के लियें गाँधी के नाम  पर यूनिवर्सिटी से लेकर कोंग्रेस संगठन और सरकार के बजट में से करोड़ों करोड़ रूपये खर्च कर चुका हे लेकिन गाँधी विचारधारा को लागू नहीं कर पाए हें हालत यह हें के सरकारी दफ्तरों अदालतों थानों में जहां  गाँधी के फोटू को लगाया जाना एक कानून हे और इस कानून के बाद भी राजस्थान और कई स्थानों पर गाँधी की तस्वीर सरकारी दफ्तरों कलेक्ट्रेट वगेरा से गायब हो गयी हे लेकिन मोदी के चेतते ही केंद्र सरकार ने गांधी को अपमानित करने पर ऐसे व्यक्ति को दंडित करने का कानून बनाने का मन बनाया हे जो अभी कागजों में ही चल रहा हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फास्ट ट्रेक कोर्ट के बंद होने से न्याय को धक्का

फास्ट ट्रेक कोर्ट के बंद होने से न्याय को धक्का लगा हे और केंद्र सरकार के विधि विभाग द्वारा राजस्थान में संचालित ४० फास्ट ट्रेक कोर्टों को बजट नहीं दिया हे इस करने राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट की सहमती लेकर इन फास्ट ट्रेक कोर्ट को बंद करने का आज से ही एलान कर डाला हे .
राजस्थान में और पुरे देश में निरंतर बढ़ रहे मुकदमे बाज़ी और मुक़दमों  की सुनवाई में लेटलतीफी के कर्ण केंद्र ने फास्ट ट्रेक कोर्टों को अस्थायी रूप से गठित किया था अलेकिन इन कोर्टों के गठन में ऐ डी जे स्तर के अधिकारियों के स्थान पर वरिष्ट मुख न्यायिक मजिस्ट्रेटों को तदर्थ नियुक्ति दे डाली इस कारण कई बार मामलों के निस्तारण में परेशानी आई हद यह रही के जिन अधिकारियों को राजथान में एडी जे फास्ट ट्रेक बनाकर लगा दिया था उन अधिकारियों ने जब हाईकोर्ट में खुद को ऐ डी जे बनाने के लिए रेगुलर परीक्षा दी तो उन्हें फेल कर दिया गया अब देखो एक तरफ तो हाई कोर्ट इन अधिकारियों को ऐ डी जे के लायक नहीं मन कर फेल कर रहे हें और दूसरी तरफ इन्हीं अधिकारियों से ऐ डी जे kaa कम लिया जा रहा हे वेसे भी राजस्थान में जजों और मजिस्ट्रेटों की कमी हे अब इन अधिकारियों को दुसरे न्यायालयों में खपाया जा सकता हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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