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01 अप्रैल 2011

पर्यावरण मामले में कोटा पेढ लगाकर रिकोर्ड तोड़ेगा

राजस्थान का कोटा जो ओद्योगिक और असंख्य वाहनों का शहर होने से देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक हे और यहाँ लोगों का साँस लेना भी दुश्वार हे इसे संतुलित करने के लियें कोटा में प्रशासन और स्काउट रिकोर्ड तोड़ पेढ लगाकर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लेगा . 
कोटा में इन दिनों वाहनों और उद्य्योगों से जो उत्सर्जन निकलता हे उसका प्रभाव सीधे जनता के स्वास्थ्य पर पढ़ रहा हे और यहाँ जंगल ,हरियाली ,पेढ  खत्म होते जा रहे हें इसी बात को ध्यान में  रखते हुए कोटा जिला प्रशासन, स्काउट और पर्यावरण प्रेमी कोटा में एक दिन में ही ४८ हजार पेढ लगाकर देश में एक कीर्तिमान स्थापित करेंगे यह पेढ कोटा को अरबों रूपये की आक्सीजन देंगे पर्यावरण प्रेमियों का कहना हे के एक पेढ किया वर्षो तक १५ लाख रूपये प्रतिवर्ष की ऑक्सीजन देता हे . कोटा में हरियाली के नाम पर यह एक नया कीर्तिमान होगा इसके पहले कोटा हरियाली के नाम पर भ्रस्ताचार में भी कीर्तिमान स्थापित कर चुका हे यहाँ थर्मल से निकलने वाले रख और धुंए को संतुलित करने के लियें पर्यावरण के नाम पर थर्मल ने करोड़ों रूपये के ठेके पर पेढ लगवाये लेकिन वहां भोतिक सत्यापन के वक्त हरी घांस के अलावा कुछ नहीं मिला और यह राशि थर्मल के अधिकारी और ठेकेदार मिलकर चट कर गये अब देखते हे शायद कोटा की जनता को कुछ राहत मिल सके . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आस्थाओं का पावन पर्व सोमवार से

हिन्दू भाइयों की आस्थाओं का पावन पर्व नवरात्रा सोमवार से शुरू हो रहे हें .इस अवसर पर घर घर घटस्थापना के साथ माँ दुर्गा की पूजा विशेष अराधना के साथ होगी इस पर्व के अवसर पर नो दिनों तक मंदिरों में विशेष प्रयोजन होंगे . 
नवरात्र वर्ष में दो बार चेत्र और अश्वनी माह की प्रतिपदा से नवमी तक धार्मिक आयोजनों के साथ मनाये जाते हें , इस पर्व को शक्ति रूपा माँ दुर्गा की आराधना करके उन्हें प्रसन्न क्र सुख सम्रद्धि की कामना के लियें पूजा की जाती हे इसके लियें प्रतिमा को स्थापित करके नो दिन तक दुर्गा माँ की पूजा अर्चना कर नवमी को प्रतिमा विसर्जन  करते हें , इस अवसर पर त्रिशूल,शंख,तलवार,धनुष,बाण चक्र ,गदा और कमल सहित शस्त्रों की नो दिन तक पूजा की जाती हे .
हिन्दू आस्थाओं में माँ दुर्गा को शक्ति की देवी मन जाता हे और इसीलियें मोक्ष प्राप्त की लियें नो दिन तक उनके अलग अलग रूपों की पूजा की जाती हे इनके नो रूपों में शेल्पुत्री ,ब्रह्मचारिणी ,चन्द्र्घता,कुष्मांडा ,स्कन्दमाता, कात्यायनी,कालरात्रि,म्हागोरी,सिद्धिदात्री ,को ही नवदुर्गा मान कर इनकी पूजा की जाती हें वेसे इन दिनों प्रतिपदा से दिन बढ़े और रातें छोटी होती हें ऋतुओं और बदलते मोसम का प्रभाव मानव जीवन पर न पढ़े इस लियें वैज्ञानिक रूप से नो दिनों में नो व्रत उपवास का निधन किया और साधना से मानव की आंतरिक ऊर्जा जागती हे जिससे मानव जीवन के स्वस्थ पर विपरीत प्रभाव पढने से बच जाता हे सभी को नवरात्रा और चेटी चंड  ,नव वर्ष,गंगोर पूजन, महावीर जयंती, हनुमान जयंती गुड फ्राइडे की अभी से मुबारकबाद . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
आस्थाओं का पावन पर्व नवरात्रा सोमवार से

नहले पर देहले केसे केसे .................

यारी दोस्ती प्यार और अपने पन में जो हंसी मजाक होता हे कई बार वोह नहले पर देहला होने से दोस्तों के लियें एक सबक बन जाता हे हमारे एक सहयोगी पर एक ऐसा ही देहला पढ़ा जिसके बाद वोह समझदार जेसे हो गये हें . 
      कच्ची उम्र ,माली उमर, नया खून किसी की नहीं सुनता हे इस उमर में वोह हर गम हर समझ से बेगाना होता हे और सोचता हे के वोह दुनिया का अंतिम समझदार व्यक्ति हे उसकी सोच होती हे के पूरी दुनिया में कुल डेढ़ अकाल होती हे जिसमे से एक अकाल उसमें खुद और आधी अकाल पूरी दुनिया में  होती हे . हमारे एक जूनियर साथी को  उनके हम उमर वकील साहब ने उनके बच्चे की पहली सालगिरह पर बुलाया और उनके बुलाने में जो आजिजी जो प्यार छुपा था उसको देख कर कोई भी इस प्रोग्राम में दुसरे सभी कामकाज छोड़ कर जरुर जाता लेकिन इत्तेफाक हे शादी जेसे माहोल में इन वकील साहब ने अपने बच्चे की पहली सालगिरह की और जो लोग नहीं आये उनको नामजद भी किया इत्तेफाक से हमारे जूनियर वकील साथी इस प्रोग्राम में नहीं जा पाए बस खुद को बचाने के लियें यह दुसरे दिन सुबह वकील साहब के घर पहुंचे और कहा के भिया शाम को सालगिरह के लियें हमारे लायक जो भी काम हो वोह बता देना ,बस हमारे जूनियर वकील साथी के तेवर तेज़ हो गए और वोह नाराज़ हो गये बस फिर क्या था बात तस्दीक तक जा पहुंची हमारे जूनियर साथी ने हमारे मुंशी से पेशी रजिस्टर में एक दिन बाद के कार्यक्रमों में इन जनाब वकील साहब की सालगिरह का कार्यक्रम लिखवा दिया और दोनों वकील जब पहुंचे और रजिस्टर देखा तो पेशी रजिस्टर में २८ तारीख देख कर दुसरे वकील साहब ने मुंह बना कर कहा के यह तो रजिस्टर में गलत लिखा हुआ हे खेर कोई बात नहीं कार्यक्रम तो कल ही हो गया लेकिन मेने इस भूल के लियें छोटे वकील साहब यानी हमारे सहयोगी वकील साहब को माफ़ कर दिया . दोस्तों अब बजी फिर पल्टी हमारे जूनियर वकील साहब की शादी का प्रोग्राम हुआ सभी बराबर के साथियों को कार्ड दिए गए जिन वकील साहब के बच्चे की सालगिरह में छोटे वकील साहब नहीं गए थे उन्हें भी घर जाकर माय परिवार दावत दी गयी और जिस दिन छोटे वकील साहब की शादी थी उस दिन वोह इधर उधर अपने इस साथी वकील को तलाशते रहे सोचा कोई बात नहीं फिर देखेंगे लेकिन यह क्या दुसरे दिन वही तरकीब यह वकील साहब दिन में छोटे वकील साहब के घर पहुंचे और बस कहने लगे के शाम को तो हम आ ही रहे हें अभी दिन में कोई काम हो तो बताएं बस हमारे छोटे वकील साहब यह सुनते ही समझ गए के यह इन जनाब ने नहले पर देहला मारा हे और फिर उन्होंने शपथ ले ली के आगे से वोह अब किसी की भावना के साथ खिलवाड़ कर हंसी मजाक नहीं करेंगे तो जनाब यह  नहले पर देहला एक जनाब के लियें सुधार का फार्मूला साबित हुआ हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के कोचिंगों को जोधपुर का बुलावा

राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा से पहले आई आई टी जोधपुर ले जाया गया , कोटा से आई आई टी और ऐ आई ट्रिपल ई के परीक्षा केंद्र छीने गये ,यहाँ हवाई सेवा शुरू नहीं की गयी , उद्योग बंद हुए कई विभाग कोटा से जोधपुर भिजवाये गये यहाँ का पानी भीलवाड़ा तो बिजली देश भर में भिजवाई गयी , अब कोटा के लगों का एक मात्र रोज़गार का जरिया चोर दरवाजे से कोचिंग गुरुओं को लालच देकर जोधपुर आमंत्रित किया गया हे , कोटा के कई कोचिंग गुरु कोटा से अपने संस्थान का मुख्यालय जोधपुर में शुरू करने जा रहे हे मुख्यालय का मतलब खुद कोचिंग गुरु जिस कोचिंग में पढ़ाएंगे वही मुख्यालय कहलायेगा इसके लियें सरकार ने कोटा से कोचिंग मामले में सुविधाएं छिनी हें तो जोधपुर में कोचिंग गुरुओं से गुप्त मुलाक़ात कर इन्हें सब्ज़ बाग़ दिखाए हें देखते हें के कोटा के कोचिंगों का अब देश में क्या स्तर रह जाता हे क्योंकि बंसल हो या फिर रेजोनेंस हो या फिर कोई भी कोचिंग हो सब बिखर रहे हें और अपने अपने जुगाड़ में लगे हें के जोधपुर में मुफ्त की जमीन और दूसरी सुविधाएँ केसे हथियाई जाये इसके लियें कई कोचिंग गुरुओं ने जोधपुर में अपना काम भी शुरू कर दिया हे राजनीती तो कोटा की बेवफा हे लेकिन कोटा के कोचिंग गुरु जिन्हें कोटा ने धन दोलत नाम दिया हे अब वोह अगर कोटा से बेवफा हुए तो फिर कोटा का क्या होगा यह तो वक्त ही जाने ................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा पुलिस कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास

मिर्गी के दोरे से पीड़ित एक युवक दिनेश जाटव जो चलती मोटर साइकल से गिरकर बेहोश हो गया जिसे पुलिस ने नहीं उठाया और उसकी मोटर साइकल ,पर्स,मोबाइल लेकर चल दिए . 
युवक का आरोप हे के जब उसे होश आया तो वोह उठा थाने गया वहां से मोटर साइकल कागज़ दिखा कर प्राप्त की और फिर मोबाईल ,पर्स और पर्स में रखे आठ सो रूपये मांगे तो पुलिस  देने से इंकार कर दिया , युवक दिनेश जाटव ने सोचा चलो थाने वाले बेईमानी कर रहे हें उसकी सुनवाई नहीं कर रहे तो उठो एस पी से शिकायत करते हें , गृह मंत्री के इस गृह जिले में बेचारा पीड़ित युवक एस पी कार्यालय जा पहुंचा जहां उसकी सुनवाई नहीं हुई और जब उसे लगा के उसकी सुनवाई नहीं होगी तो वोह निराशावादी हो गया और एस पी कार्यालय के बहर मुख्य सड़क पर ही उसने तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया जिसे बढ़ी मुश्किलों में रोका गया . 
एक युवक द्वारा एस पी कार्यालय के बाहर फरियाद नहीं सुनने के मामले को लेकर यह कोटा में पहला कृत्य हे जबकि कोटा में एसपी कार्यालय में परिवाद दर्ज कर सुनवाई की व्यवस्था की गयी हे लेकिन इस घटना से पुलिस को फरियादियों की सुनवाई और उनकी शिकायतों के निराकरण के तोर तरीके तो बदलना ही होंगे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जनसंख्या से क्यूँ डरते हो

हमारे देश में जन गणना के नाम पर हव्वा खड़ा किया  पुरे एक साल के अभियान और महीनों संसद में बहस के बाद इस काम के पूरा होने पर तसल्ली हुई के हमारे देश की जनता की व्रद्धी अब सामान्य होती जा आरही हे कुल १२१ करोड़ लोग इस देश में हें जिनमे  महिलाओं की कमी आई हे . 
देश की इस जन गणना पर करोड़ों करोड़ रूपये खर्च हुए राजनीति हुई और फिर अब इस जनगणना के बाद हर योजना, विधानसभा,वार्ड,पंचायत,लोकसभा का पुनर्गठन होना हे योजनाओं का आकर नई जनगणना को आधार बना कर तय्यार करना हे खेर लिंग,जाती,धर्म सभी आधारों पर यह जनगणना हुई हे लेकिन हकीक़त यह हे के अगर इस जनगणना के आधार पर आरक्षण की पुनर्समीक्षा की जाये तो देश में बदलाव आ जाएगा देश के साक्षर ,निरक्षर ,महिला ,पुरुष,शहरी ग्रामीण लोगों का तो क्या कहना राजस्थान में भी हालत जस के तस हें यहाँ महिलाओं का साक्षर प्रतिशन अपेक्षाक्रत बहुत कम हे महिलाओं को जन्म नहीं दिया जा अर्ह हे इस कारण यहाँ अपेक्षाक्रत महिलाओं की संख्या कम हे . अब देश में नई जनगणना से देश को नई दिशा देने के लियें नई योजनायें तय्यार करने की जरूरतें आन पढ़ी हें .   अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सडक सुरक्षा सप्ताह बनाम जनता के साथ लुट खसोट का रास्ता

दोस्तों जनवरी का महिना आ गया हे और इसी महीने के पहले सप्ताह में सडक सुरक्षा सप्ताह देश भर में मनाये जाने की परम्परा हे ,परम्परा इसलियें कहूँगा के हमारे देश में इसे मात्र परम्परा के बटर ही मनाया जाता हे और अब तो इलाके की पुलिस ने इसे यातायात सुरक्षा सप्ताह में बदल कर वाहन चालकों से लुट का जरिया बना लिया हे और इस सप्ताह में हजारों हजार वाहन चालक पुलिस कर्मियों और यातायात कर्मियों की लुट के शिकार होते हें जिसमें मंत्री से लेकर संतरी यानि अधिकारी भी शामिल रहते हें ।
दोस्तों सडक सुरक्षा सप्ताह भारत सडक सुरक्षा निति के तहत देश भर की सडकें ऍम आदमी और वाहनों की आवाजाही के लियें जनहित में सुरक्षित करने के लियें मनाया जाता हे इस सप्ताह को जनवरी माह में इसलियें मनाया जाता हे के इस कार्यकाल में भारतीय सडक निति बनी और फिर मोटर वाहन अधिनियम , मोटर वाहन नियम बनाये गये , इसी दोरान राष्ट्रिय राजमार्ग अधिनियम और राज्य राजमार्ग अधिनियम बने कुल मिलाकर इस सप्ताह का केवल एक मकसद रहता हे और इसके लियें जिला स्तर पर समितियां भी गठित होती हें जिसमे जिले के कलेक्टर,सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी,नगरनिगम,पंचायत,और न्यास के अधिकारी रहते हें जो वर्ष भर में एक बार आवश्यक रूप से अभियान के रूप में शहर के भीतरी भाग और राज्य व् राष्ट्रिय राजमार्ग की सडकों की मरम्मत करने की ज़िम्मेदारी लेते हें इस दोरान सडकों के खड्डे भरना, उनका लेवल सही करना ,स्पीड ब्रेकर मोटर वाहन नियमों के तहत कम ऊँचाई के बनाना ,रेड लाईट की व्यवस्था करना उनकी टाइमिंग देख कर मरम्मत करना रात्री में लाइटें देखना ,यातायात संकेतक चिन्ह लगाना , सडकों से अवरोध हटाना जिसमे अतिक्रमण आवारा जानवर अनावश्यक विधिविरुद्ध वाहनों का जमाव भी शामिल हे कुल मिलाकर सडकों को ऍम आदमी की आवाजाही के लियें पूर्ण रूप से इस तरह से मरम्मत कर सुरक्षित बनाना हे के को भी नगरी खुले रूप से सडकों का इस्तेमाल कर सके इस दोरान द्रष्टि भ्रम वाले विज्ञापन जिन्हें देखने और पढने की कोशिश में आहन दुर्खना ग्रस्त हो सकते हें और ड्राइवर का ध्यान बताने वाले विज्ञापन हो तो उन्हें भी हटवाने का कार्य इस दोरान होता हे ।
दोस्तों आप भी जानते हें और हम भी देखते हे के इस दोरान मेरे जिले से लेकर आपके जिले और गाँव तक कहीं भी कभी भी सडकों से इस दोरान अतिक्रमण नहीं हटाये जाते ,सांकेतिक चिन्ह और स्पीड ब्रेकर नियमानुसार नहीं होते सडकों की मरम्मत नहीं होती नाली पटान ठीक नहीं होते सडकों के अस पास ड्राइवर का ध्यान बताने वाले विज्ञापन और होर्डिंग्स नहीं हटाये जाते यहाँ तक सडकों पर आवारा जानवर जमे रहते हें ,सडकों पर बेतरतीब वाहन चलते हें जिन वाहनों का परमिट स्टेज केरिज का हे वोह टिकती लेकर वाहन रोडवेज़ की तरह चलाते हें सडकों पर अवेध जीपों अवेध वाहनों की सवारियां ढोने की भरमार रहती हे कुल मिलाकर सडकें आम जनता के लियें खुनी और जानलेवा बन जाती हे लेकिन जिला समिति इस पर ध्यान नहं देती हालात यह होती हे के यातायात पुलिस और प्रशासन मिलकर सडकों पर कागजात चेकिंग और लाईटें पोतने सिट बेल्ट के नाम पर चलन बुक लेकर जनता को परेशान करते देखे जा सकते हें तो दोस्तों अपने जिलों में सडक की सुरक्षा के लियें इस सप्ताह को मनवाओ और जनता को इस सप्ताह में लुटने से बचाओ। मेरी कोई कानूनी मदद की जरूरत हो तो में आपकी खिदमत में हाज़िर हूँ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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