आपका-अख्तर खान

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03 अप्रैल 2011

क्रिकेट में खिलाड़ियों ने किया सर उंचा तो समाजकंटकों ने किया देश को शर्मसार

दोस्तों यह हिन्दुस्तान हे ,मेरा भारत महान हे यहाँ भाई चारा सद्भावना इस देश की पहचान इस देश की जान हे अगर मानवता इस देश के लोगों में नहीं तो विश्व स्तर पर यह देश बेजान हे लेकिन भारत पाक मेच के दिन की एक घटना ने मुझे इस मानवता पर गम के साथ आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया हे और यह बिमारी जो  हमारे देश में कुछ लोगों की ताकत और बहुत बहुत लोगों की चुप्पी कमजोरी के कारण कोढ़ में खाज की तरह बनती जा रही हे इसे हमें रोकना होगा और इसीलियें यह घटना में आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ ..............
दोस्तों में जब छोटा था तो हमारे एक पड़ोसी राजपूत अंकल जिन्हें उनका कुत्ता बहुत प्रिय था वोह जब कटकना  हो गया हडकिया हो गया आते जाते को काटने लग गया तो इन अंकल ने बंदूक उठायी उसे कार में बिठाया उनके पुत्र का में मित्र था में भी उनके साथ हो लिया हम जंगल में गये उन्होंने कुत्ते को बाहर निकाला और फिर धाय धाय उस पर गोली दाग दी कुत्ता ढेर हो गया मेने अंकल से डरते डरते कुत्ते को मारने का कारण पूंछा तो उनका जवाब था जब कोई भी जीव मानवता का दुश्मन हो जाए तो उसे मार देना चाहिए ताकि मानवता की सुरक्षा हो सके मेने दुसरा सवाल किया यह कुत्ता तो अच्छी नस्ल का था फिर भी उनका कहना था नस्ल से कुछ नहीं होता शेतान हर नस्ल में होता हे बिमारी हर नस्ल में होती हे और जो शान्ति अमन सद्भाव       के लियें खतरा हो उनको मार  देना ही अच्छा हे इन फोजी राजपूत अंकल ने इतनी देर में पास के बिल में से निकलते एक काले सांप पर भी गोली चलाई और वोह भी मर गया उस वक्त इन फोजी राजपूत अंकल की बात मेरे समझ में नहीं आई थी लेकिन कल भारत पाक मेच के बाद इन्दोर से लोटने के बाद जब एक घटना मुझे हमारे पड़ोसी ने सुनाई तो मुझे यह घटना याद आ गयी .
जी हाँ दोस्तों जो घटना मुझे सुनाई गयी वोह देश को शर्मसार करने का प्रयास कुछ समाज कंटकों का  था और इसीलियें इस घटना को सुन कर जितनीं ख़ुशी मुझे भारत के क्रिकेट चेम्पियन बनने की हुई उससे कहीं  ज्यादा दुःख इस घटना पर हुआ ........हमारे पड़ोसी अंकल के  दादा ससुर इन्दोर में केंसर पीड़ित हें उन्हें चिकित्सकों ने अंतिम अवसर का केंसर बताया और कहा के इन्हें घर ले जाओ वहां जितनी इनकी खिदमत हो सके करो पड़ोसी अंकल अपने बीवी बच्चों के साथ इन्दोर और फिर इन्दोर के अस्पताल पहुंचे उस दिन रात को भारत ने पाक को रोंद कर कीर्तिमान बनाया था जीत का नशा भारतीयों पर था लेकिन उसी दिन कुछ राक्षस सडकों पर साम्प्रदायिकता का तांडव कर रहे थे दोस्तों यकीन मानिए रात्रि को इन केंसर पीड़ित बुज़ुर्ग को एक कार  में अस्पताल से जब घर लाया जाने लगा एक कार में केंसर पीड़ित और कुछ महिलाये ,दूसरी कार में रिश्तेदार बच्चे चल रहे थे सामने ही भारत माता की जय पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए करीब दो सो शराबियों का झुण्ड आया और कार में मुस्लिम लिबास की महिलाओं को देख कर घेर लिया पहले इस मरीज़ पर दबाव बनाया के कहो के वन्देमातरम कहों के हम हिन्दुस्तानी हे जब इन मरीज़ से गले का लास्ट स्टेज का केंसर होने के कारण  बोला नहीं गया और आँख से आंसू निकल गये तो इन  समाज कंटकों में से एक ने उनके गाल पर चांटा जड़ दिया कार में ही हमारे पड़ोसी का बच्चा शादाब बेठा था जो केवल दस वर्ष का हे उसके गले में हाथ डाल कर इन जानवरों ने दबाते हुए कहा के तू कह में हिन्दुस्तानी हु ,वन्देमातरम वरना अभी तेरा गला दबाता हूँ ओरतों  में चीख चीत्कार का माहोल था लेकिन इन समाजकंटकों के आगे बेबसी का माहोल था बच्चे ने जो उन्होंने कहा वोह सब दर  के मारे  कहा इन भेड़ियों को महिलाओं ने केंसर रोगी की पीड़ा के बारे में बताया तो महिलाओं के साथ भी इन लोगों ने अभद्रता की उनका यह शोरशराबा करीब आधे घंटे तक चलता रहा और जब वोह दोनों कारों को अपने घेरे से छोड़ कर गये तब जिस कर में बुज़ुर्ग केंसर रोगी बेठे थे उनकी तरफ देखा तो उनकी आँखें फटी थीं और घर जाने के पहले ही उनकी साँसे थम गयी थी रोते पीटते  जब वोह इस लाश को घर ले जा रहे थे तो ऐसे ना  जाने कितने समाज कंटकों की भीड़ का उन्हें सामना करना पढ़ा भारत जिंदाबाद,हिन्दुस्तान जिंदाबाद भारत में रहना होगा तो वन्देमातरम कहना होगा के नारे लग रहे थे यह लोग एक मुस्लिम बस्ती के पास से गुज़रे तो वहां दुसरा नजारा था वहां पाकिस्तान पर भारत की ख़ुशी पर जश्न मनाया जा रहा था फटाखे फोड़े जा रहे थे और नारे लग रहे थे ...... या ख्वाजा तेरा हिन्दुस्तान जिंदाबाद ........... भारत में रहना होगा तो इन्सान बन कर रहना होगा ....... एक दो एक दो जो जानवर हें उन्हें मार दो ..........
कल जब हमारे पड़ोसी और उनके छोटे बच्चे ने इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले हिन्दुस्तानियों की यह वहशी दास्ताँ रो रो कर सुनाई तो मेरी भी आँख से आंसू निकल पढ़े और जिस हिन्दुस्तान और जिन हिन्दुस्तानियों पर गर्व हे उनमें से कुछ राक्षसों का यह वहशीपन सुनकर में खुद शर्मसार हो गया और जितनी ख़ुशी जितना गर्व मुझे भारत के क्रिकेट विश्व विजेता बनने पर था उससे कई गुना ज़्यादा दुःख मानवता के इन दुश्मनों की करतूतों पर हो रहा था क्या यही हिन्दुस्तान हे क्या इसे फिर से आप और हम बदल कर इसकी गंदगी साफ़ कर इसे आदर्श हिन्दुस्तान आदर्श भारत मेरा भारत महान नहीं बना सकते अगर हां ......तो दोस्तों अपनी लेखनी की धार से बदल डालो  जानवरों की सोच को अगर वोह इंसान बनते हें तो उन्हें इंसान बना दो लेकिन अगर इंसान नहीं बनते हें तो फिर मेरे बचपन के अंकल की तरह उन्हें सबक सिखा दो उन्हें सबक सिखा दो ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोन तुझे समुंदर कहेगा

तुझ में 
मेरे यूँ समाने की 
कोशिश पर 
तू क्यूँ 
नाराज़ हे 
जरा तू ही बता 
में जब 
ना समाऊंगा तुझ में 
तो तुझे 
समुंदर 
कोन कहेगा . 

अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उसूलों के लियें टकराओ

ब्लोगिंग की दुनिया में इन दिनों चल रही उथल पुथल को लेकर 
कल एक जनाब ने जो शेर सुनाया उसे सुन कर मुझे तो अच्छा लगा 
वही शेर आपकी खिदमत में पेश हे ..................... . 
उसूलों पर 
अगर आंच आये 
तो टकराना 
जरूरी हे ,
अगर हम 
जिंदा हें 
तो ज़िंदा 
नज़र आना 
जरूरी हे ............................... 
प्रस्तुत करता ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिना पूर्व योजना के किया जा रहा सोंद्र्य्करण का काम काज ठप्प

राजस्थान के कोटा शहर के सोद्र्य्करण और विकास के लियें विभिन्न मदों से करोड़ों करोड़ का बजट स्वीक्रत किया गया हे लेकिन यहाँ तानाशाही के चलते कई करोड़ के काम शुरू होने के बंद बंद होने के कगार पर हें और सरकार करोड़ों के घाटे में हे .
कहते हें के अगर सरकार पहले से ही किसी योजना को क्रियान्वित करने के पूर्व सम्बन्धित विभागों से अनुमति ले ले जनता को भरोसे में ले ले तो हर निर्माण हर विकास जनता को मंजूर होता हे लेकिन मनमाना नोकर शाहों का निर्माण जनता कतई बर्दाश्त नहीं करती और जब जनता उबाल प[आर आती हे तो सारा सोंद्र्य्कर्ण धरा का धरा रह जाता हे , कोटा में करोड़ों करोड़ की योजना को नयापुरा बारां रोड पर पुल बनाने की योजना बनी मिलेट्री वालों से सुरक्षा सम्बन्धित कोई ऍन ओ सी नहीं ली गयी मिलेट्री वाले इंकार करते रहे उनसे वार्ता नहीं की गयी और ठेका दे कर करोड़ों रूपये का काम शुरू करवा दिया गया जिसमें कई करोड़ रूपये खर्च भी कर दिए गए लेकिन आखिर में मिलेट्री ने अपनी वाली बताई और ठेकेदार वगेरा को सुरक्षा को खतरा बताकर मोके से भगा दिया अब करोड़ों खर्च के बाद भी यह योजना खटाई में हे और सरकार के करोड़ों अटक गये हें ठेकेदार क्षतिपूर्ति अलग से मांग रहा हे ......
दुसरा काम कोटा में बीचों बीच स्थित किशोर सागर तालाब जिसे छोटा कर निर्माण करना हे यह तालाब ऐतिहासिक हे और पुरातत्व कानून में बिना अनुमति के इस तालाब के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता इतना नहीं कोई भी इस तालाब का आकर शक्ल सुरत नहीं बदल सकता और इसीलियें करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद जब पुरातत्व विभाग को पता चला तो उन्होंने आपत्ति की और काम रोक दिया गया ........
तीसरा काम ऐतिहासिक मुस्लिम वक्फ सम्पत्ति अधरशिला जहां एक बढ़ी शिला बिना किसी के सहारे के टिकी हे और उसे देखने हजारों लोग देश विदेश से आते हें वहां वक्फ सम्पत्ति हे कब्रिस्तान हे लेकिन सरकार और नगर विकास न्यास ने वहां कब्रों के पास तलाई में खुदाई कर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कोशिशें तेज़ कर दीं आसपास के मुसलमान भडके वक्फ सम्पत्ति का गजट बताया गया और नगर विकास न्यास के अधिकारी फिर भी जब अपनी जिद पर अड़े रहे तो माहोल बिगड़ने लगा लेकिन शहर काजी के समझाने के बाद अब यह निर्माण भी रुक गया हे ..
कुल मिलाकर अव्यवस्थित विकास जनता को दुखी कर या किसी कानून का उलंग्घन कर किया जाए तो वोह विकास नहीं विनाश होता हे वोह सोंद्र्य्करण नहीं सभ्यता को कुरूप करने का प्रयास होता हे ऐसे में सरकार को सभी राज्य सरकारों को और निकायों को निर्देश देना चाहिए के कोई भी काम जब तक सभी प्रकार की सुनवाई कर संतुष्ट नहीं हो जाएँ तब तक करोड़ों रूपये का डाव नहीं खेलना चाहिए ताकि रुपया , सुख शान्ति बर्बाद होने से रुक सके लेकिन यह नेता यह अधिकारी हे किसी की कब मानते हें इनके लियें कानून,मर्यादाएं और जनभावनाओं की तो ज्कोई कदर ही नहीं हे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में पुलिस कानून की गृह मंत्री से शिकायत

जी हाँ मेरा अपना कोटा जहां आये दिन गोलीबारी,चाकूबाजी,गेंगवार से जनता दुखी हे पुलिस सुचना के बाद भी घंटों घटनास्थल पर नहीं पहुंचती और पूंछताछ के नाम पर उनको पकड़ लेती हे जिनके खिलाफ कोई गवाही कोई सबूत नहीं होते हें इसी मामले में कोंग्रेस के नेता नईमुद्दीन गुड्डू और पीड़ित परिवारों के लोगों ने कल यहाँ सुनवाई के दोरान राजस्थान के गृहमंत्री शान्ति कुमार धारीवाल से इसकी शिकायत की . 
शिकायत नम्बर एक ...............डोक्टर का कहना था के मेरे पुत्र कफील पर पहले भी जानलेवा हमा हिस्ट्रीशिटर शानी ने किया था इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई ,फिर लगातार धमकियां मिलने पर एक बार फिर इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की डोक्टर पिता का आरोप था के अपराधी शनै ने बेरहमी से मेरे पुत्र पर एक के बाद एक फायर किये और वोह चलती मोटर साइकल से सडक पर गिर गया जिससे उसकी मोके पर ही मोत हो गयी पुलिस को तत्काल सुचना दी गयी लेकिन पुलिस इसे शानी अपराधी द्वारा गोली चलाकर हत्या कर देने का मामला मानने को तय्यार नहीं थी पुलिस तो कहती थी यह तो दुर्घटना हे और इसीलियें वोह मोके पर भी लेट पहुंची कई लोगों ने शेम शेम कहा लेकिन इसी बीच पुलिस जी आये स्पष्टीकरण दिया और मामला रफा दफा. 
दूसरी शिकायत ..नईमुद्दीन गुड्डू कथुन बनियानी में म्र्तक और गिरफ्तार लोगों के परिजन साथ में हें नईमुद्दीन गुड्डू जिला परिषद के सदस्य और कोंग्रेस के टिकिट पर हारे हुए विधायक हे उन्होंने कहा के बनियानी में नरेगा टेडर को लेकर हत्या हुई पुलिस को बुलाते रहे लेकिन पुलिस वक्त पर नहीं पहुंची और अपराधी भाग गये , पुलिस ने इस मामले में उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया हे जिन लोगों का एफ आई आर में नाम नहीं हे और फरियादी के परिजन भी उसे गिरफ्तार करवाना नहीं चाहते इस पर भी गृह मंत्री कुछ कहते के पुलिस जी आये स्पष्टीकरण दिया और मामला साफ़ . 
इस तरह की कई घटनाए इस जन सुनवाई में सामने आयीं कुल मिलाकर जनसुनवाई के दोरान अगर जिस पुलिस की शिकायत हो रही हे अगर उसकी मोजुदगी रहती हे तो पहले तो शिकायतकरने वाला पुलिस के अधिकारीयों को देख कर डर जाता हे और शिकायत नहीं करता इधर वोह बीच बीच में भी शिकायतें करता हे ऐसे में अगर पुलिस अधिनियम के तहत कोई कार्यवाही होती और जांच के बाद दोषी लोगों को दंडित किया जाता तो जन सुनवाई की अहमियत थी लेकिन अगर जनसुनवाई जिसकी शिकायत हे उसकी मोजुदगी में हो तो फिर ऐसी जनसुनवाई का क्या मोल रह जाता हे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नव वर्ष मुबारक हो

नवरात्रा 
नव वर्ष 
सभी को 
मुबारक हो 
मुबारक हो ............................... . अख्तर  खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लोगिंग के हर दिल अज़ीज़ हरीश सिंह छा रहे हें इन दिनों

दोस्तों सबसे पहले तो में सभी भाइयों से क्षमा प्रार्थी हूँ ,क्षमा प्रार्थी इस लियें के मेरा अपना स्व्भाव हे अपनी सोच हे और मेरी संस्क्रती मेरी शिक्षा यही हे के किसी के बारे में अगर कोई आदर्श कोई अच्छाई  देखो तो उसे उजागर करो और कोई कमी देखो तो उसे छुपा कर रखो . इसी आदत इसी शिक्षा से में मजबूर हूँ , पिछले दिनों  ब्लोगिंग में खूब उलट पुलट आरोप प्रत्यारोप का दोर चला किसी की खूबियाँ अगर गिनाई गयीं तो उसे चापलूसी और चम्चेवाद  का दोर कहा गया, लेकिन दोस्तों किसी से कुछ अर्जित करने के लियें किसी नालायक की तारीफ हो तो शायद चमचागिरी उसी का नाम हे ,जबकि हमारी ब्लोगर दुनिया में एक से एक हीरो एक से एक पारंगत अज़ीम हस्तियाँ हें जिनके बारे में सच लिखना हर ब्लोगर की मजबूरी होना चाहिए और इसीलियें कुछ दिन ठिठकने के बाद फिर से में भाई हरीश सिंह जी की लेखनी ,मिलनसारी,और अपनेपन से प्रभावित होकर यह पोस्ट लिखने पर मजबूर हुआ हूँ और में यह क्रम जारी रखूंगा . 
दोस्तों उत्तरप्रदेश की काशी प्रयाग लवकुश नगरी यानी लवकुश की जन्म स्थली भदोही में भाई हरीश ने १५ मार्च १९६९ को जन्म लिया और इनका प्रारम्भिक अध्ययन का कार्य भदोही में ही रहा वहां इस धार्मिक नगरी लवकुश जन्मस्थली ने भाई  हरीश सिंह को ऐसे संस्कार दिए के सच का सामना करना, पीड़ितों को न्याय दिलाना ,सच बोलना और सच लिखना ,समाजसेवा करना इनकी आदत में आ गया और यही वजह रही के भाई हरीश जी ने पढाई के साथ साथ ही समाजसेवा और पत्रकारिता का काम शुरू कर दिया था .
हरीश जी १९९० में पत्रकारिता से जुड़ गये कई लेख दुसरे छोटे बढ़े समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए खोजी पत्रकारिता में हरीश जी ने काफी नाम कमाया और १९९४ में हरीश जी पाक्षिक समाचार से जुड़े फिर देनिक समाचार पत्रों से लगातार जुड़े रहने के बाद इन अख़बारों की और मालिकों की हकीक़त जब हरीश जी ने समझी तो यह अख़बारों से अलग हो गये और खुद का एक पाक्षिक अख़बार निकाल लिया, इन दिनों हरीश जी देनिक आज अख़बार में क्राइम रिपोर्टिंग भी कर रहे हें , पत्रकारिता के  जूनून ने हरीश जी को सच का सामना करने ,सच के लियें लढने का साहस  दिया और फिर हरीश जी ब्लोगिंग की दुनिया के अँधेरे को दूर करने आ गये ,
हरीश जी ने ब्लोगिंग की दुनिया में खुद को आलू की तरह एडजस्ट किया  हालात यह रहे के जेसे आलू सभी सब्जियों के साथ अच्छा लगता हे ऐसे ही भाई हरीश सभी ब्लोगरों के साथ सम्बन्ध स्थापित करते रहे इनका स्वभाव रहा, सभी से दोस्ती करो किसी से दुश्मनी या नाराजगी इनके स्वभाव में शामिल नहीं हे और इसीलियें यह दोस्त के भी दोस्त और दुश्मन के भी दोस्त बनते चले गये आज भाई हरीश जी के लेखनी के सभी तलबगार हे और यह जनाब हें के ब्लोगिंग के इस अखाड़े में जब कुछ लोग एक दुसरे को चुनोती दे रहे हें एक दुसरे को पछाड़ने  की तय्यारी में हे तब यह जनाब सभी गुट के मुखियाओं के साथ खड़े मुस्कुराते हें उनकी इस मुस्कुराहट में एक प्यार का संदेश अपनेपन का संदेश छुपा होता हे और इसीलियें भाई सलीम ब्लोगर ने हरीश सिंह को लखनऊ ब्लोगरएसोसिएशन    का गुरु  हनुमान  कहा हे और खुबसुरत मधुर अल्फाजों में उन्हें अपने ब्लॉग पर नवाज़ा भी हे,हरीश सिंह अपनी पत्रकारिता की रूचि के चलते पूर्वांचल प्रेसक्लब के अध्यक्ष भी हे और इसीलियें यह सभी ब्लोगों पर अपने पराये का भेद मिटाकर कोई न कोई टिप्पणी छोड़ने की कोशिश जरुर करते हें और इनके इसी स्वभाव के कारण वोह  आज ब्लोगिंग की दुनिया में अखाड़ेबाजी के बाद भी सभी दिशाओं ,सभी विपरीत विचारधाराओं के ब्लोगरों के आपसी मतभेद होने पर भी सभी ब्लोगर्स  के हर दिल अज़ीज़ बन गये हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह पढाई हे या देश की बर्बादी

अभी हाल ही में पिछले दिनों केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित स्कूलों के रिजल्ट थे मेरी दोनों बच्चिया भी प्रथम और नाइंथ क्लास का रिजल्ट लेने गयीं रिजल्ट आया पास तो सबको ही होना था लकिन किसके कितने नम्बर आये और कोन बच्चा पढने में कितना आगे हे इसका आंकलन नदारद था यानि किसी के नम्बर प्रतिशत नहीं थे .
 पिछले दिनों मानवसंसाधन मंत्रालय ने निजी स्कूलों को नियंत्रित कर सुधरने की जगह लुट की खुली छुट दी हे उसमें नम्बरों के कानून का भी एक बदलाव किया हे जिसमे अब किसी भी बच्चे को कितने नम्बर मिले नहीं बताये जायेंगे केवल ग्रेडिंग ऐ बी सी ही लिखा जाएगा ,सी बी एस इ का यह हुक्म नामा यह कहकर लाया गया हे के इन दिनों बच्चों में नम्बर कम आने के कर्ण आत्महत्या का दोर बढ़ा हे इसलियें इस गम्भीरता को देखते हुए यह कदम उठाया गया हे , देश की निजी स्कूलों में युनिफोर्म.किताबें,फ़ीस,अतिरिक्त शुल्क के नाम पर खुली लुट चलते हे फ़ीस में तो नर्सरी के बच्चों से क्म्पुयूटर शुल्क ले लिया जाता हे जो केवल खेलने के लियें स्कुल जता हे अब इस लुट के बाद भी अगर बच्चे को खुद के नम्बरों का आंकलन पता नहीं चले तो यह उनके भविष्य के साथ विश्वासघात हे . 
निजी स्कूलों में इस लुट के बाद नम्बरों की ग्रेडिंग का जो खेल चला हे उससे लगता हे के आने वाला कल आने वाला भारत कन्फ्यूज्ड बच्चों का होगा क्योंकि जो दिन रात एक कर सारा ध्यान पढाई में लगाते हें वोह बच्चे कितने आगे हें किस मेरिट पर हें उनको उनकी महंत का फल मिला या नहीं अगर उन्हें पता नहीं चला तो उनका उत्साह तो मर रहा हे और वोह निराशावाद की तरफ बढ़ रहे हें इधर जो बच्चे अपना ध्यान पढाई में नहीं लगते हें इधर उधर मटर गश्ती करते हे वोह मजे में हें और वोह बिना किसी महनत के हर साल पास हो रहे हें इससे देश में शिक्षा के नाम पर कमजोर बच्चों की फोज खड़ी होती जा रही हे और जो बच्चे पढने में आगे हें उनको नम्बर और मेरिट पता नहीं लगने से वोह निराशावाद की तरफ हे ऐसे में अब आने वाले कल का तो भगवान ही मालिक हे . 
सी बी एस इ ने दूसरी तरफ कोचिंग और निजी कोलेजों को कमाई करवाने और जनता को लुटवाने के लियें वेसे ही स्कूलों के पढाई दुसरे नम्बर पर ला खड़ी की हे पहले एक वक्त था जब दसवीं और बारहवीं बोर्ड में जिसके सबसे ज्यादा नम्बर होते थे उसे वरीयता के आधार पर इंजीनियरिंग और मेडिकल सहित दुसरे कोलेजों में एडमिशन मिलता था लेकिन अब सभी परीक्षाएं स्कूलों में प्रथम रहने वाले बच्चों से अलग कर कोचिंगो के भरोसे छोड़ दी गयी हें यहाँ अलग से रुपया कमाने बच्चों और अभिभावकों को ठगने के लियें कोचिंग और परीक्षाओं के नाम पर लूट जारी हे बोर्ड में कम नम्बर हो लेकिन कोचिंग में पढ़कर अगर बच्चा मोडल पेपर लेकर पास हो जाता हे तो वोह डोक्टर इंजिनियर की अव्वल लाइन में होगा ऐसे में अब मानव संसाधन मंत्रालय और सरकार को क्या कहें , सरकार अगर स्कूली शिक्षा का स्तर बढाना चाहती हे तो पुरे देश में एक कानून एक कोर्स एक युनिफोर्म एक पेपर का फार्मूला हो और जो बच्चे वरीयता में प्रथम हों उन्हें वरीयता के आधार पर इंजीनियरिंग और मेडिकल सहित दुसरे ट्रेडों मने एडमिशन का प्रावधान हो ताके अगर कोचिंग कोई करे तो वोह दसवीं और बारवीं में टोपर बनने के लियें करे कोचिंग के नाम पर जो बच्चे प्रभावशाली होते हें वोह कम नम्बरों के बाद भी बहतरीन  कोलेज और कोर्स करते हें जबकि जो इंटेलिजेंट बच्चे होते हें वोह इन ढपोल शंख प्रभावशाली  बच्चों के आगे खुद को असफल मानते हें और पिछड़ जाने के कारण कई बच्चे आत्महत्या कर लेते हें ऐसे में पढाई के नाम पर लूट और भ्रस्ताचार के इस फार्मूले को बंद कर वरीयता के कानून को भ्रस्ताचार मुक्त तरीके से लागू करने के लियें आप सब भी प्लीज़ अभियान चलाए और आने वाला कल ,देश का आने वाला भविष्य जो पिछड़ने वाला हे जो बिगड़ने वाला हे उसे बचाने की पहल करें ............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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