आपका-अख्तर खान

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04 अप्रैल 2011

खुदा का शुक्र हे ............

खुदा का शुक्र हे ............ दोस्तों आज ब्लोगिंग की दुनिया में कुल एक साल दस दिन में मेने आप लोगों की दुआओं और आशीर्वाद से मेरी २५०० यानी ढाई हजार पोस्टें पूरी कर ली हें , २७ मार्च २०१० से में जब ब्लोगिंग में आया तो मेने सपने में भी नहीं सोचा था के ब्लोगिंग की दुनिया इतनी रंगीन इतने बहतरीन हे मेने यह भी नहीं सोचा था के जिस दुनिया में में जा रहा हूँ वोह देश का पांचवां स्तम्भ हे और मजबूती से एक विचारक एक मार्गदर्शक की तरह देश को नई दिशा नया रास्ता देने में जुटा हे , ब्लोगिंग के इस सफर में में भाई दिनेश राय जी द्विवेदी,भाई एस एम मासूम ,भाई हरीश सिंह ,भाई डोक्टर अनवर जमाल ,बहन वन्दना जी ,बहन शिखा कोशिक ,बहन शालिनी जी , सलीम भाई ,उडनतश्तरी ,पावला जी ,खुशदीप जी के पी  सक्सेना जी ,रमेश सिरफिरा जी , ललित शर्मा जी ,तरुण जोशी जी और सभी भाई बहनों का में हमसफर तो रहा हूँ लेकिन शुक्रगुज़ार भी हूँ इन लोगों ने मुझे वक्त बा वक्त अँधेरे में रौशनी दिखाई ,ब्लोगिंग की दुनिया में ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया और आज मुझे इस मुकाम पर ला खड़ा किया हे के में कम वक्त में ढाई हजार पोस्टें लिखने वाला ब्लोगर बन गया हूँ ,
मेरी कोशिश हे में लिखता रहूँ लिखता रहूँ और यह उम्मीद हे के आप भाई बहने गुरु, उस्ताद   सब मुझे कभी ऊँगली पकड़ कर रास्ता दिखाएँ तो कभी कान उमेठ कर गलतियाँ सुधरवाएं मेरे विचारों से हो सकता हे कई लोग सहमत नहीं हो कई लोगों को मेरे विचारों से ठेस पहुंची हो ऐसे में मेरी उनसे हाथ जोड़ कर विनती हे के मेरी जाने अनजाने में की गयीं गलतियाँ,भूल महरबानी कर आप माफ़ करें .... आप सभी मेरी इस ख़ुशी में शामिल हें मुझे आप लोगों ने इस मुकाम तक पहुंचाया इसके लियें में आपका शुक्रगुज़ार हूँ शुक्रगुज़ार हूँ और आपके प्यार ,आपकी मधुर झिडकी , मीठी डांट का तलबगार हूँ ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

इल्म की हकीक़त एक हदीस में

इल्म की हकीक़त एक हदीस में इस तरह से बयान की गयी हे ....
हजरत अली से एक साहब ने पूंछा के इल्म क्या होता हे 
हजरत अली ने फरमाया इल्म उसे कहते हें जब कोई ज़ुल्म करे 
तो हम उसे माफ़ कर दें , कोई ताल्लुक तोड़ दे तो हम उसे जोड़ने 
की कोशिश करें. बदले की आग दिल में हो तो उसे बुझा दो . 
मुजरिम सामने आये तो सोचो के तुम्हारा रहम तुम्हारी माफ़ी बढ़ी हे 
या उसका जुरतं .. गुस्से में ऐसी कोई बातर न कहो जिससे किसी का दिल दुखे 
और बाद में खुद को भी पछताना पढ़े बस यही इल्म यही इस्लामिक साक्षरता 
की निशानी हे तो फिर यूँ लोगों से अब शिकवे शिकायत तो बेमानी हें ......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

खुद ने मुझ से अलग कर लिया ..

आज उसने 
मुझ से 
खुद को 
अलग कर लिया 
खुद को ही नहीं 
मेरे दर्द को भी 
खुद से अलग कर लिया 
देख लो 
इसीलियें आज 
मेरी आँखों में आंसू 
सीने में दर्द हे 
फिर भी 
नज़र न मिलायी उसने 
न आँखों में हे पानी उसके 
बस इसीलियें 
समझ लिया अब 
के उसने मुझको 
खुद से अलग कर लिया . 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

बिमारी और दोलत

बिमारी ने 
एक दिन दोलत से कहा
तुम कितनी खुशनसीब हो 
हर कोई तुम्हारी तमन्ना करता हे 
और एक में हूँ 
जो मुझ से हर कोई 
दूर भागता हे 
दोलत ने बिमारी से कहा 
खुशनसीब तुम हो 
तुम आती हो तो 
लोग खुदा को याद करते हें 
और एक में हूँ 
जिसके पास रहती हूँ 
वोह खुदा को 
भूल जाता हे ......
... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

आज आखरी बार मिल तो लूँ .........

सोचा 
जरा 
तुम से भी आज 
आखरी बार ही सही 
मिल तो लूँ , 
में जानता हूँ 
यह साँसे हें 
जो तुम से भी 
कहीं ज्यादा 
बेवफा होती हें 
तुमसे भी कहीं 
ज्यादा बेवफा होती हें . 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

उपवास भूख हडताल का गाँधी से हजारे तक का सफर

उपवास और भूख हडताल के बल पर लाठी और लंगोटी से बिना किसी हथियार के आज़ादी की जंग जितने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बाद भूख हडताल को अपनी जायज़ मांगे मनवाने के लियें अगर किसी ने हथियार बनाया हे तो वोह हें अन्ना हजारे समाजसेवक के रूप में अपनी विशिष्ठ गांधीवादी पहचान बनाने वाले अन्ना अब मनमोहन सरकार से टकरा रहे हें और सभी कोशिशें नाकामयाब होने के बाद अन्ना भ्रस्ताचार के विरूद्ध जंग में आज अपने प्राणों की आहुति देने के लियें भूख हडताल पर बेठ गये हें . 
दोस्तों अन्ना हजारे जिसका नाम समाजसेवा  भ्रष्टाचार के विरूद्ध जन हित में शिष्टाचार से युद्ध के लियें लिया  जाता हे जिसका राष्ट्र सम्मान करता हे उसी के राष्ट्रहित  में दिए गये सुझाव देश के प्रधानमन्त्री कचरे की टोकरी में दल देते हें इस बार अन्ना ने प्रस्तावित लोकपाल विधेयक को जल्दी ही संशोधित कर जनता को और अधिकार दिए जाने के बाद लागू किये जाने की मांग की हे एक आज़ाद देश जहां जनता का जन ता के लियें शासन हे वहां जनता को भर्स्ट नेताओं के खिलाफ जांच करवाने उनको दंडित करवाने के कानून बनाने में अगर आना कानी की जाए और विपक्ष में बेठी भाजपा भी खामोश रहे तो बात साफ़ हो जाती हे के आज की राजनीति जनता को लुटने का दूसरा नाम हे और इसीलियें अपने स्वार्थ के लियें कोंग्रेस और भाजपा चोर चोर मोसेरे भाई हो गये हें आखिर लोकपाल विधेयक की मांग संशोधन की मांग भर्स्ट लोगों को दंडित करवाने की मांग क्या इस देश में अपराध हे अगर इस मांग के लियें भी इस देश में अन्ना जेसे लोगों को मरते दम तक भूख हडताल का आन्दोलन करने पर मजबूर होना पढ़े तो फिर इस देश के लोकतंत्र को क्या कहिये . 
अन्ना ने जन्तर मन्त्र पर भूख हडताल पर बेठने से पहले जब रुंधे हुए गले से बयान किया के मंत्री जो समिति के सदस्य हें वोह कहते हें के इस विधेयक की समिति में बाहर के आदमी यानि जनता के आदमी क्यूँ रखे जब अन्ना कहते हें के उन्होंने प्रधानमन्त्री  ,राष्ट्रपति सोनिया जी सहित सभी को पत्र लिखे सुझाव दिए लेकिन एक भी पत्र का जवाब नहीं ऐसे में आज इस प्रधानमन्त्री की अपील का क्या ओचित्य रह जाता हे . 
अन्ना भी जिद्दी हे वोह लोकपाल विधेयक को लागू होने तक और इसको संशोधित कर जनता को अधिकार देने तक भूख हडताल की घोषणा कर बेठे हें और खुद मनमोहन सिंह केंद्र की सरकार के बारे में सब जानते हें के वोह जनहित में तो कुछ नहीं करती अब देखना यह हे के सरकार झुकती हे या अन्ना सरकार को झुकाते हें लेकिन अन्ना जिंदाबाद अन्ना जिंदाबाद के नारे के साथ सभी लोग अन्ना के साथ हें और अन्ना जीतें यही खुदा से सबकी दुआएं हें . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

सरकार की करतूत पर में हंसूं या रोऊँ

 दोस्तों आप ही बताएं सरकार की करतूत पर में हंसूं या रोऊँ आप सोच रहे होंगे में सरकार की कोनसी करतूत की बात कर रहा हूँ जी हाँ शरद पंवार जो महंगाई किंग हे कोंग्रेस सरकार मुखिया मनमोहन जो घोटाला किंग  हें और खुद को हर बार मजबूर ब्वेबस बता कर अपना पीछा छुडा लेते हें इनके हाथ में काले धन वालों की एक सूचि हे जो यह सुप्रीम कोर्ट की लाख कोशिशों के बाद भी इसे सार्वजनिक नहीं कर रहे हें लेकिन इस सूचि से वोह विरोधियों को खुद की तारीफ़ करवाने पर मजबूर कर रहे हें खेर बात क्रिकेट की करते हें .
क्रिकेट में हमारे देश की जनता की दुआओं और खिलाड़ियों की कड़ी महंत के बाद हमें विश्व में एक सम्मान प्राप्त किया और जिस विश्व कप के लियें हम लढ़ रहे थे जो विश्व कप सामने रखा था हमने सपनों में भी नहीं सोचा था के यह नकली विश्व कप हे और जो विश्व कप आदरणीय राष्ट्रपति महोदया,मनमोहन सिंह ,सोनिया गाँधी सहित विश्व को दिखाया गया हे वही विश्व कप भारत के जीतने के बाद खिलाड़ियों और जनता को पता चले के यह तो नकली हे असली क्रिकेट विश्व कप तो सरकार के कस्टम कानून के झमेले में फंसा हे जनता और खिलाडी जब क्रिकेट की इस जीत पर विश्व कप को लोगों को दिखा कर जश्न मना रही थी तब अचानक उन्हें पता चले के यह विश्व कप नकली हे सरकार ने यह विश्व कप खिलाडियों और देश को देकर खेल और कप के सम्मान का अपमान किया हे तो बताओं ऐसे हाल में में रोऊँ या हंसूं कुछ समझ में नहीं आ रहा हे .................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 
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