आपका-अख्तर खान

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05 अप्रैल 2011

पूर्व केन्द्रीय मंत्री की रिश्तेदार को जेवर चमकाने के नाम पर ठगा

कोंग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारत सरकार में प्रधानमन्त्री कार्यालय में केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी की रिश्तेदार को उन्हीं के घर में एक सोने के जेवर चमकाने वाले ने ठग लिया और करीब छ तोला सोना लेकर फरार हो गया .
भुवनेश चतुर्वेदी की रिश्तेदार घर में बेठी थीं घर में और दुसरे पुरुष भी थे के अचानक दो लडके आये और उन्होंने श्रीमती सुमन चतुर्वेदी से कहा के आपकी सोने की चूड़ियां चमका देते हैं हम सोना चमकाने वाले पावडर की कम्पनी से आये हैं .
श्रीमती चतुर्वेदी ने पहले तो मना किया लेकिन जब लडकों ने उनकी पहनी हुई चूड़ियों को पावडर से रगडा तो उनकी चमक देख कर वोह लालच में आ गयी और घर में रखे सारे जेवर पूजा का कलश वगेरा ले आयीं लडकों ने करीब छ तोला जेवर लिया और साफ़ करने लगे उन्होंने एक डिब्बे में पानी के अन्दर जेवर डाले और श्रीमती चतुर्वेदी से इसे गरम करने के लियें कहा और चले गए एक पड़ोसन के आने के बाद श्रीमती चतुर्वेदी की बहु ने जब डिब्बा खोला तो उसमे से जेवर गायब थे उनका कहना हे के उनका ध्यान पूरा डिब्बे पर और लडकों पर था लेकिन यह ठगी किस बीच में हुई उन्हें पता ही नहीं चला अब पुलिस में रिपोर्ट की गयी हे देखते हैं ठग आते हैं या फिर इसी तरह किसी दुसरे को ठगी का शिकार बनाते हैं ......... . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जयपुर महापोर के आगे आखिर सरकार को झुकना पढ़ा

जी हाँ राजस्थान की ब्यूरोक्रेट्स सरकार जहां जनता और जनप्रतिनिधि से ज़्यादा अधिकारीयों को तवज्जो दी जाती हो और जनप्रतिनिधि द्वारा चीख चीख कर इन्हें हटाने की मांग करने पर भी अगर नहीं हटाया जाये और खुद जयपुर की महापोर को कोप भवन में जाना पढ़े तो फिर ऐसी सरकार का क्या होगा खेर सरकार महापोर के आगे झुक गयी हे और उसने पांच अधिकारीयों के तबादले कर दिए हैं . 
राजस्थान के जयपुर में अभी पिछले दिनों एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री,स्वयात्शासन मंत्री सहित कई मंत्रियों की उपस्थिति में महापोर ज्योंति ने अपनी व्यथा बयान की थी उन्होंने साफ़ शब्दों में अधिकारीयों के निकम्मे होने , मनमानी कार्यवाही करने , निरंकुश होने के आरोप लगते हुए कहा था के अगर मुख्यमंत्री जी को सरकार की छवि बेदाग़ रखना हैं तो जयपुर नगर निगम में लगे पांच आर ऐ एस प्रशासनिक अधीकारियों को तुरंत हटा दे इनका जनप्रतिनिधियों और जनता से अच्छा व्यवहार नहीं है, जयपुर की महापोर जो कोंग्रेस सन्गठन की प्रतिनिधि भी हैं उनके खुलेआम इस चेतावनी के बाद अधिकारीयों ने शर्मिंदा होने की जगह मुख्यमंत्री पर दबाव बनाया और नतीजा यह रहा के ट्रासफर लिस्ट तो निकली लेकिन जयपुर नगर निगम से अधिकारी नहीं हटाए गए फिर एक लिस्ट निकली लेकिन नतीजा वही अधिकारीयों के पक्ष में सरकार की इस हरकत से खुद महापोर भी सकते में आ गयी और उन्होंने नगर निगम आना जाना छोड़ दिया एक लोकतंत्र में चुनी गयी महापोर को ब्यूरोक्रेट्स ने जब अंगूठा दिखाया तो भाजपा के पार्षदों ने भी उनका साथ दिया और अब मुख्यमंत्री और सरकार को महापोर की त्रिया हठ के आगे झुकना पढ़ा और कल १११ अधिकारीयों की ट्रांसफर लिस्ट में नगर निगम जयपुर  के पांच अधिकारीयों को भी हटा दिया गया अब कहीं जाकर जयपुर की महापोर फिर से दफ्तर में बैठकर अपना कामकाज शुरू करेंगी ...................... है ना नोकरशाही का बहतरीन उदाहरण ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या यह मुख्यमंत्री का गृह जिला है ......हाईकोर्ट जज भी चीख पढ़े

किसी शहर  में मनमानापन,मोजमस्ती हो और अधिकारी नियमानुसार काम नहीं करें जनता पर मुकदमों का बोझ हो समस्या का समाधान हो कोई सामान्य जिला हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर यह गृह क्षेत्र खुद मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार अशोक गहलोत का हो तो इस बहाली को देख कर जनता तो क्या हाईकोर्ट को भी चीख कर टिका टिपण्णी करने को मजबूर हो जाना पढ़ता है. 
दोस्तों जोधपुर आदरनीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार का गृह जिला है सब जानते हैं यहाँ उन अधिकारीयों को नियुक्त किया जाता है जो खुद मुख्यमंत्री के वफादार और दुसरे अधिकारीयों से समझदार हों लेकिन इन अधिकारीयों के काम काजा के तोर तरीकों से विपक्ष और जनता तो क्या खुद हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है, कल जोधपुर में निर्धनों को न्याय विषय पर बोलने के लियें जब जस्टिस डोक्टर विनीत कोठारी खड़े हुए तो उन्होंने हाईकोर्ट की पत्रावलियों में जोधपुर के अधिकारीयों की जो मनमानी देखी वोह सब जनता से शेयर कर डाली डोक्टर कोठारी ने कठोर लहजे में कहा यह क्या हो रहा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले के अधिकारीयों का यह हाल हे तो फिर दुसरे इलाकों का क्या हाल होगा हाईकोर्ट जज साहब का कहना था के हम गरीबों को न्याय की बात करते हैं लेकिन हमारे राजस्थान में खुद जोधपुर में ७० फीसदी मुकदमे अधिकारीयों और सरकार की लापरवाही के कारण ही चल रहे हैं . अब माई लोर्ड खुद इस सरकार की न्यायिक निति और अनावश्यक मुकदमे बाज़ी की परम्परा से परेशान हों तो फिर आम जनता का क्या होगा सोच लो जनाब ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निर्मला को डॉक्टरों की निर्मलता ने फिर से निर्मल बना दिया

दोस्तों यह जिंदगी की अजब कहानी है यहाँ जयपुर में एक बच्चा जो निर्मल से निर्मला बन गया था उसे डॉक्टरों ने उदारता दिखाते हुए खुद निजी तोर पर बिना खर्च के इलाज किया और उसे वापस निर्मल बना दिया . 
जयपुर में निर्मल नामक बच्चे का जन्म हुआ उसके सेक्सुअल पार्ट विभाजित थे पहले वोह लडका जेसा लगता था लेकिन फिर महिलाओं के सेक्सुअल पार्ट उसमे बन गये थे इस बिमारी को चिकित्सकों ने चुनोती के रूप में लिया और जो बच्चा निर्मल इस परिवर्तन के कारण निर्मला के रूप में जाना जाने लगा था वोह लडका चिकित्सकों के ओपरेशन के बाद अब स्वस्थ  हे और पूरी तरह से लडका बन गया हे डॉक्टरों ने इस काम में निर्मल के परिजनों के गरीब होने के  कारण रुपयों का भी लालच नहीं किया और स्वयम अपने स्टार पर ही यह इलाज किया अब निर्मल और उसके परिजन चिकित्सकों को दुआएं दे रहे हें ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान साक्षरता के ७६०० करोड़ कहाँ गये

राजस्थान सरकार खुद भ्रूण हत्या और साक्षरता के मामले में बहतरीन सरकार होने का गुणगान करती रही हे लकिन यह क्या य्हना तो जनगणना के आंकड़ों ने इनकी पोल खोल कर ही रख दी हे यहाँ बच्चियों को गर्भ से बाहर नहीं आने दिया गया जबकि साक्षरता के नाम पर सिर्फ ठगी ही हुई हे और यही कारण हे के हम ने आधा लक्ष्य भी प्राप्त नहीं किया हे .
राजस्थान में सरकार ने वर्ष २००२ से आज तक घर घर साक्षरता की अलख जगाने के लियें ७६०० करोड़ रूपये खर्च कर दिए हें यहाँ महिलाओं को विशेष सुविधा, महिला साक्षरता के लियें मिड  डे मील से लेकर युनिफोर्म किताबों की सुविधा पेरा टीचर्स ,राजिव गांधी पाठशालाएं , साक्षरता मिशन ,स्कूली शिक्षा सारे खर्च बेकार और यहाँ शिक्षा का प्रतिशत बढने की जगह और कम हो गया हे दस साल के करोड़ों खर्च के बाद इस सफर में साक्षरता में केवल ९ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी अपने आप में एक मजाक हे राजस्थान में केवल ५३ प्रतिशत साक्षरता जो सभी राज्यों से पिछड़ा हुआ हे साक्षरता की बात तो दीगर हे लेकिन महिलाओं का जन्म यहाँ रोका गया हे भ्रूण हत्या और टेस्ट अगर हम  देखे तो सभी कानून कायदों को ताक में रख कर यहाँ मिस्केरिज और गर्भपात के बढ़े खेल चले हें और यही कारण है के यहाँ लडकियों को जन्म देने से पहले ही रोक दिया गया अब राजस्थान में महिलाओं की संख्या कम हे . इन बदली हुई परिस्थितयों में राजस्थान सरकार को साक्षरता और महिलाओं के गर्भपात रोकने के लियें जो भी प्रयास किये हें उनकी समीक्षा करना आनिवार्य हे और जाँच के बाद सम्बधित घोटालेबाजों को भी दंड देना जरूरी हे जरा सोचो ७६०० करोड़ में केवल लाखों की साक्षरता लुट की हद हो गयी ना ............................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लोगिंग की दुनिया पर रिसर्च कर रही हें शिखा कोशिक

शिखा कोशिक
दोस्तों ब्लोगर की दुनिया पर पेनी नजर रखने और वक्त बा वक्त ब्लोगर भाइयों को अपनी टिप्पणियों अपनी लेखनी के माध्यम से ब्लोगिंग के नये टिप्स देने वाली शिखा कोशिक इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया में लोकप्रिय   हो गयी हे , शिखा कोशिक जो इन दिनों रिसर्च स्कोलर हे लेकिन उनकी ब्लोगिंग और ब्लोगिंग में अहतियात ,अपनापन ,पेनी नज़र , और तेज़ तर्रार लेखनी से स्पष्ट हे के वोह ब्लोगिंग पर भी पेनी नजर रख कर अपनी अतिरिक्त रिसर्च कर रही हे . 
शिखा  कोशिक के बारे में  आपको क्या बताऊं सबसे पहले अगर बात जन्मदिन की करें तो देखो आप सभी जानते हो के महिला की कोई उम्र नहीं होती और कुल सोलह साल पर जाकर हर महिला की उम्र टिक जाती हे और शिखा बहन के उम्र भी सोलह बरस पर आकर टिक गयी हे अब बात करते हें उनकी ब्लोगिग्न की लगभग सितम्बर २०१० से ब्लोगिंग की दुनिया में धूम मचाने आयीं शिखा जी ने ब्लोगिंग की नब्ज़ को समझा इसे टटोला हे और इसीलियें ब्लोगर्स और रीडर की भावनाओं को देखते हुए शिखा जी ने अपने विभिन्न ब्लोग्स पर कई रिसर्च किये हे कई प्रयोग किये हें . 
शिखा जी के ब्लॉग लेखन में जो अपना पन  ,जो एहसास , जो तीखे तेवर और जो पेनापन है उससे स्पष्ट हे के वोह दुसरे कामकाज के अलावा ब्लोगिंग पर भी बहुत महनत करती हे और इसमें उनके निजी स्वभाव की भी अहमियत हें शिखा जी जितना खुद को प्रेम करती हे इतना ही स्रष्टि के हर जीव को प्रेम करती हे इसीलियें वोह सभी का दुःख दर्द ,मानसम्मान समझती हे और इन मर्यादाओं को ध्यान में रख कर ब्लोगिंग करती हे , शिखा जी लिखना ,पढना ,खेलना, और बागवानी का शोक हे इनकी मनपसन्द पुस्तक रामायण हे जबकि मुंशी प्रेमचंद का साहित्य भी इन्हें बहुत पसंद है . 
शिखा जी कई ब्लोगों   से जुडी हें जबकि भातीय ब्लॉग लेखक मंच की महाभारत के बाद उसकी समानित पुरस्कृत सदस्या हैं . शिखा जी ने विचारों का चबूतरा, नन्हे फरिश्तों के लियें, हम तो हर पल जिए , हिंदी साहित्य पहेली , नेताजी क्या कहते हैं , अर्थली हेवन , विख्यात, मेरी कहानियाँ ,मेरा आपका प्यारा ब्लॉग सहित कई और ब्लॉग तय्यार किये हें जिसके अपने रीडर हें अपने टिका टिप्पणीकार हैं और शिखा जी ने अपने हर ब्लॉग पर हर टेस्ट ,हर आयु वर्ग से जुड़े लोगों के हिसाब से ब्लोगिंग की हे एक ब्लॉग में धार्मिक गाथाओं की झलक  हे तो एक ब्लॉग केवल बच्चों का दिल बहलाने और उनका बोद्धिक स्तर बढाने के लियें हे तो दूसरा ब्लॉग नेताओं को सूधारने के लियें उनकी हरकतें सार्वजनिक करने के लियें तय्यार किया गया हे , एक ब्लॉग साहित्य से जुदा हे तो दुसरा लेखों से भरा पढ़ा हे भाषा में हिंदी भी हे तो अंग्रेजी भी हे जिसकी जेसी पसंद वोह उस तरह से इनके अलग अलग ब्लोगों को पढ़कर इनकी प्रशंसा करता रहता हे सबसे बढ़ी बात यह हे के बहन शिखा ब्लोगिंग की दुनिया की निर्विवाद ब्लोगरों में से एक हे और यह ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ब्लोगिंग कर रही हें इसीलियें इनकी लोकप्रियता दिन बा दिन बढती जा रही हे ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 
दोस्तों मेने अपनी २५०० पोस्ट पूरी करने के बाद लेडीज़ फर्स्ट की तर्ज़ पर महिला पर ही ब्लोगिंग की योजना बनाई थी और इसी क्रम में शिखा जी की उपयुक्त पात्रता होने के कारण उन के लियें ब्लोगिंग की हे ......
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