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06 अप्रैल 2011

कोटा में भी अन्ना को समर्थन


कोटा। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए व्यापक जन लोकपाल विधेयक लाने की मांग पर नई दिल्ली में अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे की मुहिम में कोटा में भी आंदोलन का आगाज हो गया है। बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पर मानव कल्याण समिति के बैनर तले धरना दिया गया। गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी मोहनलाल गुप्ता के नेतृत्व में सुबह 9 बजे मल्टीपरपज स्कूल गुमानपुरा से कलेक्ट्रेट तक रैली पहुंचेगी, जहां विधेयक के समर्थन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अमरीक चंद गंभीर शुक्रवार से धरने पर बैठेंगे। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भ्रष्टाचार विरोधी जन अभियान समिति के गठन के साथ आंदोलन को समर्थन दिया है। निर्दलीय पार्षद गोपालराम मंडा, पूजा राजवंशी, जितेंद्र सिंह व जसपाल अरोड़ा गुरुवार को धरने के समर्थन में एक मंच बनाएंगे।



क्यों नहीं खौलता खून

स्वाधीनता आंदोलन के दौरान कोटा में संघर्ष की मशाल थामने वाले ताम्रपत्र प्राप्त स्वतंत्रता सेनानी 87 वर्षीय मोहनलाल गुप्ता ने बुधवार को पुरानी धानमंडी स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे बैठकर अफसोस जताया कि भ्रष्टाचार के जिस अहम मुद्दे पर देश के युवाओं का खून गर्माना चाहिए था, वह शांत है। यही वजह है कि अन्ना जैसे बुजुर्गो को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी पड़ रही है।



गुप्ता ने कहा कि अन्ना हजारे की मुहिम के समर्थन में वे गुरुवार सुबह 9 बजे गुमानपुरा मल्टीपरपज स्कूल से रैली निकालेंगे और सूरजपोल गेट, कैथूनीपोल चौराहा से पुराने कोटा होते हुए कलेक्टरेट पहुंचेंगे। सभी राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों को मौखिक रूप से रैली में शामिल होने का आह्वान किया है। कोई नहीं आएगा तो वे अकेले ही तिरंगा थामकर निकलेंगे। जैसे गांधी जी ने दांडी यात्रा 11 लोगों के साथ शुरू की थी और बाद में कारवां जुड़ता गया था। कलेक्टरेट पहुंचकर जन लोकपाल विधेयक लाने की मांग पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।



कलेक्ट्रेट में लगाएंगे सूचना बोर्ड

भास्कर ने शहर में भ्रष्टाचार की शिकायतों की समाधान की प्रक्रिया में जब कलेक्टर जीएल गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि जो भी शिकायत आती है तो उसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) को भेज देते हैं। अनियमितता की शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। अब भ्रष्टाचार रोकने के लिए कलेक्ट्रेट के सभी ऑफिसों में बोर्ड लगाए जाएंगे। जिस पर लिखा होगा कि यदि कोई रिश्वत मांगता है तो एसीबी में इसकी शिकायत करें। बोर्ड पर एसीबी कार्यालय का पता व फोन नंबर भी लिखा जाएगा।



8 अप्रैल को होगी सर्वदलीय बैठक

अन्ना हजारे के समर्थन में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कॉ-आर्डिनेटर विजयसिंह पालीवाल के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी जन अभियान समिति की बैठक बुलाई गई। इसमें निर्णय लिया गया कि 8 अप्रैल को झालावाड़ रोड आश्रय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। इसमें सभी सामाजिक, साहित्यिक व गैर राजनैतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। बुधवार को हुई बैठक में मनोज पुरी, महेंद्र नेह, सुमेर सिंह, नेता खंडेलवाल, रौनक आनंद, तारकेश्वर तिवारी मौजूद थे।



माकपा का समर्थन

भारत की मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यूनाइटेड के सचिव महेंद्र पांडेय, विजयशंकर झा, महेंद्र नेह व तारकेश्वर तिवारी, हरदयालसिंह, अब्दुल गफूर व दिलीप शर्मा ने कहा है कि जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में पुरजोर आवाज उठाई जाएगी।



सांकेतिक धरने से शुरुआत

अन्ना हजारे की मुहिम के समर्थन में मानव कल्याण समिति ने बुधवार को कलेक्ट्रेट गेट पर शाम 5 बजे तक सांकेतिक धरना दिया। एडीएम सिटी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। धरने में कांग्रेस नेता अरुण भार्गव, समिति पदाधिकारी श्याम नामा, कन्हैयालाल मित्तल, पूर्व पार्षद रविन्द्र बैरवा, वकील रामावतार जोशी, शंभूदयाल विजय, प्रकाश जायसवाल, स्वतंत्रता सेनानी मोहनलाल गुप्ता और पूर्व पार्षद सुरेश गुर्जर शामिल हुए।



इरादा तो दिल्ली जाने का था

वयोवृद्ध नेता अमरीकचंद गंभीर के मुताबिक वे शुक्रवार से कलेक्ट्रेट पर अनशन पर बैठेंगे। उनका इरादा तो हजारे के साथ दिल्ली में अनशन पर बैठने का था, लेकिन वृद्धावस्था और निशक्तता के कारण वे कोटा में ही अनशन पर बैठ रहे हैं।अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इ सुगम से अब राजस्थान में भ्रस्ताचार की शिकायतें

राजस्थान में अब भ्रस्टाचार की शिकायतें करना आसान हो गयी हे सरकार ने इ सुगम शिकायतें दर्ज करने की योजना बनाई है इसके लियें  sugamrpg.raj.nic.in पर एक विशेष पोर्टल पर चार हजार शब्दों तक अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी .
राजस्थान  में भ्रस्टाचार के खिलाफ इस हाई टेक शिकायत केंद्र पर सभी कलेक्टरों ,मुख्यमंत्री,राज्यपाल महोदय की भी सीधी नज़र रहेगी इस माध्यम से प्राप्त सभी शिकायतों को निस्तारण के लियें सम्बन्धित विभाग में भेजा जाएगा और तुरंत शिकायत की पावती और शिकायत के निस्तारण के बारे में शिकायत करता को उसकी आई डी पर जवाब दिया जाएगा .
भ्रष्टाचार और जनसमस्याओं के लियें राजस्थान सरकार की यह अनूठी पहल है और इस शिकायत प्रक्रिया से जनता को लाभ मिलेगा ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भूखों को रोटी की रेली के पूर्व उदयपुर में तमाशा

राजस्थान में झीलों की नगरी जहां के आसपास निवासित आदिवासी जो भूखे नंगे हें उनका सच जनता के सामने लाने के लियें उन्हें एकत्रित कर उनके नाम से निकाले जाने वाली रेली में राजस्थान सरकार में राजस्थान सरकार में बेठी एक मंत्री के पति सांसद और सरकार के बिच जंग छिड़ गयी हे हालत यह रहे के इन संसद जी को थप्पड़ मार कर सीधा कर दिया गया अब यह पुलिस की हिरासत में हें . 
राजस्थान में गरजने और बरसने वाले कहे जाने वाले एक मात्र राजनितिक शेर  सांसद डोक्टर किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी श्रीमती गोलमा राजस्थान सरकार में मंत्री हैं यह वाही डॉक्टर किरोड़ी मीणा हें जिनकी क्रपा से राजस्थान में आज कोंग्रेस सरकार को बहुमत प्राप्त है और वोह राज कर रही है किरोड़ी दो जगह से विधायक बने थे और अभी दोसा से सांसद हैं इनकी दबंगई के किस्से राजस्थान की सडकों ,गलियों और जंगलों में आम हैं .
डोक्टर किरोड़ी अपना आधार दुसरे इलाकों में बढाने के लियें कोंग्रेस के वोट बेंक में सेंध लगाने के मकसद से उदयपुर दलितों के गाँव और बस्तियों में जा पहुंचे डोक्टर साहब ने दलितों की बस्तियों में तो अपना बसेरा नहीं बनाया और एक सुख सुविधा युक्त होटल रोयल इन् में रहने का इन्तिज़ाम किया वहां दलितों को एकत्रित कर भूखों को रोटी और नंगों को कपड़े दिलवाने के नाम पर एक आन्दोलन छेड़ने की रणनीति बनायी जा रही थी एक बढ़ी रेली निकाले जाने की तय्यारी थी कलेक्टर की रिपोर्ट थी के अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है इसलियें पहले धरा १४४ लगाकर किरोड़ी को १५१ में गिरफ्तार कर डराया गया वोह नहीं माने तो फिर किरोड़ी को पकड़ कर जिलाबदर करने के लियें ताकत का इस्तेमाल किया गया डोक्टर किरोड़ी का कहना है के उनके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजराज सिंह ने थप्पड़ मारा है जबकि कुछ लोगों का कहना है के किरोड़ी ने भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के थप्पड़ मारा है इस मामले में तेजराज सिंह ने ऐसी घटना होने से इनकार किया है फिलहाल डोक्टर किरोड़ी को अजमेर नजरबंद रखा गया है . 
दोस्तों कहीं अगर बलवा हो तो ऐसी गिरफ्तारी तड़ीपार की कार्यवाही ठीक लगती है लेकिन एक निर्वाचित सांसद, एक राजस्थान सरकार में बेठी मंत्री गोलमा के पति के साथ केवल भूखों को रोटी और नंगों को कपड़े दिलवाने की मांग पर इस तरह की दुर्दशा क्या लोकतंत्र है .......अगर राजस्थान सरकार ने आदिवासियों के लियें कुछ योजनायें तय्यार की हैं तो फिर उन्हें डरने की क्या जरूरत है आदिवासी तो जो उन्हें न्याय दिलाएगा उनके साथ ही रहेंगे लेकिन कल उदयपुर में जो भी राजनीति हुई है उससे राजस्थान सरकार की कार्यवाही लोकतंत्र में एक उदाहरण बन कर कभी ना कभी किसी कोंग्रेसी पर बरसेगी जरुर .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक हैं किलर झपाटा , और एक हैं कुंवर कुसुमेश

एक हैं किलर झपाटा , और एक हैं कुंवर कुसुमेश

एक हैं किलर झपाटा , और एक हैं कुंवर कुसुमेश दोनों के स्वभाव और दोनों  की लेखनी उत्तर दक्षिण है मामूली सा परिचय इन भाइयों का में आपसे कराना चाहता हूँ .............
किलर झपाटा जी जेसा नाम ऐसा ही काम इनकी ब्लोगिंग में किसी का भी कान पकड़ों और प्यार से दो चार चपत लगा दो बस यही इनका अंदाज़ हे और टिप्पणी का अंदाज़ तो माशा अल्लाह निराला हे जो इनकी पहलवानी गुण को ना जाने वोह तो बिना वजह के नाराज़ होकर ही बेठ जाए , भाई नाराज़ होने की बात नहीं हे बात थोड़ा डरने की हे किलर झपाटा भाई छोटे मोटे आदमी नहीं अरे भाई पहलवान हैं पहलवान समझ गए ना बस इसीलियें इनका फोटू लगाने में  में थोडा में डर गया , खेर यह तो हुई हंसी मजाक और भाईचारे की बात लेकिन हकीकत यह हें के होन्कोंग में मजे ले रहे भाई किलर झपाटा जी खिलाड़ी हैं और खेल के सामानों का ही इनका व्यसाय भी है यह किलर हैं और सिर्फ किसी को भी किलिंग करने के लियें निर्भीकता से अपनी वाणी चलाते हैं इनकी सभी पोस्टों में जांबाजी झलकती है कई लोग इनकी पोस्ट और टिप्पणियाँ पढ़कर नाराज़ होने का भी मन बनाते हैं लेकिन जब इन जनाब के पहलवानी के किस्से आते हैं तो मेरे जेसे लोग तो डर जाते हैं और कुछ सोच लेते हैं चलो छोड़ों क्या फर्क पढ़ता हे बेचारा पहलवान है......  भाई किलर झपाटा जी ने होन्कोंग और हिन्दुस्तान एक कर दिया है इनको किलकिल काँटा खेलना अच्छा लगता हे दीवाने बकवास जो में लिखता हूँ इनका मनपसंद ग्रन्थ है वर्ष २०१० में इन्होने ब्लोगिंग शुरू की और इस वर्ष कुल छ ब्लॉग लिख कर अब यह मजेदार ब्लोगिंग में हैं इनकी पोस्टें और टिप्पणियाँ पढ़कर जी करता है के इनके साथ मिलें इनके साथ बेठें इनके साथ घूमें इनके साथ  फिरें तो जनाब किलर झपाटा भाई क्या हमें बुला रहे हों हांगकांग घुमने फिरने और थोड़ा खुबसूरत चेहरा खुबसूरत नाम सभी तो लोगों के सामने लाओ यार वरना हम तो तुम्हारी याद में तडप तडप कर ही मर जायेंगे . ........................................................ 
जनाब यह तो हुई हंसी मजाक की किलर झपटा साहब की लेकिन एक ब्लोगर भाई धीर गम्भीर और कविता गुरु कुंवर कुसुमेश जी हैं जिन्हें अगर में नहीं पढ़ पाता या जिन तक मेरी पहुंच नहीं होती तो शायद में खुद को इस ब्लोगिंग और अध्ययन की दुनिया में अधूरा मानता इनका रोज़ लिखा जाने वाला काव्य साहित्य सीधे आँखों के रास्ते सेकुंवर कुसुमेश जाकर दिल में उतरता है और फिर दिमाग को सोचने पर जमीर को झकझोरने पर मजबूर कर देता है लेखन की जमीर को जगा देने वाली जो ताकत है वोह इन जनाब कुंवर कुसुमेश जी में है . 
आदरणीय कुंवर कुसुमेश जी लखनऊ उत्तर प्रदेश में जीवन बीमा निगम में जिला प्रबन्धक पद से रिटायर है और बीमा कम्पनी में क्लेम देते वक्त फाइनल करते वक्त कई लोगों का दर्द इन्होने नजदीक से देखा हे , कई लोगों के फर्जी क्लेम उठाने का झूंठ इन्होने पकड़ा हे कुशल प्रंबधक के रूप में इन्होने दफ्तर का काम अनुशासन से किया हे इसीलियें अनुशासन और अदब इनकी पहली शर्त हे अदब में साहित्य और तमीज़ दोनों चीजें शामिल हैं .
कुंवर कुसुमेश जी ऐसे पहले ब्लोगर हैं जिन्हें पढ़कर मुझे इनसे जलन हुई हे क्योंकि भाई में टिप्पणी फकीर हूँ और यह टिप्पणी सेठ  टिपण्णी  के धीरुभाई अम्बानी हैं इनकी हर रचना पर कमसेकम सत्तर लोगों की दाद होती हे और अधिकतम तो सो से भी ऊपर होती ही हे इनकी प्रमुख रचना फिर सलीबों पर मसीहा होगा जरा देखें जिंदगी का सच समझ में आ जाएगा इनके अनुभवों की वजह हे जो कुंवर कुसुमेश जी ने मोसम,युद्ध फोजी से लेकर जिंदगी के हर पहलु को अपनी रचना में समेटा हे और इनकी हर रचना पढ़नेवालों के दिल में इस कद्र उतरी है के उसके मुंह से बेसाखता वाह और हाथों की उँगलियों  से कम्प्यूटर पर टिप्पणी निकल पढ़ी हे इन जनाब ने अब तक तीन बहतरीन पुस्तकों का प्रकाशन भी कर दिया है इनकी रचनाएँ कम लेकिन गुणवत्ता वाली  है और  फालतू लफ्फाजी दे दूर और कुछ ना कुछ सोच को लेकर लिखी गयी होती हैं इन जनाब ने जुलाई २०१० से ब्लोगिंग की और आज १०९ लोग इनके फोलोवार्स हैं जबकि सेकड़ों लोग इनके टिप्पणीकार हैं ऐसे साहित्यकार की रचनाएँ पढ़ कर में तो भाई धन्य हो गया ..........
बस मेरी इन जनाब कुंवर कुसुमेश जी से दरख्वास्त है के पहलवान जी किलर झपाटा जी का सर घुमे इसके पहले वोह मुझे बचा लें हाह हाह हां हां हः    .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक हैं किलर झपाटा , और एक हैं कुंवर कुसुमेश

एक हैं किलर झपाटा , और एक हैं कुंवर कुसुमेश दोनों के स्वभाव और दोनों  की लेखनी उत्तर दक्षिण है मामूली सा परिचय इन भाइयों का में आपसे कराना चाहता हूँ .............
किलर झपाटा जी जेसा नाम ऐसा ही काम इनकी ब्लोगिंग में किसी का भी कान पकड़ों और प्यार से दो चार चपत लगा दो बस यही इनका अंदाज़ हे और टिप्पणी का अंदाज़ तो माशा अल्लाह निराला हे जो इनकी पहलवानी गुण को ना जाने वोह तो बिना वजह के नाराज़ होकर ही बेठ जाए , भाई नाराज़ होने की बात नहीं हे बात थोड़ा डरने की हे किलर झपाटा भाई छोटे मोटे आदमी नहीं अरे भाई पहलवान हैं पहलवान समझ गए ना बस इसीलियें इनका फोटू लगाने में  में थोडा में डर गया , खेर यह तो हुई हंसी मजाक और भाईचारे की बात लेकिन हकीकत यह हें के होन्कोंग में मजे ले रहे भाई किलर झपाटा जी खिलाड़ी हैं और खेल के सामानों का ही इनका व्यसाय भी है यह किलर हैं और सिर्फ किसी को भी किलिंग करने के लियें निर्भीकता से अपनी वाणी चलाते हैं इनकी सभी पोस्टों में जांबाजी झलकती है कई लोग इनकी पोस्ट और टिप्पणियाँ पढ़कर नाराज़ होने का भी मन बनाते हैं लेकिन जब इन जनाब के पहलवानी के किस्से आते हैं तो मेरे जेसे लोग तो डर जाते हैं और कुछ सोच लेते हैं चलो छोड़ों क्या फर्क पढ़ता हे बेचारा पहलवान है......  भाई किलर झपाटा जी ने होन्कोंग और हिन्दुस्तान एक कर दिया है इनको किलकिल काँटा खेलना अच्छा लगता हे दीवाने बकवास जो में लिखता हूँ इनका मनपसंद ग्रन्थ है वर्ष २०१० में इन्होने ब्लोगिंग शुरू की और इस वर्ष कुल छ ब्लॉग लिख कर अब यह मजेदार ब्लोगिंग में हैं इनकी पोस्टें और टिप्पणियाँ पढ़कर जी करता है के इनके साथ मिलें इनके साथ बेठें इनके साथ घूमें इनके साथ  फिरें तो जनाब किलर झपाटा भाई क्या हमें बुला रहे हों हांगकांग घुमने फिरने और थोड़ा खुबसूरत चेहरा खुबसूरत नाम सभी तो लोगों के सामने लाओ यार वरना हम तो तुम्हारी याद में तडप तडप कर ही मर जायेंगे . ........................................................ 
जनाब यह तो हुई हंसी मजाक की किलर झपटा साहब की लेकिन एक ब्लोगर भाई धीर गम्भीर और कविता गुरु कुंवर कुसुमेश जी हैं जिन्हें अगर में नहीं पढ़ पाता या जिन तक मेरी पहुंच नहीं होती तो शायद में खुद को इस ब्लोगिंग और अध्ययन की दुनिया में अधूरा मानता इनका रोज़ लिखा जाने वाला काव्य साहित्य सीधे आँखों के रास्ते सेकुंवर कुसुमेश जाकर दिल में उतरता है और फिर दिमाग को सोचने पर जमीर को झकझोरने पर मजबूर कर देता है लेखन की जमीर को जगा देने वाली जो ताकत है वोह इन जनाब कुंवर कुसुमेश जी में है . 
आदरणीय कुंवर कुसुमेश जी लखनऊ उत्तर प्रदेश में जीवन बीमा निगम में जिला प्रबन्धक पद से रिटायर है और बीमा कम्पनी में क्लेम देते वक्त फाइनल करते वक्त कई लोगों का दर्द इन्होने नजदीक से देखा हे , कई लोगों के फर्जी क्लेम उठाने का झूंठ इन्होने पकड़ा हे कुशल प्रंबधक के रूप में इन्होने दफ्तर का काम अनुशासन से किया हे इसीलियें अनुशासन और अदब इनकी पहली शर्त हे अदब में साहित्य और तमीज़ दोनों चीजें शामिल हैं .
कुंवर कुसुमेश जी ऐसे पहले ब्लोगर हैं जिन्हें पढ़कर मुझे इनसे जलन हुई हे क्योंकि भाई में टिप्पणी फकीर हूँ और यह टिप्पणी सेठ  टिपण्णी  के धीरुभाई अम्बानी हैं इनकी हर रचना पर कमसेकम सत्तर लोगों की दाद होती हे और अधिकतम तो सो से भी ऊपर होती ही हे इनकी प्रमुख रचना फिर सलीबों पर मसीहा होगा जरा देखें जिंदगी का सच समझ में आ जाएगा इनके अनुभवों की वजह हे जो कुंवर कुसुमेश जी ने मोसम,युद्ध फोजी से लेकर जिंदगी के हर पहलु को अपनी रचना में समेटा हे और इनकी हर रचना पढ़नेवालों के दिल में इस कद्र उतरी है के उसके मुंह से बेसाखता वाह और हाथों की उँगलियों  से कम्प्यूटर पर टिप्पणी निकल पढ़ी हे इन जनाब ने अब तक तीन बहतरीन पुस्तकों का प्रकाशन भी कर दिया है इनकी रचनाएँ कम लेकिन गुणवत्ता वाली  है और  फालतू लफ्फाजी दे दूर और कुछ ना कुछ सोच को लेकर लिखी गयी होती हैं इन जनाब ने जुलाई २०१० से ब्लोगिंग की और आज १०९ लोग इनके फोलोवार्स हैं जबकि सेकड़ों लोग इनके टिप्पणीकार हैं ऐसे साहित्यकार की रचनाएँ पढ़ कर में तो भाई धन्य हो गया ..........
बस मेरी इन जनाब कुंवर कुसुमेश जी से दरख्वास्त है के पहलवान जी किलर झपाटा जी का सर घुमे इसके पहले वोह मुझे बचा लें हाह हाह हां हां हः    .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

विश्व स्वाथ्य दिवस पर डॉक्टर खुद के लियें ही जियेंगे

विश्व स्तर पर जेनेवा संधि के तहत विश्व के मरीजों और आम नागरिकों को स्वास्थ के प्रति जागरूक और साक्षर करने के लियें सात अप्रैल विश्व भर में स्वास्थ्य  दिवस के रूप में मनाया जाता है और कोटा सहित पुरे भारत और विश्व में कल सात अप्रैल को स्वास्थ दिवस मनाया जाएगा .
विश्व स्तर पर मनाये जा रहे इस दिवस पर चिकित्सक अपने निजी स्वार्थो से उबर नहीं सके हैं और इस दिन भी वोह जनता के स्वास्थ्य के लियें विशेष कार्यक्रम करने की जगह खुद अपने लियें मांग कर रहे हैं लोगों का मानना है के डॉक्टर मरीजों को रूपये के बदले देखता है और एक वर्ष में ३६५ दिन में से ३६४ दिन तक खुद के बारे में सोचता है इसीलियें जनता के बारे में सोचने के लियें विश्व स्तर पर यह दिन तय किया गया है लेकिन इस दिन भी निजी अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पतालों तक और डॉक्टरों के घर पर मरीज़ देखने तक किसी चिकित्सक ने भी जनता के लियें नहीं सोचा है हाँ खुद के लियें सोचते हुए कोटा के डॉक्टरों में अभी हाल ही में निर्वाचित आई एम ऐ अध्यक्ष डोक्टर नरेश राय ने अपनी टीम के जरिये इस दिन जनता के साथ विभिन्न कार्यक्रमों जेसे रक्तदान चिकित्सा शिविर के रूप में मनाने का निर्णय लिया है लेकिन इन जनाब ने भी इस दिन अपने स्वार्थ  की बात करते हुए कहा है के राजस्थान में बनाया गया मेडिकल प्रेक्टिशनर एक्ट को पूरी तरह से लागु करवाने के लियें संघर्ष का एलान किया है . लोगों का मानना है के चिकित्सक इस मांग को कभी भी रख सकते थे विश्व स्वास्थ्य दिवस के दिन तो यह लोग जनता की सेवा करते जनता को स्वस्थ केसे रखा जाए इसके बारे में कोई योजना बनाते लेकिन ऐसा नहीं किया गया है .
हमारे देश में चिकित्सकों को भगवान भी कहा गया हे तो शेतान भी कहा जाने लगा हे लेकिन कानून जो चिकित्सकों को कंट्रोल करने के लियें चिक्तिसा परिचालन नियम २००२ बनाया गया हे अगर जनता संघर्ष कर इस कानून को शत प्रतिशत लागू करवा दे तो हकीक़त में जो चिकित्सक मिशन के लियें जी रहे है वोह पूजे जाएँ और जो चिकित्सक रूपये और निजी लालच लुट के लियें जी रहे है उन्हें राक्षस घोषित कर सरे आम बेईज्ज़त किया जाए साथ ही चिकित्सा परिचालन नियमों का उलंग्घन होने पर ऐसे चिकित्सकों का नाम मेडिकल कोंसिल और इंडिया के रजिस्टर में से काट कर उनकी चिकित्सा की डिग्री भी छीनने का कानून है इसलियें चिकित्सकों से निवेदन है के विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जनता को इंसान समझकर उनके प्रति समर्पित कार्य करें और जो चिकित्सक रूपये को भगवान समझकर महंगी कमिशन की दवाएं बे मतलब की लिखते है फ़ालतू अनावश्यक जांचें करवाकर कमिशन खाते हैं जेनेरिक की जगह दूसरी दवाएं लिखते हैं मरीजों का नाम रजिस्टर में नहीं लिखते उन्हें फ़ीस की रसीद नहीं देते अपना रजिस्ट्रेशन पर्चे पर नहीं लिखते ऐसे चिकित्सकों को क्या कहें इसका फेसला खुद साथी चिकित्सक करें और उन्हें दंडित करें ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में अब प्राइमरी स्कुल खोलना मुश्किल

राजस्थान में अब प्राइमरी स्कुल खोलना मुश्किल हो गया है , यहाँ नया स्कुल खोलने के लियें अब कड़े कायदे कानून बनाये गए हैं जिससे राजस्थान जो पहले से ही साक्षरता में पिछड़ा हुआ है वोह और पिछड़ जाएगा ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान है . 
राजस्थान में सरकार ने एक कनून बना कर सभी निजी स्कूलों को मान्यता लेने के लियें पाबन्द किया है इसके लियें सरकार ने विशेष नियम भी बना डाले हैं नये नियमों के तहत सभी निजी प्राइमरी स्कूलों को अब मान्यता लेना आवश्यक है अभी तक राजस्थान में साक्षरता को बढ़ावा देने के लियें यहाँ प्राइमरी शिक्षा तक मान्यता आवश्यक नहीं थी और इसी लियें गली मोहल्लों में सरकारी स्कुल उपलब्ध नहीं होने पर निजी स्कुल शिक्षा की पूर्ति कर रहे थे अब इस नये नियम का उल्न्न्घन करने पर स्कूल संचालक पर एक लाख रूपये का जुर्माना है , राजस्थान के निजी और सरकारी स्कूलों में अब गाइड और स्काउट को भी जरूरी किया जा रहा है .
राजस्थान में एक तरफ तो साक्षरता में करोड़ों खर्च के बाद भी नतीजा जीरो रहा है और ऐसे में जब निजी स्कूलों पर खासकर प्राइमरी  स्कूलों पर शिकंजा कसेगा तो मदरसा स्कूलों से लेकर सभी स्कूलों के लियें दिक्कत खड़ी हो जायेगी वेसे राजस्थान में जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज़ है वोह है शिक्षा गारंटी अधिकार की क्रियान्विति जिस मामले में सरकार अभी तक कानून को लागु करने के आलावा कोई कारगर कदम नहीं उठा सकी है जबकि सभी निजी स्कूलों में नया सेशन शुरू हो गया है मेने कोटा में सर्वेक्षण किया लेकिन अब तक तो यहाँ एक भी बच्चा इस शिक्षा गारंटी कानून के तहत एडमिशन लेने वाला नहीं मिला .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा बी वन श्रेणी का शहर घोषित

दोस्तों हमारा कोटा जो राजस्थान का ही नहीं पुरे देश का शिक्षा नगर कहलाता हे इसी शहर को अब भारत सरकार ने बी टू से बी वन शहर की श्रेणी में डाल दिया हे अब कोटा नगर दस लाख से भी अधिक आबादी वाला प्रमुख नगर बन गया है  .
कोटा को बी वन शहर घोषित करने बार कोटा के सांसद इजयराज सिंह कोटा के विधायक और राजस्थान के गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल बधाई के पात्र हैं ,कोटा बी वन बनने से अब कर्मचारियों के वेतन में तो व्रद्धी होगी ही साथ ही इलाके की जनता के लियें अलग से कई विकास और सोंदर्यकर्ण की योजनायें बनेंगी ,दोस्तों  हमारा कोटा हमारे अपनों के लियें नहीं दूसरों के लियें जीता हे यह एक अकेला शहर हे जहां देश विदेश से हजारों हजार लोग आकर अपने बच्चों का भविष्य सुधार  कर उन्हें इंजीनियर ,डोक्टर,सी ऐ और ना जाने क्या क्या बनाकर ले जाते हैं , यह वोह शहर हे जहां यहाँ के लोग बेघर भूखे हैं लेकिन बाहर से आये सभी लोगों के पास रोज़गार और अपनी छत है ऐसे शहर को बी वन बनने पर सलाम,मुझे गर्व है के में इस शहर का निवासी हूँ , कोटा ही वोह राज्य हे जिसके कारण आज राजस्थान बना है राजस्थान की पहली राजधानी इसीलियें कोटा को बनाया गया था यहाँ के पत्थर यहाँ की कचोरी यहाँ के उद्ध्योग  और बिजली आज देश को जगमगा रहे हैं .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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