आपका-अख्तर खान

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08 अप्रैल 2011

जिंदगी एक खामोश सफ़र है इसे तो सिर्फ कुशल ग्रहिणी ही जी सकती है ,और इसी लियें वन्दना बहन ब्लोगिंग की जिंदगी बन गयी हैं

ब्लोगिंग की दुनिया  की जिंदगी बहन वन्दना जी
कहते हैं एक कुशल गृहणी माँ ,पत्नी,बहन,दोस्त,बहु और सास सहित ना जाने कितने किरदार निभाती है वोह जब घर को सजाती है तो इंटीरियर डेकोरेटर होती है ,जब घर के सदस्यों के लियें मन पसंद खाना बनाती है तो ऐसे  वक्त पर एक गृहणी डाईटीशन बन जाती है , कुल मिलाकर एक ईंट पत्थर से बने मकान को अगर घर और सपनों का खुशनुमा महल कोई बनाती है तो वोह सिर्फ और सिर्फ एक कुशल गृहणी ही होती है और हमारी बहन ब्लोगर श्रीमती वन्दना जी एक सफल गृहणी हैं यह तो सब जानते ही हैं उनके चेहरे की मुस्कान साफ़ झलकाती है के उनसे कोई नाराज़ नहीं है और वोह सभी की नब्ज़ समझ कर एक सूत्र में पिरोकर बेठी हैं .
बहन वंदना जी जो चटपटा खाना बना कर घर को साफ़ सुथरा कर ,सजा संवार कर, आकर्षक बनाती हैं वही बहन जब थक कर आराम करने का वक्त होता है तब अपने इस आराम के वक्त में वोह, हम और आप से जुड़ कर ब्लोगिंग करती हैं. ब्लोगिंग की दुनिया में उनके बहतरीन अल्फाजों में सजे संवरे विचार जन ब्लॉग पर आते हैं तो सभी लोग उसे पढ़ कर आह और वाह कर बैठते हैं क्योंकि इनकी लेखनी में ,इनके अंदाज़ में, प्यार ,झिडकी,एक अनुभव, एक सीख़ ,एक शिक्षा ,  एक अपनापन भरा पढ़ा है. घर के सारे कामकाज निपटाकर ब्लोगिंग करने वाली वन्दना जी को झूंठ से सख्त  नफरत है ,यह निर्भीक और निडर होकर अपनी बात कहने का साहस रखती हैं और कहती भी है वन्दना जी की एक खासियंत यह भी है के वोह प्रशंसा पसंद नहीं हैं, लेकिन यह गुस्ताखी में कर रहा हूँ और गुस्ताखी सिर्फ इसलियें के वन्दना जी को सच्चाई से प्यार है और सच यही है के वन्दना जी की ब्लोगिंग की तारीफ की जाए यह उनके ब्लोगिंग के प्रति समर्पण के कारण उनका  हक  बन गया है ,और मुझे यकीन है के इस सच्चाई पर वोह मुझ पर नाराज़ हरगिज़ नहीं होंगी . और सच लिखने में अगर हमारी बहन नाराज़ होती है तो हम  पहले ही कान पकड़ कर माफ़ी मांग लेते हैं .
एक निर्मल मन की मुस्कुराती तस्वीर अपनापन और प्यार बिखेरती वन्दना जी कहती हैं के,, ज़ाल जगत रूपी महासागर की में तो एक मात्र अकिंचन बूंद हूँ ,, उनके इन अल्फाजों से उनकी महानता उनका बढ़प्पन झलकता है ,  इनका निवास भारत की राजधानी जो इन दिनों अन्ना की भ्रस्टाचार  की लड़ाई का प्रमुख अखाड़ा बनी है वही दिल्ली है ,वर्ष २००७ से ब्लोगिंग की दुनिया में अपने आलेखों से ब्लोगर भाइयों को ब्लोगिंग टिप्स देने वाली वन्दना जी के अनुभव के कारण ही उन्हें आल इण्डिया ब्लोगर एसोसिएशन की चेयरमेन बनाया गया हे जिस ज़िम्मेदारी को वोह आज तक बखूबी निभा रही हैं .  जिंदगी एक खामोश सफ़र ,एक प्रयास , जख्म जो फूलों ने दिए ,भ्रस्टाचार ,शब्द निराकार उनके प्रमुख ब्लॉग हैं अब तक कुल २४०० ब्लॉग लिख कर बहन वन्दना ८००० से भी अधिक टिप्पणियाँ लूट चुकी हैं वन्दना जी के लेख इतने प्रभावी हैं के इनके ब्लॉग और लेख अख़बारों में भी छपते रहे हैं इन्हें फूलों से बहुत बहुत प्यार हे इसी लिये इन्होने खुद की आई डी भी रोज़ और फ्लोवर के नाम से बनाई है .
मई २००७ से आज तक करीब चार वर्षों में ब्लोगिंग की इस खट्टी मीठी दुनिया में टकराव ,झगड़े फसाद हुए लेकिन वन्दना जी ने सभी विवादों से खुद को बचाकर रखा और हमेशां ब्लोगिंग कल्याण,ब्लोगिंग एकता ,मर्यादित ब्लोगिंग की हिमायत की ऐसी ब्लोगिंग की जिंदगी बनी ब्लोगर बहन वन्दना जी को एक फोजी धांय धांय ब्लोगिंग करने वाले का सेल्यूट सलाम ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जनाब खुश रहो हम तो सफर करते हैं

    किसी शायर ने कहा है और सच कहा है ....जनाब खुश रहो हम तो सफर करते हैं ... यहाँ यह लाइनें अब सच होने जा रही हैं मेरी ब्लोगिंग  हो सकता है दो दिन के लियें खामोश हो जाए कारण के मुझे भी दोन दिन के सफर पर जाना है . 
में जानता हूँ मेरी रोज़ रोज़ की ब्लोगिंग से बहुत  से लोग तंग आ गये हैं उन्हें हो सकता है दो दिन के लियें ही सही थोड़ी नुजात तो मिलेगी लेकिन उनके लियें एक बुरी खबर भी है के हो सकता है में दो दिन बाद अपनी यात्रा से सकुशल लोट आऊं और  दे धनाधन  ब्लोगिंग फिर शुरू कर दूँ  में जनता हूँ इन दिनों कई ब्लोगर्स भाइयों से प्यार और स्नेह चरम पर पहुंच गया हे ब्लोगिंग पढने की कई भाइयों  को आदत सी हो गयी है लेकिन उन्हें मेरी ब्लोगिंग का थोड़ा सा नशा भी हुआ हे उन्हें मेरे ब्लॉग नहीं मिलने पर थोड़ा अजीब सा जरुर लगेगा लेकिन क्या फर्क पढ़ता है चलते हैं  एक ब्लोगिंग के बाद फिर मिलेंगे अरे भाई पुन्छोंगे नहीं कहाँ जाना है कहीं ज्यादा दूर नहीं बस मेरे बच्चे शाहरुख खान का आई आई टी का जयपुर सेंटर आया है दस अप्रैल को पेपर है और बस इसी काम से जा रहा हूँ वेसे तो पेपरों की श्रंखला अगले दो महीने तक लगातार है लेकिन आना जाना लगा रहेगा आपसे अपेक्षा हे के आप भी दुआ करें के आपके भतीजे की महनत कामयाब हो और उसका सेलेक्शन उसकी मन मर्जी कोलेज में अच्छी मेरिट पर अच्छी ब्रांच में हो जाए .. तो जनाब दुआ करोगे ना बस हम तो अब सफर पर चलते है एक वन्दना जी की पोस्ट है जो उधर है वक्त मिला तो उसे तो पढना ही पढ़ सकती है ...............जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे    ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में नगर निगम और बिजली निगम में वसूली युद्ध

कोटा में नगर निगम और बिजली निगम में वसूली युद्ध शुरू हो गया है, बिजली निगम ने नगर निगम के खिलाफ डेढ़ करोड़ रूपये बकाया होने पर उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया और पुरे एक  दिन सत्ता पक्ष की नगर निगम दिन भर अँधेरे में रहे और कार्यालय का कामकाज ठप्प रहा .
कोटा नगर निगम और बिजली निगम में वसूली को लेकर शीत  युद्ध चल रहा है कोटा नगर निगम पर बिजली विभाग का डेढ़ करोड़ रूपये सीधा सीधा बाक़ी हे जबकि बिजली विभाग पर नगर निगम का टेक्स और दूसरी वसूली करीब पांच करोड़ रूपये बकाया चल रही है बस इसी वसूली को लेकर गर्मा गर्मी हुई नगर निगम तो कुछ नहीं कर सकती थी लेकिन बिजली निगम ने नगर निगम को एक दिन का अँधेरे  का झटका  दे दिया नगर निगम ने जयपुर तक शिकायत की फिलहाल तो मुख्य अभियंता के कहने से नगर निगम का बिजली कनेक्शन मिल गया है लेकिन अब नगर निगम ने भी पाँच करोड़ रूपये की वसूली की ठान ली है राजस्थान सरकार के एक विभाग से दुसरे विभाग के बीच इस शीतयुद्ध के बाद जो हास्यास्पद स्थिति बनी है उससे सरकार का मजाक ही उढ़ा है अब नगर निगम खिसियानी बिल्ली की तरह खंबा नोच रही हे लेकिन अब तक बिजली विभाग का कुछ नहीं बिगाड़ सकी है . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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