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10 अप्रैल 2011

आई आई टी के परीक्षा केंद्र का एक नजारा

        कल जयपुर में आई आई टी की परीक्षा थी केंद्र सरकार की  हठधर्मिता है राजस्थान के जिस कोटा राजस्थान से हजारों हजार बच्चे आई आई टी और ऐ आई ट्रिपल इ की परीक्षाएं देते हैं उसी शहर से इन परीक्षा केद्रों को राजनितिक द्वेषता के चलते छीन लिया गया है नतीजन कोटा के ३२ हजार छात्र छात्राएं और इससे दो गुने अभिभावक जयपुर की तरफ दोड लगा रहे थे  हजारों लोग अपनी खुद की कारों में जयपुर पहुंचे कुछ बसों  में लटक कर तो कुछ ट्रेनों से जयपुर पहुंचे कोटा से जयौर आने जाने के लियें विशेष ट्रेन भी चलाना पढ़ी होटलें फुल ट्रांसपोर्टेशन होटलें सभी महंगी कुल मिलाकर जनता के साथ लूट ,   खेर सभी लोग जयपुर अपने अपने केन्द्रों पर परीक्षा देने  पहुंचे वहां परीक्षा केन्द्रों के बाहर  अभिभावकों और छात्रों के बेठने और धुप से बचने का कोई इन्तिज़ाम नहीं था यहाँ तक के पानी का भी कोई इन्तिजाब इन जल्लादों ने नहीं किया था , 
परीक्षा शुरू होने का वक्त हुआ लेने लगीं बच्चे अन्दर गए दरवाजा बंद थोड़ी देर में एक बच्ची हांफती कांपती केंद्र पहुंची उसका हाथ जला हुआ था खुद को ताज़ा जल जाने के कारण अस्पताल दिखाकर ही आ रही थी वक्त आधे घंटे से ज्यादा गुज़र गया था उसका कहना था के पिछले साल उसका सेलेक्शन आई आई टी में हो गया था लेकिन कोलेज सही नहीं मिला था इसलियें रिपीट कर रही है लेकिन इस बच्ची ने आधी के चक्कर में पूरी भी छोड़ी थी सो इसे इस बार परीक्षा नहीं देने दिया गया वोह अपने भाग्य पर रोटी पीटती   रही कोई सुनवाई नहीं , बच्ची का बिलख बिलख कर रोना ऐसा था के वहां सभी अभिभावकों की आँखों में आंसू थे और वोह भी उसे परीक्षा दिलवाने की मिन्नतें कर रहे थे लेकिन सब बेकार और बच्ची का साल भी और लाइफ भी बेकार .......................
एक महिला जिसकी बच्ची परीक्षा केंद्र में चिली गयी और इस महिला ने भगवान पर आस्था रखते हुए बच्ची का पेपर अच्छा हो इसलियें मंत्रजाप शुरू किया भूखी प्यासी यह महिला हम लोगों के साथ एक टूटे से पत्थर पर धुप में बेठी मन्त्र जाप करती रही सभी लोग इस महिला की आस्था को देख रहे थे पुरे तीन घंटे इस महिला का जाप और आस्था देखने लायक थी बच्ची बाहर आई इस महिला ने उसे गले लगाया खाना खिलाया और दुसरे सेशन की परीक्षा में जाने के बाद फिर से जाप की शुरुआत कहते हैं भक्ति में शक्ति होती है और इसलियें बच्ची जब बाहर निकली तो उसके चेहरे पर पेपर को जीत लेने की मधुर मुस्कान थी ................................
एक फोजी जो अपनी बच्ची को परीक्षा दिलवाने आया था उसने पहले तो मोदी मेनेजमेंट की तारीफ़ की फिर बाबा रामदेव की तारीफ के पुल बाँधना शुरू किये बाबा की तारीफ़ की जब फोजी से वजह जानना चाही तो उसने कहा बाबा रामदेव हम फोजियों के भगवान हैं हमारे मसीहा हैं उसने कारण गिनाया के फोजी तनाव में रहते है लेकिन योग गुरु ने फोजियों को तनाव दूर करने का मन्त्र दिया उसका कहना था के ग्लेशियर और दूसरी पहाड़ी इलाकों में जब फोजियों की नियुक्ति होती है तो वहां उंचाई पर ऑक्सीजन नहीं होती फोजियों को दिक्कत होती है उनका खाना हज़म नहीं होता वोह बीमार और सुस्त हो जाते हैं और जब वापस आते है तो कंकाल हो जाते है फोजी बाबा का कहना था के इस बाबा ने हमारे ब्रिगेडियर को जब टिप्स दें के लियें कहा तो ब्रिगेडयर ने भी समझा के यह योग गुरु क्या बकवास कर रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें मोका दिया गया बाबा ग्लेशिय्र्र  में जहां बर्फ जमी हुई थी फोजी ठंड से ग्राम कपड़े पहने के बाद भी काँप रहे थे वहां यह योग गुरु फोजी बिना कपड़ों के एक धोती लंगोटी में बिना ठंड के अहसास के चले आये इन्होने कपाल भाटी का डेमो किया सभी फोजियों ने भी सीखा और कुछ ने शुरू भी किया इस फोजी बाबा का कहना था के जिन फोजियों ने योग शुरू किया उन्हें जन्नत का सा सुकून मिला हालात यह रहे के आज ऊँचाइयों पर भी फोजी अगर जाते हैं तो काफी हद तक खुद को कपाल भाटी के योग से कंट्रोल कर लेते है इस्लीयें फोजियों के लियें तो बाबा रामदेव भगवान ही साबित हुए हैं ..............
पास ही बेठे एक दुसरे फोजी ने अपने संस्मरण सुनाये कहा के बाड़मेर की सीमा पर संसद हमले के बाद जब सीमा सील की गयी तो उनकी नोकरी बोर्डर पर थी वहां सभी फोजी खेतों में रहते थे किसान दिन में रहते थे हम लोग रात को खेतों में ही रहते थे और जानवरों को भी भगा दिया करते थे गाँव के लोग हमारा ध्यान रखने लगे हमारे पास निगरानी के अलावा कोई ख़ास काम नहीं था इसलियें गाँव में हम लोग पानी के टेंकर जो फोज के थे पहुंचा दिया करते थे इसलियें गाँव वाले फोजियों से बहुत खुश थे गाँव में सड़क नहीं थी अधिकारीयों ने पता किया तो यह सड़क सरकारी रिकोर्ड में बनी हुई है और कई बार मरम्मत के नाम पर भी काफी राशि खर्च की जाना बताई गयी थी फोजी अधिकारीयों ने फोजियों को हुक्म दिया जो लोग फ़ालतू है सड़क बनाओ और सभी फोजियों ने गाँव में सड़क बना डाली कुछ दिन बाद एनिकट बना दिए आज इस गाँव के लोग फोजियों को भगवान मानने लगे है ..........................................
इस मिले जुले खट्टे   मिठ्ठे नजारे के बाद भी हर कोई  यही कहता था के सरकार और सरकार का मानव संसाधन मंत्रालय पगला गया है जो कोटा के लाखों लोगों को वहां से परीक्षा केंद्र हटाकर इधर उधर भटकने पर मजबूर कर रहा है ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 
                                         
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