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14 अप्रैल 2011

एक है भिलाई के स्टील पुरुष जिन्होंने ब्लोगिंग को प्यार करना सिखाया है

    भिलाई स्टील फेक्ट्री का एक नोजवान जिसकी बोडी फोलाद की और दिल मोम का बना हे, चेहरे पर मुस्कुराहट है ,और दिल दिमाग में ब्लोगिंग को प्यार के सूत्र में बाँधने का जूनून सवार है जी हाँ  इसी नोजवान का नाम बी एस पाबला है.  लोहे और स्टील में रहकर खुद को मोम बनाकर रखना और किसी के भी प्यार की हल्की सी भी गर्मी से खुद को पिघला डालना कोई मामूली फितरत नहीं इसके लियें इंसान को अपने सभी निजी जज्बात ,निजी झगड़े फसादों को ताक में रखना पढ़ता है और पाबला जी इसीलियें  धेर्य ,संयम से खुद को काबू में रखकर एक कामयाब ब्लोगर बमे  हैं .
जी हाँ दोस्तों पाबला जी रायपुर की रविशंकर यूनिवर्सिटी से निकले और भिलाई स्पात संयत्र में टेलीक्म्युनेशन का कामकाज जा सम्भाला ,पाबला  जी ने अपने टेलीकम्युनिकेशन के हुनर का सदुपयोग किया और ब्लोगिंग की दुनिया में ज़ोर आज़माइश शुरू की ,खुद पाबला जी को भी पता नहीं होगा के वोह उनके इस हुनर और प्यार बांटते चलो के नारे के कारण विश्व की हिंदी ब्लोगिंग दुनिया के खुसूसी ब्लोगर बन जायेंगे पाबला जी का यूँ तो ब्लोगिगं का ब्यूटी पार्लर है और वोह कई ब्लोगरों के ब्लॉग को सजा संवार कर दुल्हन की तरह सजा चुके  हैं .
पाबला  जी एक अकेल ऐसे ब्लोगर हैं जो कई वर्षों ब्लोगरों को एक दुसरे से जोड़ने के लियें सेतु का काम कर रहे हैं और आज उनके प्रयासों से हजार से भी अधिक ब्लोगरों को जन्म दिन और वैवाहिक वर्षगाँठ पर ढेरों बधाइयों का सम्मान  मिल चूका है ,पाबला जी का ब्लॉग हिंदी ब्लोगरों का जन्म दिन रोज़ किसी ना किसी से ब्लोगरों की मुलाक़ात करता है ,बधाईयाँ दिलवाता है और फिर एक दुसरे से डाइलोग  की शुरुआत होती हे फिर प्यार बढ़ता हे कडवाहट दूर होती हे फिर ब्लोगिंग की गुटुर्गूं  शुरू हो जाती है ब्लोगिग्न की दुनिया के लियें पाबला जी इस अंदाज़ में प्यार बांटने वाले पहले मसीहा ब्लोगर बने हैं, सजा संवरा गुब्बारे ,केक और फूलों के गुलदस्ते के साथ जब कोई ब्लोगर किसी के जन्म दिन की तारीख देखता है तो उसकी उंगलिया खुद बा खुद कम्प्यूटर पर अपने भाई ब्लोगर को बधाई देने के लियें थिरकने लगती हैं और यही भाई पाबला जी की जीत है उनके ब्लॉग की कामयाबी है .
भाई पाबला जी के प्रतिष्ठित ब्लोगों में ब्लॉग बुखार जिसमें ब्लोगिंग की कहानी समेटी गयी है ,शोध व् सर्वे जिसमें विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है ,कम्पूटर सुरक्षा जिसमें कम्पुटर और इंटरनेट का ज्ञान भरा पढ़ा है ,कल की दुनिया जिसमें आने वाले भविष्य और विज्ञान के चमत्कारों को बताया गया है वोह इस पर लिखते हैं के यह एक झलक आने वाले कल की  निराली दुनिया है ,माई एस एम एस इनका संदेश देने वाला ब्लॉग है ,जिंदगी के मेले में भाई पाबला जी ने जिंदगी को अल्फाजों में समेट कर रख दिया है ,वोह लिखते है के यह जिंदगी के मेले कम नहीं होंगे ....अफ़सोस हम न होंगे ....हिंदी से उनके प्यार ने जय हो हिंदी  के नाम से उन्हें ब्लॉग बनाने पर मजबूर किया है ,उनके दो गुप्त ब्लॉग जिसमे उन्होंने कारस्तानी की हुई हे और उनके चहेते ही उस ब्लॉग को  खोल और पढ़ सकते है वो इस मामले में किसी को भी हमराज़ नहीं बनाना  चाहते इसलियें उनके मेरे पसंदीदा ब्लॉग और मुक्मित्र में किया है वोह खुद और उनके खुसूसी मित्र ही जानते हैं .
पाबला जी निराशावाद को खत्म कर आशावाद का संदेश देते हुए कहते हैं के जब आप सोचते हैं के सब कुछ खत्म हो गया है वास्तव में शुरुआत तो तभी होती है .........पाबला जी ने हिंदी ब्लोगरों के जन्म दिन ब्लॉग में अब तक करीब एक हजार से भी अधिक ब्लोगरों के जन्म दिन का राज़ लोगों को बता दिया है और सभी इनकी इस खासियत से बल्ले बल्ले हैं ...पाबला  जी ट्विटर और फेसबुक के भी छुपे रुस्तम हैं तो ऑरकुट पर तो कमाल कर रहे हैं फेस बुक पर पाबला  जी के ५५६ दीवाने हैं ,जबकि एक ब्लॉग पर २००५ से अब तक २११ ब्लॉग लिख कर ४१७१ टिप्पणियां प्राप्त की हैं उनके दुसरे ब्लोगों पर उन्होंने अनुसरणकर्ताओं को अतिथि का नाम देकर सभी को चोंका दिया है .
पाबला जी गूगल की तकनीक से लेकर ब्लोगिंग की साज सज्जा ,लेखन ,आज और कल ,विज्ञानं ,स्वास्थ्य विषयों पर ऐसे रचनात्मक ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक किन्तु सत्य की तर्ज़ पर सच्चाई उजागर करते हुए ब्लोगिंग कर रहे हैं, मजेदार बात यह है के लगातार लिखते रहने वाले भाई पाबला जी सभी ब्लोगरों के दिलों में बसते है सभी ब्लोगरों की साँसों में पाबला  जी की ब्लोगिंग की खुशबु है और उनकी ब्लोगिगं  ने देश के ब्लोगरों का गोरव बढाया है ऐसे ब्लोगर को मेरा सलाम ......................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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