आपका-अख्तर खान

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19 अप्रैल 2011

बिना स्याही के उसने क्या लिख दिया ......

एक दिन
उसने
बढ़ी मासूमियत से
मेरी
हथेली पर
अपनी
नाज़ुक सी
उँगलियों से
गुदगुदाते हुए
लिखा .........
मुझे प्यार है तुमसे
हाँ मुझे
प्यार है तुमसे .....
जाने
केसी स्याही थी वोह
मेरी हथेली पर
वोह लफ्ज़
दिखे भी नही
मिटे भी नहीं
बस
यह लिखावट
ना जाने क्यूँ आज भी
मेरे दिल पर नक्श हो गयी है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ना जाने क्यूँ ..........

ना
जाने
क्यूँ
गले से
लिपट कर
उनके हम
रोने लगे
जब बरसों बाद
हम उनसे मिले
जाते वक्त
जिन्होंने कहा था
के
तुम जेसे
लाखों मिलेंगे .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जानवर,राक्षस और इंसान का फर्क समझना होगा

दोस्तों जो अपने धर्म को जीता है व्ही सच्चा इंसान सच्चा मानव होता है लेकिन जो धर्म के नाम पर हिंसक होता हे जो धर्म के नाम पर झगड़े फसाद फेलता है वोह अधर्मी होता है राक्षस ,इंसान और जानवर में बहुत बहुत फर्क होता है एक इंसान भाईचारे ,सद्भावना और प्यार की बात करता है अमन चेन की बात करता है एक जानवर खुद अपने लियें जीता है चलते रास्ते किसी को भी सिंग मर देता है उस पर भोंक देता है उसे ढस लेता है , एक राक्षस जो कभी रावण,कभी कंस ,कभी फिरओंन तो कभी कोर्व बन कर अधर्म फेलाने प्रथ्वी पर आये लेकिन उनका नाश कभी राम जी ने ,कभी इब्राहिम ने .कभी कृष्ण ने तो कभी पांडवों ने किया है .
दोस्तों सब जानते हैं के कहीं न कहीं आज भी कोरव,रावण,कंस और फिरओंन के वंशज हैं कई लोग अपने घर परिवार से अच्छे संस्कार नहीं ले सके हैं उनसे आओ हम सब उनसे मिलकर इत्ल्तिजा करे के अपनी पुरानी गलतियाँ छोड़ कर वोह ब्लोगिग्न के माध्यम से मनोरंजन और सकारात्मक सोच परिवर्तन के लियें आन्दोलन करे देश को गद्दारों से बचाए प्यार और सद्भाव कायम करे ऐसे सभी भूल सुधार करने वाले भाइयों का इस ब्लोगिंग की दुनिया में  स्वागत है , हम और आप सब जानते हैं इंसान से राक्षस बनने में सिर्फ एक अहम एक मनमानी एक पागलपन ऐसा होता है जो दिमाग पर सवार होने पर एक अच्छा खासा इंसान भी जानवर और राक्षस बन जाता है .
दोस्तों शुक्र करो खुदा का एहसान मानो भगवान का के हमे ऊपर वाले ने इन्सान बनाया है जानवर और राक्षस नहीं बनाया लेकिन अगर हम इंसान के भेस में जानवर और राक्षस की हरकते करेंगे तो फिर सोच लो इश्वर हमे खाना ले जाएगा ब्लोगिंग की दुनिया में अशांति फेलाने का प्रयास करने वालों हम रावण ,कंस,कोरवों,फिरओंन  से बढ़े शेतान नहीं हो सकते लेकिन इन सभी का अंत हुआ है तो फिर यह क्यूँ नहीं समझ लेते के बुरे का अंत निश्चित है तो दोस्तों अपने अन्दर छुपे राक्षस को खुद ही मार दो और खुद ही अमन के पैगाम राम,कृष्ण,इब्राहीम,मोहम्मद बन जाओ प्यार दो प्यार लो ब्लोगिंग को एक रिसर्च सेंटर बनाओ ज्ञान दो ज्ञान बढाओ खुशिया बांटों खुशिया लूटो .....................................और एक बार फिर इंसान बन जाओ यारों . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान वक्फ चेयरमेन ने हाडोती की वक्फ सम्पत्तियों की बदहाली देखी

राजस्थान वक्फ बोर्ड और मुस्लिम्स के चेयरमेन खानजादा अलहाज लियाक़त अली ने अपने दो दिवसीय दोरे पर कोटा सम्भाग पर कोटा ,बूंदी,बारां , झालावाड की वक्फ सम्पत्तियों और वक्फ जायदाद का जायजा लिया इस दोरान लियाकत अली का हाडोती की धरती पर ऐतिहासिक स्वागत हुआ .......
पूर्व आई पी एस आई जी के पद से रिटायर्ड लियाक़त अली को उनकी प्रशासनिक क्षमता को देखकर उन्हें राजस्थान वक्फ बोर्ड का चेयरमेन बनाया है , राजस्थान वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों से लेकर कमेटियों में भयंकर भ्रस्ताचार से आम जनता दुखी है , खुद राजस्थान वक्फ बोर्ड के कार्यालय में किसी के भी जाते ही वक्फ बोर्ड के कुछ कर्मचारी चाय और पानी के नाम पर भिखारियों की तरह से पीछे लग जाते हैं इस रवय्ये से वक्फ बोर्ड के कई ईमानदार कर्मचारी भी परेशान हैं इस मामले को लियाकत अली ने गम्भीरता से लेकर चेतावनी स्वरूप खुद ही कार्यालय में दस बजे से पांच बजे तक बेठना शुरू कर दिया है और पेंडिंग कम निपटाने के लियें शिकायत और उसके निस्तारण के पन्द्राह दिन तय कर दिए हैं ताकि कर्मचारियों की जवाबदारी निश्चित की जा सके . 
लियाकत अली का कहना है के वोह राजस्थान वक्फ सम्पत्ति के चीफ मुहाफ़िज़ और चीफ खादिम हैं और इस सम्पत्ति का संरक्षण और सोंदार्य्करण उन्हें करना है उनका मन है के वक्फ सम्पत्तियों पर अधिकतम मुसलमानों के ही कब्जे हैं जिन्हें स्थानीय लोग उन्हें समझा बुझा कर आसानी से हटवाने के प्रयास कर सकते हैं . कोटा में लियाकत अली ने  भीम गंज मंडी में स्थित ड्डवाडा  मचिज़ फेक्ट्री की समस्या और सरकारी कब्जे की स्थिति देखी वोह नयापुरा कब्रिस्तान ,सब्जीमंडी स्थित हजीरे के कब्रिस्तान भी गए , लियाकत अली ने ईदगाह का अवलोकन किया नान्ता ईदगाह पर सरकारी कब्जे की स्थिति जानी , उन्होंने आधारशिला वक्फ सम्पत्ति पर सरकारी मुदाख्लत के प्रयास के चिन्ह देखे  वक्फ बोर्ड कार्यालय और वक्फ होस्टल का निरिक्षण किया साथ ही रंगबाड़ी के दो कब्रिस्तान जो सरकारी कब्जों और नियत के कारण बेरोनाक हे वहां की स्थिति भी जाने उन्होंने जन्ग्लिशाह बाबा वक्फ सम्पत्ति पर करोडपतियों के कब्जे देखे तो किरायेदारों द्वारा किराया बढाकर नहीं देने का कारण जाना और भविष्य के लियें सही काम करने के निर्देश दिए .
लियाकत अली ने झालावाड ,गागरोन मिट्ठे शाह महाबली और मामू भांजे  मजार की सम्पत्ति देखी उन्होंने सुकेत ,ढ्हाबादेह ,सांगोद,अन्ता बारां की वक्फ सम्पत्तियों का अवलोकन किया नोटाड़ा में भी उन्होंने कई मजारात देखे .
ताज्जुब यह रहा के कोंग्रेस के इस शासन में वक्फ सम्पत्तियों की दुर्दशा और उसे सुधरने के सुझाव गिनती के रहे अधिकतम लोगों ने खुद को वक्फ कमेटियों का सदर बन्नाने के लियें आवेदन किये और आपस में ही एक दुसरे की शिकायतें की किसी ने भी वक्फ सम्पत्ति की हिफाज़त के लियें कोई ठोस सुझाव नहीं दिया , लियाकत साहब वक्फ चेयरमेन का पहला हाडोती दोरा ऐतिहासिक रहा सो से भी अधिक स्थानों पर उन्हें हजारों मालाये पहनाई गयी दर्जनों स्वागत द्वार लगाये गए इतना ही नहीं लियाकत अली को सो से भी अधिक स्थानों पर साफा बाँध कर और शोल उढ़ा कर सम्मानित किया गया , लियाकत अली के जाते वक्त कर के दरवाजे में अंगूठे के आजाने से गम्भीर चोट आई थी लेकिन इस दर्द के बाद भी उन्होंने वक्फ सम्पत्ति के दर्द को जान्ने की कोशिश की लियाकत अली का कहना था के कोटा सम्भाग वक्फ सम्पत्ति के मामले में मालदार तो है लेकिन कब्जेदारों की वजह से जो परेशानी है उससे निपटने के लियें शीघ्र ही कोई कार्ययोजना तय्यार की जायेगी , भारत में वक्फ कानून १९९५ में संशोधन २०१० वक्फ बिल के माध्यम से किया गया है जो लोकसभा में पारित हो गया है और राज्यसभा में पारित होना है इस नये संशोधित कानून में वक्फ को थोड़ी बहुत शक्तियाँ देने का प्रयास करते हुए पाबन्दिया भी लगाई गयी हैं ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

समाज सुधार के लियें ब्लोगिगं कर रहे हैं डॉक्टर रूपचंद शास्त्री मयंक


ब्लोगिगं की दुनिया में पिछड़ों के लियें सुधार की योजनाएं तय्यार करते है डॉक्टर रूपचंद   ब्लोगिंग की दुनिया में पिछड़ों के लियें सुधार की योजनायें लागु करने और उन्हें इन्साफ दिलवाने  वाले डॉक्टर रूपचंद शास्त्री मयंक जहां ब्लोगिगं को अपने अल्फाजों से रूपवान कर खुबसूरत बना रहे हैं वहीँ अपने ज्ञान से शास्त्री बनकर सभी उम्र के ब्लोगर भाइयों को सच्चाई का पाठ भी पढ़ा रहे हैं .
ब्लोगिंग की दुनिया में  हर दिल अज़ीज़ बने भाई रूपचंद जी का जन्म ४ फरवरी को उत्तर प्रदेश में हुआ , इनका बचपन खटीमा में गुजरा और फिर भाई  रूपचंद ने एम ऐ हिंदी और संस्कृत में किया , डॉक्टर यानी चिकित्सक जो ओपरेशन टेबल पर मरीजों को तडपता देख कर अपने जादू से उनके दुःख दूर कर देता है वही डॉक्टर अगर अपने अल्फाजों से लोगों के जीवन को संवारने उसे सुधारने के प्रयास करने लगे तो ऐसे ब्लोगर को समाज सेवक नहीं तो और क्या कहेंगे , जी हाँ इन जनाब रूप चंद जी को डोक्टर की डिग्री लेने के बाद भी सुख चेन नहीं मिला और यह संस्क्रत में एम ऐ  कर शास्त्री बन गए हिंदी में एम ऐ कर साहित्यकार  बन गये  ,जनता की सेवा की ,खासकर दलित और पिछड़ों के  उत्थान के लियें काम किया और इनके काम काज सेवा भाव को देखकर उत्तराखंड  सरकार में डॉक्टर रूपचंद जी को २००५ से २००८ तक अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाया गया जहां इन जनाब ने लोगों के दुःख दर्द को समझा उनका निदान किया और फिर लेखन की दुनिया में शामिल हो गए पत्रकारिता और सम्पादन विधा के धनी डोक्टर साहब ने १९९६ से २००४ तक उच्चारण पत्रिका का सम्पादन किया इन्होने सुख का सूरज और नन्हे सुमन पुस्तक का लेखन भी किया . दलितों ,पिछड़ों और पीड़ितों के सेवक रहे डॉक्टर रूपचंद जी वेदशास्त्र अधिक पढ़ना पसंद करते हैं और आर्यसमाज विचारधारा से प्रभावित हैं . 
डॉक्टर रूपचन जी काफी लम्बे वक्त से ब्लोगिंग की दुनिया में अपने हुनर और अल्फाजों के जरिये ज्ञान बाँट रहे हैं अमर भारती .....उच्चारण ..............एग्रीगेटर.........ब्लोगमंच ..चर्चा मंच .......नन्हे सुमन ..बाल चर्चा मंच ...शब्दों का दंगल .. क्रति से यूनिकोड ..यूनिकोड से क्रति ...सम्पादन ब्लॉग के मालिक डोक्टर रूपचंद के हर वर्ग हर आयु से जुड़े लोगों के लियें ब्लॉग हैं यह ब्लॉग मंच पर चर्चा मंच पर सभी ब्लोगर भाईयों को स्थान देते हैं उन्हें नवाजते हैं उन्हें प्यार देते हैं एक दुसरे से एक दुसरे को मिलाते हैं ,तो यही ब्लोगर नन्हे सुमन में बच्चों के लियें लिखते वक्त बच्चे बन जाते हैं , एक ब्लोगर जो कभी बच्चा ,कभी  बूढा  ,कभी शिक्षक ,कभी सेवक ,कभी मार्गदर्शक ,कभी पंडित ,कभी लेखक तो कभी कवि बन जाए तो उसे महाज्ञानी अगर कह दिया जाए तो कोई बढ़ी बात नहीं है इसीलियें डॉक्टर रूपचंद जी मयंक ब्लोगिंग की दुनिया के हरफन मोला ,हर दिल अज़ीज़ महाज्ञानी  ब्लगर हैं जिनसे सभी ब्लोगर भाइयों को कुछ ना कुछ सीखने को जरुर मिलता है और ऐसे ब्लोगर को मेरा सलाम ................................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक इल्तिजा एक सुझाव ................... .

आदरणीय बन्धुवर, ब्लोगर साथियों आज बढ़े ही दुखी मन से मुझे यह सब इल्तिजा करना पढ़ रही है और इस इल्तिजा  के साथ साथ कुछ सुझाव भी देना पढ़ रहे हैं , मेरे भाइयों और बहनों, इन दिनों ब्लोगिंग में फिर से जिद और बहस के दोरान ब्लोगिंग की खुबसूरत दुनिया का स्वर्गिक सुख नरक में बदलता जा रहा है  और इसे सिर्फ और सिर्फ आप और हम ही मिलकर रोक सकते हैं .
दोस्तों आप और में, यानि हम सब मिलकर अगर चाहें तो इस ब्लोगिंग की इस गंदगी, इस विकार को दूर कर सकते हैं , आज ब्लोगिग्न में कुछ गिनती के लोगों ने एक दुसरे की भावनाएं आहत कर ,एक दुसरे के धर्म का मजाक उढ़ा कर, कमियाँ निकाल कर, माहोल को सनसनीखेज़ बनाया जा रहा है पहले भी ऐसा हुआ है लेकिन शुक्र है खुदा का, के सभी भाइयों को सदबुद्धी आई और फिर वातावरण प्यार का बना , बिचारे का बना सद्भावनाए एक दुसरे के लियें एक दुसरे के दिल में पैदा हुईं , लेकिन कुछ दिनों से फिर इस खुबसूरत दुनिया को उजाड़ने के लियें माहोल फिर से बिगाड़ना शुरू कर दिया है एक दुसरे को निचा दिखने का प्रयास शुरू हो गया है एक दुसरे के धर्म की फजीहत कर वैमनस्यता भड़काई जा रही है यह सब तात्कालिक विचार हैं जो कुछ लोगों द्वारा केवल गुस्से में लिए गए निर्णय के तहत किया जा रहा है कुछ लोगों के इस गुस्से , बदले के इस भाव से सभी ब्लोगर सकते में हैं उनकी सांस थम सी गयी है और सभी लोग ब्लोगिंग की दुनिया में इस जहरीले धुंए से घुटन का सा माहोल होने से उकता गए हैं हालत यह हैं के गुटबाजियां    बढ़ गयी हैं इस खतरनाक माहोल में अधिकतम ब्लोगर तटस्थ हैं लेकिन उनकी ख़ामोशी एक अपराध है इस माहोल को सहकर भी इसे सुधरने के प्रयास अगर नहीं किये जाते हैं तो भाई फिर तो हमें खुद के इन्सान होने पर भी शक होने लगता है एक जानवर एक कुत्ता एक दुसरे पर भोकता ही एक दुसरे पर हमला करता है से लहू लुहान करता है बस इसीलियें वोह जानवर कहलाता है और एक इन्सान छोटी मोटी मानवीय भूलों को नज़र अंदाज़ करता है जन बुझ कर अपराध करने वाले का सामूहिक विरोध करता है और हालात यहाँ तक होते हैं के उन्हें कानून के प्रावधानों के तहत दंडित भी करवाता ही .
दोस्तों इस माहोल में आज अगर हम हाथ पर हाथ धर कर बैठते हैं तो हम मानवता और राष्ट्रिता से ज्यादती कर रहे हैं देश का कानून है किसी को भी किसी के धर्म का अपमान करने का हक नहीं है कोई भी किसी के धर्म का मजाक उढ़ाकर या उसे निचा दिखाकर अगर भडकाऊ बात करता है तो उसे सजा देने का प्रावधान है और उसे सजा मिलना ही चाहिए , मेरी इल्तिजा है उन लोगों से जो मेरे छोटे या बढ़े भाई है गुस्से में आप खो बेठे हैं और देश के कानून को तमाशा बनाकर एक दुसरे के धर्म पर कीचड़ उछल रहे हैं लेकिन यह सब गंदगी अब ज्यादा दिन  चलने वाली नहीं है देश में साइबर कानून है और इंटरनेट की दुनिया में फर्जी आई डी बना कर या छदम  नामों से फर्जी ब्लॉग बना कर अगर अपराध किया जाता है तो उन्हें पकड़ना मुश्किल काम नहीं है अगर पकड़ा जाता है तो कमसेकम सात साल और तीन लाख जुरमाना दंड है कोटा में कई कोचिंग छात्र इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं और आज उनका जीवन इन मुकदमों के कारण बेकार हो गया है यह वोह बच्चे हैं जो कोटा में अपना भविष्य बनाने आये थे और सभी बच्चे प्रभावशाली लोगों के थे लेकिन यह लोग  सभी राजनेतिक और साम दाम दंड भेद के बाद भी अपने इन बच्चों को अपराध से नहीं बचा सके हैं . अगर कोई यह समझे के देश के कानून के साथ खिलवाड़ कर कोई अपराध से बच जाएगा तो उसे देश के आतंकवादियों और गद्दारों का सच देखलेना चाहिए हमारा देश ऐसे लोगों को पकड़ने और दंड दिलवाने के लियें सक्षम है में नहीं कहता के हमारे किसी भी ब्लोगर भाई को दंड मिले लेकिन मेरा यह फर्ज़ है के कोई भी ब्लोगर कोई भी फर्जी आई डी बनाकर वैमनस्यता भडकाने का अगर प्रयास करता है तो मुझे और मेरे शांत बेठे भाइयों को इस बारे में विचार करना होगा मेरे भाइयों प्लीज़ इस वातावरण को फिर से सुधार लो फिर से भाई चारे और सद्भावना का माहोल बना लोग प्यार दो प्यार लो का नारा बुलंद कर लो और एक शांत भ्रस्ताचार मुक्त भारत के निर्माण में मददगार बनो अगर किसी ब्लोगर की लेखनी से किसी की भावनाएं आहत हुई है तो में उन सभी की तरफ से आप सभी भाइयों से माफ़ी मांगता हूँ लेकिन प्लीज़ मेरी इल्तिजा स्वीकार करे और ब्लोगिंग का दम घोटू वातावरण फिर से प्यार और भाईचारे सद्भाव की फुहाल्र से मोहम्ब्बत की खुशबु से महका दो ............. अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सामूहिक भोज पर रोक की तय्यारी

देश में आगामी कुछ सालों में जनता को खाने के दाने नहीं मिलेंगे और भुखमरी के दोर से गुज़ारना पढ़ सकता है बस इसी विपदा से बचने के लियें देश में अब सामूहिक भोज में खाने पीने की वस्तुओं को बेकार ही तबाह और बर्बाद होने से बचाने के लियें कानून की आवश्यकता आन पढ़ी है और इसके लियें शीघ्र ही कानून बनने जा रहा हे . 
देश में आपात स्थित के दोरान गेस्ट कंट्रोल एक्ट और म्रत्यु भोज विबंधित अधिनियम लागू किया गया था और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये थे आज भी देश में हालत बिगड़े हुए हैं दिन प्रतिदिन फ़िज़ूल खर्ची बढ़ रही है सामूहिक भोज शादी ब्याह,सम्मेलन,म्रत्यु भोज नुक्तों में नियमित रूप से खाध्य पदार्थों का तीस फीसदी से भी अधिक हिस्सा बेकार खराब हो रहा है अनावश्यक भोज और विभिन्न प्रकार की वेरायटी के व्यंजनों से प्लेटों में काफी खाना छोड़ा जाता है और कई  बार खाना बचने के कारण बेकार भी जाता है एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में २५ फीसदी खाध्य सामग्री बेकार ही नष्ट हो जाती है .इसे रोकने के लियें भविष्य के खतरे से निपटने को द्रष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने अब शादी समारोह में केवल एक ही व्यंजन देने का कानून का मसोदा तय्यार किया है जिसे लागू करने की प्रकिया पर अंतिम विचार विमर्श का दोर चल रहा है .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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