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21 अप्रैल 2011

पंचवटी’ से मिल रही है ऑक्सीजन

कोटा.15 साल पहले अतिक्रमण से घिरे क्षेत्र में आज सैंकड़ों हरे भरे छायादार पेड़ लहरा रहे हैं। कारखानों से निकलने वाली विषैली गैसों और वायु प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए कुछ सेवानिवृत्त नागरिकों ने 1996 में विज्ञाननगर में पंचवटी पार्क विकसित करने की ठानी।


उन्होंने राज्य में पंचवटी योजना की शुरुआत करते हुए 3 साल में 3 पंचवटी हरीतिमा पट्टी विकसित करके 5 हजार से ज्यादा पौधे लगाए। 4 पार्को को हरियाली से आच्छादित कर दिया।



लेकिन पास में कच्ची बस्ती होने से 30 प्रतिशत पेड़ों की कटाई भी होती रही, नागरिकों ने हौसला रखते हुए हर साल 30 प्रतिशत नए पौधे लगाना जारी रखा। पेड़ों की सुरक्षा के लिए रिजर्व फॉरेस्ट की तरह ‘पंचवटी’ को बचाने की लड़ाई भी लड़ते रहे। एक साल में 1 हजार पौधे लगाते हुए अब तक वे करीब 11 हजार पौधे लगाकर पूरे क्षेत्र को ‘पंचवटी’ से ही पहचान दिला दी।



हर घर से 100 रुपए अंशदान



पंचवटी विकास समिति के अध्यक्ष एचपी गुप्ता बताते हैं, इसमें क्षेत्र के 150 परिवारों ने 15 साल में करीब 7 लाख रु. आर्थिक सहयोग किया, वे हरियाली के लिए हर माह 100 रुपए अंशदान लेते हैं। इससे यहां पार्क में झूले,फव्वारे, लाइब्रेरी हाल व लाइटिंग की गई है।



जब पुलिस संरक्षण में लगाए पौधे



बात 1996 की है, इस क्षेत्र में 4 तालाब थे, जिनमें 6 फीट गहरा कीचड़ था, यहां बड़ी संख्या में अतिक्रमण होने से जमीन खाली कराना मुश्किल था, मोहल्ले के कुछ नागरिकों ने पहल करते हुए पुलिस सरंक्षण में पौधरोपण करके उनकी सुरक्षा के लिए लंबा संघर्ष किया। एक पंचवटी में निजी स्कूल के अतिक्रमण के खिलाफ 14 साल कोर्ट में लड़ाई लड़ी, लेकिन अंत में समिति के प्रयास सफल रहे।

शब्द और दिल

शब्द और दिल
दोनों धड़कते हैं
दिल धड़कता है
तो जिंदगी चलती है
शब्द धडकते हैं
तो समाज धड़कता है
शब्द ही हैं
जो समाज को
जिंदगी का
अहसास कराते हैं
दिल है
जो
शरीर को
ज़िंदा साबित करता है
लेकिन दोस्तों
दिल और शब्द
बहुत बहुत नाज़ुक होते हैं
जब दिल टूटा है
तो जमाना रूठता है
जब शब्द बिगड़ता है
तो समाज में
प्रलय सी स्थिति हो जाती है
अराजकता आजाती है
इसलियें दोस्तों दिल हो
चाहे शब्द
इनका इस्तेमाल
बढ़ी देखभाल से करो
ताकि शब्द और दिल के सही इस्तेमाल से
जियों और जीने दो का सिद्धांत
आप और हम समाज,देश में
लागु कर सकें .
...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रिश्चियन भाइयों को गुड फ्राइडे का नमन

क्रिश्चियन भाइयों को गुड फ्राइडे का नमन . सभी क्रिश्चियन भाई मेरा नमन स्वीकार करें . भाइयों और बहनों आज क्रिश्च्यियं समाज का गुड फ्राइडे त्याग और बलिदान का त्यौहार है आज ही के दिन क्रोस पर शूली पर लटकने के बाद क्रिश्चियन भाई चर्च में जाकर क्रूस के सामने प्रार्थना कर पूंछते हैं के मुझे न्याय दे , 
इसाई मान्यता के तहत यीशु ने सूली पर चलने से पहले कहा था के तुम रोते क्यूँ हो में तीन दिन बाद फिर जन्म लूँगा और इसीलियें तीन दिन बाद ईस्टर दिवस यानी प्रभु का पुनर्जनम दिवस मनाया जाएगा , सभी क्रिश्चियन भाइयों को त्याग और बलिदान के इस संदेश पर अहिंसा के इस पाठ पर नमन ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

...ब्लॉग की दुनिया के आयरन लेडी डॉक्टर दिव्या श्रीवास्तव ........

 दोस्तों आपने लोह पुरुष  और आयरन मेन के बारे में तो बहुत सूना होगा लेकिन एक आयरन लेडी ,एक लोह महिला जो अपने फोलादी इरादों से देश और समाज को झकझोरने और सुधरने के लियें  विदेश में बैठकर अपने प्रयास कर रही है  , जी हाँ दोस्तों एक महिला और लोह महिला यह जानकर मुझे खुद अजूबा लगा था लेकिन मेने जब डोक्टर दिव्या के फोलादी इरादे और इनकी फोलादी विचारधारा को इनकी पोस्टों के माद्ध्यम से जाना तो पता चला के आयरन लेडी शब्द तो इनके लियें बहुत बहुत छोटा सा लगने लगा है .
डॉक्टर दिव्या श्रीवास्तव मानवीयता भाव के साथ मानवता से जुडी हैं और इसीलियें इनकी विचारधारा ,इनकी रचनाये ,इनके लेख, इंसान के जज्बात को झकझोर देने वाले हैं जून २०१० और २००९ से   ब्लोगिंग की दुनिया में अपना ज्ञान बाँट रही इस आयरन लेडी ने इतने से अल्प समय में ३१७ फेन बना लिए हैं , पेशे से चिकित्सक डॉक्टर दिव्या को सभी तरह के ब्लॉग पढना अच्छा लगता हैं वोह सभी ब्लोगों पर भ्रमण कर अपनी पहचान,अपनी टिप्पणियाँ ,आपने विचार जरुर छोडती हैं , डोक्टर दिव्या थाईलेंड में रहकर इन दिनों मरीजों का इलाज कर रही हैं लेकिन उसी व्यवसायिक वक्त से कुछ वक्त डोक्टर दिव्या चुरा कर ब्लोगर भाइयों और बहनों के लियें खर्च करती हैं एक रचनात्मक सोच , एक सुझाव , एक टिप्पणी देश को देती हैं .....................zeal ..............paradise यानि ज़ील के नाम से हिंदी का ब्लॉग और पेराडाईज़ के नाम से अंग्रेजी भाषा में  ब्लोगिंग  की जा रही है ज़ील हिंदी ब्लॉग में जो रचनाएँ हैं ,जो कविताएँ हैं ,जो गजले हैं ,,जो लेख ,आलेख हैं, उसमें दुनिया और दनिया की खूबसूरती के साथ साथ दुनिया की समस्याएं भरकर डोक्टर दिव्या जी ने रख डाली हैं और इस छोटे से ब्लॉग में दुनिया को मुट्ठी में बंद करने  के प्रयासों में डॉक्टर साहिबा ने लेखन में पूरी इमानदारी बरती हैं कहते हैं के डोक्टर कभी भी डॉक्टर की बेईमानी के खिलाफ ना बोलता हैं और ना ही कुछ लिखता हैं और यह बात में दावे के साथ इसलियें कह सकता हूँ के में वकालत के पेशे  से जुड़ा होने के कारण मेडिकल नेग्लीजेंसी के मामलों में जब भी किसी एक्सपर्ट गवाह को तलाशता हूँ तब कोई भी चिकित्सक मेडिकल नेग्लीजेंसी का खुला मामला होने पर भी गवाही देने के लियें तय्यार नहीं होता हैं लेकिन डोक्टर दिव्या जो आयरन लेडी हैं उन्होंने अभी हाल ही में  जयपुर में महिलाओं के गर्भाशय अनावशय्क रूप से निकालने और फिर करीब अट्ठारह महिलाओं की मोत हो जाने पर ब्लॉग  पर लिखने के लियें कलम उठायी हे और चिकित्सा की सारी तकनीक का खुलासा करते हुए ऐसे चिकित्सकों की खुले शब्दों में आलोचना करते हुए एक ज्ञानवर्धक,प्रासंगिक ,रचनात्मक उपयोगी लेख लिखा है जिसकी सर्वत्र सराहना की जा रही है डोक्टर दिव्या जी हर लेख,  आलेख को इस तरह से लिखती हैं के ब्लोगर्स के लियें लेखों को,रचनाओं को पढना मजबूरी बन जाता हैं और प्रत्येक ब्लोगर्स के हाथ खुद बा खुद टिप्पणी के लिएँ की बोर्ड पर थरथराने लगते हैं ऐसी लोह महिला को मेरा सलाम , मेरा प्रणाम .......................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जब निकलता है कोई दिल से

जब निकलता है कोई 
दिल से 
दिल में 
बस जाने के बाद 
दर्द असहनीय होता है 
इनसे बिछड़ 
जाने के बाद 
जब कोई 
पास होता है 
उसकी 
क़दर नहीं होती 
कमी महसूस होती है 
बस 
इन जनाब के 
दूर चले जाने के बाद ........................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेंक में करोड़ का दीमक घोटाला

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के एक बेंक स्टेट बेंक ऑफ़ इंडिया की शाखा में एक करोड़ रूपये से अधिक की राशि ग्क्यब मिली , बेंक कर्मियों का कहना है के बेंक के लोहे के बक्स में रखे सभी नोटों को दीमक चाट गयी है .
हैं ना मज़ेदार बात के एक बेंक जहां लोग अपने रुपयों और जेवरों को सुरक्षित रखवाने जाते हैं किराया देते हैं लेकिन इन बेंकों में लोहे के बक्सों में भी दीमक घुस रही है वेसे तो लोहे के बक्से में दीमक का जाना विज्ञानं के सिद्धांतों के विपरीत है लेकिन फिलहाल रिज़र्व बेंक ने इस मामले में जांच की शुरुआत की है . 
बेंक का गबन है या घोटाला या इस राशी को दीमक ने ही खाया है यह सच तो जाँच के बाद ही सामने आया है लेकिन गायब रुपयों के मामले में यह एक नई कहानी है इसके पहले मिलेट्री के हथियारों और गोला बारूद के भोतिक सत्यापन की शुरुआत के पूर्व ही गोदामों में आग लगने के सिलसिले चले थे अब बेंकों में दीमक का सिलसिला चल गया है किसे पता के देश को भ्रस्टाचार की दीमक और देश के लोगों को साम्प्रदायिकता,बेईमानी,मिलावटखोरी,जमाखोरी की दीमक चाट रही है .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना के शान्ति भूषण और खुद अन्ना बेचारे .....

भ्रस्ताचार के खिलाफ खुद को बेदाग़ बताकर आंदोलनरत पूर्व विधि मंत्री शांतिभूषण अब चक्रव्यूह में फंस गए हैं और इधर खुद अन्ना पर महाराष्ट्र में संस्था के खिलाफ कुछ लोगों ने जाँच करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की हैं ,अन्ना क्या हैं शांति भूषण किया रहे हैं इस बारे में तो बाद में ही पता चल पायेगा लेकिन अभी कई सवाल विपक्षियों ने खड़े किये हैं जिनका जवाब तो मिलना ही चाहिए .
शांति भूषण जब केंद्र में विधिमंत्री थे तब उन्होंने क्यूँ भ्रस्ताचार के खिलाफ कानून सशक्त बनाने की पहल नहीं की ,उस वक्त क्यूँ वोह खामोश रहे ,हाल ही में मुलायम और अमरसिंह की कथित सी डी में उनपर जो आरोप लगाये जा रहे हैं उसके जवाब में वोह कोई स्पष्टीकरण क्यूँ नहीं दे रहे हैं , कुनबा परस्ती के तहत पिता पुत्र एक कमेटी में हैं कोई बात नहीं लेकिन अमर सिंह के पचास लाख रूपये एक फ़ीस में देने का रिकोर्ड और फिर शांतिभूषण का नोएडा प्लाट आवंटन का मामला सर चढ़ कर बोल रहा है लेकिन जनता को कोई स्पष्टीकरण खडू लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों द्वारा नहीं दिया जा रहा है , 
इधर अन्ना बेचारे महाराष्ट्र में घिर गए हैं उनके खिलाफ कुछ लोगों ने मुहीम चलाकर उनकी संस्था और कार्यों की जांच की मांग की है उनका कहना है के अन्ना के खिलाफ भी जाँच बिठाई जाये और इस मामले में एक जनहित याचिका महाराष्ट्र हाईकोर्ट में पेश की गयी है नतीजे किया निकलेंगे पता नहीं लेकिन भर्स्ट लोगों की पोल खोल कर एक बार खुद स्वर्गीय राजीवगांधी फंस चुके हैं और देश में चोर चोर मोसेरे भाई की कहावत साबित हो चुकी है अब अन्ना और शान्ति भूषण , प्रशांत भूषण ,बाबारामदेव बेचारे का किया हाल भर्स्ट लोग करेंगे वक्त ही बताएगा . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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