आपका-अख्तर खान

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23 अप्रैल 2011

एक सीख.........

एक छोटी सी सीख 
जो अपनी 
जिंदगी में 
सीख लो 
छोटी सी है 
जिंदगी 
हंस के जियो ,
भुला के गम सारे 
सर उठाकर 
जियो .
उदासी में क्या रखा है 
जरा मुस्कुरा के जियो 
अपने लियें 
ना सही 
अपनों के लियें 
जियों 
और जियो 
तो बस 
मुस्कुरा कर जियो ...................... .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डाईजेस्टीव मीडिया किलिंग ...............

 देश में इन दिनों बढ़ी हस्तिया  जिनकी मोत से जनता और उनके भक्त आहत होते हैं मीडिया डाईजेस्टीव  डेथ का सिलसिला चल गया है और इस मोत की खबर से कई लोग आहत होने से बच जाते हैं , इस फार्मूले  पर मनोवेग्यानिकों  और अपराध शास्त्रियों के कहने पर अमल किया जाने लगा है .
कहते हैं के जिन लोगों से जनता प्यार करती है जिनके लियें जनता मरने मिटने को तय्यार रहती है अगर अचानक उसकी मोत हो जाए तो सदमे में कार्यकर्ता अपराध करते हैं , आत्महत्याएं करते हैं और हिंसा करते हैं सदमे के जूनून में कोन कब क्या कर  जाए किसी को कोई पता नहीं है इसी समस्या से निपटने के लियें अब किसी मरते हुए आदमी को बचाने की आखरी दम तक कोशिशों का बखान मिडिया का जरिये किया जाता हैं रोज़ रोज़ मरने वाले की स्थिति का आहसास जनता तक पहुंचाया जाता है और कुछ दिनों बाद डाइलिसिस पर पढ़े एक समानजनक आदमी के समर्थकों के बारे में नयेह रिपोर्ट आ जाती है के अब अचानक मोत की खबर नहीं मानी जायेगी , समर्थक इस खबर को सुनने के लियें तय्यार हैं तब कही जाकर ऐसी हस्तियों की मोत की खबर का ऐलान एक चिकित्सा दल के अंतिम कानूनी परीक्षण के बाद किया जाता है और थोड़ा बहुत रोना धोना फिर सभी सामान्य हो जाता है . 
वर्तमान में साईं बाबा का स्वास्थ्य खराब है इलाज चल रहा है खुदा करे उनकी लम्बी उम्र हो वोह जल्दी स्वस्थ हों लेकिन जिस तरह से उनकी कई हजार करोड़ की सम्पत्ति के वारिसान हल्ला मचा रहे हैं और तूफ़ान के पहले एक बढ़ी खामोशी चल रही हे वोह देश के लियें एक नया संकेत है ............खुदा खेर करे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह मेने क्या कर डाला ................

अपनी 
नादानी के होश में 
आज मेने 
यह क्या कर डाला ,
फलक में देखा तो 
अपनी जन्नत के 
सितारे ना मिले 
हम तो 
साथ थे उनके 
मगर वोह 
हमारे कहां  हो सके ,
फिर भी 
देख लो 
एक छोटी सी 
नाव होने पर भी 
आज हम 
उफनते समुंदर में 
उतर गए 
जिस समंदर में 
दूर दूर तक 
नहीं 
दिख रहा है किनारा .......................................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा की बदहाल पत्रकारिता

सिद्धांतों और देशभक्ति की बात करने वाले लोग इन दिनों भूखे प्यासे अख़बार के दफ्तर के बाहर हडताल पर बेठे हैं और अपने खुद के लियें इन्साफ की मांग कर रहे हैं जिनके समर्थन में कोई नहीं आ रहा है अगर कोई समर्थन भी दे रहा है तो गुपचुप समर्थन दिया जा रहा है . 
राजस्थान में पत्रकारिता का स्तम्भ रहे कप्तान दुर्गा प्रसाद चोधरी ने अपने जीवन काल में पत्रकारिता के निर्धारित मापदन्डों को अपनाकर एक पोधा लगाया था जिसे आज़ादी के बाद नवज्योति के रूप में ऐसा वट वृक्ष बना दिया गया जिसकी छाँव में कई पत्रकार अपने मिशन को पूरा कर पेट पाल रहे थे , दोर बदला कप्तान साहब का स्वर्गवास हुआ और फिर अख़बार की बागडोर पहले दीनबन्धु जी और फिर उनके पुत्र और पुत्र वधु के हाथ में आ गयी अख़बार की शक्ल और लिखने का अंदाज़ बदल गया , दम घोटू माहोले में पत्रकारों ने मालिकों से माफ़ी मांगी और रिटायर होकर चल दिए कुछ ने खुद नोकरी छोड़ी कुछ को नोकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया , सरकार से सांठ गाँठ हुई बढ़ी जमीन कोटा में हथियाई और फिर एक आलिशान भवन का उदघाटन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया कोटा में देनिक नवज्योति के स्तम्भ पत्रकारिता के हीरो सुनील माथुर ने अख़बार छोड़ा और पंजाब केसरी में चले गए बस फिर किया था नवज्योति कर्मचारियों और पत्रकारों के आफत आ गयी उन्हें परेशान किया जाने लगा वेतन विसंगतियां तेज़ हुई जो कर्मचारी  खुद को नवज्योति अख़बार का कर्मचारी समझते थे उन्हें पता चला एके वोह तो नवज्योति न्यूज़ सर्विस और नवज्योति प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारी है ,बाछावत और मनीसाना वेतन बोर्ड तो यहाँ देने का असवाल ही नहीं उठता ,बस अपने खून से देनिक नवज्योति अख़बार को सींचने वाले पत्रकारों और कर्मचारियों के सर से पानी ऊपर हुआ ओर मजबूरी में उन्हें हडताल पर आना पढ़ा ,कर्मचारी हडताल पर बेठे बहर के लोग समर्थन दें आये मालिकों के डर से बाहर से गुपचुप समर्थन देकर चल दिए , जो लोग कोटा के विकास , कोटा के नेताओं के किस्से जनता तक पहुंचाते रहे हैं कोटा के भ्रस्ताचार को उजागर करते रहे , कोटा की जनता को संघर्ष कर न्याय दिलाते रहे हैं , शोषण और उत्पीडन के खिलाफ जिन्होंने जंग लदी हो आज वाही नवज्योति के पत्रकार और कर्मचारी जब खुद पर आन पढ़ी है तो अलग थलग खुद को महसूस कर रहे हैं क्या ऐसी ही होती है पत्रकारिता , क्या यही है इन्साफ , क्या कोटा अमन श्रम विभाग जिला प्रशासन नाम की कोई चीज़ नहीं है जो इन लोगों को न्याय दिलवा सके इसीलियें कहते हैं के कोटा की  पत्रकारिता इन दिनों आया राम गयाराम की तरह हो गयी है और कोई भी पत्रकार इन दिनों सुरक्षित नहीं होने से यहाँ की पत्रकारिता बदहाल हैं . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सालगिरह मुबारक हो अनवर भाई आपका जलवाए जमाल ता उम्र बना रहे ......

हिंदी ब्लोगिंग  के सबसे ज़्यादा जाने जाने वाले ,सबसे ज्यादा लिखने वाले ,सभी ब्लोग्स को पढने वाले ,ब्लोगिंग  की दुनिया में नये नये प्रयोग करने वाले जनाब डोक्टर अनवर जमाल साहब का आज जन्म दिन है , उन्हें सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो , अनवर भाई तुम जियो हजारो साल और साल के दिन हो पचास हजार बस यही दुआ है खुदा से इस दिन पर आपके लियें .
दोस्तों ब्लोगिंग की दुनिया  का जाना पहचाना नाम ,डॉक्टर अनवर जमाल किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं अपने लेखों ,और रचनाओं से अनेकों बार विवाद में आये ब्लोगर अनवर जमाल कई बार अपने सिद्धांत और विचारधारा को लेकर ब्लोगिंग की हस्तियों से टकराते रहे हैं, ब्लोगिंग  की दुनिया के अनेक लोग डोक्टर अनवर भाई के बारे में क्या सोचते हैं मुझे पता नहीं लेकिन जो भी ब्लोगर ,जो भी शख्स इनके व्यक्तिगत सम्पर्क में आया है वोह इनका ही होकर रह गया है कुछ लोग हैं जिन्होंने जाने बगेर ,पहचाने बगेर अनवर भाई से गाँठ बांध ली है लेकिन उनको जानने के बाद ऐसे सभी लोगों की सारी गलत फहमिया दूर हो जायेंगी ऐसा मेरा मानना है . 
अनवर जमाल इन दिनों पेट की बीमारी से परेशान हैं जिनका इलाज चल रहा है इंशा अल्लाह खुदा उन्हें जल्दी ही सहतयाब करेगा , इस दोर में पत्नी की डिलेवरी से भी वोह चिंतित रहे लेकिन खुदा ने सब ठीक ठाक कर दिया , अनवर भाई अगर नाराज़ ना हों तो उनका एक सच यह हैं के वोह अपनी पत्नी से बहुत बहुत प्यार करते हैं .सब जानते हैं जो अपनी पत्नी ,बच्चे,माँ और परिवार से प्यार करता है वोह दुनिया में जर्रे ज़र्रे से प्यार करता है इंसान से इंसानियत से प्यार करता है और  सच के लिए समाज में लड़ता रहता है .भाई अनवर भी कुछ इसी मिजाज़ के हैं .
अनवर जमाल चारों वेद ,दो बाइबिलें  और एक कुरान को बार बार पढ़कर दुनिया के रूहानी बाबा के नाम से भी जाने जाने लगे हैं , अनवर भाई लोगों के पुरुषार्थ का इलाज भी अपने अनुभवों के आधार  पर कर डालते हैं ,अपनी एक पोस्ट में उन्होंने यह रहस्य भी खोल  कर रख दिया है  अनवर भाई कभी एक दार्शनिक,कभी एक मुल्ला , कभी एक पंडित , कभी एक बेटे ,कभी एक पति तो कभी एक इंसान नज़र आते हैं और यही वजह है के अपने दर्शन अपनी सोच में डूबे रहने वाले भाई अनवर के कई दर्जन ब्लॉग हो गए हैं .वोह कहते हैं के इश्वर के वोह नियम धर्म हैं जो आज लागू किये गए हैं , उनका मानना है के इश्वर के ज्ञान में कभी गलती नहीं होती , इसलिए धर्म में भी कभी कोई गलत बात नहीं हो सकती  अनवर भाई एकेश्वर वाद पर विश्वास रखते हैं और कभी वेदों के  ज्ञान को, तो कभी कुरान के पैगाम को ,तो कभी बाइबिल के निर्देशों का ज्ञान, जनता और ब्लोगर भाइयों के साथ बांटते हैं, अनवर भाई ऋषियों को अपना आदर्श चरित्र मानते हैं और इसीलियें वोह नीडर ,निर्भीक , निष्पक्ष हो गए हैं .
भाई अनवर आर्य भोजन में आहार के संतुलन के बारे में बताते हैं तो लोगों को.. लेब में भी मीट उगाया जा सकेगा.. इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचा कर सभी को चोंका देते हैं और मांसाहारी, शाकाहारी के विवाद को समाप्त करने का प्रयास करते हैं, सब जानते हैं के अगर मीट की फसल उगने लगी तो फिर वोह शाकाहारी की श्रेणी में आ जाएगा .इनके ब्लॉग....... हिंदी फेसबुक .....,ब्लॉग की खबरें,.....ब्लॉग संसद ,......................प्यारी माँ.......कम्प्लेंट बुक ..हिप्नोटिज्म के बारे में ........अटल सत्य ........बढ़ा ब्लोगर केसे बने . ......चर्चा शाही  मंच .....कुरान से ..........मन की दुनिया .....रूहानी अमलियात ............बाइबिल के रहस्य ...सत्यार्थ प्रकाश सहित कई दर्जन अपने ब्लॉग और सांझा ब्लॉग हैं जिनमे भाई अनवर हर रोज़ कुछ ना कुछ लिख कर ब्लोगर भाइयों को चोंका देते हैं कभी तकरार तो कभी प्यार ब्लोगिग्न के लियें हमेशा हैं भैन अनवर तय्यार और ब्लोगिंग की दुनिया में इनके जमाल की रौशनी ने इन्हें ब्लोगिग्न का डॉक्टर भी बना दिया है .. एक बार फ्री बाई अनवर को सालगिरह मुबारक हो खुदा उनकी ब्लोगिंग  देश और समाज के हित में बुलंदियों पर पहुंचता रहे उनके परिवार सहित सभी मित्रों को खुशहाल रखे , प्रसन्न  रखे  इसी दुआ के साथ .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

श्यामल सुमन का एक ही पैगाम ..गर्व से कहो हम ब्लोगर हैं

श्यामल सुमन का एक ही पैगाम ..गर्व से कहो हम ब्लोगर हैं

                                                               

झलक

बेबस है जिन्दगी और मदहोश है ज़माना
इक ओर बहते आंसू इक ओर है तराना

लौ थरथरा रही है बस तेल की कमी से
उसपर हवा के झोंके है दीप को बचाना

मन्दिर को जोड़ते जो मस्जिद वही बनाते
मालिक है एक फिर भी जारी लहू बहाना

मजहब का नाम लेकर चलती यहाँ सियासत
रोटी बड़ी या मजहब हमको ज़रा बताना

मरने से पहले मरते सौ बार हम जहाँ में
चाहत बिना भी सच का पड़ता गला दबाना

अबतक नहीं सुने तो आगे भी न सुनोगे
मेरी कब्र पर पढ़ोगे वही मरसिया पुराना

होते हैं रंग कितने उपवन के हर सुमन के
है काम बागवां का हर पल उसे सजाना..........श्यामल किशोर झा की यह रचना झलक इनके ब्लॉग की तरफ आपको आकर्षित करने के लियें काफी है .
 जी हां दोस्तों साहित्यकार श्यामल सुमन का एक ही पैगाम ..गर्व से कहो हम ब्लोगर हैं , जो पुरे हिंदुस्तान में फेल रहा है , श्यामल सुमन वेसे तो एक ब्लोगर हैं लेकिन अपनी रचनाओं से यह विचारों को तराश कर जनता के सामने जिस अंदाज़ में रख रहे हैं उसने इनके अन्दर की श्यामल से खुशबूदार सुमन के बारे में लोगों को बता दिया है , श्यामल जी वेसे तो श्यामल किशोर झा के नाम से जाने जाते हैं लेकिन कवि और साहित्यकार की दुनिया में अब यह श्यामल सुमन हो गए हैं ,
भाई श्यामल जी ब्लोगर को कहते हैं के गर्व से कहो के हम ब्लोगर हैं , यानि श्यामल जी ब्लोगर होना एक गर्व की बात मानते हैं और यह सही बात भी है क्योंकि इंटरनेट की दुनिया में देश विदेश में अपनी बात को मुफ्त में पहुँचने का यह एक ऐसा खुबसूरत जरिया है जिसका सदुपयोग किया जाए तो दुनिया ही स्वर्ग बन जाए और इसीलियें भाई श्यामल ब्लोगर होने पर गर्व करते हैं और दूसरों से भी यही अपेक्षा करते है के वोह खुद  भी इस पर गर्व करे बात साफ़ है उनका पैगाम छुपा है के कोई ब्लोगर ऐसा काम न करे जिससे ब्लोगिंग की दुनिया या खुद ब्लोगर को शर्मिंदा होना पढ़े और श्यामल जी का यह संदेश उन सभी ब्लोगरों के लियें मील का पत्थर है जो ब्लोगिंग की दुनिया में शेतानी हरकते कर ज़हर घोल रहे हैं अस्थिरता लाने का प्रयास कर रहे हैं .
,कई सेकड़ों पत्र पत्रिकाओं में इनकी कविताये प्रकाशित हो चुकी हैं और खुद भाई श्यामल ने रेत में जगती नदी पुस्तक का प्रकाशन किया है जो साहित्य के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध रही है . 
भाई श्यामल जी का हिंदी ब्लॉग मनोरमा है जिसपर अब तक १४२ कविताये और १८ व्यंग्य ,वगेरा प्रकाशित किये गए हैं श्यामल जी के ब्लॉग पर १६५ से भी अधिक फोलोवर्स हैं और मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील विचारधारा के साठ राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत मनोरंजक रचनाएँ जिनमे एक नया दर्शन छुपा होता है श्यामल जी लिखते जा रहे हैं लिखते जा रहे हैं ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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