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27 अप्रैल 2011

अकबर बीरबल की ब्लोगिंग

 अकबर बादशाह के जमाने में बढ़े बढ़े लोगों की ब्लोगिंग,बढ़े बढ़े साहित्यकारों के लेखन सभी बढ़े से बढ़े ब्लोगर थे ब्लोगर दिल्ली में इखट्टे होना थे , जाह्पनाह अकबर बादशाह को पता चला के दिल्ली में बढ़े बढ़े ब्लोगर आ रहे हैं सूचि देखी कई लोग उसमे से गायब थे .अकबर ने पूंछा आयोजन किसका है और कोन लोग किसके बुलावे पर आ रहे हैं जो आ रहे हैं वोह कितने ब्लोगर हैं . 
मुल्ला दो प्याजा को भेजा गया आकर उन्होंने बताया आली जनाब यह तो ब्लोगिंग का एक गुट है जो सो कोल्ड खुद को बढा ब्लोगर बताकर हंगामा कर रहा है कई लोग इससे नाराज़ है भाई अनवर तो इसे छिलने पर तुले हैं ,भाई ललित जी जाने की खुशियाँ मना रहे है और कई लोग त्य्यारियों में जुटे हैं , मुल्ला दो प्याज़े ने कहा के जो लोग आ रहे हैं वोह खुश हैं और जिन्हें नहीं बुलाया गया है वोह मायूस है कुछ ऐसे हैं जिन्हें इससे लेना देना ही नहीं बुलाया तो ठीक नहीं बुलाया तो आयोजकों की मर्जी , मुल्ला दो प्याजा का कहना था के सभी को नहीं बुलाया इसीलियें कहता हूँ के ब्लोगिंग गुटबाजी और अहम बाज़ी इसमें खुल कर उबार रही है . 
बीरबल से अकबर ने पूंछा बीरबल तुम बताओं क्या सच हो सकता है , बीरबल ने कहा जाह्पनाह में तो गया नहीं लेकिन अगर गुटबाजी है तो कई छोटे बढ़े ब्लोगर और कई सो  कोल्ड स्वयम्भू बढ़े ब्लोगर भी आ रहे होंगे मूल दो प्याजा जी गलत खबर लाये हैं जो आ रहे हैं वोह तो आयेंगे जो नहीं आ रहे हैं वोह घर बेठे इस सम्मेलन का मजा उठाएंगे ब्लोगिंग की दुनिया में भाई चारा सद्भावना है सभी को ख़ुशी है वोह बात अलग है के किसी को बुलाया गया है किसी को नहीं बुलाया गया है लेकिन किसी के वहां पहुंचने पर पाबंदी नहीं है जो जाएगा उसे प्यार और सम्मान मिलेगा दावत नामा अलग से कुछ को जारी किया है लेकिन सार्वजनिक दावतनामा भी जारी क्या गया है . 
अकबर ने बीरबल से कहा के यार तुम कहते हो के सभी खुद को बढा ब्लोगर बताने वाले लोग हैं  गुटबाजी कर रहे है तो बढा ब्लोगर ,साहित्यकार कोन है और कोन किस तरह की ब्लोगिंग कर रहा है केसे पता चलेगा अकबर का कहना था दिल्ली सल्तनत में सभी ब्लोगर महमान है इनका अपमाना भी न हो इन्हें पता भी न चले और कोन ब्लोगर केसा ब्लोगर है हमे पता चल जाए बस मुल्ला दो प्याजा बोल पढ़े जान की अमान पाऊं तो एक बात कहूँ बिना ब्लोगर को पता चले हम यह हरगिज़ पता नहीं लगा सकते के कोन ब्लोगर केसा है ब्लोगिंग और ब्लोगर के स्तर का आंकलन बिना ब्लोगर्स को बताये पता लगाना मुश्किल है . 
ब्लोगिंग के सितारों के इस आंकलन की ज़िम्मेदारी बीरबल को सोंपी गयी बीरबल भेस  बदल कर ब्लोगर्स के पास गए वहां थोड़ी देर उठे बेठे और आकर अकबर बादशाह को बताया के हुकम एक मुन्छोवाला ब्लोगर थोड़ा स्मार्ट फोजी दिखता है वोह थोड़ा खुशमिजाज़ ,मददगार और लिखने वाल ब्लोगर लिखा ,कुछ ब्लोगर लिखते तो अच्छा है लेकिन उनमे अहंकार है इसलियें अच्छे लोग नहीं है , कुछ हैं जो प्रूप रीडर हैं ,कुछ हैं जो लडाकू हैं ,और कुछ हैं जो हिंदी की क्लास के टीचर हैं जो क ख ग पढाते हैं . 
अकबर चकित रह गया भाई ऐसे केसे हो सकता है के उन्हें बिना बताये तुम उनके अन्दर का सच जान लो यह सब तुमने क्या केसे .....बीरबल बोला बस सभी ब्लोगर के बीच में एक अखबार दाल दिया एक ब्लोगर ने अख़बार उल्टा पुल्टा और कहा हूँ क्या अख़बार है में समझ गया बिना अख़बार को पढ़े अख़बार की बुराई करने वाला आदमी कभी बढा ब्लोगर नहीं हो सकता इसलियें यह अहंकारी ब्लोगर हैं , खेर एक दुसरे ब्लोगर ने कहा के यह कोई अख़बार है इसमें मात्राए ठीक नहीं हैं बस में समझ गया के यह ब्लोगर नहीं प्रूफ रीडर है जो खबर को खबर की तरह से नहीं प्रूफ रीडर की तरह से पढ़ रहा है , एक ब्लोगर जनाब ने अख़बार उठाया और ओह क्या हिंदी है लिखना नहीं आता कह डाला बीरबल ने कहा में समझ गया यह हिंदी की क ख ग पढ़ने वाला प्राइमरी मास्टर है , कुछ ब्लोगर थे जो अख़बार को देख कर कह रहे थे मुझे पता है इसमें एक ही आदमी की बहुत सारी बकवास होगी में समझ गया के यह जेलेसी रखने वाला ब्लोगर है और दुसरे को खुश देख कर या लिखता देख कर जल रहा है , एक ब्लोगर थे जो बढ़े सुकून से अख़बार पढ़कर  बेठे अपना फोन निकाला और एक जगह फोन कर खबर लिखने वाले को बधाई दी मुबारकबाद दी , एक फोन और इन ब्लोगर भाई ने किया और कहा के भाई आपका आलेख बहुत अच्छा है बस अगर यह ऐसा ना होकर ऐसा हो जाता तो मजा आ जाता बीरबल ने कहा के यह खुशमिजाज़ आदमी जो मूंछो वाला फोजी जेसा दिखता है यही बेस्ट ब्लोगर है जो कमिया भी प्यार से बता  रहा है और जो अच्छा लिख रहा है उसे मुबारकबाद जरुर दे रहा है ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक अफ़सोस .............

एक अफ़सोस 
जो आपको भी है 
और मुझे भी 
कुदरत ने 
इन्सान को 
परिंदों की उंचाई से भी 
ज्यादा उड़ना     सिखाया ,
मछली और मगर मच्छ से 
तेज़ समुन्द्र में 
तेरना सिखाया  ,
इन्सान ने 
नागिन जेसा 
इठलाना भी सिखा 
बस अफ़सोस यह है 
के इंसान इंसान ना बन सका 
उसे धर्म ग्रंथों , सामाजिक नियमों 
से इंसानियत का किया बार 
पाठ पढ़ाया 
लेकिन देखलो 
फिर भी हमें 
इंसान बनना नहीं आया ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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