आपका-अख्तर खान

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05 मई 2011

मेरा ख्वाब एक ............

कल रात की ही तो बात है 
मेने 
एक हसीन 
ख़्वाब देखा था 
सभी जो लोग है 
सभी जो ब्लोगर्स है 
एक साथ बेठे 
हंस बोल रहे थे 
एक दुसरे को 
प्यार से पपोल रहे थे 
फिर यह क्या 
सुबह ऐसी क्यूँ हुई 
खुबसूरत ख़्वाब 
जो देखा था मेने 
वोह फिर अलसुबह 
क्यूँ टूट गया 
खुशनुमा माहोल का दामन 
एक बार फिर मुझ से 
क्यूँ रूठ गया 
इलाही 
अब तो तू ही 
कुछ ऐसा कर 
जो बिखर रहे हैं ब्लोगर्स 
उन्हें 
प्यार अपनेपन की 
सिक्ख देकर 
खुशियों के साथ 
एक कर 
मेरा ख्वाब एक 
खुदा 
कुछ भी हो 
अब तो सच कर ....................
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुशियाँ ही खुशिया बाँट रहे हैं बारां के मंत्री प्रमोद भाया

जी हाँ दोस्तों राजस्थान सरकार में एक मंत्री प्रमोद जेन भाया जो मंत्री बनने से पहले ही गरीब विधवाओं के बच्चों के सामूहिक विवाह कर खुशियाँ बांटने का ऐतिहासिक काम कर रहरे हैं .................
प्रमोद भाया उनकी पत्नी परिवार और सभी मित्र मिलकर हर साल बारां में एक बधा वैवाहिक सम्मेलन कर सेकड़ों जोड़ों को विवाह सूत्र में बांध कर भूल जाते हैं . बारां में अभी इस साल आज १९२४ यानी एक हजार से भी अधिक जोड़ों का विवाह होना है जिसमे से १२१ जोड़े मुस्लिम समाज से जुड़े हैं आज यहाँ मेला लगा है राजस्थान सरकार के बढ़े दिग्गज मंत्री,नेता और अज़ीम हस्तियाँ यहाँ मोजूद हैं , बारां के इस विवाह मेले में बढ़ी हस्तियाँ  तो मोजूद हैं ही , लेकिन महमानों के रूप में वहां दो लाख लोगों को निमंत्रण दिया गया है जहां ऐसा पांडाल बनाया गया है जिसमे एक बार में ३५ हजार आदमी एक साथ खाना खा सकते हैं और इस खाने के इन्तिज़ाम के लियें गुजरात के ८०० रसोइयों को बुलाया गया है तो जनाब यह भी एक पुन्य का काम है जो दूसरों की खुशियों में शामिल होने के लियें सामूहिक विवाह समारोह खुद अपने खर्चे पर ही किया जाए और हजारों हजार परिवारों की दुआएं ली जाए ऐसे आयोजनक जिंदाबाद ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम

      लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम अर्ज़ है,जी हाँ ,एक छोटी सी एल के जी की, मासूम सी बच्ची ,जिसके हंसने खेलने के दिन हो ,जिस उम्र के बच्चों को लोग सेंसलेस कहते हैं व्ही  बच्चा अगर अपनी लेखनी ,अपने विचारों से, विश्व की  बेस्ट ब्लोगर अवार्ड प्राप्त करले, तो बस ख़ुशी से सीना चोडा हो जाता है .....
अक्षिता उर्फ़ पाखी का जन्म २५ मार्च को हुआ वोह वर्तमान में पोर्टब्लेयर अंडमान में रह रही हैं कहते हैं के अंग्रेजों के वक्त पर अंडमान निकोबार की एक जेल जहां लोगों को काले पानी की सजा देकर प्रताड़ित किया जाता था और अंडमान निकोबार केवल इसी जेल के लियें प्रसिद्ध थी लेकिन आज अंडमान निकोबार को पोर्टब्लेयर को मासूम पाखी पर गर्व होने लगा है और अतर्राष्ट्रीय ब्लोगिंग की दुनिया अब अक्षिता उर्फ़ पाखी के नाम से जानी जाने लगी है ..................
इन्डियन ब्लोगिंग में ७८ वीं  रेंक लेकर ब्लोगिग्न में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली पाखी एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमति आकांक्षा के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में ब्लोगिग्न का पाठ पढ़ डाला, उनके पिता किशन कुमार  जो एक  बहतरीन ब्लोगर हैं और माँ व् पिता शब्द शिखर ,     शब्द सर्जन की और , डाकिया डाक लाया ,बाल दुनिया , सप्तरंगी प्रेम,,  उत्सव के रंग में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लोगरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार विचार और सुझाव इस ब्लोगिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है ,अभी केवल एल के जी में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी से बच्ची  पाखी की की ब्लोगिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है ,,,,,,,,,,,,,कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का .....पाखी देश का ही नहीं विश्व का ऐसा नाम जिसके माता पिता भी  पाखी  के विचारों पर ब्लोगिग्न कर रहे हैं और ब्लोगिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है ,अभी पिछले दिनों एक मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे छोटी ब्लोगेर का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता पिता का सीना गर्व से चोडा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन  तानवी के अंकल हैं, हमारा भी सीना गर्व से चोडा हुआ जाता है और मन करता है के पंख लगाकर उढे  पोर्टब्लेयर पहुंचे ,और बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लोट  जाएँ और कह दे के ब्लोगिंग की दुनिया की अभिमन्यु पाखी हमारी ब्लोगिंग की आन बान शान है ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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