आपका-अख्तर खान

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07 मई 2011

जरा मुझे बताओ ....

जरा मुझे बताओ .... 
एक चुटकुला 
ख़ुशी का एक 
एहसास 
तुम्हें 
बार बार 
ना तो 
गुदगुदाता है 
ना ही 
हंसाता है 
फिर केवल 
एक दर्द 
क्यूँ 
अपने अन्दर 
ऐसा 
रख लेते हो 
जो तुम्हें 
बार बार 
हर रोज़ 
दर्द से 
कराहता है ..............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इस प्यार में

इस प्यार में बेवफाई का झरोखा नहीं होता . 
.हर रिश्ता इतना अनोखा नहीं होता 
..फना करदो जिंदगी माँ बाप के कदमों में 
..क्योंकि यही एक वोह प्यार है जिसमे धोका नहीं होता
.हेप्पी मदर्स डे..मात्रत्व दिवस पर माँ तुझे सलाम .
.अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या यही माँ का सम्मान है ............?

दोस्तों कल मातृत्व दिवस हिंदी में और अंग्रेजी में मदर्स डे की नोटंकी की जायेगी में ,आप और सभी इस नोटंकी में शामिल होने लगे हैं खुद को माँ का  सबसे बढा भगत सबसे बढा प्रेमी साबित करने की होड़ लग गयी है ......और इस मदर डे और हिंदी के मात्रत्व  दिवस पर अख़बार विज्ञापनों से ..लेखों से कविताओं से मन लुभावनी तस्वीरों से भर जायेंगे टी वी पर खबरें और रिपोर्टिंग होगी ,ब्लोगिंग में हर कोई ब्लोगर इस पर लेख लिखेगा लेकिन दोस्तों एक सच यही है के कुछ अपवादों को छोड़ कर जरा हम अपने गिरेबान में झाँक कर तो देखें हम इस कसोटी पर कितना खरा उतारते हैं .जी हा दोस्तों एक हकीक़त जो आज मेरे सामने से गुजरी है मेरे रोंगटे खड़े हो गए हमारे पडोस में खुद को कोंग्रेस और भाजपा का नेता कहने वाले चार भाई जिनमे से एक करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक है भाजपा का नेता खुद को कहता है ...एक भाई कोंग्रेस का नेता खुद को कहता है और उसके पास भी नोटों की कमी नहीं है खुद हाजी है खुद को समाज सेवक कहते हैं नेताओं के मान सम्मान के नाम पर हजारों के विज्ञापन बधाइयों के नाम पर छपवाते है ..दो और भाई है यानी चार बच्चों की एक ह्ज्जानी माँ अचानक बीमार हुई ..सीने में दर्द से तड़पती रही और बच्चे एक दुसरे को फोन पर माँ को अस्पताल ले जाने के लियें कहते रहे उनका कहना था के तू ज्यादा कमाता है इसलियें माँ को तू ही अस्पताल लेकर जा .
खेर इस बीमार माँ को पड़ोसी लोग एक निजी अस्पताल में ले गए दो भाई तो मोबाईल का स्विच ऑफ़ कर सो गए एक कोंग्रेस का नेता बेटा जिसे मोहल्ले वालों ने लानतें मलामते दी तो यह जनाब एक विजिटर के रूप में अस्पताल अपनी माँ को देखने पहुंचे अस्पताल का बिल एक दिन का छ हजार रूपये देखकर घबरा गए और फिर जेब से मोबाईल निकाल कर अपने भाइयों को फोन मिलाने लगे रिश्तेदारों से खर्चा गिनाने लगे माँ अस्पताल में तड़प रही थी साँस लेने में उसे तकलीफ नहीं हो रही थी  लेकिन माँ के पास बेटे नहीं थे पड़ोसी थे उनके दुसरे रिश्तेदार थे ..में सोचने लगा क्या ऐसे बेटे होते हैं में अस्पताल से बाहर जाता इसी बीच एक लडका अपनी माँ को कंधे पर उठाकर आता हुआ नज़र आया वोह बेटा अपनी मोटर साइकल बेचकर माँ का इलाज करवाने आया था इस देहाती भाई को देख कर एक बार फिर मेरा विश्वास जागा के नहीं इंसानियत और रिश्ते आज भी इस दुनिया में ज़िंदा है ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नोएडा में फिर किसानों पर गोलीबारी

उत्तरप्रदेश सरकार ने गरीब किसानों की जमीन कम मुआवज़े पर लेकर पूंजीपतियों को जब दी तो नोयडा के किसान इसे बर्दाश्त नहीं कर सके अधिक मुआवजा देने की मांग पर किसान पहले तो सडकों पर आये फिर किसानों ने एक कन्डक्टर ,ड्राइवर और सरकारी कर्मचारी का अपहरण कर लिया बस फिर किया थी उत्तरप्रदेश पुलिस बिना रेकी किये किसानों से संघर्ष करने जा पहुंची ......................
उत्तरप्रदेश सरकार चाहती तो किसानों से वार्ता कर सकती थी लेकिन किसानों से सख्ती से निपटने के आदेश के बाद पुलिस और प्रशासन आपे से बाहर हो गया किसानों से संघर्ष के बाद पहले लाथिवर किया फिर गोली चलाई किसानों ने भी गोली चलाई पुलिस के दो जवान शहीद हुए ,अधिकारियों के छोटे आयीं और अब अधिकारी अस्पताल में है माहोल में तनाव हे बंधक तो नहीं छूटे मामला और उलझ गया है किसानों और पुलिस के इस संघर्ष के बाद वहां आगामी चुनाव को लेकर राजनीति तेज़ हो गयी है घायलों की कुशल क्षेम और समस्या के समाधान की तरफ किसी का ध्यान नहीं है बस राजनीति हो रही है राजनीती हो रही है ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भोपाल ग्यारह मिनट में ग्यारह साल का मोल तबाह

भोपाल ग्यारह  मिनट में ग्यारह साल का मोल तबाह करने की एक ऐतिहासिक घटना हुई है .जी हाँ राजनितिक दाव पेंच के चलते भोपाल में जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पहुंचे तो उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में बने सिटी मोल जो ग्यारह साल से चल रहा था मध्य प्रदेश सरकार ने अचानक गेर्कानुनी सरकारी जमीन पर बना हुआ घोषित किया कड़े पुलिस के पहरे में इस बहु मंजिली करोड़ों करोड़ रूपये के बने इस मोल को बम ब्लास्ट कर सरकार ने ढेर कर मलवे में बदल दिया ....मुंबई में दाउद इब्राहीम की सम्पत्ति को उढ़ाने के बाद यह देश की पहली बढ़ी घटना है जिसमें करोड़ों करोड़ लोगों  रूपये की कई सालों से चल रही इस इमारत को इस बेरहमी से धराशायी कर दिया है .
सरकार चाहती तो इस मोल को जब्त कर राजसात कर लेती इसमें सरकारी कार्यालय खोल लेती या फिर कोई स्कुल कोलेज वगेरा खोल कर जनता को लाभ पहुंचा  सकती थी लेकिन सरकार का मकसद मोल के मालिक और दुकानदारों को नुकसान पहुचा कर एक  बढ़ा सबक सिखाना था वरना जनता के हित में सरकार अगर काम करती तो आज मोल आम जनता के हाथो में किसी कल्याणकारी कार्य के लियें काम में आ रहा होता लेकिन राजनीतिक इस लड़ाई में जनता का तो बस ऐसा ही हाल होता है ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रंग रंगीली दुनिया की सरताज है मीनाक्षी पन्त

   रंग रंगीली दुनिया की, सरताज है, मीनाक्षी पन्त ,यह बात सभी ब्लोगर जानते हैं ..जो भी मीनाक्षी पन्त की रचनाये, ब्लॉग पर देखते हैं, उन्हें पढ़ते हैं ,,वोह खुद बा खुद समझ जाते है, के सच मीनाक्षी जी ने तो इस ब्लोगिंग की दुनिया को जिंदगी के हर सुख दुःख के रंग से रंग रंगीली बना डाला है ,इनके अपने स्वतंत्र विचार हैं तो मीनाक्षी जी कुछ यहाँ वहां की बात भी करती है इतना ही नहीं मीनाक्षी जी............ एक नज़र इधर भी जब चलाती है तो बस लोग देखते और पढ़ते ही रह जाते हैं .
भारत का दिल दिल्ली की धडकन बनी मीनाक्षी पन्त अगस्त २०१० से ब्लोगिंग की दुनिया में है और पहली कुछ पोस्टें इन्होने अंग्रेजी में ही लिखी है यानी लिपि अंग्रेजी और भाव हिंदी के थे इस विधा के बाद मीनाक्षी जी ने जब ब्लोगिंग पर लिखना शुरू किया तो चाँद,सूरज.जमीन,आसमान,मिटटी,सोना,चांदी,इन्सान,जानवर,जज्बात ,कुल मिलाकर कोई ऐसा विषय नहीं बचा जिसपर मीनाक्षी जी ने अपनी ब्लोगिंग नहीं की हो मीनाक्षी ने चाहे वारिश हो चाहे मोसम हो चाहे फुल पत्तियाँ हो जिस पर भी कलम उठायी उस विषय को ज़िंदा बना दिया उसमे धडकन डाल दी और आज इसीलियें रंग रंगीली दुनिया के मीनाक्षी पन्त सरताज बन गयी है इनकी रचनाओं का लोगों को इन्तिज़ार ही इन्तिज़ार रहता है ..........
मीनाक्षी पन्त ने दुनिया रंग रंगीली के साथ साथ एक नज़र इधर भी के शीर्षक से ब्लोगिंग की है दुसरा इनका अपना ब्लॉग कुछ यहाँ वहां की है जिसमे मीनाक्षी जी ने साँसे भर कर बेजान अक्षरों को धड़कना सिखा दिया जीव और निर्जीव लोगों के अन्दर के भाव शब्दों के माध्यम से मीनाक्षी जी ने जिस तरह से पेश किये हैं वोह हर शख्स के लिए आम हो गए है और हर इंसान इन रचनाओं में अपनी जिंदगी का सच अपना सुख अपना दर्द तलाशता नज़र आता है .................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ माँ तुझे सलाम तुझे सलाम ..................

  ऐ माँ तुझे सलाम तुझे सलाम ..................कल मातृत्व दिवस है विश्व की सभी  माताओं को सलाम ......कहते है के माँ के पैर के नीचे जन्नत होती है , खुदा इस जन्नत को हर बच्चे के लियेह ताउम्र कायम रखे ..आमीन .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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