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11 मई 2011

भ्रष्टाचार से बचाने वाले खुद भ्रष्टाचार में पकड़े गए

    भ्रष्टाचार से बचाने वाले खुद भ्रष्टाचार में पकड़े गए   है , जी हाँ दोस्तों आप माने या ना माने लेकिन यह सच है राजथान में भ्रस्ताचार के मामले में पकड़े गए लोगों को दंडित करने के लियें अभियोजन स्वीक्रति आवश्यक है जो सचिव स्तर के अधिकारी ही स्वीक्रति देते हैं लेकिन इस स्वीक्रति को नहीं देने पर भ्रष्टाचारी  बच जाता है और इसी लियें भ्रष्टाचारियों को बचाने के लियें राजस्थान में एक प्रशासनिक अधिकारी जो सचिवालय में बैठते हैं अनिल पालीवाल जी रिश्वत मांग रहे थे और जो अधिकारी रिश्वत के मामले से बचाने के लियें रिश्वत ले रहे थे अब वही रंगे हाथों पकड़े गए है और पुलिस हिरासत में है .तो जनाब यह राजस्थान में भ्रष्टाचार की कहानी यहाँ भ्र्स्ताचारियों को बचाने में भी भ्रष्टाचार चल रहा है लेकिन पकड़े गए बेचारे गुलफाम जी ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निचली अदालतों पर सुप्रीम कोर्ट बरसी .

निचली अदालतों की सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर मनमाना निर्णय करने पर कल सुप्रीमकोर्ट निचली न्यायालयों पर भड़क गयी है और सुप्रीमकोर्ट ने कहा है के ऐसे भर्स्ट जजों को बाहर फेंक देना चाहिए ..सुप्रीम कोर्ट ने कई बार निचली न्यायालयों के जजों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है लेकिन अफ़सोस के इसे रोकने के लियें कोई फार्मूला कोई नियम तय्यार नहीं किया है ,हालत यह हैं के इन परिस्थितियों में भी अदालतों और प्रधानमन्त्री को लोकपाल विधेयक से अलग रखने की जिद की जा रही है .
न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार कोई नयी बात नहीं है यह रोज़ का खेल बन चुका है कोई पकड़ा जाता है कोई नहीं पकड़ा जाता कोई प्रभावशाली होता है इसलियें बच जाता है कोई शिकायत करता को अवमानना कानून का डर बता कर शिकायतकर्ता को चुप कर देता है कुल मिलाकर नीचे से ऊपर तक भ्रस्ताचार ही भ्रष्टाचार है ..वी राजस्थान और दुसरे राज्यों में हर साल दर्जनों जजों को निकाला जाता है भ्रस्ताचार के आरोप में हटाया जाता है ...में इस व्यवस्था को नियंत्रित करने के लियें कल फिर देश के सभी छोटे और बढ़े न्यायालयों में सर्किट कमरे  निगरानी के लियें लगाने का ज्ञापन विधिआयोग को दिया है ताकि न्यायालय की साड़ी कार्यवाही रिकोर्ड हो और मजिस्ट्रेट,बाबू,रीडर वकील पक्षकार की हर कार्यवाही रिकोर्ड हो ऐसे में न्यायिक अधिकारीयों और वकीलों के लेटलतीफी और भ्रस्ताचार पर आसानी से तीसरी आँख की निगरानी में होने से अंकुश लग सकेगा ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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